उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत अपने चरम पर पहुंची हुई है। सभी पार्टियां एक दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। इस बीच एक बयान ने राज्य की योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। दरअसल, हाल ही में योगी सरकार की तरफ से दिए गए एक बयान में ये दावा किया गया कि यूपी में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत दर्ज नहीं हुई। इसके बाद से ही तमाम पार्टियां योगी सरकार पर हमलावर है और इस दावे पर सवाल खड़ी करती नजर आ रही है।
शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बयान को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने पर यूपी सरकार के दावे पर अखिलेश यादव ने कहा कि इससे बड़ा कोई और झूठ हो नहीं सकता। लोग ऑक्सीजन की कमी से भागते रहे। जिन्होंने कोरोना में अपने को गंवाया, वो बताएंगे। अस्पताल से श्मशान तक लाइनें लगी रही। बावजूद इसके सरकार ऐसा कह रही है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कांग्रेस MLC ने एक सवाल पूछा था, जिसका राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने लिखित जवाब दिया। इस जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत होने की सूचना नहीं है। उनके इसी दावे को लेकर विवाद हो रहा है। सिर्फ राजनीतिक पार्टियां ही नहीं आम लोग भी सोशल मीडिया पर इस दावे को लेकर योगी सरकार को जमकर घेर रही हैं। वो सरकार के दावों की पोल हुए कुछ तस्वीरें भी शेयर कर रहे है और साथ ही साथ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से माफी मांगने को कह रहे है।
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में किस तरह के हालात थे, इससे तो हर कोई वाकिफ है। यूपी भी इन हालातों से अछूता नहीं रहा था। राज्य से कई झकझोंर देने वाले मामले सामने आए थे। इसके बाद अब सरकार अगर ये बोलेगी कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत दर्ज नहीं हुई, तो उस पर सवाल तो उठना लाजमी है।