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Actor Ashutosh Rana met Premanand Maharaj: अभिनेता आशुतोष राणा और प्रेमानंद महाराज जी...

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Actor Ashutosh Rana met Premanand Maharaj: बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष राणा और प्रेमानंद महाराज जी के बीच एक विशेष वार्ता हुई, जिसमें भक्ति, श्रद्धा, आध्यात्मिकता और जीवन के मूल्यों पर गहन चर्चा हुई। इस बातचीत में आशुतोष राणा ने अपने गुरुदेव के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट की और अपनी धार्मिक आस्था के बारे में विस्तार से बताया।

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गुरुदेव के प्रति श्रद्धा- Actor Ashutosh Rana met Premanand Maharaj

आशुतोष राणा ने वार्ता की शुरुआत में अपने गुरुदेव भगवान दद्दा जी देव प्रभाकर शास्त्री के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि वे 36 वर्षों तक अपने गुरुदेव के सानिध्य में रहे और उनके मार्गदर्शन में आध्यात्मिकता को अपनाया। उन्होंने यह भी बताया कि 2020 में जब सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण और महारुद्र यज्ञ का आयोजन किया गया था, तब वे इसमें सम्मिलित हुए थे।

 

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परिवार की आध्यात्मिक आस्था

वार्ता के दौरान आशुतोष राणा ने बताया कि उनकी धर्मपत्नी भी अभिनेत्री हैं और वे भी पूज्य महाराज जी को सुनती हैं। उनके छोटे पुत्र ने भी महाराज जी को प्रणाम कर उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। राणा ने बताया कि उनके परिवार में आध्यात्मिकता का विशेष स्थान है और वे इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।

स्वास्थ्य और अध्यात्म पर चर्चा

बातचीत के दौरान महाराज जी ने बताया कि शरीर की अस्वस्थता से अधिक महत्वपूर्ण मन की शुद्धता है। उन्होंने कहा कि यदि मन स्वस्थ है तो शरीर की अस्वस्थता कोई बड़ा मुद्दा नहीं बनती। उन्होंने अपने डायलिसिस के अनुभव साझा करते हुए बताया कि आध्यात्मिकता के बल पर वे इसे सहजता से स्वीकार कर रहे हैं।

भक्ति मार्ग की कठिनाइयाँ

आशुतोष राणा ने स्वीकार किया कि भौतिक जीवन में प्रतिष्ठा, धन और भोग-विलास के कारण भक्ति मार्ग पर चलना कठिन हो जाता है। उन्होंने कहा कि संसारिक बंधनों के कारण व्यक्ति भक्ति के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ पाता। इस पर महाराज जी ने सहमति जताते हुए कहा कि लोक प्रतिष्ठा और सम्मान की चाहत व्यक्ति को भक्ति से दूर कर देती है, लेकिन गुरु कृपा से ही इसे पार किया जा सकता है।

शिवरात्रि और शिव तांडव पर विशेष चर्चा

वार्ता के दौरान शिवरात्रि का विशेष महत्व भी चर्चा का विषय बना। राणा ने बताया कि वे शिव तांडव स्तोत्र का विशेष रूप से पाठ करते हैं और इसे सुनने से उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि इस स्तोत्र को सरल भाषा में प्रस्तुत करने के लिए उन्होंने देश के प्रसिद्ध साहित्यकारों के साथ काम किया।

गुरुदेव का आशीर्वाद

महाराज जी ने राणा और उनके परिवार को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आध्यात्मिक मार्ग पर चलने से व्यक्ति को शांति और संतुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि नर्मदा के किनारे स्थित गाडरवारा में उन्हें विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हुआ है। उन्होंने आशुतोष राणा को चंदन और कन्नौज का इत्र भेंट किया, जो धार्मिक सेवा के लिए उपयोग किया जाता है।

इस वार्ता से यह स्पष्ट हुआ कि आशुतोष राणा न केवल एक बेहतरीन अभिनेता हैं, बल्कि आध्यात्मिकता में भी गहरी आस्था रखते हैं। पूज्य महाराज जी के सानिध्य में उन्होंने भक्ति और साधना का महत्व समझा और इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाया।

यह वार्ता सभी भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणादायक संदेश के रूप में उभर कर आई, जिसमें बताया गया कि कैसे गुरु कृपा से व्यक्ति आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ सकता है और जीवन के वास्तविक अर्थ को समझ सकता है।

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Sam Pitroda Land Controversy: बेंगलुरु सरकारी जमीन विवाद, बीजेपी नेता ने लगाए गंभीर आ...

