यूपी चुनाव के लिए भले ही शिवपाल यादव ने अखिलेश के साथ हाथ मिला लिया हो, लेकिन चुनावी मैदान में दोनों ही दलो की स्थिति विलय की ही होगी। यूपी चुनाव से पहले शिवपाल यादव से जुड़ी बड़ी खबर आई है। दरअसल शिवपाल यादव की चुनाव चिन्ह की चाबी तो पहले ही उनके हाथ से फिसल गई। जिसके बाद अब शिवपाल की पार्टी को नया चुनाव चिन्ह मिला है। शिवपाल की पार्टी का चुनाव चिन्ह अब स्टूल होगा। अब शिवपाल की पार्टी इसी चिन्ह के साथ 2022 चुनाव लड़ेगी।
अभी तक तो ये माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने वाले शिवपाल अब सपा के चिन्ह से चुनाव लड़ेंगे। प्रसपा की तरफ से टिकट चाहने और पाने वाले भी यही चाह रहे थे कि साइकिल से ही चुनाव लड़ें। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। प्रसपा के उम्मीदवार ‘स्टूल’ से खड़े होंगे।
गौरतलब है कि 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सपा में अंतरयुद्ध शुरू हो गया था। जिसके बाद परिवार दो भांगों में बंटा और शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी से अलग हो गए। इस लड़ाई के अगले साल शिवपाल ने अपनी नई पार्टी का गठन कर दिया। फिर साल 2019 के लोकसभा चुनाव आए तो शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को चुनाव आयोग ने ‘चाबी’ का सिंबल दिया था।
वहीं, हरियाणा की एक स्टेट पार्टी जननायक जनता पार्टी को चुनाव आयोग ने चाबी सिंबल आवंटित किया था, जिसकी वजह से प्रसपा को ये चिन्ह नहीं दिया जा सका ऐसे में अब प्रसपा को नया चुनाव चिन्ह स्टूल दिया गया है। प्रसपा 2019 से अब तक चाबी चुनाव चिन्ह के साथ ही प्रचार-प्रसार कर रही थी, लेकिन अब पार्टी का चुनाव चिन्ह बदल गया है। जिसकी वजह से अब नए चिन्ह के साथ पार्टी को चुनावी मैदान में उतरना होगा।