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Nisha Madhulika Success Story: जानिए करोड़ों कमाने वाली निशा मधुलिका का साधारण गृहिणी से यूट्यूब स्टार बनने तक का सफर

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Nisha Madhulika Success Story
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आज के वक्त में यूट्यूब सिर्फ कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक प्लेटफॉर्म नहीं रह गया है, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम बन गया है, जहां आप न सिर्फ अपने पैशन को फॉलो कर सकते हैं, बल्कि इससे खूब पैसे भी कमा सकते हैं। और सबसे अच्छी बात यह है कि यहां किसी भी उम्र का व्यक्ति अपना हुनर ​​दिखा सकता है। आज हम आपको यूट्यूब की एक ऐसी ही महिला कंटेंट क्रिएटर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने रिटायरमेंट की उम्र में अपना करियर बनाया और आज वह करोड़पति हैं। हम बात कर रहे हैं निशा मधुलिका (Cooking Queen Nisha madhulika)  की। यह एक ऐसा नाम है, जिसे भारतीय कुकिंग यूट्यूब चैनलों की दुनिया में किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उनकी सफलता की कहानी (Nisha madhulika success story) इस बात का सबूत है कि आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और जुनून से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। आइए जानते हैं उनके प्रेरक सफर के बारे में।

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प्रारंभिक जीवन- Nisha madhulika success story

निशा मधुलिका का जन्म 25 अगस्त 1959 में उत्तर प्रदेश के एक छोटे शहर में हुआ था। शादी के बाद वह दिल्ली आ गईं और अपने परिवार का ध्यान रखने में व्यस्त हो गईं। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब उनके बच्चे बड़े हो गए और उन्होंने खुद को खाली महसूस किया। इसी दौरान उन्होंने अपना ध्यान कुकिंग पर लगाया, जो उनका हमेशा से शौक रहा था।

यूट्यूब की शुरुआत- Nisha Madhulika Youtube Journey

2007 के आसपास निशा मधुलिका ने खाना बनाने से जुड़ा एक ब्लॉग लिखना शुरू किया। उनका ब्लॉग काफी लोकप्रिय हुआ, लेकिन उन्हें एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा – उनके पास तकनीकी ज्ञान नहीं था और ब्लॉग लिखने के लिए उन्हें अपने पति की मदद लेनी पड़ी। फिर उनके बेटे ने उन्हें सुझाव दिया कि वे यूट्यूब पर वीडियो बनाकर अपनी रेसिपी शेयर करें। इसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो बनाना का फैसला किया।

2011 में यूट्यूब चैनल लॉन्च किया

52 साल की उम्र में जब ज़्यादातर लोग काम से रिटायरमेंट के बारे में सोचते हैं, निशा मधुलिका ने एक नए सफ़र की शुरुआत की। 2011 में निशा मधुलिका ने अपना YouTube चैनल शुरू किया (Nisha Madhulika Youtube Journey)। शुरुआत में उन्हें कैमरे के सामने आने में झिझक होती थी, लेकिन धीरे-धीरे उनमें आत्मविश्वास बढ़ता गया। उनके वीडियो में घर पर बनी सरल शाकाहारी रेसिपी होती थीं जिन्हें लोग आसानी से बना सकते थे। उनकी भाषा और रेसिपी की सरलता ने लोगों का दिल बहुत जल्दी जीत लिया। लगातार मेहनत और नई रेसिपी वीडियो बनाने की वजह से निशा 2014 तक भारत की टॉप YouTube शेफ़ (Top youtuber in India) में से एक बन गईं।

सफलता की ऊंचाई

निशा जी के चैनल की सफलता का सबसे बड़ा कारण उनकी सादगी और भारतीय घरों में आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग है। उन्होंने यूट्यूब पर न केवल शाकाहारी व्यंजन बनाना सिखाया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे खाना बनाना एक कला हो सकती है जिसे हर कोई अपना सकता है। आज उनके चैनल के लाखों सब्सक्राइबर हैं और उनके वीडियो को करोड़ों व्यूज मिल चुके हैं। उनके द्वारा दिए गए कुकिंग टिप्स और ट्रिक्स हर उम्र के लोगों को पसंद आते हैं। भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी उनकी रेसिपीज़ बहुत लोकप्रिय हैं।

