Annamalai News Latest: तमिलनाडु की राजनीति में अचानक उथल-पुथल मच गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ऐसा अनोखा फैसला लिया है, जिसने न केवल आम जनता बल्कि राजनीतिक गलियारों को भी हैरान कर दिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि जब तक डीएमके सरकार को सत्ता से बाहर नहीं किया जाएगा, वह जूते नहीं पहनेंगे।
अन्नामलाई का अनोखा विरोध- Annamalai News Latest
कोयंबटूर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान के. अन्नामलाई ने अपने पैरों से जूते उतारे और मीडिया के सामने हाथों में लेकर कहा कि अब वह तब तक जूते नहीं पहनेंगे, जब तक डीएमके और मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन की सरकार को सत्ता से बेदखल नहीं कर देते। इसके साथ ही उन्होंने डीएमके सरकार पर भ्रष्टाचार और जनता से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
#WATCH | During a press conference, Tamil Nadu BJP President K Annamalai removed his shoe and said, “From tomorrow onwards until the DMK is removed from power, I will not wear any footwear…”
Tomorrow, K Annamalai will protest against how the government handled the Anna… https://t.co/Jir02WFrOx pic.twitter.com/aayn33R6LG
— ANI (@ANI) December 26, 2024
अन्ना यूनिवर्सिटी की घटना ने बढ़ाया विवाद
चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में एक एफिलिएटेड इंजीनियरिंग संस्थान की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न हुआ। रात करीब 8 बजे छात्रा अपने एक पुरुष मित्र से बात कर रही थी, तभी यह घटना हुई। इस मामले में फुटपाथ पर बिरयानी बेचने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हर जगह इस घटना की निंदा की जा रही है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और सत्तारूढ़ डीएमके लगातार विपक्षी समूहों के निशाने पर हैं। तमिलनाडु में भाजपा के अध्यक्ष अन्नामलाई ने अब खुलकर स्टालिन शासन का विरोध किया है।
जूता त्याग से कोड़े तक का ऐलान
अन्नामलाई ने केवल जूता त्याग का ही ऐलान नहीं किया, बल्कि उन्होंने शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024 को अपने घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने और खुद को छह कोड़े मारने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा, “मैं तब तक चप्पल नहीं पहनूंगा, जब तक डीएमके को सत्ता से बाहर नहीं कर देता।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि शुक्रवार से वह 48 दिनों के लिए आमरण अनशन पर बैठेंगे और छह भुजाओं वाले मुरुगन का आह्वान करेंगे।
बीजेपी के आक्रामक रुख के संकेत
अन्नामलाई के इस निर्णय से तमिलनाडु में राजनीतिक माहौल और गर्माने की संभावना है। डीएमके और एआईएडीएमके के बीच सत्ता का चक्र वर्षों से चलता आ रहा है, लेकिन बीजेपी लगातार राज्य में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। अन्नामलाई का यह कदम पार्टी के लिए एक आक्रामक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
डीएमके सरकार पर विपक्ष के आरोप
डीएमके सरकार और मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन को विपक्ष लगातार निशाने पर ले रहा है। अन्ना यूनिवर्सिटी की घटना ने राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना को लेकर डीएमके पर राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है, और अन्नामलाई का विरोध प्रदर्शन इस दबाव को और बढ़ा सकता है।
क्या होगा आगे?
अन्नामलाई के इस अनोखे विरोध प्रदर्शन और जूता त्याग के निर्णय ने तमिलनाडु की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है। उनके इस कदम से बीजेपी को राज्य में समर्थन हासिल करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि डीएमके सरकार इस चुनौती का सामना कैसे करती है।
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