देश में कोरोना के बढ़ते कहर की वजह से इस वक्त पांचों चुनावी राज्यों में रैलियों-रोड शो पर 22 जनवरी तक रोक लगी हुई है। कोई भी पार्टी ऐसे कार्यक्रम नहीं कर सकती जिसमें भीड़ इकट्ठा हो। वहीं चुनाव आयोग (Election Commission) ने इस दौरान केवल डिजिटल प्रचार (Digital Campaigning) पर ही जोर देने को कहा है।
हालांकि इस बीच बीते दिनों समाजवादा पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से इन नियमों का उल्लंघन किया गया। 14 जनवरी को जब बीजेपी के बागी नेता सपा में शामिल हो रहे थे। इस कार्यक्रम में वर्चुअल रैली के नाम पर सपा की रैली (SP Lucknow Rally) में भारी भीड़ इकट्ठी होती हुई दिखी। इस दौरान कई लोग बिना मास्क के थे, तो वहीं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की भी धज्जियां उड़ी।
जिसके बाद से ही चुनाव आयोग से समाजवादी पार्टी पर एक्शन लेने की मांग हो रही थीं। हालांकि इस पूरे विवाद अब चुनाव आयोग की तरफ से भी जवाब सामने आया है। आयोग ने समाजवादी पार्टी को हिदायत देकर छोड़ दिया। EC ने इसे पहली गलती मानते हुए हिदायत दी कि वो भविष्य में सावधान रहने और पाबंदियों का सख्ती से पालन करें।
आयोग ने कहा कि मौजूदा चुनावों में सपा ने पहली बार निर्देशों का उल्लंघन किया है, इसलिए उसे भविष्य में सतर्क रहने और सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया है। बता दें कि 14 जनवरी को लखनऊ में हुई समाजवादी पार्टी की रैली के बाद निर्वाचन आयोग ने पार्टी को नोटिस जारी किया और 24 घंटों में जवाब देने को कहा था।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के दौरान ही चुनाव आयोग ने सख्त पाबंदियां लगा दी थी। कोरोना की बेलगाम रफ्तार की वजह से पहले तो आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों, रोड शो पर रोक लगाई, लेकिन हालात नहीं सुधरे इसलिए इसे 22 जनवरी तक बढ़ा दिया। अब 22 जनवरी के बाद छूट मिलेगी या नहीं इस पर चुनाव आयोग हालातों की समीक्षा कर ही कोई फैसला लेगा।