बीजेपी की भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा (Sadhvi Pragya) यूं तो आए दिन अपने विवादित और भड़काऊ भाषण से हमेशा चर्चाओं में बनी रहती है। अब साध्वी प्रज्ञा ने देश में अजान, मुसलमान और हनुमान चालीसा पर मचे कोहराम के बीच हाल में ही एक बड़ा बयान दिया। जिससे राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से सनसनी मचा दी। वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी बीजेपी उनके द्वारा दिए गए बयान पर डैमेज कण्ट्रोल करने में लगी हुई है।
साध्वी प्रज्ञा के बयान पर फिर मचा बवाल
इस बार साध्वी प्रज्ञा ने मुसलमानों को इस्लामिक देश जाने की सलाह दी है। साध्वी कहती है कि अगर उन्हें भारत में रहने में ज्यादा दिक्कत है तो देश से जाने के लिए मुसलमानों के लिए हमेशा हमने रास्ते खुले रखे हैं। साध्वी प्रज्ञा कहती है कि हम अगर मंदिर की बात करते हैं तो मुसलमान हमारे ऊपर आक्रमण कर देते हैं। अगर हम रामनवमी और हनुमान नवमी पर अपनी शोभायात्रा निकालते हैं या भजन-पूजन करते हैं तो मुसलमानों को इससे भी दिक्कत होने लगती हैं और फिर से वो हमारे ऊपर आक्रमण कर देते हैं। आखिर कब तक देश के हिन्दुओं के साथ अपने देश में ऐसा अन्याय होता रहेगा। हम कोई पाकिस्तान में नहीं रह रहें जो ये सब झेलेंगे।
वो आगे कहती है कि ये देश सनातनी है और हमेशा सनातनी रहेगा। देश में बैठे देश के दुश्मन अपने मंसूबें में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगें। चाहे जितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें। साध्वी कहती हैं ये देश हिन्दुओं का हैं और किसी को हिम्मत नहीं जो हमें मंदिर में जाने से रोके व पूजा-पाठ करने से रोके।
धर्मांतरण पर भी बरसी साध्वी प्रज्ञा
सिर्फ इतना ही नहीं बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा धर्मांतरण के मुद्दे पर भी जमकर बरसीं। उन्होंने धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर मुसलमानों को घेरते हुए कहा कि मुस्लिम युवकों द्वारा बड़े पैमाने पर हिन्दू लड़कियों को प्यार के जाल में फंसाकर धर्मांतरण कराया जा रहा हैं। जो सरासर गलत है, ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आखिर कब तक हम इस धर्मांतरण जैसे कठोर अपराध पर चुप रहेंगें। अब वो समय आ गया है कि हिन्दुओं को अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ेगी, नहीं तो हम इन सब के आदि मात्र हो जाएंगें।
कई बार साध्वी दे चुकी हैं विवादित बयान
साध्वी प्रज्ञा का मुसलमानों पर दिया गया ये विवादित बयान कोई नया नहीं है। साध्वी प्रज्ञा इसे पहले भी कई बार अपने विवादित और भड़काऊ बयानों से सुर्खियों में रही। 2021 में अजान को लेकर कहा साध्वी ने ऐसा बयान दिया था, जिस पर भारी बवाल हुआ। उन्होंने कहा था कि इससे लोगों की नींद खराब होती हैं। अगर कोई व्यक्ति सुबह साधना करता है तो अजान से उसकी साधना भंग हो जाती है। अजान की वजह से बीमार लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार को अजान की लाउडस्पीकर की तेज आवाज के खिलाफ एक्शन लेने की सख्त जरूरत है।
हिजाब पर दिए बयान पर हुआ था विवाद नाथू
