Arvind Kejriwal on Ambedkar: सोशल मीडिया पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, “जिसने संविधान लिखा होगा उसने भी दारू पीकर ही लिखा होगा।” इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर केजरीवाल पर निशाना साधा जा रहा है, और उन पर भारतीय संविधान और डॉ. भीमराव आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया जा रहा है।
हालांकि, आजतक फैक्ट चेक ने इस वायरल वीडियो की जांच के बाद पाया कि इसे गलत संदर्भ में पेश किया गया है। यह बयान भारतीय संविधान के बारे में नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संविधान पर तंज कसते हुए दिया गया था।
क्या है वायरल वीडियो का सच? (Arvind Kejriwal on Ambedkar)
वायरल वीडियो 2012 में दिल्ली के राजघाट पर केजरीवाल द्वारा दिए गए एक भाषण का छोटा और संदर्भहीन हिस्सा है। इस बयान का पूरा वीडियो आम आदमी पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 3 दिसंबर 2012 को अपलोड किया गया था। इसमें केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संविधान की खूबियां गिनाते हुए कांग्रेस के संविधान की आलोचना कर रहे थे।
क्या कहा था केजरीवाल ने?
वीडियो में केजरीवाल ने कहा, “मैंने सभी पार्टियों का संविधान पढ़ा है। कांग्रेस का संविधान कहता है कि कोई कांग्रेसी शराब नहीं पियेगा… तो हम लोग बैठे थे… कोई कह रहा था कि जिसने संविधान लिखा होगा, उसने भी दारू पीकर ही लिखा होगा।”
“जिसने संविधान लिखा होगा उसने भी दारू पीके ही संविधान लिखा होगा।”- अरविंद केजरीवाल
बाबा साहेब का अपमान
नहीं सहेगा हिंदुस्तान 🙏https://t.co/W7HFpA3CKJ— Sakshi Sonam … 👭 (@Sakshi__Sonam__) December 22, 2024
यह स्पष्ट है कि यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संविधान पर तंज कसने के लिए थी, न कि भारतीय संविधान या इसके रचयिता डॉ. आंबेडकर पर।
गलत संदर्भ में पेश किया गया बयान
इस बयान को भारतीय संविधान और डॉ. आंबेडकर के संदर्भ में प्रचारित किया जा रहा है, जबकि पूरा वीडियो देखने से यह साफ होता है कि यह बयान कांग्रेस के नियमों और नेताओं के व्यवहार पर कटाक्ष था।
केजरीवाल पर निशाना और विवाद का कारण
वायरल वीडियो को लेकर कई सोशल मीडिया यूजर्स और राजनीतिक विरोधियों ने केजरीवाल पर निशाना साधा। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा, “जिसने संविधान लिखा होगा उसने भी दारू पीकर लिखा होगा – अरविंद केजरीवाल। बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।”
यह पोस्ट और इसी तरह की अन्य प्रतिक्रियाएं लोगों को भ्रमित कर रही हैं।
आजतक फैक्ट चेक के निष्कर्ष
- वायरल वीडियो 2012 में दिए गए भाषण का हिस्सा है।
- केजरीवाल की टिप्पणी भारतीय संविधान या डॉ. आंबेडकर पर नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संविधान पर थी।
- वीडियो को एडिट कर और संदर्भ से बाहर प्रस्तुत कर गलतफहमी फैलाई जा रही है।
ऐसे दावों पर सतर्क रहें
इस घटना से एक बार फिर पता चलता है कि बिना जांचे-परखे सोशल मीडिया पर वीडियो और बयान शेयर करने से गलतफहमी और विवाद पैदा हो सकते हैं। जनता को ऐसे दावों की सच्चाई जानने के लिए विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए।
केजरीवाल का यह बयान कांग्रेस पार्टी के संदर्भ में था, लेकिन इसे भारतीय संविधान और डॉ. अंबेडकर से जोड़ दिया गया, जो पूरी तरह से गलत है।
और पढ़ें: ठाणे: मराठी परिवार पर हमला, आरोपी सरकारी कर्मचारी ने किया आत्मसमर्पण, मामला विधानसभा तक पहुंचा