पुरस्कार और सम्मान

द इकोनॉमिक टाइम्स ने निशा मधुलिका 2016 में भारत में शीर्ष 10 YouTube सुपरस्टार में सूचीबद्ध किया। इसी साल वह वोडाफोन की वीमेन ऑफ़ प्योर वंडर कॉफ़ी टेबल बुक (Women of Pure Wonder Coffee Table Book) में भी दिखाई दीं। निशा ने वर्षों के समर्पण के माध्यम से 10 मिलियन सब्सक्राइबर तक पहुँचने के बाद सिल्वर, गोल्ड प्ले बटन के बाद 2020 में YouTube से “डायमंड प्ले बटन” अर्जित किया। इसके अलावा, उन्होंने कई साक्षात्कार दिए हैं और विभिन्न प्लेटफार्मों पर अपनी प्रेरणादायक कहानी साझा की है। उन्हें कई प्रमुख मीडिया चैनलों और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर भी दिखाया गया है।

मधुलिका की नेटवर्थ – India’s Richest Female Youtuber Nisha Madhulika

 निशा मधुलिका के इंस्टाग्राम हैंडल पर 338K फॉलोअर्स हैं, उनके यूट्यूब चैनल पर 1.45 करोड़ सब्सक्राइबर हैं और फेसबुक पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निशा मधुलिका की कुल संपत्ति (Nisha madhulika net worth) 43 करोड़ रुपये है।

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देश के ऑटो निर्यात में 14% का उछाल, इस कंपनी की गाड़ियां सबसे ज्यादा निर्यात की गईं

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country's auto exports jump 14%
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वित्त वर्ष (2024-25) की पहली छमाही में भारत से वाहनों का निर्यात सालाना आधार पर 14 फीसदी (Auto exports jump 14%) बढ़ा है। मुख्य रूप से यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों की खेप बढ़ने से कुल निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और विदेशी बाजारों में बढ़ती मांग का प्रतीक है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (Society of Indian Automobile Manufacturers) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

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25 लाख यूनिट से ज्यादा वाहन हुए निर्यात- Auto exports jump 14%

सियाम (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल से सितंबर तक 25,28,248 वाहनों का निर्यात किया, जो पिछले साल की समान अवधि के 22,11,457 वाहनों से 14% अधिक है। उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि यात्री कारों, दोपहिया वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों के निर्यात में दोहरे अंकों में वृद्धि हुई है। तिपहिया वाहनों के निर्यात में सालाना 1% की कमी आई है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 18% की गिरावट के विपरीत, इसमें सुधार हुआ है।

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3.76 लाख कारें एक्सपोर्ट की गईं

इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच 3,76,679 यूनिट पैसेंजर व्हीकल्स एक्सपोर्ट किए गए, जो सालाना आधार पर 12% की बढ़ोतरी दर्शाता है। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 19,59,145 बाइक और स्कूटर एक्सपोर्ट किए गए। सालाना आधार पर इसमें 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में 16,85,907 यूनिट्स का उत्पादन हुआ था।

मारुति सुजुकी और बजाज एक्सपोर्ट में टॉप पर

आपको बता दें कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने सबसे ज़्यादा गाड़ियों का निर्यात किया है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी ने 1,47,063 गाड़ियों का निर्यात किया है। हुंडई मोटर्स इंडिया 62,162 यूनिट्स के निर्यात के साथ दूसरे नंबर पर रही। अप्रैल से सितंबर के बीच 7,64,827 यूनिट्स के निर्यात के साथ बजाज ऑटो टू-व्हीलर मार्केट में सबसे आगे रही, उसके बाद टीवीएस का स्थान रहा।

country's auto exports jump 14%
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FADA की रिपोर्ट

आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2024-2025 की पहली छमाही के दौरान भारतीय वाहन बाजार में 6.55% की दर से वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में वृद्धि इसका कारण है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान दोपहिया, तिपहिया और यात्री कार सेगमेंट की बिक्री में क्रमशः 9.08, 7.58 और 1.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस दौरान ट्रैक्टरों की खुदरा बिक्री में 8.82 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री में 0.65 प्रतिशत की गिरावट आई।

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Diwali 2024: देवी लक्ष्मी की पूजा में इस फूल का है विशेष महत्व, दिवाली पर भूल गए तो अधूरी रह जाएगी पूजा

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Lotus Flower in Lakshmi Pooja
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दिवाली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार पांच दिनों तक चलता है और विशेष रूप से देवी लक्ष्मी के स्वागत का दिन होता है। दिवाली के मौके पर मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी तरह के संकट दूर होते हैं। वहीं दिवाली पूजा में खासकर देवी लक्ष्मी की पूजा (Diwali Lakshmi Puja) में कमल के फूल का बहुत महत्व होता है। कमल के फूल को पवित्रता, आध्यात्मिकता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह देवी लक्ष्मी का पसंदीदा फूल है, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। कमल के फूल के बिना लक्ष्मी पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं दिवाली पूजा में कमल के फूल का महत्व:

