BPSC Aspirants Protest: पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन पिछले 12 दिनों से जारी है। अपनी मांगों को लेकर अड़े छात्रों ने कल (29 दिसंबर) हुए लाठीचार्ज के बाद आज बिहार बंद का आह्वान किया है। आंदोलन के बीच जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर (पीके) छात्रों के निशाने पर आ गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया गया है कि छात्रों ने पीके को आंदोलन स्थल से जाने के लिए मजबूर कर दिया।
प्रशांत किशोर का बयान और विवाद- BPSC Aspirants Protest
वायरल वीडियो में प्रशांत किशोर (Prashant Kishore in BPSC Aspirants Protest) छात्रों से कहते दिख रहे हैं, “ये नए-नए नेता अभी आए हैं बड़े। बात सुनो ज़रा… अभी कंबल मांगे हो हमसे और हमसे नेतागिरी दिखा रहे हो।” इस बयान पर छात्र भड़क गए और जवाब दिया, “किसने आपसे कंबल मांगा है? आप कंबल देकर धौंस दिखा रहे हैं।” इसके बाद छात्रों ने “गो बैक” के नारे भी लगाए।
दो कौड़ी के बाज़ारू लोग राजनीति को भी दुकानदारी समझ बैठे है। जैसे अपने पेड स्टाफ सह पेड कार्यकर्ताओं पर धौंस जमाते है वैसे ही जनता को समझ लिया है। इ बिहार है बाज़ारू बाबू- बीजेपी के पैसे से यहाँ वोट और मुद्दा नहीं बंटेगा pic.twitter.com/Wx0YGXNKPV
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) December 30, 2024
छात्रों का आरोप है कि 29 दिसंबर की शाम लाठीचार्ज से पहले प्रशांत किशोर आंदोलन छोड़कर चले गए, जिससे वे नाराज हैं। आरजेडी के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस वीडियो को शेयर कर प्रशांत किशोर पर निशाना साधा गया है।
लाठीचार्ज और छात्रों की मांगें
छात्र बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में व्यापक गड़बड़ी हुई है। 29 दिसंबर की शाम जब छात्र अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च कर रहे थे, तब पटना पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लिया।
प्रशांत किशोर का कहना है कि उन्होंने छात्रों को गांधी मैदान में रुकने की अपील की थी। उनके अनुसार, “मैं गांधी मैदान से 45 मिनट पहले निकला, उसके बाद लाठीचार्ज हुआ।” उन्होंने इस घटना पर पटना पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और मानवाधिकार आयोग में जाने की बात कही है।
राजनीतिक हमले तेज
तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर पर छात्रों को गुमराह करने और नीतीश कुमार सरकार की “बी-टीम” की तरह काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब प्रदर्शनकारियों को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सामना करना पड़ा, तो नेतृत्व करने वाले लोग भाग खड़े हुए।”
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी पीके पर हमला बोलते हुए कहा, “प्रशांत किशोर खुद नए नेता बने हैं और छात्रों को धमका रहे हैं। जब छात्र पुलिस से पिट रहे थे, तो पीके वहां से चले गए।”
छात्रों का आक्रोश
छात्रों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया है। वे चाहते हैं कि बीपीएससी परीक्षा को रद्द कर नई परीक्षा आयोजित की जाए और पूरी प्रक्रिया की गहन जांच हो। इसके अलावा, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करने की भी मांग है।
BPSC का जवाब
बीपीएससी के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि परीक्षा दोबारा कराने का सवाल ही नहीं उठता। उनके अनुसार, “हम अभ्यर्थियों से बात करने को तैयार हैं। 911 परीक्षा केंद्रों पर किसी भी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है।”
प्रियंका गांधी का समर्थन
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा, “बिहार में युवाओं पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल अमानवीय है।” उन्होंने बीपीएससी परीक्षा में भ्रष्टाचार और धांधली रोकने की मांग की।
बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है। लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है।
इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है।… pic.twitter.com/te9MOhoKPG
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 30, 2024