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Sikhism in Italy: इतिहास, संघर्ष, योगदान और आधुनिक चुनौतियां – 220,000 से अधिक की आबा...

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Sikhism in Italy: इटली में सिख समुदाय तेजी से बढ़ रही धार्मिक अल्पसंख्यक जनसंख्या में से एक है। यूनाइटेड किंगडम के बाद, इटली में यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा सिख समुदाय है और यह वैश्विक स्तर पर छठा सबसे बड़ा सिख जनसंख्या केंद्र माना जाता है। अनुमान है कि इटली में लगभग 2.2 लाख सिख रहते हैं, जो कुल इतालवी जनसंख्या का 0.3% हैं।

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इतिहास में सिख और इटली का संबंध (Sikhism in Italy)

कहा जाता है कि, 1708 में, एक इतालवी चिकित्सक निकोलाओ मनुच्ची ने गुरु गोबिंद सिंह जी के अंतिम दिनों में लाहौर और नांदेड़ में इलाज किया था, लेकिन इस दावे को लेकर नेड्रिक न्यूज पुष्टि नहीं करता है।

सिख साम्राज्य में इतालवी प्रभाव (19वीं शताब्दी)

विकिपीडिया पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में कई इतालवी अधिकारी सिख साम्राज्य का हिस्सा बने। प्रमुख व्यक्तियों में जनरल जीन-बैप्टिस्ट वेंटुरा और जनरल पाओलो क्रेज़ेंजो एविटाबिले शामिल थे, जिन्होंने खालसा सेना के आधुनिकीकरण और प्रशासनिक सुधारों में मदद की।

महाराजा दलीप सिंह और इटली (1856-1857)

महाराजा दलीप सिंह ने 1856-57 में इटली की यात्रा की थी। लेडी लोगिन ने उनकी चार महीने की यात्रा का वर्णन किया था।

प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में सिखों की भूमिका

1918 में महाराजा भूपिंदर सिंह को इटली के ऑर्डर ऑफ द क्राउन से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1935 में रोम की यात्रा की थी और द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना के सहयोगी के रूप में काम किया।

द्वितीय विश्व युद्ध (1943-1945)

इतालवी अभियान (Italian Campaign) के दौरान 5,000-5,800 सिख सैनिकों ने इटली की मुक्ति के लिए बलिदान दिया। 1945 में फेरारा की मुक्ति में सिख सैनिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अप्रैल 2011 में, फॉरली युद्ध स्मारक में इटली में पहला सिख सैन्य स्मारक स्थापित किया गया।

आधुनिक इटली में सिख समुदाय

1965 में, महाराजा यदविंद्र सिंह को इटली का राजदूत नियुक्त किया गया। इतना ही नहीं, 2023 में, इतालवी राजदूत विंसेंजो डी लूका ने स्वर्ण मंदिर अमृतसर में श्रद्धांजलि अर्पित की।

इटली के डेयरी उद्योग में सिखों की भूमिका

परमेसन और मोत्ज़ारेला चीज़ उद्योग में सिख प्रवासी श्रमिकों का योगदान बहुत बड़ा है। ब्रिटिश सिख रिपोर्ट (2016) में कहा गया कि सिखों ने इस उद्योग को पुनर्जीवित किया, क्योंकि स्थानीय युवा इसमें काम नहीं करना चाहते थे।

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सिख मजदूरों का शोषण और संघर्ष

हजारों सिख प्रवासी मजदूर कृषि क्षेत्र में शोषण, संगठित अपराध, ब्लैकमेल, उत्पीड़न और हिंसा का शिकार हुए हैं। 2011 में, अल जज़ीरा ने “इटली के सिख गुलाम” नामक एक डॉक्यूमेंट्री जारी की, जिसमें कम वेतन, अमानवीय परिस्थितियों और शोषण की कहानी उजागर की गई। 2016 और 2018 में 4,000 से अधिक सिखों ने वेतन और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

इटली में सिख जनसंख्या का विकास

वर्ष सिख जनसंख्या प्रतिशत वृद्धि
2006 50,000
2012 115,000 +130.0%
2017 150,000 +30.4%
2023 220,000 +46.7%
  • वेनिस, मिलान, रोम और पोंटिनिया में सिखों की बड़ी संख्या निवास करती है।
  • नोवेल्लारा में लगभग 10,000 सिख रहते हैं।
  • पोंटिनिया 60,000 सिखों के साथ इटली में दूसरा सबसे बड़ा सिख केंद्र है।

