महाराष्ट्र में बीजेपी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस को चुना है(Devendra Fadnavis appointed as Maharashtra CM)। बीजेपी विधायक दल की बैठक में फडणवीस के नाम पर मुहर लग गई है और अब वह तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को शाम 5.30 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। फडणवीस की सीएम पद पर वापसी की चर्चा जोरों पर थी। विधानसभा चुनाव के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार बीजेपी महाराष्ट्र में मराठा या ओबीसी समुदाय से किसी चेहरे को मुख्यमंत्री बनाएगी। हालांकि, बीजेपी ने अपने परंपरागत सवर्ण नेता फडणवीस पर भरोसा जताया है। चुनाव में महायुति को मराठा समुदाय का जबर्दस्त समर्थन मिला, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने फडणवीस को ही अपना चेहरा बनाए रखा।
बीजेपी ने MP-राजस्थान-हरियाणा जैसे फॉर्मूले को क्यों नहीं अपनाया?
इस बार बीजेपी का विचार महाराष्ट्र (Maharashtra BJP Politics Formula) में भी मराठा या ओबीसी चेहरा लाने का था, जैसा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में किया गया था। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान (BJP Shivraj Singh Chouhan) की जगह ओबीसी नेता मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया। राजस्थान में वसुंधरा राजे की जगह ब्राह्मण नेता भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री चुना गया, जबकि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की जगह ओबीसी नेता नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया गया। इन राज्यों में बीजेपी ने ओबीसी या अन्य वर्ग के नेताओं को मौका देकर सामाजिक समीकरणों को संतुलित करने की कोशिश की।
लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी ने ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखने वाले देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया है। यह कदम बीजेपी के लिए सामान्य वर्ग को सकारात्मक संदेश देने वाला है।
फडणवीस को ताज मिलने के 7 अहम मायने: Devendra Fadnavis appointed as Maharashtra CM
फडणवीस की सीएम के रूप में वापसी महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने वाली साबित हो सकती है। उनके अनुभव और बीजेपी के आंतरिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए यह कदम पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है।
अनुभवी नेता
महाराष्ट्र की राजनीति में देवेंद्र फडणवीस को एक अनुभवी और स्थापित नेता माना जाता है। वे 6 बार विधायक रह चुके हैं और उन्हें सरकार के साथ-साथ संगठन में काम करने का व्यापक अनुभव है। इस अनुभव ने उन्हें राज्य की जटिल राजनीति को समझने और क्षेत्रीय क्षत्रपों को साधने में सक्षम बनाया है। भाजपा के लिए नए चेहरे पर दांव लगाना मुश्किल होता, क्योंकि फडणवीस ने हर वर्ग और क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, जिससे पार्टी को एक मजबूत नेतृत्व मिला है।
मुख्यमंत्री पद तक का सफर
फडणवीस 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे और अक्टूबर 2019 में उन्होंने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। हालांकि, 3 दिन बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद से वे 2022 से डिप्टी सीएम के पद पर कार्यरत हैं। फडणवीस 1999 से नागपुर दक्षिण पश्चिम से विधायक हैं और इस बार वे छठी बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इसके अलावा वे नागपुर नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं।
राजनीतिक परीक्षण
2019 में विधानसभा चुनाव के बाद जब महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल हुई और उद्धव ठाकरे ने एनडीए छोड़ दी, तो फडणवीस मजबूती से खड़े रहे और साबित कर दिया कि भाजपा ने चुनाव से पहले सीएम को लेकर उद्धव ठाकरे से कोई वादा नहीं किया था। इस संघर्ष ने उनके नेतृत्व की स्थिति को और मजबूत किया।
विपक्ष के नेता की भूमिका
जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने सरकार बनाई, तो फडणवीस ने विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में राज्य की अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला। कई बार उद्धव सरकार बैकफुट पर दिखी, जिससे फडणवीस को भाजपा के सर्वमान्य नेता के रूप में स्थापित होने में मदद मिली।
शिवसेना में विभाजन और भाजपा की रणनीति
2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद, फडणवीस ने महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता में वापस लाने में अहम भूमिका निभाई। शिवसेना के विभाजन के बाद भी, फडणवीस ने पार्टी की चुनावी रणनीतियों को मजबूती से आगे बढ़ाया और पार्टी के लिए एक मजबूत और स्थिर नेतृत्व की जरूरत को समझा।
सामाजिक समीकरण
फडणवीस के मुख्यमंत्री पद पर वापस आने से भाजपा को मराठा और सामान्य वर्ग दोनों के वोटों का समर्थन मिलने की संभावना है। मराठा समुदाय के समर्थन को देखते हुए, फडणवीस का नाम सबसे उपयुक्त साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में हर वर्ग को साथ लेकर चलने की कोशिश की है।
विपक्ष के लिए चुनौती
फडणवीस की वापसी से विपक्ष के लिए चुनौती और बढ़ सकती है। उन्हें एक कुशल और मजबूत नेता माना जाता है, जो राजनीतिक परिस्थितियों का सामना करने और भाजपा को हर मोर्चे पर जीत दिलाने में सक्षम हैं। फडणवीस का नेतृत्व आगामी चुनावों में विपक्ष के लिए कड़ी चुनौती बन सकता है।
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