Vishnudeo Sai letter: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। 14 नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर खरीदी (CG Dhan Kharidi 2024) व्यवस्था में खामियों और किसानों की समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सरकार ने दावा किया है कि धान खरीदी को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस विवाद के बीच कांग्रेस ने एक पुराना पत्र जारी किया है, जिसे मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चार साल पहले लिखा था। इस पत्र को आधार बनाकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री से सवाल उठाए हैं, जिससे सियासी गलियारों में चर्चाओं का माहौल बन गया है। पत्र के मुद्दे पर बयानबाजी ने राज्य की सियासत को और गरमा दिया है।
भूपेश बघेल को लिखा था पत्र- Vishnudeo Sai letter
विष्णुदेव साय ने 9 नवंबर 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक पत्र लिखा था। उस समय विष्णुदेव साय प्रदेश अध्यक्ष थे। अपने पत्र में विष्णुदेव साय ने कई संदर्भ दिए हैं। उसी पत्र के आधार पर अब कांग्रेस ने मौजूदा मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की है। चार साल बाद राज्य में भाजपा की सरकार है और विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री हैं।
क्या लिखा था लेटर में विष्णुदेव साय ने
विष्णुदेव साय (Vishnudeo Sai letter) ने भूपेश बघेल को लिखे पत्र में धान खरीदी का मुद्दा उठाया था। विष्णुदेव साय ने लिखा था- “आपको जानकारी होगी कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी करने वाली 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। संघ समितियों से कमीशन काटे जाने का विरोध कर रहा है। भाजपा इन कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करती है।”
उन्होंने कहा था कि सूखे के कारण धान खरीद में आई कमी की भरपाई इन समितियों से पैसे काटकर की जा रही है।
भूपेश बघेल ने बोला हमला
इस पत्र पर विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnudev Sai) कांग्रेस के निशाने पर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी तीन दिन बाद यानी 14 नवंबर से शुरू होनी है। लेकिन 4 नवंबर से ही धान खरीदी करने वाली 2,058 समितियों के करीब 13,000 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ की मांगें तीन हैं।
पहला, मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार को भी हर समिति को 3 लाख रुपए का वजीफा देना चाहिए। दूसरा, वेतनमान में सुधार किया जाना चाहिए। तीसरा, सुखात को ध्यान में रखते हुए प्रति क्विंटल 500 ग्राम मुआवजा दिया जाना चाहिए। समितियों को प्रधानमंत्री फसल बीमा से मिलने वाला कमीशन भी मिलना चाहिए।
कर्मचारी संघ ने 2021 में उठाई थीं मांगे
इन तीन मांगों में से दो मांगें वही हैं जो कर्मचारी संघ ने 2021 में उठाई थीं। उस समय हमारी सरकार थी और मैं मुख्यमंत्री था। उस समय वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। उस समय साय ने मुझे पत्र लिखकर कर्मचारियों की मांगों के प्रति अपना समर्थन जताया था। अपने पत्र में साय ने कर्मचारियों के संविलियन और राहत के लिए प्रावधान करने की बात कही थी। लेकिन कर्मचारी इन उद्देश्यों और अपनी ही सरकार के खिलाफ हड़ताल पर हैं।