देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और इन चुनाव से पहले जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी में एक बड़ा बदलाव हुआ है. दरअसल, जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए खुद नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव आगे रखा और अब नीतीश कुमार पार्टी के नए अध्यक्ष होंगे.
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नीतीश ने रची बड़ी साजिश
ललन सिंह के पार्टी के अध्यक्ष पद से हटने या हटाने के पीछे नीतीश की एक बड़ी साजिश है. दरअसल, जो भी जेडीयू पार्टी का अध्यक्ष बना उसे नीतीश कुमार ने अपने रास्ते से हटा दिया और ऐसा उन्होंने इसलिए ताकि प्रदेश में उनका दबदबा बना रहे. नीतीश ने सभी को साइड लाइन कर दिया और ललन सिंह पहले ऐसे नेता नही है जिन्हें नीतीश ने बाहर का रास्ता दिखाया है. इससे पहले प्रशांत किशोर आये फिर आरसीपी सिंह उसके बाद उपेंद्र कुशवाहा और उनके बाद ललन सिंह जिन्हें सीएम नीतीश कुमार ने अपने रास्ते से हटा दिया. वहीं ललन सिंह को बाहर का रास्ता दिखाने के पीछे एक बड़ी वजह है.
ललन सिंह लालू यादव के बहुत ही करीबी रहे हैं और जब लालू यादव की पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जेडीयू (JDU) ने मिलकर सरकार बनाई तब नीतीश सीएम और तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बने. वहीं चीजें कुछ इस तरह की भी थी नीतीश तेजस्वी को बिहार की कमान देकर जाएंगे और नीतीश केंद्र की राजनीति तक तरफ अपना रुख करेंगे लेकिन जब इंडिया गठबंधन की बैठक हुई तब सीएम कौन होगा इसका प्रस्ताव रखा गया. वहीं इस बैठक में लालू यादव की तरफ से सीएम के नाम के लिए नीतीश का नाम सामने नही आया और ऐसा लगा कि सीएम की रेस में नीतीश नहीं है वहीँ ये बात नीतीश को खल गयी.
नीतीश ने ही देश के सभी पार्टी को जोड़ा था और एक मंच पर लाये लेकिन इसके बावजूद उनका नाम सीएम की रेस में नही था. वहीं कहा जा रहा है कि नीतीश केंद्र की राजनीति की तरफ रुख करेंगे तो बीजेपी के साथ जुड़ जाए और उन्हें फायदा ये होगा की वो केंद्रीय मंत्री सांसद बन जाए या किसी राज्य का राज्यपाल बन जाए.
बीजेपी के साथ जुड़ सकते हैं नीतीश कुमार
वहीँ अगर वो बिहार में रहते थे तो यहाँ उनका दबदबा कम हो गया है क्योंकि उनका वोट बैंक अब खिसक चुका है और इस प्रक्रियाको देखते हुए कहा कि नीतीश फिर से बीजेपी के साथ जुड़ सकते हैं और पार्टी की सभी पॉवर उनके हाथ रहे इसके लिए उन्होंने ललन सिंह को अध्यक्ष पद हाटवा दिया.