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Sam Pitroda Land Controversy: बीजेपी के वरिष्ठ नेता एन आर रमेश ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा पर बेंगलुरु में 12.35 एकड़ की सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। इस आरोप के बाद अब सैम पित्रोदा ने प्रतिक्रिया दी है और खुद को निर्दोष बताया है।

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पित्रोदा का बयान– Sam Pitroda Land Controversy

सैम पित्रोदा ने सोशल मीडिया पर अपने स्पष्टीकरण में कहा कि उनके पास भारत में न तो कोई जमीन है, न ही घर और न ही उन्होंने यहां किसी भी प्रकार के शेयर खरीदे हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है।

बीजेपी नेता का आरोप

बीजेपी नेता एन आर रमेश ने दावा किया है कि सैम पित्रोदा ने पांच सरकारी अधिकारियों की मदद से अवैध रूप से यह सरकारी जमीन कब्जाई, जिसकी कीमत करीब 150 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस मामले को लेकर उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और कर्नाटक लोकायुक्त को शिकायत भी दर्ज कराई है।

पित्रोदा का जवाब

पित्रोदा ने अपने बयान में यह भी कहा कि उन्होंने 1980 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में सरकार के साथ काम किया, लेकिन उन्होंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अपने पूरे 83 वर्षों के जीवन में उन्होंने न तो रिश्वत ली और न ही किसी को रिश्वत दी।

विवाद का पूरा मामला

बीजेपी नेता रमेश के अनुसार, पित्रोदा ने 23 अक्तूबर 1993 को ‘फाउंडेशन फॉर रिवाइटैलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशंस’ नामक एक संस्था को मुंबई में रजिस्टर्ड कराया था। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक वन विभाग से मेडिसिनल हर्बल प्लांट्स और रिसर्च के लिए वन क्षेत्र की जमीन लीज पर देने की मांग की।

1996 में कर्नाटक वन विभाग ने इस संस्था को पांच साल के लिए पांच हेक्टेयर जमीन लीज पर दी थी, जिसे 2001 में बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया। हालांकि, 2 दिसंबर 2011 को लीज की अवधि समाप्त होने के बाद इसे नवीनीकृत नहीं किया गया। बीजेपी नेता का दावा है कि इस जमीन को सरकारी संपत्ति में वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए थी, लेकिन बीते 14 वर्षों में ऐसा नहीं किया गया।

बीजेपी की मांग

बीजेपी नेता रमेश ने ईडी से आग्रह किया है कि इस मामले में शामिल सभी अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला भ्रष्टाचार और सरकारी जमीन के दुरुपयोग से जुड़ा है, इसलिए इसकी गहन जांच की जानी चाहिए।

यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील बन चुका है, जिसमें कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। बीजेपी इस मुद्दे को तूल दे रही है, जबकि सैम पित्रोदा इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बता रहे हैं।

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Kolkata Vishwakarma Puja holiday controversy: कोलकाता नगर निगम का छुट्टी आदेश विवाद, ...

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Kolkata Vishwakarma Puja holiday controversy: कोलकाता नगर निगम (KMC) ने हाल ही में एक आदेश जारी किया, जिसमें हिंदी मीडियम स्कूलों के लिए विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी रद्द कर दी गई और ईद-उल-फितर की छुट्टी को एक दिन से बढ़ाकर दो दिन कर दिया गया। इस निर्णय को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद नगर निगम को आदेश वापस लेना पड़ा।

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विवाद की शुरुआत (Kolkata Vishwakarma Puja holiday controversy)

नगर निगम के इस फैसले से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल गर्मा गया। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे राज्य में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार द्वारा ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का एक उदाहरण बताया। विवाद इतना बढ़ गया कि कोलकाता नगर निगम को न केवल आदेश वापस लेना पड़ा, बल्कि इसे जारी करने वाले अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। निगम के अनुसार, यह एक ‘टाइपिंग मिस्टेक’ थी, लेकिन भाजपा ने इसे सुनियोजित साजिश करार दिया।

Kolkata Vishwakarma Puja holiday controversy
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आदेश जारी करने की प्रक्रिया और संशोधन

25 फरवरी 2025 को जारी इस आदेश पर कोलकाता नगर निगम के शिक्षा विभाग के मुख्य प्रबंधक के हस्ताक्षर थे। इस आदेश के अनुसार, 17 सितंबर 2025 को होने वाली विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को रद्द कर दिया गया था और उसकी जगह 31 मार्च 2025 और 1 अप्रैल 2025 को ईद-उल-फितर के लिए दो दिन की छुट्टी घोषित की गई थी।

विरोध के बाद नगर निगम ने यह स्पष्ट किया कि यह आदेश सक्षम प्राधिकारी की सहमति के बिना जारी किया गया था, इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया। अब नगर निगम ने घोषणा की है कि जल्द ही छुट्टियों की संशोधित सूची जारी की जाएगी।

विपक्ष का विरोध

बीजेपी ने इस आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पार्टी के महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा, “यह विश्वास करना कठिन है कि नगर निगम के अधिकारी विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को रद्द करने और ईद-उल-फितर की छुट्टी बढ़ाने के निर्णय से अनजान थे।” उन्होंने इस आदेश को तृणमूल कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति का हिस्सा बताया।

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी और कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि इस आदेश के पीछे उन्हीं का हाथ है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा पूजा विशेष रूप से ओबीसी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और इसे रद्द करना तुष्टिकरण की राजनीति का प्रमाण है।

Kolkata Vishwakarma Puja holiday controversy
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कोलकाता नगर निगम की सफाई

