उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में चुनावी जंग दिलचस्प मोड़ लेती चली जा रही है। गोरखपुर सीट से चुनावी मैदान में सीएम योगी को टक्कर देने के लिए अब भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उतर आए हैं। वो यहां से मुख्यमंत्री को टक्कर देने की तैयारी में हैं।
चंद्रशेखर आजाद इस बार के विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मैदान में होंगे। चंद्रशेखर ने यह ऐलान किया है कि वो गोरखपुर से सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ेगें और आमने-सामने की पूरी टक्कर देंगे।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 15 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी के गोरखपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसी दौरान केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही 105 सीटों की उम्मीदावरों की घोषणा बीजेपी ने की थीं। मौर्य को इस बार प्रयागराज से मैदान में उतारा गया है।
गोरखपुर सदर सीट सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ हैं। ये सीट अधिकतर बीजेपी के ही कब्जे में रही। 1967 से लेकर अब तक बीजेपी इस पर लगातार जीतती आ रही है। इस बार ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब योगी विधानसभा के चुनाव लड़ेंगे। साल 2017 में सीएम बनने से पहले तक योगी आदित्यनाथ लोकसभा के सदस्य थे। साल 1998 में वो पहली बार गोरखपुर से लोकसभा सांसद चुने गए। इसके बाद लगातार 5 बार योगी गोरखपुर से लोकसभा के चुनाव जीते। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने विधान परिषद की राह चुनी। अब वो पहली बार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे और बीजेपी ने उन्हें उनकी गोरखपुर सीट से ही चुनाव लड़ने को कहा है।
चंद्रशेखर आजाद ने साफ किया कि उनकी आजाद समाज पार्टी कुछ लोगों के सामने अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इसमें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर, RLD प्रमुख जयंत चौधरी और स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल होंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे, तो पार्टी उनके सामने भी अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी।
गौरतलब है कि बीते दिनों अखिलेश यादव के साथ चंद्रशेखर आजाद के गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन दोनों नेताओं के बीच सीटों को लेकर बात नहीं बन पाई, जिसके चलते अब आजाद पार्टी फिलहाल अकेले ही चुनाव लड़ रही है। आजाद ने मंगलवार को कहा था कि अगर समाजवादी पार्टी यूपी चुनाव में उन्हें 100 सीट भी देगी तब भी वो उसके साथ गठबंधन नहीं करेंगे। उत्तर प्रदेश में पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।