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पुराणों में मिलता है कमल का उल्लेख- Lotus Flower in Lakshmi Pooja

माता लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) के बारे में पुराणों में उल्लेख मिलता है कि उनका एक नाम कमला या कमलासना है, जिसका अर्थ है, कमल पर विराजमान होने वाली। कमल की एक और खासियत यह है कि कीचड़ में खिलने के बावजूद इस पर कोई दाग नहीं लगता। इसलिए माना जाता है कि जो व्यक्ति लक्ष्मी पूजा के दिन माता लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करता है, उस पर संसार में फैली बुराइयों का असर नहीं होता।

Lotus Flower in Lakshmi Pooja
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कमल देवी लक्ष्मी का प्रतीक

कमल के फूल को देवी लक्ष्मी का वाहन और आसन भी माना जाता है। देवी लक्ष्मी को अक्सर कमल के फूल पर बैठे हुए दिखाया जाता है, जो दर्शाता है कि वह पवित्रता और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसके अलावा कमल का फूल कीचड़ में उगता है, फिर भी यह शुद्ध और पवित्र रहता है। यह पवित्रता और संतुलन का प्रतीक है, जो दर्शाता है कि व्यक्ति को भौतिक दुनिया में रहते हुए भी अपनी आध्यात्मिकता को शुद्ध और उच्च रखना चाहिए।

कमल का फूल धन और समृद्धि का आह्वान

दिवाली पर धन और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। कमल के फूल (Lotus Flower in Lakshmi Pooja) का उपयोग देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद को आकर्षित करने और घर में सुख और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है। यह फूल घर में सकारात्मक ऊर्जा और धन-संपत्ति सुनिश्चित करता है। इसके अलावा कमल के फूल को न केवल समृद्धि का बल्कि कर्म और ज्ञान का भी प्रतीक माना जाता है। यह व्यक्ति को बताता है कि समृद्धि के साथ-साथ जीवन में ज्ञान और अच्छे कर्म भी आवश्यक हैं।

Lotus Flower in Lakshmi Pooja
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इसलिए, जब दिवाली की पूजा की जाती है, तो देवी लक्ष्मी की कृपा पाने और समृद्धि का आह्वान करने के लिए कमल के फूल का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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अगर सपने में कोई मृत व्यक्ति आपसे कुछ कहने की कोशिश करता है लेकिन आप उसे समझ नहीं पाते तो जानिए इसका मतलब

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Dream of death
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सपने देखना आम बात है। लेकिन इन सपनों के पीछे छिपे रहस्य को समझ पाना आम इंसान के लिए संभव नहीं है। कई बार आपने सपने में ऐसी चीजें देखी होंगी, जिन्हें देखने के बाद आपके मन में कई तरह के सवाल उठते होंगे कि इन सपनों का क्या मतलब है और ये सपने क्यों आए, तो आज हम आपको इस सवाल का जवाब बताएंगे। दरअसल कुछ लोगों को सपने में मृत लोग/रिश्तेदार दिखाई देते (seeing dead in dream) हैं और वे उनसे कुछ कहने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन सपने में कही गई बात को समझ पाना मुश्किल होता है। इसलिए आज हम आपको इस सपने का मतलब बताएंगे।

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अगर कोई मृत व्यक्ति आपको कुछ बताने की कोशिश करता है तो इसे भी एक सामान्य सपना माना जा सकता है। लेकिन अलग-अलग सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके अलग-अलग अर्थ हो सकते हैं। आइए आपको इस सपने के बारे में विस्तार से बताते हैं।

आंतरिक संघर्ष- Dead in Dream

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण (Dream Astrology) से, यह सपना आपके भीतर आंतरिक संघर्ष या भ्रम का प्रतीक हो सकता है। मृत व्यक्ति आपके दिमाग के उस हिस्से का प्रतिनिधित्व कर सकता है जो आपसे किसी अनसुलझे मुद्दे या समस्या के बारे में बात करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन आप इसे पूरी तरह से समझने में असमर्थ हैं।

Dream
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अधूरी भावनाएँ

यदि आपने किसी प्रियजन को खो दिया है, तो यह सपना उनके साथ अधूरी बातचीत या अनसुलझे भावनाओं का प्रतीक हो सकता है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपको उस व्यक्ति के साथ अपने भावनात्मक संबंध में समापन या शांति की आवश्यकता है।