विवाद बढ़ने के बाद, कोलकाता नगर निगम ने सफाई देते हुए कहा कि यह निर्णय एक टाइपिंग मिस्टेक थी और इसे जल्दबाजी में जारी किया गया था। नगर निगम ने यह भी कहा कि अब छुट्टियों की नई सूची तैयार की जाएगी, जो राज्य सरकार के मौजूदा मानदंडों के अनुसार होगी।

महाकुंभ पर विवाद से बढ़ी सियासी गर्मी

इससे पहले भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विवादों में रही हैं, जब उन्होंने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ कह दिया था। 18 फरवरी 2025 को विधानसभा में उन्होंने यह आरोप लगाया था कि आयोजन में वीआईपी लोगों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि आम श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। उनके इस बयान को लेकर हिंदू संगठनों और भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

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Amitabh Bachchan Duplicate with premanand maharaj: प्रेमानंद महाराज और अमिताभ बच्चन क...

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Amitabh Bachchan Duplicate with premanand maharaj: प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उनकी सादगी और धर्म प्रचार के कारण वे देश-विदेश में लोकप्रिय हैं। आए दिन कई नामी हस्तियां उनके दर्शन के लिए पहुंचती हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के डुप्लिकेट प्रेमानंद महाराज से मुलाकात करते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो गया है और इस पर दिलचस्प प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।

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जब ‘नकली अमिताभ बच्चन’ ने प्रेमानंद महाराज से की मुलाकात- Amitabh Bachchan Duplicate with premanand maharaj

वायरल वीडियो में नजर आने वाले शख्स का नाम शशिकांत पेडवाल है। वे न केवल दिखने में अमिताभ बच्चन जैसे लगते हैं, बल्कि उनकी आवाज भी काफी हद तक महानायक की तरह है। वीडियो में शशिकांत प्रेमानंद महाराज से चर्चा करते नजर आ रहे हैं, जहां वे अपने सामाजिक कार्यों के बारे में बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे बीमार लोगों की मदद के लिए काम करते हैं और उन्हें जल्दी स्वस्थ होने के लिए प्रेरित करते हैं।

शशिकांत पेडवाल ने बताया, “कोविड के दौरान मैंने अमिताभ बच्चन की आवाज में मरीजों से बात की और उन्हें हिम्मत दी। इससे उन्हें खुशी मिली और उनका आत्मविश्वास बढ़ा। प्रशासन ने भी मेरे इस प्रयास की सराहना की और मुझे इसे जारी रखने के लिए कहा। अब मैं कैंसर मरीजों से भी मिलता हूं और उन्हें प्रेरित करता हूं।”

प्रेमानंद महाराज का संदेश

जब शशिकांत पेडवाल ने प्रेमानंद महाराज से अपने लिए आदेश मांगा, तो महाराज ने उन्हें सुझाव दिया कि वे लोगों से भगवान का नाम जाप करवाएं। उन्होंने कहा, “ईश्वर का नाम लेने से आत्मिक शांति मिलती है और यह किसी भी उपचार से बढ़कर होता है।” इस बातचीत को सुनकर महाराज हंस पड़े, और यह वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर छा गया।

सोशल मीडिया पर आईं मजेदार प्रतिक्रियाएं

इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर मजेदार टिप्पणियां आने लगीं। एक यूजर ने लिखा, “जब नकली अमिताभ बच्चन महाराज से मिल सकते हैं, तो असली अमिताभ को भी एक बार उनके दरबार में आना चाहिए।” वहीं, एक अन्य यूजर ने शशिकांत की तारीफ करते हुए कहा, “अगर ये अपनी असली पहचान न बताएं, तो लोग इन्हें ही अमिताभ समझ बैठेंगे।”

प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता

प्रेमानंद महाराज अपनी धार्मिक शिक्षाओं और सरल जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। देश-विदेश से उनके भक्त उनके प्रवचनों को सुनने के लिए आते हैं। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा जैसी हस्तियां भी उनसे कई बार मिल चुकी हैं। उनके दरबार में पहुंचने वाले लोगों को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।

प्रेमानंद महाराज और नकली अमिताभ बच्चन का यह वीडियो न सिर्फ मनोरंजन का स्रोत बना, बल्कि लोगों को प्रेरित भी कर रहा है। शशिकांत पेडवाल द्वारा समाज सेवा के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना हो रही है।

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BJP National President Election Candidate: बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की...

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BJP National President Election Candidate: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस बार दक्षिण भारत के किसी नेता को अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा को दक्षिण के राज्यों में बढ़ा समर्थन मिला है, जिसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, बंडी संजय कुमार, शिवराज सिंह चौहान, देवेंद्र फडणवीस और प्रल्हाद जोशी में से किसी एक को यह पद सौंपा जा सकता है।

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दक्षिण भारत से अध्यक्ष बनने की संभावना क्यों? (BJP National President Election Candidate)

बीते 20 वर्षों में भाजपा का नेतृत्व उत्तर भारत के नेताओं ने संभाला है, जबकि 2000 से 2004 तक पार्टी अध्यक्ष के रूप में बंगारू लक्ष्मण (तेलंगाना), जना कृष्णामूर्ति (तमिलनाडु) और वेंकैया नायडू (आंध्र प्रदेश) जैसे दक्षिण भारतीय नेता रहे। इस बार भी भाजपा अपनी बढ़ती पकड़ को देखते हुए दक्षिण के किसी नेता को यह जिम्मेदारी दे सकती है। आइये अब बात करते हैं भाजपा अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवारों की।

