
चुनावी बिगुल बज चुका है। यूपी समेत पांच राज्यों की चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया। इसके साथ ही पंजाब हो या उत्तर प्रदेश या फिर उत्तराखंड सभी चुनावी राज्यों की सियासत अपने चरम पर पहुंच गई। सारी पार्टियां इस वक्त इसी मिशन में जुटी है कि वो कैसे राज्यों की सत्ता पर अपना कब्जा जमाए।
इस बीच नेताओं का चुनाव से महज कुछ दिन पहले दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। आज यानी मंगलवार का दिन बीजेपी के लिए बेहद ही भारी साबित हो रहा है। उत्तर प्रदेश में पार्टी को एक के बाद एक कई बड़े झटके लगते हुए नजर आ रहे है। पहले मंगलवार दोपहर को ये खबर सामने आई कि योगी सरकार में श्रम मंत्री ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।
इसके बाद अब और भी तीन और विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। अब कानपुर के बिल्हौर से BJP विधायक भगवती प्रसाद सागर और शाहजहांपुर की तिलहर से विधायक रोशन लाल वर्मा और बांदा के तिंदवारी से विधायक ब्रजेश प्रजापति ने भी बीजेपी को छोड़ दिया और अब उनके अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से जुड़ने की अटकलें लगाई जा रही है।
यहीं नहीं माना तो ये भी जा रहा है कि बीजेपी के ये झटके अभी खत्म नहीं हुई। बताया जा रहा है कि कई और विधायक भी पार्टी छोड़कर जाने की चर्चाएं हैं।
हालांकि बीजेपी की तरफ से पार्टी छोड़कर जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने की कोशिशें भी शुरू हो गई। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें अपना फैसला बदलने को कहा है। केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा- 'आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है, मैं नहीं जानता हूं। उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।'
गौरतलब है कि जिस तरह बड़े नेताओं ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन छोड़ा, उससे पार्टी को बड़ा शॉक लगा होगा। देखने वाली बात तो ये होगी कि पार्टी इसका डैमेज कंट्रोल कैसे कर पाती है?
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