इटली में किरपान विवाद

​इटली में सिख समुदाय के धार्मिक प्रतीक कृपाण को लेकर विवाद 2017 में उभरा। इटली के सुप्रीम कोर्ट ने एक सिख व्यक्ति को सार्वजनिक स्थानों पर कृपाण धारण करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रवासियों को उस समाज के मूल्यों का सम्मान करना चाहिए जिसमें वे रहते हैं, और सुरक्षा नियमों का पालन करना आवश्यक है। ​

इस निर्णय के बाद, इटली में सिख समुदाय के कुछ सदस्यों ने एक लचीली ब्लेड वाली कृपाण का मॉडल तैयार किया और इसे इटली सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया। हालांकि, वैश्विक सिख संगठनों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, इसे धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप बताया, और पारंपरिक कृपाण के स्वरूप में बदलाव को अस्वीकार्य कहा। ​

इन घटनाओं ने इटली में सिख समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक समावेशन पर व्यापक बहस को जन्म दिया था।

इटली में गुरुद्वारे

वहीं गुरुद्वारों की बात करें तो इटली में 60 से अधिक गुरुद्वारे हैं। इनमें प्रमुख हैं:

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  • रेज्जो एमिलिया (इटली का सबसे पुराना गुरुद्वारा)
  • गुरुद्वारा सिंह सभा, नोवेल्लारा
  • गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार, रोम
  • गुरुद्वारा सिंह सभा, मिलान

इटली में सिख खेल हस्तियां

  • इंदर सिंह (1968 ओलंपिक हॉकी ब्रॉन्ज मेडलिस्ट)

सिख हॉकी खिलाड़ी इंदर “गोगी” सिंह ने 1968 के मैक्सिको सिटी ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के साथ कांस्य पदक जीता था। उनका जन्म पंजाब के फरीदकोट में हुआ था और बाद में वे इटली में बस गए। इटली में, उन्होंने ब्रा, पीडमोंट में एक हॉकी क्लब की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी पत्नी, जियाना फिस्सोर, एक इतालवी नागरिक थीं और राष्ट्रीय स्तर की हॉकी खिलाड़ी भी थीं। उनकी बेटी, जसबीर सिंह, इटली की महिला राष्ट्रीय फील्ड हॉकी टीम के लिए खेलती हैं।

  • बलजीत सिंह, जसप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह (इतालवी क्रिकेट टीम के खिलाड़ी)

बलजीत सिंह, जसप्रीत सिंह, और मनप्रीत सिंह इतालवी क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हैं। मनप्रीत सिंह, एक विकेटकीपर-बल्लेबाज, ने 2019 से 2023 तक इटली के लिए 20 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। जसप्रीत सिंह ने 2019 से 2024 तक 21 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में इटली का प्रतिनिधित्व किया है। बलजीत सिंह ने 2019 से 2022 तक 11 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में इटली के लिए खेला है।

कुल मिलाकर, इटली में सिख समुदाय का योगदान ऐतिहासिक और आधुनिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। डेयरी उद्योग से लेकर विश्व युद्धों में भागीदारी और वर्तमान सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों तक, सिखों ने इटली की अर्थव्यवस्था और संस्कृति में गहरा प्रभाव डाला है।

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2025 BYD Atto 3 and Seal Launched: BYD ने भारत में लॉन्च की 2025 Atto 3 और Seal, दमदा...

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2025 BYD Atto 3 and Seal Launched: चीन की मशहूर ऑटोमोबाइल कंपनी बिल्ड योर ड्रीम (BYD) ने 2025 के लिए अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल लाइनअप को अपडेट किया है। इस साल कंपनी ने अपनी दो प्रमुख इलेक्ट्रिक गाड़ियां— BYD Atto 3 और BYD Seal को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। इन दोनों गाड़ियों को नए फीचर्स के साथ अपडेट किया गया है, जिससे ये पिछले वेरिएंट के मुकाबले और भी एडवांस्ड और पावरफुल बन गई हैं। कंपनी ने लॉन्च के साथ ही इनकी बुकिंग शुरू कर दी है, जिसे ₹30,000 के टोकन अमाउंट के साथ बुक किया जा सकता है।

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स्पेशल प्राइसिंग ऑफर – सीमित समय के लिए (2025 BYD Atto 3 and Seal Launched)

BYD ने Atto 3 की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है, जबकि इसे नए फीचर्स के साथ अपडेट किया गया है। यह ₹24.99 लाख (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध होगी, लेकिन यह स्पेशल कीमत केवल पहले 3,000 ग्राहकों के लिए ही लागू होगी।