BJP National President Election Candidate
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जी. किशन रेड्डी (केंद्रीय कोयला मंत्री)

वर्तमान में तेलंगाना भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। 2002 में भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। तीन बार विधायक और आंध्र प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं।

बंडी संजय कुमार (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री)

हिंदुत्व और ओबीसी वर्ग में मजबूत पकड़। तेलंगाना की करीमनगर सीट से लगातार सांसद हैं। राष्ट्रीय महासचिव के रूप में भी कार्यरत। संघ पृष्ठभूमि के बंडी कुमार छात्र राजनीति से उभरकर आए हैं।

BJP National President Election Candidate
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प्रल्हाद जोशी (केंद्रीय उपभोक्ता मामलात मंत्री)               

संसदीय कार्य मंत्री के रूप में सफल फ्लोर मैनेजर। कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। धारवाड़ लोकसभा सीट से लगातार पांचवीं बार सांसद बने।

शिवराज सिंह चौहान भी दौड़ में शामिल?

पूर्व मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। वे छह बार विधानसभा और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। ‘लाडली बहना योजना’ जैसी लोकलुभावन नीतियों ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बना दिया है। मध्य प्रदेश के कृषि विकास में उनकी भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

फडणवीस बन सकते हैं नया चेहरा?

सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं।

होली के बाद मिल सकता है नया अध्यक्ष

भाजपा के संगठन चुनाव प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय परिषद के 50% से अधिक सदस्य चुने जाने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संभव होता है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में मार्च के पहले सप्ताह तक संगठन चुनाव पूरे हो सकते हैं। अनुमान है कि होली के बाद पार्टी को नया अध्यक्ष मिल सकता है।

दक्षिणी राज्यों में भाजपा का बढ़ता प्रभाव (लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत)

राज्य 2014 2019 2024
केरल 10.33% 12.93% 16.67%
आंध्र प्रदेश 7.18% 0.98% 13.07%
कर्नाटक 43.37% 51.38% 46.05%
तमिलनाडु 5.56% 3.66% 10.72%
तेलंगाना 10.37% 19.45% 35.06%

 

अब तक भाजपा के 11 राष्ट्रीय अध्यक्ष

  1. अटल बिहारी वाजपेयी (1980-86)
  2. लाल कृष्ण आडवाणी (1986-90, 1993-98, 2004-05)
  3. डॉ. मुरली मनोहर जोशी (1991-93)
  4. कुशाभाऊ ठाकरे (1998-2000)
  5. बंगारू लक्ष्मण (2000-01)
  6. जना कृष्णामूर्ति (2001-02)
  7. वेंकैया नायडू (2002-04)
  8. राजनाथ सिंह (2005-09, 2013-14)
  9. नितिन गडकरी (2010-13)
  10. अमित शाह (2014-20)
  11. जेपी नड्डा (2020-2024)

भाजपा के नए अध्यक्ष के रूप में दक्षिण भारत से किसी नेता के चुने जाने की संभावना प्रबल है। पार्टी इस चुनाव के जरिये न केवल अपने संगठन को मजबूत करेगी बल्कि 2029 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय संतुलन भी साधेगी।

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Ducati DesertX Discovery Launch: डुकाटी इंडिया ने लॉन्च किया डेजर्टएक्स डिस्कवरी वर्ज...

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Ducati DesertX Discovery Launch: प्रीमियम मोटरसाइकिल ब्रांड डुकाटी इंडिया ने अपनी एडवेंचर बाइक डेजर्टएक्स का नया डिस्कवरी वर्जन भारत में लॉन्च कर दिया है। यह स्टैंडर्ड मॉडल का अपडेटेड वर्जन है, जिसे स्टैंडर्ड और रैली वेरिएंट के बीच रखा गया है। इस एडवेंचर बाइक को पहले से ज्यादा सुरक्षित और एडवांस्ड बनाया गया है। नई बाइक में सेफ्टी के लिए ट्रैक्शन कंट्रोल, कॉर्नरिंग ABS और इंजन ब्रेक कंट्रोल जैसे फीचर्स दिए गए हैं।

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शक्तिशाली इंजन और कीमतDucati DesertX Discovery Launch

डुकाटी डेजर्टएक्स डिस्कवरी में 937cc लिक्विड-कूल्ड टेस्टास्ट्रेटा V-ट्विन इंजन दिया गया है, जो 9250rpm पर 110hp की पावर और 6500rpm पर 92Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन की तुलना मारुति सुजुकी ऑल्टो और रेनो क्विड के इंजन से भी अधिक शक्तिशाली है।

Ducati DesertX Discovery Launch
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डुकाटी डेजर्टएक्स डिस्कवरी की एक्स-शोरूम कीमत 21.78 लाख रुपये रखी गई है। यह स्टैंडर्ड मॉडल से 3.45 लाख रुपये महंगी और टॉप रैली वेरिएंट से 1.92 लाख रुपये सस्ती है। इस बाइक का मुकाबला ट्रायम्फ टाइगर 900, BMW F 900 GS और KTM 890 एडवेंचर R से है।

