नागपुर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं और चाइनीज डिप्लोमैट्स की एक मीटिंग हुई और ये मीटिंग नागपुर में स्मृति मंदिर परिसर में हुई. वहीं अब इस मीटिंग को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं.दरअसल, नागपुर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं और चाइनीज डिप्लोमैट्स की बीच हुई मीटिंग को लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पूछा है कि RSS और चीन के बीच क्या संबंध है?
कांग्रेस महासचिव ने किए कई सारे सवाल
कांग्रेस पार्टी की तरफ से सवाल पूछे गए हैं और ये सवाल वहीं वेणुगोपाल ने पूछा कि आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं और चीनियों के बीच मुलाकात के पीछे क्या एजेंडा था? वहीं उन्होंने कहा, हम सभी अडानी के चीन लिंक के बारे में जानते हैं और अब बैठक होने के एक महीने बाद आरएसएस का चीन एसोसिएशन भी सामने आ रहा है. उन्होंने पूछा क्या इसीलिए चीनी मीडिया मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा कर रहा है? जब विदेश मंत्रालय स्वयं स्वीकार करता है कि संबंध सामान्य नहीं हैं, तो बीजेपी की मूल संस्था उनसे क्यों मिल रही है?
वहीं कांग्रेस कांग्रेस ने इस मीटिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार चीनी संकट से निपटने के लिए उपयुक्त नहीं है, विदेश मंत्री का मानना है कि चीन इतना बड़ा है कि उससे सीधे तौर पर मुकाबला नहीं किया जा सकता. इन सबके बीच आरएसएस गर्मजोशी से उनका स्वागत कर रहा है और उनकी मेहमाननवाजी कर रहा है. कांग्रेस ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मामला बताते हुए स्पष्ट जवाब की मांग करती है.
दिसंबर में हुई थी मुलाकात
आपको बता दें कि दिसंबर महीने में चीनी राजनयिकों के एक समूह ने पहले सप्ताह में आरएसएस स्मृति मंदिर परिसर का दौरा किया था. वहीं इस दौरे के दौरान चाइनीज डिप्लोमैट्स आरएएस प्रमुख मोहन भागवत से नहीं मिल पाए थे. आरएसएस के वरिष्ठ सदस्य ने उन्हें कैंपस का दौरा कराया था.