उत्तर प्रदेश में चुनावों (Uttar Pradesh Elections) को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज की हुई हैं। इस वक्त तमाम पार्टियां टिकट बंटवारे में जुटी हैं। बीजेपी (BJP in Uttar Pradesh Election) हो या फिर कांग्रेस (Congress) या बसपा (BSP), इन सभी पार्टियों के लिए चुनावों के लिए इन सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। लेकिन यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) इस बार सार्वजनिक तौर पर नामों की घोषणा करने से बचती नजर आ रही हैं।
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने नया फॉर्मूला तय किया है, जिसके तहत अब सपा सूची सार्वजनिक नहीं कर रही है। इसकी जगह पर पार्टी की तरफ से सीधे उम्मीदवारों को सिंबल और अनुमति संबंधी प्रपत्र दिया जा रहा है।
बता दें कि अब तक सपा और उसके सहयोगी RLD ने कुल 36 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया, जिसमें 10 समाजवादी पार्टी के भी नाम शामिल रहे। अलीगढ़ और मथुरा की मांठ सीट को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिससे बचने के लिए अब सपा ने ये फैसला लिया है कि वो उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने के लिए सार्वजनिक सूची जारी नहीं करेगी। इसकी जगह वो सीधा उम्मीदवारों को फार्म ए और बी (सिंबल और अनुमति पत्र) दे रही है।
सोशल मीडिया पर रविवार को उम्मीदवारों के सिंबल पाने संबंधित पत्र वायरल हुए थे। मेरठ के हस्तिनापुर से योगेश वर्मा और सरधना का सिंबल संबंधी पत्र वायरल हुआ था, जबकि इनके नामों का पार्टी की तरफ से कोई सूची जारी नहीं की गई थी। जिससे साफ हुआ कि पार्टी अब टिकट बंटवारे का काम इस नए फॉर्मूले के तहत कर रही है। इसी तरह कुछ अन्य उम्मीदवारों ने भी खुद के सिंबल मिलने की बात कही है।
दरअसल, इस बार विधानसभा चुनाव में सपा की हालत एक अनार और सौ बीमार वाली हो गई है। सपा की टिकट के लिए एक-एक सीट पर कई बड़े नेता दावेदारी ठोंक रहे हैं। ऐसे में नए और पुराने दोनों नेताओं में बनाना पड़ रहा है। सपा का ये कदम उठाने का एक मकसद ये भी हो सकता है कि वो नहीं चाहती टिकटों पर किसी तरह का जातीय विश्वलेषण हो। वैसे समाजवादी पार्टी की ये रणनीति कितनी कामयाब होती है, ये देखने वाली बात होगी।