डुकाटी डेजर्टएक्स की कीमतें (वेरिएंट वाइज)

वेरिएंट कीमत (रुपए)
स्टैंडर्ड ₹18,33,200
डिस्कवरी (नया) ₹21,78,200
रैली ₹23,70,800

डिजाइन और नई खूबियां

नई डेजर्टएक्स डिस्कवरी, स्टैंडर्ड मॉडल के समान डिजाइन में आती है। इसमें रेड, व्हाइट और ब्लैक कलर कॉम्बिनेशन दिया गया है। बाइक में लंबी टूरिंग विंडस्क्रीन दी गई है, जो सवार को हवा के झोंकों से बचाती है।

बाइक में अतिरिक्त फीचर्स के रूप में हीटेड ग्रिप्स, बड़ी टूरिंग विंडस्क्रीन, एल्यूमीनियम पैनियर्स और सेंटर स्टैंड दिया गया है। इसके अलावा इंजन और बॉडीवर्क की सुरक्षा के लिए बुल बार, रेडिएटर ग्रिल, इंजन गार्ड और बैश प्लेट की सुविधा दी गई है।

टेक्नोलॉजी और फीचर्स

डेजर्टएक्स डिस्कवरी एडवेंचर बाइक 5 साल के टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन सब्सक्रिप्शन के साथ आती है, जिसे डुकाटी लिंक स्मार्टफोन एप्लीकेशन के जरिए रिन्यू कराया जा सकता है।

Ducati DesertX Discovery Launch
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बाइक में 21 लीटर का फ्यूल टैंक है और इसका वजन 210 किलोग्राम है। सीट की ऊंचाई 875mm है, जिसे एक्स्ट्रा एसेसरीज के साथ 890mm तक बढ़ाया और 845mm तक घटाया जा सकता है।

परफॉर्मेंस और सस्पेंशन

डुकाटी डेजर्टएक्स डिस्कवरी को 6-स्पीड गियरबॉक्स, स्लिप-एंड-असिस्ट क्लच और बाई-डायरेक्शनल क्विकशिफ्टर से लैस किया गया है। इसमें 5-इंच TFT इंस्ट्रूमेंट कंसोल, टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन, कॉल और SMS अलर्ट, म्यूजिक कंट्रोल और स्मार्टफोन कनेक्टिविटी के फीचर्स दिए गए हैं।

बाइक में छह राइड मोड- टूरिंग, स्पोर्ट, वेट, अर्बन, एंड्यूरो और रैली दिए गए हैं। इसमें थ्री-लेवल कॉर्नरिंग ABS, व्हीली कंट्रोल, इंजन ब्रेकिंग कंट्रोल, क्रूज कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल और सेल्फ-कैंसलिंग इंडिकेटर्स जैसे एडवांस फीचर्स मौजूद हैं।

हार्डवेयर और ब्रेकिंग सिस्टम

डेजर्टएक्स डिस्कवरी में कंफर्ट राइडिंग के लिए फ्रंट में KYB इनवर्टेड फोर्क और रियर में KYB मोनोशॉक सस्पेंशन दिया गया है, दोनों पूरी तरह एडजस्टेबल हैं।

ब्रेकिंग सिस्टम में आगे की तरफ 320mm डुअल डिस्क ब्रेक और पीछे की तरफ 265mm डिस्क ब्रेक है, जिसमें स्विचेबल डुअल-चैनल ABS स्टैंडर्ड रूप में दिया गया है। बाइक में 21-इंच के फ्रंट और 18-इंच के रियर क्रॉस-स्पोक व्हील्स दिए गए हैं, जिनमें पिरेली स्कॉर्पियन रैली STR ट्यूबलेस टायर लगे हैं।

डुकाटी डेजर्टएक्स डिस्कवरी भारतीय एडवेंचर बाइक प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह स्टैंडर्ड मॉडल की तुलना में अधिक सुविधाओं और एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ आती है। इसकी दमदार परफॉर्मेंस, हाई-टेक फीचर्स और प्रीमियम डिज़ाइन इसे अन्य एडवेंचर बाइक्स के मुकाबले एक शानदार विकल्प बनाते हैं।

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IAS Pari Bishnoi News: IAS परी बिश्नोई बनीं मां, बिश्नोई परिवार में जश्न का माहौल, 3 ...