इसके अलावा हिजाब मुद्दे पर साध्वी ने ऐसा बयान दिया था, जिस पर उनकी काफी किरकिरी भी हुई। साध्वी प्रज्ञा ने एक टिप्पणी करते हुए कहा था कि जिनके घरों में महिलाएं सुरक्षित नहीं उन्हें सबसे पहले तो खुद के घरों में ही हिजाब पहनना लागू करवाना चाहिए। साध्वी प्रज्ञा ने तो यहां तक कह दिया था कि एक विशेष समुदाय जिनके घरों में बुआ-मौसी की लड़की, पिता की पहली पत्नी की लड़की की शादी जैसे अपने नजदीकी रिश्ते में शादी हो जाती है। उनको अपने घरों में सबसे पहले हिजाब पहनना चाहिए।
गोडसे को बताया देशभक्त
वहीं साध्वी प्रज्ञा के नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान को भला कौन भूल सकता है। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को साध्वी प्रज्ञा ने एक सच्चा देशभक्त बोल दिया था। साथ ही कहा था कि गोडसे को आतंकवादी कहने वाले पहले अपने गिरेवान में अच्छी तरीके से झांक लें, फिर कुछ बोलें। जिसके कारण साध्वी प्रज्ञा की चारों तरफ काफी आलोचना हुई थी। इस विवादित बयान को लेकर उनपर विपक्ष तो काफी हमलावर हुआ ही था। यहां तक कि उनकी खुद की बीजेपी पार्टी ने उनके द्वारा गोडसे पर विवादित बयान से किनारा कर उन्हें माफी मांगने की सलाह दे डाली थी।
बाबरी मस्जिद को लेकर दिए बयान पर मचा था बवाल
साध्वी प्रज्ञा ने बाबरी मस्जिद विवाद पर भी एक सार्वजनिक विवादित बयान दिया था। साध्वी प्रज्ञा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि हमें बाबरी मस्जिद गिराने का कोई अफसोस नहीं है बल्कि हमें तो गर्व होता है कि हमने अपने सालों से कैद भगवान राम को बचाने के लिए बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया। साध्वी प्रज्ञा के 2019 लोकसभा के दौरान दिय इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी निंदा करते हुए अनुसाशनहीन बताया था। वहीं दूसरी और चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा पर 72 घंटों का चुनाव प्रचार प्रतिबंध लगा दिया था।
हेमंत करकरे के बयान पर मचा था हंगामा
आपको बता दें मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी रह चुकी साध्वी प्रज्ञा बीजेपी के टिकट से 2019 में हुए 17वीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल से हराकर लोकसभा पहुंची हैं। साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिसके कारण वो सबसे पहले चर्चा में आई थी। दरअसल साध्वी प्रज्ञा ने शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर कहा था कि उन्होंने जेल में मेरे पर बहुत अमानवीय और क्रूर अत्याचार किए। जिसके फलस्वरुप मैंने उसे श्राप दिया था कि तू भी ऐसे ही जल्द मरेगा। हालांकि अपने बयान पर बहुत बवाल होता हुआ देख साध्वी प्रज्ञा ने माफी मांग ली थी।
दिग्विजय सिंह को कहा आतंकी
इसके अलावा साध्वी 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को आतंकी कहा था। साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह के लिए कहा था कि एक सन्यासनी आ गई है, अब ये दिग्विजय नाम का आतंकी नहीं बच सकता। साध्वी प्रज्ञा ने 2019 के लोकसभा चनाव में भोपाल से दिग्विजय सिंह को भरी मतों से एक तरफा हराया था।
साध्वी प्रज्ञा की तमाम विवादित बयानबाजी को देखते हुए बीजेपी हमेशा साध्वी प्रज्ञा को चुप रहने की सलाह देती है और अपने विवादित ब्यान पर माफी मांगने की नसीहत देती रहती है, लेकिन साध्वी प्रज्ञा अपनी पार्टी की बातों पर ज्यादा तबज्जों ना देकर अपने बयानों पर अडिग रहती है। गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा कभी-कभी ही अपने बयानों पर माफी मांग कर बोलती है कि मेरे बयानों को गलत तरीके से पेश किया गया।