5 Controversies during Modi Government: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2014 और 2019 के चुनावों में बड़ी जीत हासिल की। उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए गए, लेकिन कुछ निर्णयों और घटनाओं ने देश में बड़े विवादों को भी जन्म दिया। जिसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। यहां मोदी सरकार के दौरान भारत में हुए शीर्ष 5 विवादों और उनके प्रभाव का विवरण दिया गया है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं
1. कृषि कानून और किसान आंदोलन (2020-2021) – 5 Controversies during Modi Government
सितंबर 2020 में मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून पारित किए, जिनका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सुधार करना बताया गया। लेकिन इन कानूनों को लेकर देशभर में किसानों ने भारी विरोध प्रदर्शन किए (Farmers Protest)। किसानों का आरोप था कि ये कानून एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को खत्म कर देंगे और कृषि क्षेत्र को निजीकरण के हवाले कर देंगे। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली बॉर्डर पर एक साल से अधिक तक डटे रहे।
परिणाम:
- नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया।
- यह आंदोलन भारत के सबसे बड़े और लंबे किसान आंदोलनों में से एक माना गया।
2. नोटबंदी (2016)
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को रद्द करने की घोषणा की (Demonetization)। सरकार ने इसे काले धन, नकली मुद्रा और आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए बड़ा कदम बताया। लेकिन नोटबंदी से आर्थिक गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ा और कई जगह नकदी संकट पैदा हो गया।
प्रतिक्रिया:
- विपक्ष ने इसे “अनियोजित” और “आर्थिक संकट” पैदा करने वाला कदम बताया।
- छोटे व्यवसाय, असंगठित क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था इससे बुरी तरह प्रभावित हुए।
3. CAA-NRC और शाहीन बाग आंदोलन (2019-2020)
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 में पारित हुआ, जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है। इस अधिनियम को लेकर देशभर में प्रदर्शन हुए, विशेषकर दिल्ली के शाहीन बाग में। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि CAA के साथ NRC (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) मिलकर मुसलमानों को निशाना बनाएगा।
परिणाम:
- प्रदर्शन व्यापक हो गए और कई जगह हिंसा भी हुई।
- दिल्ली दंगों (फरवरी 2020) ने देश को झकझोर दिया।
4. धारा 370 का हटाया जाना (2019)
5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर दिया, जो इसे विशेष राज्य का दर्जा देता था। केंद्र सरकार ने इसे “राष्ट्रीय एकता और विकास” के लिए जरूरी बताया। लेकिन इस कदम के बाद जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू और इंटरनेट बंद कर दिया गया।
प्रतिक्रिया:
- विपक्ष ने इसे संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन बताया।
- कई मानवाधिकार संगठनों ने इसे कश्मीरियों की स्वतंत्रता पर चोट बताया।
5. अग्निपथ योजना और सेना भर्ती विवाद (2022)
मोदी सरकार ने जून 2022 में अग्निपथ योजना की घोषणा की, जिसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। इसे लागत में कटौती और सेना में “युवाओं का समावेश” करने वाला कदम बताया गया। लेकिन विरोध प्रदर्शन हुए, क्योंकि योजना में पेंशन और स्थायी रोजगार की गारंटी नहीं थी।
परिणाम:
- कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए।
- सरकार ने योजना में कुछ बदलाव किए, लेकिन विरोध जारी रहा।
मोदी सरकार के कार्यकाल में लिए गए इन फैसलों का दूरगामी असर हुआ है। कुछ फैसले राष्ट्रीय एकता और आर्थिक सुधार के लिए महत्वपूर्ण माने गए तो कुछ की आलोचना और विरोध भी हुआ। यह स्पष्ट है कि इन विवादों ने भारतीय समाज, राजनीति और नीतियों पर गहरा असर डाला है।