अधूरी बातचीत

यह संभव है कि आपके और उस व्यक्ति के बीच कुछ बातें अधूरी रह गई हों, और सपने में उनकी बातचीत इस अधूरेपन को दर्शाती है। यह सपना आपके अवचेतन मन में एक भावना को भी प्रकट कर सकता है जहाँ आप उस व्यक्ति से आखिरी बार बात करना चाहते हैं या उनसे संबंधित कुछ मुद्दों को हल करना चाहते हैं।

dreaming dead acquaintance
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अंदर से चेतावनी या मार्गदर्शन

कुछ मान्यताओं के अनुसार, मृत लोग आपको किसी महत्वपूर्ण बात के बारे में चेतावनी देने या मार्गदर्शन करने के लिए सपनों (Dead in Dream) में आ सकते हैं। यदि आप समझ नहीं पाते हैं कि वे क्या कह रहे हैं, तो हो सकता है कि आप अपनी जागृत अवस्था में किसी महत्वपूर्ण संदेश या संकेत को अनदेखा कर रहे हों।

यदि आपको यह सपना बार-बार आता है, तो अपने मन और भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ना और अपने भीतर किसी भी छिपे हुए तनाव या चिंता को पहचानने की कोशिश करना फायदेमंद हो सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

और पढ़ें: सपने में कौआ दिखे तो समझिए इसे चेतावनी, हो सकती है आपके जीवन में कोई अनहोनी 

‘तुम मेरे राजा नहीं हो!..’ भरे हॉल में हुई King Charles III की घोर बेइज्जती! ऑस्ट्रेलियाई संसद में महिला सीनेटर का फूटा गुस्सा

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King Charles III Queen Camille Parker
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ब्रिटेन के राजा चार्ल्स (Britain King Charles) के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा काफी विवादित रहा। दरअसल, चार्ल्स ने सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई संसद में भाषण देना समाप्त ही किया था कि एक सीनेटर चिल्लाने लगी, “आप मेरे राजा नहीं हैं।” उन्होंने चार्ल्स विरोधी कई नारे लगाये। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने सीनेटर को कार्यक्रम स्थल से हटा दिया। सीनेटर की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो में महिला को यह कहते हुए देखा जा सकता है, “आप मेरे राजा नहीं हैं! आपने हमसे जो चुराया है, उसे हमें वापस दो।” ब्रिटेन का राजा बनने के बाद चार्ल्स पहली बार ऑस्ट्रेलिया आए हैं। उनके साथ क्वीन कैमिला पार्कर (Queen Camille Parker) भी हैं।

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हाल में चीख पड़ीं सीनेटर लिडिया थोर्प- Australian senator Lidia Thorpe

सोमवार को, किंग चार्ल्स और रानी केमिली पार्कर ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा का दौरा किया, जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ (Australia Prime Minister Anthony Albanese) सहित देश के नेताओं से मुलाक़ात की। राजा चार्ल्स ने कैनबरा में संसद भवन के ग्रेट हॉल में ऑस्ट्रेलियाई सांसदों और सीनेटरों को संबोधित किया। जैसे ही राजा चार्ल्स ने अपना भाषण समाप्त किया, विक्टोरिया की एक स्वदेशी सीनेटर लिडिया थोर्प, जो समारोह में अतिथि थीं, गलियारे से आगे बढ़ी और राजा पर चिल्लाने लगीं।

राजशाही के विरोधी थोर्प ने राजा के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा, “यह आपकी ज़मीन नहीं है। आप मेरे राजा नहीं हैं।” जब सुरक्षा अधिकारी थोर्प को हॉल से बाहर ले जाने लगे, तो वह चिल्लाई, “आप मेरे राजा नहीं हैं। आपने हमारे लोगों का नरसंहार किया। हमें हमारी ज़मीन वापस दो। हमें वह सब दो जो आपने हमसे चुराया है। हमारी हड्डियाँ, हमारी खोपड़ी, हमारे बच्चे, हमारे लोग।” उन्होंने आगे कहा, ‘आपने हमारी जमीनें बर्बाद कर दी। हमें संधि दे दो। हम इस देश में संधि चाहते हैं।’

