Delhi Governance Challenges: दिल्ली में हाल ही में हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही अब पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने चुनावी वादों को पूरा करने की है, खासकर जब राज्य की वित्तीय स्थिति पहले से ही चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। भाजपा ने दिल्ली का चुनाव यमुना की सफाई, सड़क-पानी, कूड़े के पहाड़ और स्वच्छता के मुद्दों पर लड़ा था। पार्टी ने आम आदमी पार्टी (AAP) और अरविंद केजरीवाल सरकार के अधूरे वादों को उजागर कर जनता का विश्वास जीता।
भाजपा ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में जनता से वादा किया था कि वह दिल्ली में बेहतर बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाएं लागू करेगी। इसके अलावा, पार्टी ने कुछ नए फ्रीबीज (मुफ्त सुविधाओं) की भी घोषणा की थी, जिससे जनता का समर्थन बढ़ा। अब जब दिल्ली के मतदाताओं ने भाजपा को सत्ता सौंप दी है, तो पार्टी के सामने अपने मेनिफेस्टो को हकीकत में बदलने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
दिल्ली की वित्तीय स्थिति और भाजपा के वादों में विरोधाभास- Delhi Governance Challenges
भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में शामिल हैं:
- गरीब महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹2,500 प्रति माह की आर्थिक सहायता (70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए ₹3,000 तक)।
- सभी गर्भवती महिलाओं के लिए ₹21,000 की आर्थिक सहायता।
- गरीब परिवारों से आने वाले छात्रों को किंडरगार्टन से पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा।
इन वादों को पूरा करने के लिए जिस बड़े बजट की जरूरत होगी, वह दिल्ली की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए एक चुनौतीपूर्ण कार्य लगता है।
2024-25 के लिए दिल्ली सरकार का अनुमानित टैक्स राजस्व ₹58,750 करोड़ है, जबकि कुल बजट ₹76,000 करोड़ का है। दिल्ली का एजुकेशन बजट ₹16,396 करोड़ (कुल बजट का 22%) है, जबकि बाकी राशि स्वास्थ्य, परिवहन, सामाजिक कल्याण और शहरी विकास पर खर्च की जाती है।
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली सरकार के राजस्व में इस साल के अंत तक ₹64,142 करोड़ से घटकर ₹62,415 करोड़ होने की संभावना है। ऐसे में भाजपा के चुनावी वादों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होगी।
महिला और वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक सहायता पर भारी खर्च
भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार, महिलाओं को हर महीने ₹2,500 देने वाली योजना पर सालाना लगभग ₹11,000 करोड़ खर्च होने की उम्मीद है। वहीं, दिल्ली में लगभग 24.4 लाख वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनमें से 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ₹3,000 प्रतिमाह की पेंशन देने के लिए सालाना ₹4,100 करोड़ की आवश्यकता होगी।
यमुना की सफाई और बुनियादी ढांचे पर होने वाला खर्च
भाजपा ने यमुना नदी की सफाई को अपने प्रमुख मुद्दों में शामिल किया था। पिछले कुछ वर्षों में इस परियोजना पर ₹8,000 करोड़ से अधिक खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक नदी की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। नई सरकार इस कार्य को कैसे आगे बढ़ाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
इसके अलावा, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के अपग्रेडेशन के लिए अनुमानित ₹10,200 करोड़ और दिल्ली मेट्रो के तीसरे और चौथे चरण के विस्तार के लिए ₹2,700 करोड़ की आवश्यकता होगी।
केंद्र सरकार से मिलेगी आर्थिक सहायता?
भाजपा के लिए राहत की बात यह है कि केंद्र में भी उनकी सरकार है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि केंद्र सरकार वित्तीय सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार पहले भी आयुष्मान भारत योजना लागू करने के लिए दिल्ली सरकार को आर्थिक मदद देना चाहती थी, लेकिन AAP ने इसे लागू नहीं किया। अब जब भाजपा सत्ता में है, तो हम अपने वादों को पूरा करने के लिए धन की सही व्यवस्था करेंगे और भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे।”
नई सरकार के पास मार्च 2025 के अंत तक दिल्ली के अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश करने का समय है। तभी यह स्पष्ट होगा कि भाजपा अपने वादों को पूरा करने के लिए क्या रणनीति अपनाएगी।
दिल्ली भाजपा के 10 बड़े चुनावी वादे
- तीन वर्षों में यमुना की सफाई और रिवरफ्रंट का निर्माण।
- तीन वर्षों में कूड़े के पहाड़ को कम करना।
- हर गरीब परिवार की महिला को ₹500 में एलपीजी सिलेंडर और होली-दिवाली पर एक-एक गैस सिलेंडर मुफ्त।
- हर गरीब महिला को ₹2,500 प्रति माह की आर्थिक सहायता।
- हर गर्भवती महिला को ₹21,000 की आर्थिक सहायता और छह पोषण किट।
- पहली कैबिनेट में आयुष्मान भारत योजना लागू होगी, जिससे ₹10 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
- वरिष्ठ नागरिकों की रुकी हुई पेंशन शुरू होगी, 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों को ₹2,500 और 70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को ₹3,000 प्रति माह मिलेंगे।
- 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 20,000 लीटर मुफ्त पानी, और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा जारी रहेगी।
- दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 13,000 नई इलेक्ट्रिक बसें और ₹20,000 करोड़ खर्च करके लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगे।
- ऑटो-टैक्सी ड्राइवर, ई-रिक्शा चालक, डोमेस्टिक हेल्प और गिग वर्कर्स के लिए ₹10 लाख तक का लाइफ इंश्योरेंस और ₹5 लाख तक का एक्सीडेंटल बीमा कवरेज।
क्या भाजपा अपने वादों को पूरा कर पाएगी?
भाजपा की जीत के बाद दिल्ली के मतदाता उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पार्टी अपने वादों को हकीकत में बदलेगी। हालांकि, राज्य की सीमित वित्तीय स्थिति को देखते हुए सभी वादों को पूरा करना आसान नहीं होगा। भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह अपने वादों को केंद्र की मदद से कैसे पूरा करे और दिल्ली में अपनी सरकार को स्थिर बनाए रखे।
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