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IAS Pari Bishnoi News: हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी परी बिश्नोई के घर खुशियों ने दस्तक दी है। 25 फरवरी 2025 को उन्होंने एक प्यारी बेटी को जन्म दिया, जिससे बिश्नोई परिवार में जश्न का माहौल है। परी बिश्नोई और उनके पति भव्य बिश्नोई के लिए यह पल बेहद खास है। यह खबर पूरे हरियाणा और राजस्थान में चर्चा का विषय बन गई है।

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राजस्थान की रहने वाली हैं IAS परी बिश्नोई- IAS Pari Bishnoi News

IAS परी बिश्नोई और भव्य बिश्नोई के घर बेटी के जन्म से पूरे परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है। परी बिश्नोई राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली हैं, जबकि उनके ससुराल का नाता हरियाणा की राजनीति से गहराई से जुड़ा है। भव्य बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के पोते हैं। उनकी शादी 22 दिसंबर 2023 को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुई थी। शादी के दो महीने बाद ही वे माता-पिता बन गए, जिससे परिवार में खुशियों का माहौल है।

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बिश्नोई परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि

बिश्नोई परिवार हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा नाम है। चौधरी भजनलाल तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और राज्य में सबसे अधिक समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड उनके नाम है। उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई सांसद रह चुके हैं, जबकि दूसरे बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। भव्य बिश्नोई भी अपने परिवार की परंपरागत सीट आदमपुर से बीजेपी के विधायक रह चुके हैं, हालांकि इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

IAS के रूप में परी बिश्नोई का सफर

आईएएस परी बिश्नोई ने अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत सिक्किम की राजधानी गंगटोक से की थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपना कैडर हरियाणा बदलवा लिया। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली परी बिश्नोई ने यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया था। अब वे एक नई भूमिका में कदम रखते हुए मातृत्व का आनंद ले रही हैं।

हरियाणा और राजस्थान से मिल रही हैं बधाइयां

परिवार के करीबी और नलवा से बीजेपी विधायक रणधीर पणिहार ने सोशल मीडिया पर इस खुशखबरी को साझा किया और परी-भव्य को बधाई दी। उनके चाहने वाले भी सोशल मीडिया पर उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं। इस खुशी को हरियाणा, राजस्थान और असम तक के लोग मना रहे हैं। बिश्नोई परिवार के इस नए सदस्य का स्वागत पूरे उत्साह के साथ किया जा रहा है।

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IAS परी बिश्नोई और उनके परिवार की पृष्ठभूमि

परी बिश्नोई का जन्म 26 फरवरी 1996 को राजस्थान के बीकानेर जिले की नोखा तहसील के गांव काकड़ा में हुआ। उनके पिता मनीराम बिश्नोई एडवोकेट हैं और माता सुशीला देवी आरपीएफ में कांस्टेबल हैं। उनकी छोटी बहन पलक बिश्नोई दिल्ली हाईकोर्ट में क्रिमिनल लॉयर के रूप में प्रैक्टिस करती हैं।

वहीं, भव्य बिश्नोई का जन्म 16 फरवरी 1993 को कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई के घर हुआ। वे हरियाणा की राजनीति में सक्रिय रहे हैं और आदमपुर सीट से विधायक रह चुके हैं। हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के चंद्रप्रकाश जांगड़ा के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

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Pune News: पुणे में महिला बस कंडक्टर का आत्मदाह का प्रयास, यौन उत्पीड़न के आरोप से मा...

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Pune News: महाराष्ट्र के पुणे में सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदान करने वाली पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (पीएमपीएमएल) की एक महिला बस कंडक्टर ने उप मुख्य प्रबंधक संजय कुसलकर के कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास किया। महिला का आरोप था कि कुसलकर ने उससे यौन संबंध बनाने की मांग की थी और इनकार करने पर उसे निलंबित कर दिया गया।

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कर्मचारियों के त्वरित हस्तक्षेप से टला हादसा- Pune News

घटना के दौरान महिला ने हताशा में कुसलकर के केबिन में जाकर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाल लिया। हालांकि, कार्यालय में मौजूद स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से समय पर उसे रोक लिया गया, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। इस घटना ने पीएमपीएमएल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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यौन उत्पीड़न के आरोप पर बढ़ा विवाद

महिला कंडक्टर ने आरोप लगाया है कि उप मुख्य प्रबंधक कुसलकर उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे और जब उसने उनकी कथित मांगों को मानने से इनकार कर दिया, तो उसे निलंबित कर दिया गया। इस गंभीर आरोप के बाद प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी कार्यालयों में आत्मदाह की बढ़ती घटनाएं

सरकारी दफ्तरों में आत्मदाह की यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते साल उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी एक किसान ने एसडीएम कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी। किसान जगबीर, जो अलीपुर मोरना गांव का निवासी था, ने दावा किया था कि वन विभाग ने उसे गलत तरीके से उसकी जमीन से हटा दिया, जिसके विरोध में उसने खुद को आग लगाने की कोशिश की।

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आगे की कार्रवाई और जांच

पुणे की इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन पर पारदर्शी जांच करने का दबाव है। महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में पुलिस और पीएमपीएमएल प्रबंधन द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

महिला कर्मचारियों के खिलाफ कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। इस तरह की घटनाएं न केवल संस्थानों की छवि को धूमिल करती हैं, बल्कि समाज में महिला सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ाती हैं। इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर उचित कार्रवाई होना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

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Tihar Jail Expose: तिहाड़ जेल में वीआईपी सुविधाओं का खुलासा, सुनील गुप्ता के सनसनीखेज...

