Congress MP Manish Tiwari on budget: केंद्रीय बजट पेश होने से कुछ घंटे पहले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बजट प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे महज एक ‘अकाउंटिंग एक्सरसाइज’ बताया और इसकी आलोचना करते हुए इसे राष्ट्रपति के अभिभाषण के समान ‘यूजलेस’ करार दिया। मनीष तिवारी का यह बयान संसद के पटल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट 2025 से पहले आया है।
बजट के महत्व पर उठाए सवाल- Congress MP Manish Tiwari on budget
मनीष तिवारी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “बजट क्या है… यह एक अकाउंटिंग एक्सरसाइज से ज्यादा कुछ नहीं है। यह सिर्फ सरकार की कमाई और खर्च को दिखाने का एक तरीका बन चुका है। पिछले कुछ वर्षों में यह वित्त मंत्री के लिए एक वार्षिक भव्य अनुष्ठान बन गया है।” उन्होंने इस प्रक्रिया की तुलना राष्ट्रपति के अभिभाषण से करते हुए इसे भी एक ‘यूजलेस रिचुअल’ बताया और कहा कि सरकार की कमाई और खर्च का विवरण सिर्फ सदन के पटल पर रखा जा सकता है, जैसे पहले हुआ करता था।
What is a budget ?
It is nothing more than an accounting excersize.
How much did Government earn and how much did it spend .
Over the years it has evolved into an annual grandstanding ritual for the Finance Minister.
It is as useless a ritual as the President address.
The…— Manish Tewari (@ManishTewari) February 1, 2025
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कड़ी टिप्पणी
उनकी आलोचना का स्वर केवल बजट तक सीमित नहीं रहा। मनीष तिवारी ने इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भी कड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने इसे सरकार की उपलब्धियों की लंबी-चौड़ी सूची करार दिया और कहा कि यह एक ‘वार्षिक शर्मिंदगी’ है। तिवारी ने यह भी सुझाव दिया कि राष्ट्रपति को अपनी बात स्वतंत्र रूप से रखने का अवसर मिलना चाहिए, बजाय इसके कि वह सरकार की तरफ से तैयार की गई सूची का वाचन करें।
मनीष तिवारी की आलोचनाओं का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब मनीष तिवारी ने सरकार की नीतियों और प्रक्रियाओं की आलोचना की हो। इससे पहले भी वह कई बार सरकार के फैसलों और भाषणों पर आपत्ति जता चुके हैं। मनीष तिवारी की ये टिप्पणियां संसद के भीतर और बाहर सरकार के खिलाफ विपक्ष की धारणा को उजागर करती हैं, और यह दर्शाती हैं कि विपक्ष इस बार भी बजट को लेकर सरकार से कई सवाल पूछने के लिए तैयार है।
बजट 2025 पर प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक दावा
बजट 2025 की पेशकश से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए इसके महत्व को रेखांकित किया था। बजट सत्र की शुरुआत से पहले उनके संबोधन में यह साफ था कि सरकार इस बार भी बजट को लेकर बड़े ऐलान करने की योजना बना रही है। वहीं, आम जनता से लेकर खास तबके तक, बजट से काफी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जो लगातार आठवें साल बजट पेश करने जा रही हैं, इस बार कुछ खास बदलावों और योजनाओं का ऐलान कर सकती हैं, जो विभिन्न वर्गों को लाभान्वित करें।
विपक्ष और सरकार के बीच आगामी बहस
हालांकि, मनीष तिवारी की आलोचनाओं के बावजूद सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह आलोचनाएँ संसद में बजट पर होने वाली आगामी बहस की दिशा तय कर सकती हैं, जिसमें विपक्ष और सरकार के बीच तकरार की संभावना है। तिवारी की टिप्पणी यह भी दिखाती है कि बजट के अलावा, राष्ट्रपति के अभिभाषण और सरकार की नीतियों को लेकर विपक्ष के मन में काफी असंतोष है।
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