ये है विरोध की ऐतिहासिक वजह

सीनेटर लिडिया थोर्प को स्वदेशी अधिकारों के लिए मुखर अधिवक्ता और ऑस्ट्रेलिया में राजशाही के कट्टर विरोधी के रूप में जाना जाता है। वास्तव में, ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश बसने वालों ने देश भर में सैकड़ों स्वदेशी लोगों का नरसंहार किया, जो हाल ही में 1930 के दशक तक चला। स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई अभी भी नस्लवाद का सामना करते हैं।

 मूलनिवासियों से आज भी भेदभाव

ऑस्ट्रेलिया के स्वदेशी लोगों ने कभी भी अपनी संप्रभुता नहीं छोड़ी या ब्रिटिश क्राउन के साथ संधि-निर्माण प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए, भले ही देश पर अंग्रेजों का कब्ज़ा था। ब्रिटिश सम्राट अभी भी ऑस्ट्रेलिया में राज्य के प्रमुख का पद रखता है, जो अभी भी एक राष्ट्रमंडल राष्ट्र है। थोरपे ने लंबे समय से संधि की वकालत की है और ब्रिटिश राजशाही के विरोधी हैं। थोरपे ने 2022 में अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उस समय ऑस्ट्रेलियाई राज्य प्रमुख को “औपनिवेशिक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय” (Colonial Queen Elizabeth II) के रूप में संदर्भित किया। फिर उनसे एक बार फिर शपथ लेने का अनुरोध किया गया।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

इस घटना के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर दो गुटों में विभाजन हो गया। एक पक्ष सीनेटर लिडिया थोर्प की टिप्पणी से सहमत है और मानता है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह बिल्कुल सही था, जबकि दूसरे पक्ष का मानना ​​है कि ब्रिटेन के राजा चार्ल्स का इस तरह से अपमान करना सही नहीं था। कुछ लोगों ने तो राजा चार्ल्स को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें उनके पूर्वजों द्वारा किए गए कर्मों की सजा मिल रही है।

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King Charles III
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क्या आप जानते हैं ‘याहू’ बॉय का असली नाम शम्मी कपूर नहीं है? 100 से ज़्यादा फ़िल्मों में किया काम, इस फिल्म से कमाई शोहरत

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'Yahoo' boy aka Shammi Kapoor
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आज यानी 21 अक्टूबर को हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता शम्मी कपूर का जन्मदिन (Shammi Kapoor’s birthday) है। उनका जन्म 1931 में मुंबई में हुआ था। वे हिंदी सिनेमा के जाने-माने कपूर खानदान से ताल्लुक रखते थे, जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपने योगदान के लिए मशहूर है। शम्मी कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर भी एक बेहतरीन अभिनेता थे। शम्मी कपूर ने अपने करियर की शुरुआत 1953 में फिल्म ‘जीवन ज्योति’ से की थी। हालांकि, उन्हें असली पहचान 1957 में आई फिल्म फिल्म से मिली।

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शम्मी कपूर का असली नाम-Shammi Kapoor’s real name

उनका असली नाम शमशेर राज कपूर (Shamsher Raj Kapoor) था। वे कपूर खानदान के प्रतिष्ठित परिवार से थे, जिनके कई सदस्य भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय रहे हैं। शम्मी कपूर को “याहू” स्टार (Yahoo Boy Shammi Kapoor) के नाम से भी जाना जाता है, जो उनके हिट गाने “याहू! चा हे कोई…” से मशहूर हुआ। उनका यह उत्साही और जोशीला व्यक्तित्व उनकी फिल्मों की पहचान बन गया।

 

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इस फिल्म ने दिलाई असली पहचान

शम्मी कपूर की एक्टिंग और उनकी एनर्जी ने उन्हें उस दौर के सबसे खास अभिनेताओं में शुमार कर दिया था। उनकी फिल्मों में उनके नृत्य की एक खास शैली थी, जो उन्हें बाकी अभिनेताओं से अलग करती थी। उन्होंने हिंदी सिनेमा में रोमांस और मस्ती से भरपूर किरदारों को नए अंदाज में पेश किया। शम्मी कपूर को असली पहचान 1957 में आई फ़िल्म ‘तुमसा नहीं देखा’ से मिली। इसके बाद उनकी प्रमुख हिट फिल्मों में ‘दिल देके देखो’, ‘जंगली’, ‘प्रोफेसर’, ‘चाइना टाउन’, ‘कश्मीर की कली’ और ‘तीसरी मंजिल’ शामिल हैं। खासकर फिल्म ‘जंगली’ का गाना ‘Yahoo! Chahe Koi Mujhe Junglee Kahe’ आज भी लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