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Tihar Jail Expose: देश की सबसे कड़ी सुरक्षा वाली जेल मानी जाने वाली तिहाड़ जेल एक बार फिर विवादों में है। पूर्व जेल अधीक्षक सुनील गुप्ता ने तिहाड़ जेल में वीआईपी कैदियों को दी जाने वाली विशेष सुविधाओं को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह खुलासा उन्होंने एक यूट्यूब शो और एएनआई से बातचीत के दौरान किया। उनके अनुसार, सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल में रहते हुए अत्यधिक सुविधाएं दी गईं, जो सामान्य कैदियों को नहीं मिलतीं।

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कैसे मिलीं विशेष सुविधाएं? (Tihar Jail Expose)

सुनील गुप्ता ने बताया कि सुब्रत रॉय को सामान्य कैदियों की तरह जेल में नहीं रखा गया, बल्कि उन्हें कोर्ट कॉम्प्लेक्स में रहने की अनुमति दी गई थी। यह विशेष सुविधा उन्हें इस आधार पर दी गई कि वे अपनी संपत्ति बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें।

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उन्होंने कहा कि सुब्रत रॉय के सेल में दिन में दो से तीन बार एयर होस्टेस आती थीं और घंटों वहीं रुकती थीं। इसके अलावा, उनके सेल से शराब की बोतलें भी बरामद की गई थीं। गुप्ता ने दावा किया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

कोर्ट का आदेश और जेल प्रशासन का रवैया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल में रखा गया था, लेकिन बाद में उन्हें कोर्ट कॉम्प्लेक्स में रहने की इजाजत दी गई। यह सुविधा इसलिए दी गई ताकि वे अपने विदेशी निवेशकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपर्क कर सकें। हालांकि, गुप्ता के अनुसार, यह विशेष सुविधा धीरे-धीरे जेल प्रशासन की अनदेखी में वीआईपी ट्रीटमेंट में बदल गई।

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गुप्ता ने बताया कि जेल में उन्हें प्राइवेट सेक्रेटरी रखने की अनुमति भी थी, लेकिन उन्होंने इसका दुरुपयोग किया। जेल के अंदर एयर होस्टेस का आना-जाना बढ़ गया, जिससे संदेह गहराने लगा। उन्होंने कहा, “जब एयर होस्टेस बार-बार आ रही हैं, तो यह स्पष्ट है कि वे किसी खास मकसद से आ रही हैं।”

मुख्यमंत्री और जेल प्रशासन की भूमिका

जब इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से की गई, तो उन्होंने कार्रवाई से इनकार कर दिया। केजरीवाल का कहना था कि जेल प्रशासन पहले से ही भ्रष्टाचार में लिप्त है और यदि इस मामले में कोई कदम उठाया गया, तो अधीक्षक ही फंस जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ डायरेक्टर जनरल के आदेश पर हो रहा था।

गुप्ता ने आगे बताया कि उन्होंने कई बार इस मामले को उठाया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके विपरीत, उन्हें ही प्रताड़ित किया गया। उनके रिटायरमेंट के हफ्ते भर पहले उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दी गई।

सुब्रत रॉय को मिली वीआईपी सुविधाएं

गुप्ता के अनुसार, सुब्रत रॉय के लिए अलग नियम बनाए गए थे।

  • उन्हें रात में जेल सेल में बंद नहीं किया जाता था, बल्कि कोर्ट कॉम्प्लेक्स में ही रहने दिया जाता था।
  • उनकी डाइट और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता था।
  • जेल प्रशासन ने उनके लिए प्राइवेट सेक्रेटरी की अनुमति दी थी।
  • उनका बाहरी लोगों से संपर्क नियमित रूप से होता था।
  • उनके सेल में शराब की बोतलें बरामद की गई थीं।

रिटायरमेंट से पहले गुप्ता पर दबाव

गुप्ता ने बताया कि जब उन्होंने इस पूरे प्रकरण की शिकायत उच्च अधिकारियों से की, तो उन्हें ही निशाना बनाया गया। उनके सेवानिवृत्त होने के सप्ताहभर पहले, उनके खिलाफ 10 साल पुराने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर 15 पन्नों की चार्जशीट जारी की गई। हालांकि, चार-पांच साल बाद उन्हें निर्दोष घोषित कर दिया गया और सरकार ने आरोप पत्र वापस ले लिया। लेकिन इस दौरान उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशान किया गया।

सुब्रत रॉय का जेल में समय और अंततः रिहाई

सुब्रत रॉय सहारा को 4 मार्च 2014 को गिरफ्तार किया गया था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तिहाड़ जेल भेजा गया था। वे करीब दो साल, 3 मई 2016 तक तिहाड़ जेल में रहे।

उन पर निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये लौटाने का दबाव था। शुरू में उन्हें जेल में रखा गया, लेकिन बाद में उनकी व्यावसायिक जरूरतों को देखते हुए उन्हें जेल परिसर में विशेष सुविधाएं दी गईं। 14 नवंबर 2023 को मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया।

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CBSE Two-Exam Formula: सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार, छात्रों को मिले...

