नए अवतार, फिल्म और जेल के लिए प्रसिद्ध बाबा कर रहे ऑनलाइन सत्संग
हमारे देश में प्राचीन काल से ही ऋषि, मुनि और बाबाओं की बहुत इज्जत है, पर इस नए युग में बाबाओं का नया चेहरा देखना को मिलता है। आपको याद होंगे गुरमीत राम रहीम जो नए अवतार, फिल्म और जेल के लिए कुछ समय पहले बहुत प्रसिद्ध हुए थे। वो रपे और मर्डर के गुनाह में दोषी पाए गए थे। अब रेप और मर्डर के दोषी गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) परोल पर जेल से बाहर आकर ‘सत्संग’ कर रहा है।
बीते मंगलवार 18 अक्टूबर को राम रहीम ने उत्तर प्रदेश के बागपत से एक ‘वर्चुअल सत्संग’ यानि की ऑनलाइन सत्संग किया, जिसमें हरियाणा के करनाल की मेयर रेनू बाला गुप्ता और भारतीय जनता पार्टी के दूसरे नेता भी उपस्थित थे। इस दौरान डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम ने पंचायत चुनाव को लेकर उम्मीदवारों से कहा, ‘पूरा-पूरा आशीर्वाद आपके साथ है।’
रेप और हत्या के दोषी राम रहीम के सत्संग में हाजिरी लगा रहे भाजपा नेता, करनाल की मेयर रेनू बाला फोन पर बोलती हैं कि पिता जी आपका आशीर्वाद बना रहे।
परोल के बाद बाबा चला रहा सत्संग
नाम में राम और जेब में छुरी रखने वाले बाबा पर अपने महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार और दो हत्या मामले में हरियाणा सरकार के मेहरबान होने का आरोप लग रहा है। यह आरोप कोई गलत भी नहीं है, जहां कोई निर्दोष परोल के इंतजार में अपनी पूरी जिंदगी जेल में काट देता है वहीं राम रहीम जैसे अपराधी को परोल ऐसे मिलता है जैसे कोई पुरस्कार। कानून का हवाला देकर रेप जैसे मामले में दोषी और सजा काट रहे कैदी को लगातार परोल मिलने पर अब सवालों की लड़ी तेज़ हो चुकी है। इस सवाल के पीछे की वजह भी अब साफ दिख रही है। जेल से बाहर आते ही राम रहीम लगातार ऑनलाइन सत्संग चला रहा है और इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं है। बात यही ख़त्म नहीं होती सत्संग में पंचायत चुनाव के उम्मीदवार और भाजपा नेता भी हिस्सा ले रहे हैं और राम रहीम के आगे सर झुका कर आशीर्वाद मांग रहे हैं।
बाबा को मिला 40 दिनों का परोल
साल 2017 में राम रही को दोषी ठहराया गया था। राम रहीम जैसे अपराधी को उसके परिवार के आवेदन पर अदालत ने उसे 40 दिनों का परोल दिया है। राम रहीम का यह कोई पहला परोल नहीं है। इससे पहले जून महीने में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को एक महीने का परोल मिला था, इससे पहले फरवरी महीने में उसे तीन हफ्ते का फरलो दिया गया था। अगर आपको फरलो नहीं पता तो ये लंबी अवधि के कारावास के मामलों में दी जाती है। फरलो को एक तरीके का छूट्टी समझ लें। राम रहीम के परोल के समय पर अगर ध्यान दिया जाये तो ये ऐसा समय है जब हरियाणा में पंचायत चुनाव है और इसी चुनाव के कारण बड़े-बड़े नेता भी बाबा के सामने अपना मत्था टेक रहे हैं।
खट्टर: परोल दोषी के लिए क़ानूनी अधिकार
दूसरी तरफ करनाल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की विधानसभा सीट भी है। मुख्यमंत्री ने राम रहीम को परोल को ‘रूटीन प्रक्रिया’ बताया और ‘एक दोषी के लिए कानूनी अधिकार का हवाला दिया। कुछ इसी तरह की बातें हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह ने भी की है।
भाजपा पर राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप
राम रहीम को दो महिला शिष्या का बलात्कार करने, एक पत्रकार की हत्या करने और एक पूर्व मैनेजर की हत्या की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। उसे 15 अक्टूबर को परोल पर छोड़ा गया जिसके बाद वो अपने बागपत आश्रम गया था। बाबा ने वहीं से अपने भक्तों के लिए एक विडियो मैसेज जारी किया था। इधर विपक्ष ने भाजपा को घेरते हुए ये आरोप लगाया है कि भाजपा पंचायत चुनाव में गुरमीत राम रहीम को परोल देकर राजनीतिक फायदा उठाना चाह रही है।