शम्मी कपूर ने की थी दो शादियां

शम्मी कपूर की निजी जिंदगी भी काफी चर्चित रही। उन्होंने 1955 में अभिनेत्री गीता बाली से शादी की, लेकिन 1965 में चेचक से गीता की मौत हो गई। इसके बाद शम्मी कपूर ने नीला देवी से दूसरी शादी की। उनके बेटे आदित्य राज कपूर ने भी फिल्मी दुनिया में कदम रखा, लेकिन उन्हें अपने पिता जैसी सफलता नहीं मिल पाई।

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अंतिम दिनों में किडनी की बीमारी से रहे परेशान

शम्मी कपूर ने अपने जीवन के आखिरी कुछ साल किडनी की बीमारी से जूझते हुए बिताए। 14 अगस्त 2011 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी जादुई शख्सियत और उनका काम आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है। फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वाले उनके जन्मदिन के मौके पर उन्हें याद कर रहे हैं और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। शम्मी कपूर की फिल्मों और उनके अनोखे डांस और अभिनय ने उन्हें सिनेमा के इतिहास में एक खास जगह दिलाई है और वे हमेशा सिने प्रेमियों के दिलों में अमर रहेंगे।

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Viral Video: व्लॉगर की बाइक पर ‘हिंदू’ लिखा देख महिला ने जताई आपत्ति: कहा, पहले अच्छा इंसान बनो

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Vlogger wrote Hindu on bike
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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक महिला NS125_trishu नाम के व्लॉगर को हिंदू धर्म को लेकर नसीहत देती नजर आ रही है। दरअसल, व्लॉगर की बाइक पर हिंदू लिखा हुआ था और यह बात महिला को पसंद नहीं आई। बाइक पर ‘हिंदू’ शब्द देखकर महिला ने सबसे पहले व्लॉगर त्रिशु को रोका और उससे पूछा कि उसने अपनी बाइक पर हिंदू क्यों लिखा है, जिस पर त्रिशु ने जवाब दिया कि वह हिंदू है और इसीलिए उसने ऐसा लिखवाया है। इसके बाद महिला ने कहा, “पहले एक अच्छा इंसान बनो, हिंदू-मुस्लिम सब सियासी  (Controversy over Hindu-Muslim) खेल हैं।” इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें महिला धर्म से ज्यादा इंसानियत पर जोर देती नजर आई। कुछ लोग महिला के विचारों का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ व्लॉगर के पक्ष में खड़े हैं।

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ये है पूरा मामला– Controversy over the word Hindu

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो (Viral Video) NS125_trishu के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया गया है। वायरल वीडियो में व्लॉगर अपनी बाइक से सड़क पर सामान्य डे टू डे व्लॉग शूट करने जा रहा था कि अचानक एक महिला उसे रोकती है और उससे पूछती है कि उसने अपनी बाइक पर हिंदू क्यों लिख (Vlogger writes Hindu on bike) रखा है? इस सवाल के जवाब में लड़का कहता है कि वो हिंदू है इसलिए उसने ऐसा लिख ​​रखा है। इस पर महिला कहती है कि हिंदू कहकर आप खुद को क्यों सीमित कर रहे हैं। आप हिंदू नहीं हैं आप तो एक यूनिवर्सल बीइंग हैं। अगर बनना है तो पहले एक अच्छा इंसान बनो क्योंकि हिंदू मुस्लिम सिर्फ राजनीति का खेल है। वो हिंदू शब्द हटा दो।

 

‘मैं भी हिंदू हूं, सिर्फ नाम की’     

महिला यहीं नहीं रुकती वो व्लॉगर से कहती है कि अगर आप इतने बड़े हिंदू होते तो क्या भगवान आपके माथे पर ओम लिखकर नहीं भेजते? भगवान ने पूरी सृष्टि को इतना परफेक्ट बनाया है तो क्या वो आपको माथे पर ओम लिखवाकर नहीं भेजते। महिला के ये सब कहने के बाद जब व्लॉगर उससे पूछता है कि आप कौन हैं इस पर महिला जवाब देती है कि मैं भी हिंदू हूं, सिर्फ नाम की। इसके बाद महिला कहती है इस हिंदू को बाइक से हटाओ जिसके बाद व्लॉगर कहता है ठीक है अगले व्लॉग में देखना हट जाएगा।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