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CBSE Two-Exam Formula: अगर आप 2026 में कक्षा 10वीं की परीक्षा देने वाले हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि 2026 से 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को अपनी तैयारी बेहतर बनाने का अवसर देना और परीक्षा के तनाव को कम करना है।

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क्या है सीबीएसई का नया प्रस्ताव? (CBSE Two-Exam Formula)

सीबीएसई ने इस नई परीक्षा प्रणाली के लिए एक मसौदा तैयार किया है, जिसे सार्वजनिक किया जाएगा। इसके बाद, 9 मार्च 2025 तक विभिन्न हितधारकों—जैसे स्कूल प्रशासन, पेरेंट्स एसोसिएशन, टीचर्स एसोसिएशन, नीति निर्माता और कुछ एनजीओ—से सुझाव लिए जाएंगे। सुझावों के आधार पर इस नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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कब आयोजित होंगी बोर्ड परीक्षाएं?

सीबीएसई के नए नियमों के अनुसार, 2026 से 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी:

  • पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च 2026 तक
  • दूसरी परीक्षा: 5 मई से 20 मई 2026 तक

इन परीक्षाओं में कुल 84 विषयों की परीक्षा ली जाएगी। 2025 में करीब 24 लाख छात्र इस परीक्षा में शामिल होंगे, जबकि 2026 में यह संख्या बढ़कर 26.60 लाख होने का अनुमान है।

क्या छात्रों के लिए दोनों परीक्षाएं अनिवार्य होंगी?

नहीं, यह पूरी तरह से छात्रों पर निर्भर करेगा कि वे दोनों परीक्षाओं में बैठना चाहते हैं या सिर्फ एक में। यदि छात्र पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें दूसरी परीक्षा में सुधार का अवसर मिलेगा। इससे परीक्षा का दबाव कम होगा और छात्र अपनी पढ़ाई पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

सप्लीमेंट्री परीक्षा का क्या होगा?

अब सीबीएसई की दोनों परीक्षाओं को ही सप्लीमेंट्री परीक्षा माना जाएगा। यानी, पहले की तरह अलग से सप्लीमेंट्री परीक्षा आयोजित नहीं होगी। छात्रों को परीक्षा शुल्क भी रजिस्ट्रेशन के समय ही जमा करना होगा। स्कूलों को यह सूचना पहले ही दे दी जाएगी, ताकि छात्रों को अपनी परीक्षा की योजना बनाने में सुविधा हो।

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कैसे आयोजित होगी परीक्षा?

सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि:

  • विज्ञान (Science), गणित (Maths), सामाजिक विज्ञान (Social Science), हिंदी (Hindi) और अंग्रेज़ी (English) जैसे मुख्य विषयों की परीक्षा अलग-अलग दिनों में होगी।
  • क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं की परीक्षा एक ही दिन आयोजित की जाएगी।
  • खेलों (Sports) से जुड़े छात्रों को किसी एक परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी।
  • प्रैक्टिकल परीक्षाएं सिर्फ एक बार ही आयोजित की जाएंगी।

कौन-सी मार्कशीट मान्य होगी?

  • यदि छात्र पहली परीक्षा नहीं देता और केवल दूसरी परीक्षा में बैठता है, तो उसकी दूसरी परीक्षा की मार्कशीट मान्य होगी।
  • अगर छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल होता है, तो उसकी मार्कशीट में दोनों परीक्षाओं के अंक दर्ज किए जाएंगे।
  • जिस परीक्षा में छात्र को अधिक अंक मिलेंगे, वही अंक उसकी मार्कशीट में प्राथमिकता से दर्शाए जाएंगे।
  • मेरिट सर्टिफिकेट केवल दूसरी परीक्षा के बाद ही जारी किया जाएगा।

यदि छात्र कुछ विषयों में फेल हो जाए तो?

  • यदि छात्र पहली परीक्षा में सभी विषयों में फेल हो जाता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में फिर से बैठना होगा।
  • यदि छात्र केवल मुख्य विषय (हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान) में फेल होता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में सभी विषयों के पेपर देने होंगे।
  • यदि छात्र विदेशी या क्षेत्रीय भाषा में फेल होता है, तो उसे सिर्फ उन्हीं विषयों की परीक्षा देनी होगी।
  • एक बार जब छात्र List of Candidates (LOC) जमा कर देता है, तो उसके बाद विषयों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, विषय परिवर्तन की अनुमति केवल दूसरी परीक्षा में ही दी जाएगी।

छात्रों को क्या करना चाहिए?

सीबीएसई का यह नया बदलाव छात्रों के लिए कई लाभ लेकर आएगा। अब वे अपनी परीक्षा की रणनीति को बेहतर बना सकते हैं और दो अवसरों का लाभ उठाकर अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं। इस नई प्रणाली से छात्रों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और परीक्षा का दबाव भी कम होगा।

अब छात्रों को चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई के लिए एक मजबूत योजना बनाएं, ताकि वे पहली ही परीक्षा में बेहतरीन अंक हासिल कर सकें। साथ ही, यदि पहली बार प्रदर्शन संतोषजनक न हो, तो वे दूसरी परीक्षा में खुद को और बेहतर साबित कर सकते हैं।

इस नई प्रणाली से छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे और परीक्षा का तनाव काफी हद तक कम हो जाएगा।

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