महाराष्ट्र में एक अलग ही तरह की राजनीति देखने को मिल रही है। एक तरफ तो महाराष्ट्र की सत्ता में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार सत्ता में हैं, जिसे शिवसेना चला रही है और कांग्रेस के साथ NCP भी उसे लगातार समर्थन दे रही है। कभी शिवसेना के साथ सालों साथ रहने वाली बीजेपी इस वक्त विपक्ष में हैं।
वहीं दूसरी ओर औरंगाबाद में शिवसेना और बीजेपी ही एक साथ आ गए। महाराष्ट्र की डोर को संभालने वाली शिवसेना ने विपक्षी बीजेपी से हाथ मिला लिया है वो भी इसलिए जिससे वो कांग्रेस को हरा सके।
मामला औरंगाबाद की दुग्ध उत्पादक समिति के चुनाव का है। दरअसल, इस समिति की 14 सीटों पर रविवार को चुनाव हुए, जिसमें से 6 सीटें जिस पैनल ने जीती है और उसे बीजेपी के साथ शिवसेना का भी समर्थन हासिल है। इसके बाद समिति के अध्यक्ष पद पर हरिभाऊ बागड़े की ताजपोशी तय हुई, जो बीजेपी के नेता हैं और वो महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं।
बागड़े ने खुद भी चुनाव लड़ चुके है, जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की। मीडिया रिपोर्एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को इन चुनावों में हराने के लिए बागड़े की अगुवाई वाले पैनल को शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने भी समर्थन दिया है। सत्तार राज्य सरकार में मंत्री भी हैं।
गौरतलब है कि बीजेपी और शिवसेना महाराष्ट्र में सालों तक दोस्त बनकर रहे। दोनों के गठबंधन की सरकार महाराष्ट्र में लंबे वक्त तक चली, लेकिन 2019 के चुनावों में ये गठबंधन टूट गया, जिसके बाद अब शिवेसना के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में है, तो वहीं बीजेपी विपक्ष में है। ऐसे में बीजेपी शिवसेना का कांग्रेस को हराने के लिए साथ आना अजब गजब मामला है।