यह घटना वायरल होते ही सोशल मीडिया पर दो धड़ों में विभाजन दिखा। एक पक्ष महिला की टिप्पणी से सहमत है और मानता है कि महिला ने जो कहा बिल्कुल सही कहा, जबकि दूसरे पक्ष का मानना है कि व्लॉगर को अपने धर्म का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है।

Vlogger wrote Hindu on bike
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Vlogger wrote Hindu on bike
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धर्म बनाम इंसानियत की बहस

इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या धर्म का सार्वजनिक प्रदर्शन सही है या फिर हमें मानवता और नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए। महिला की टिप्पणी इस बहस को एक नई दिशा देती है, जो आज के सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में बेहद प्रासंगिक है।

घटना के बाद सवाल उठता है कि क्या हमें धर्म का सार्वजनिक प्रदर्शन करना चाहिए या फिर समाज में मानवता और एकता को बढ़ावा देना चाहिए।

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Bigg Boss 18 Eviction: ‘वायरल भाभी’ हेमा शर्मा हुईं सलमान खान के शो से बाहर, गले लगकर रोने लगे कंटेस्टेंट्स

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Viral Bhabhi Hema Sharma eviction
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सलमान खान के बिग बॉस 18 (Salman Khan Bigg Boss 18) का पहला एविक्शन हो गया है। इस रियलिटी शो से बाहर जाने वाली कंटेस्टेंट ‘वायरल भाभी’ हेमा शर्मा (Viral Bhabhi Hema Sharma eviction) हैं। हेमा शर्मा के एविक्शन की घोषणा सलमान की जगह बिग बॉस ने की। उन्होंने कहा कि जनता ने अपना फैसला सुना दिया है और जनता के वोटों के आधार पर जिस कंटेस्टेंट का सफर बिग बॉस में अभी खत्म होता है, वो हेमा शर्मा हैं। उनके अचानक बाहर जाने से घरवाले और दर्शक दोनों ही हैरान रह गए। इस बार वीकेंड का वार एपिसोड में काफी ड्रामा देखने को मिला।

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वायरल भाभी बिग बॉस से हुई बाहर- Viral Bhabhi Hema Sharma eviction

‘बिग बॉस 18’ में दर्शकों ने करण वीर मेहरा और अविनाश मिश्रा के बीच एक भयंकर विवाद देखा जो अचानक हिंसा में बदल गया। इससे पहले कि उनके अन्य प्रतियोगी उन्हें बचा पाते, लड़ाई ने एक जोखिम भरा मोड़ ले लिया। इसी बीच कम वोट प्राप्त करने के कारण हेमा शर्मा का एलिमिनेशन एक और चौंकाने वाला पल था। सलमान ने प्रतियोगियों को फटकार लगाई और कहा कि अगर वे घर में रहना चाहते हैं तो प्यार से रहें। इस बार, वीकेंड का वार एपिसोड में अंकिता लोखंडे, विक्की जैन, कृष्णा अभिषेक और सुदेश लेहरी ने घरवालों को मनोरंजक कर्तव्य दिए।

 

टाइम का तांडव में हुआ तमाशा

लेकिन जब बिग बॉस ने अचानक खुलासा किया कि हेमा शर्मा एलिमिनेट हो गई हैं, तो सभी कंटेस्टेंट की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने हेमा को गले लगा लिया। हेमा के फैंस ने उनका नाम वायरल भाभी रखा हुआ है। वीकेंड का वार के होस्ट सलमान खान (Weekend Ka Vaar, Salman Khan) ने प्रतियोगियों का मज़ाक उड़ाते हुए शुरुआत की। उन्होंने चाहत पांडे की साथी के लिए पसंद के बारे में पूछा। पूछे जाने पर चाहत ने कहा कि वह करणवीर मेहरा जैसी टोंड बॉडी वाले साथी की तलाश में हैं। विवियन डीसेना और रजत दलाल की तुलना ‘टाइम का तांडव’ राउंड में प्रतियोगियों द्वारा की गई ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि सबसे अच्छा घर का कप्तान कौन होगा।

एंट्री करते ही गई थीं जेल

हेमा शर्मा ने जैसे ही बिग बॉस के घर में कदम रखा, उन्हें जेल भेज दिया गया। दरअसल, बिग बॉस ने प्रतियोगिता की शुरुआत में चाहत पांडे को जेल की सजा सुनाई थी और वादा किया था कि अगर वह दो प्रतिभागियों को वहां रहने के लिए राजी कर लेंगी तो उनकी सजा कम कर दी जाएगी। चाहत तजिंदर बग्गा और हेमा शर्मा को जेल की सजा काटने के लिए राजी करने में सफल रहीं। काफी समय सलाखों के पीछे बिताने के बाद हेमा शर्मा (Viral Bhabhi Hema Sharma eviction) जनता से जुड़ने में असमर्थ थीं और उन्हें कम वोट मिलने के कारण बिग बॉस छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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Sonmarg Terror Attack: श्रीनगर-सोनमर्ग रूट टनल प्रोजेक्ट पर आतंकियों का हमला, एक डॉक्टर समेत 6 की मौत

