सोमवार को सामने आए चंडीगढ़ नगर निगम के नतीजे बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हुए। तो वहीं इन चुनावों में आम आदमी पार्टी बाजी मारने में कामयाब हुई। निकाय चुनाव में AAP 14 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इस जीत के बाद जहां एक ओर तो AAP के हौसले बुलंद हुए और वो इसे विधानसभा चुनावों का ट्रेलर मान रही है। तो वहीं दूसरी ओर सबसे ज्यादा सीटें जीतकर भी AAP के लिए निगम की सत्ता पाना मुश्किल हो गया। ऐसा इसलिए क्योंकि 14 सीटें जीतने के बाद भी आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में बहुमत से दूर रह गई।
कुल 35 वार्ड के निगम में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। जिसके बाद एक बड़ा सवाल ये आखिर नगर निगम में कुर्सी किसे मिलेगी? चंडीगढ़ का मेयर कौन बनेगा।
दरअसल, चंड़ीगढ़ नगर निगम में कुल 35 सीटों पर चुनाव हुए थे, जिनमें से आम आदमी पार्टी के खाते में 14 सीटें गई। वहीं 2016 में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी को इस बार केवल 12 सीटों पर ही जीत हासिल हुई। तीसरे नंबर पर कांग्रेस रही, जिसने इन चुनावों में 8 सीटों पर जीत दर्ज की और अकाली को एक सीट मिली। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला।
अब आम आदमी पार्टी को सेंधमारी का डर भी सताने लगा है। इसी वजह से AAP ने सभी जीतने वाले पार्षदों को चंडीगढ़ के एक प्राइवेट होटल में रोका हुआ है। इस होटल में मनीष सिसोदिया और राघव चड्ढा पार्षदों के साथ बैठक कर मेयर की कुर्सी के लिए रणनीति भी बना रहे हैं।
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजों से सबसे बड़ा झटका बीजेपी को लगा है। यहां AAP उम्मीदवार ने चंडीगढ़ के मौजूदा मेयर और BJP उम्मीदवार रविकांत को 828 वोटों से हरा दिया है। इस वजह से ही AAP इसे आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए शुभ संकेत मान रही है। देखना होगा कि इन चुनावों इन नतीजों का असर पंजाब विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है या नहीं?