Electoral bonds case: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2023-24 चंदे के लिहाज से बेहद खास रहा (Political Party Funding)। पार्टी को इस साल रिकॉर्ड 2,244 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो पिछले वर्ष के मुकाबले तीन गुना अधिक है। वहीं, कांग्रेस को केवल 289 करोड़ रुपये का चंदा मिला। भाजपा को कांग्रेस से 776.82% अधिक चंदा प्राप्त हुआ।
भाजपा और कांग्रेस को कहां से मिला चंदा? (Electoral bonds case)
भाजपा और कांग्रेस दोनों को सबसे ज्यादा योगदान प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला। भाजपा को 723 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 156 करोड़ रुपये इस ट्रस्ट से मिले। प्रूडेंट ट्रस्ट का योगदान भाजपा के कुल चंदे का एक-तिहाई और कांग्रेस के आधे से ज्यादा हिस्से में शामिल है।
क्षेत्रीय दलों को भी मिला चंदा
क्षेत्रीय दलों में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस को 580 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जबकि कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। बीआरएस को प्रूडेंट ट्रस्ट से 85 करोड़ रुपये और चुनावी बॉन्ड से 495.5 करोड़ रुपये मिले। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस को प्रूडेंट से 62.5 करोड़ रुपये और चुनावी बॉन्ड से 121.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
भाजपा के योगदान में 212% की वृद्धि
भाजपा ने 2022-23 के मुकाबले अपने चंदे में 212% की वृद्धि दर्ज की। 2023-24 में पार्टी को चुनावी ट्रस्ट से 850 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से 723 करोड़ रुपये प्रूडेंट से और 127 करोड़ रुपये ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट से आए। साथ ही, भाजपा को फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज से भी 3 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो एक विवादित कंपनी है।
कांग्रेस को सीमित दान
कांग्रेस को चुनावी ट्रस्ट से केवल 156 करोड़ रुपये मिले, जिसमें प्रूडेंट ट्रस्ट इकलौता बड़ा दानदाता रहा।
चुनावी बॉन्ड का असर
हालांकि, फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था, लेकिन 2023-24 में कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपनी बॉन्ड से प्राप्त राशि की जानकारी दी।
- डीएमके को 60 करोड़ रुपये,
- वाईएसआर कांग्रेस को 121.5 करोड़ रुपये, और
- झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को 11.5 करोड़ रुपये बॉन्ड के जरिए मिले।
चुनावों के पहले चंदे में उछाल
यह चंदे की असामान्य बढ़ोतरी आम चुनावों से पहले देखी गई। 2019 के आम चुनावों से पहले भी भाजपा ने 742 करोड़ रुपये जुटाए थे।
भाजपा को फ्यूचर गेमिंग से चंदा
भाजपा को फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज से चंदा मिला। यह कंपनी विवादित मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग की जांच के दायरे में है।
आप और अन्य दलों का प्रदर्शन
अन्य राष्ट्रीय दलों में, आम आदमी पार्टी (AAP) को 11.1 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो पिछले वर्ष से मामूली बढ़ोतरी थी।
भाजपा ने 2023-24 में चंदा प्राप्ति के मामले में अन्य सभी दलों को पीछे छोड़ते हुए बड़ा रिकॉर्ड बनाया। प्रूडेंट ट्रस्ट, चुनावी बॉन्ड, और अन्य स्रोतों से मिले इस चंदे ने पार्टी को वित्तीय रूप से मजबूत बनाया। आगामी चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है। दूसरी ओर, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों को मिले सीमित चंदे से उनके अभियान प्रभावित हो सकते हैं।