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Terrorists attack Srinagar-Sonmarg
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रविवार रात जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले के सोनमर्ग इलाके (Sonmarg Terror Attack) में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। आतंकियों ने जेड टनल में काम कर रहे छह प्रवासी मजदूरों पर फायरिंग की, जिसमें एक डॉक्टर भी शामिल है। फायरिंग की सूचना मिलते ही सेना और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी। गंदेरबल के गुंड में जेड मोड़ टनल प्रोजेक्ट (Z Mode Tunnel Project) के मजदूर और दूसरे कर्मचारी जब देर रात अपने कैंप में पहुंचे, तो आतंकियों ने यह हमला किया। यह घाटी में किसी बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में शामिल निर्माण मजदूरों पर पहला बड़ा हमला है। इस हमले की लश्कर ए तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने जिम्मेदारी ली है।

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सीएम उमर अब्दुल्ला का बयान- Jammu and Kashmir CM Omar Abdullah

राज्य के सीएम उमर अब्दुल्ला ने प्रवासी श्रमिकों पर हुए इस हमले की कड़ी आलोचना की है। अपने एक्स हैंडल पर जारी बयान में उमर ने लिखा, ‘सोनमर्ग के गगनगीर इलाके में गैर-स्थानीय श्रमिकों पर कायरतापूर्ण और बर्बर हमले की दुखद खबर है। वे श्रमिक उस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परियोजना पर काम कर रहे थे। हमले में 6 श्रमिकों की मौत हो गई है, जबकि 2-3 श्रमिक इस आतंकवादी हमले में घायल हुए हैं। मैं निर्दोष लोगों पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’

क्या है जेड मोड प्रोजक्ट, जिसे बनाया गया निशाना

बताया जा रहा है कि डॉक्टर और जिन कामगारों पर हमला हुआ, वे मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में सोनमर्ग और गगनेर के बीच चलने वाली जेड-मोड़ सुरंग पर काम कर रहे निर्माण दल के सदस्य थे। 6.5 किलोमीटर लंबी और 2680 करोड़ रुपये की लागत वाली जेड-मोड़ सुरंग लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। इस सुरंग के निर्माण से सोनमर्ग को श्रीनगर से जोड़ा जाएगा। यह सुरंग हिमस्खलन से प्रभावित सुरंग 932 गगनगीर के करीब के क्षेत्र से बच जाएगी। इसका लक्ष्य पूरे साल श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़े रखना है। सुरंग को इसके डिजाइन के कारण जेड-मोड़ के रूप में जाना जाता है और इसके माध्यम से दो लेन की सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सुरंग का लक्ष्य सभी मौसम की स्थिति में लोकप्रिय पर्यटन स्थल सोनमर्ग को जोड़ना है।

ज़ेड-मोड़ सुरंग का निर्माण पूरा

ज़ेड-मोड़ सुरंग परियोजना के तहत 10.8 मीटर लंबी एक मुख्य सुरंग, 7.5 मीटर लंबी एक संशोधित घोड़े की नाल के आकार की एस्केप सुरंग, 8.3 मीटर की एक डी-आकार की वेंटिलेशन सुरंग, 110 और 270 मीटर लंबी दो बड़ी पुलिया और 30 मीटर लंबी एक छोटी पुलिया बनाने की योजना बनाई गई है। ज़ेड-मोड़ सुरंग का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।

क्योंकि इसके निर्माण से श्रीनगर और कारगिल के बीच सुचारू संचार की गारंटी होगी और श्रीनगर और लेह के बीच यात्रा के समय में काफी कमी आएगी, ज़ेड-मोड़ सुरंग क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

एप्को कंपनी बना रही है टनल

इस सुरंग का निर्माण (Srinagar-Sonamarg Route Tunnel Project) उत्तर प्रदेश की एप्को नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। एप्को का मुख्यालय लखनऊ में है। इसके मालिक अनिल सिंह हैं। इस कंपनी ने उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बेंगलुरु, चेन्नई, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में सड़क, परिवहन, सिंचाई परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

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