2025 BYD Atto 3 and Seal Launched
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अपडेटेड फीचर्स और डिजाइन

इस इलेक्ट्रिक SUV के इंटीरियर में अब ऑल-ब्लैक थीम दी गई है, जबकि पहले इसमें थ्री-टोन इंटीरियर देखने को मिलता था। वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें अब नए एडिशन में जोड़ी गई हैं, जो इसे और आरामदायक बनाती हैं। बैटरी को लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) लो-वोल्टेज बैटरी से अपग्रेड किया गया है, जो पारंपरिक बैटरी से 6 गुना हल्की है और इसकी लाइफ 15 साल तक की है।

बैटरी और ड्राइविंग रेंज

BYD Atto 3 दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ आती है:

  1. 92 kWh बैटरी – 468 किमी की ड्राइविंग रेंज
  2. 48 kWh बैटरी – 521 किमी की ड्राइविंग रेंज

इसके अलावा, यह फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है, जिससे बैटरी सिर्फ 50 मिनट में 0 से 80% तक चार्ज हो सकती है।

BYD Atto 3 के वेरिएंट और कीमतें:

वेरिएंट कीमत (एक्स-शोरूम)
डायनामिक ₹24.99 लाख
प्रीमियम ₹29.85 लाख
सुपीरियर ₹33.99 लाख

 

2025 BYD Seal: नई टेक्नोलॉजी और प्रीमियम अनुभव

BYD ने अभी Seal इलेक्ट्रिक सेडान की कीमतों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इसका ऐलान अगले महीने किया जाएगा। हालांकि, इसमें कुछ महत्वपूर्ण अपग्रेड किए गए हैं, जो इसे और भी एडवांस्ड बनाते हैं।

2025 BYD Atto 3 and Seal Launched
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Seal में नए अपग्रेडेड फीचर्स

  • पावर सनशेड, जो पहले केवल एक्सेसरीज के रूप में उपलब्ध था, अब इसमें स्टैंडर्ड दिया गया है।
  • सिल्वर-प्लेटेड डिमिंग कैनोपी, जो केबिन को और अधिक प्रीमियम लुक देता है।
  • अपग्रेडेड एयर कंडिशनिंग सिस्टम, जिसमें बड़ा कंप्रेसर और एडवांस्ड एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम शामिल हैं।
  • फ्रीक्वेंसी सेलेक्टिव डैम्पर्स, जो सस्पेंशन को और बेहतर बनाते हैं।
  • DiSus-C इंटेलिजेंट डंपिंग सिस्टम, जो सड़क की स्थिति के अनुसार रियल-टाइम सस्पेंशन एडजस्ट करता है।

इंफोटेनमेंट और साउंड सिस्टम

BYD Seal में अब और भी बेहतर टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है, जो वायरलेस एप्पल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो को सपोर्ट करता है। साथ ही, इसमें साउंड वेव फंक्शन जोड़ा गया है, जो कैबिन के भीतर शानदार ऑडियो अनुभव प्रदान करता है।

बिक्री और भविष्य की संभावनाएं

BYD का दावा है कि अब तक 4,400 से अधिक यूनिट्स बेची जा चुकी हैं:

  • BYD Seal के लगभग 1,300 यूनिट बिक चुके हैं।
  • BYD Atto 3 के 3,100 यूनिट्स की डिलीवरी हो चुकी है।

इन अपग्रेड्स के साथ, कंपनी को उम्मीद है कि इन गाड़ियों की डिमांड आने वाले समय में और भी बढ़ेगी।

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GST Deputy Commissioner Suicide News: जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की मौत पर हंगाम...

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GST Deputy Commissioner Suicide News: उत्तर प्रदेश के जीएसटी विभाग में डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की आत्महत्या से गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ में आक्रोश फैल गया है। उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रमुख सचिव जीएसटी एम देवराज को हटाने की मांग की है। वहीं, संजय सिंह की पत्नी अपर्णा सिंह ने सरकारी सिस्टम और काम के अत्यधिक दबाव को उनके आत्महत्या करने का कारण बताया है।

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परिवार का बयान: मानसिक तनाव बना मौत की वजह (GST Deputy Commissioner Suicide News)

अपर्णा सिंह ने कहा कि संजय सिंह कैंसर से जूझ नहीं रहे थे, बल्कि वह कैंसर सर्वाइवर थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी बीमारी को लेकर जो बातें कही गईं, वह गलत हैं। संजय सिंह के चचेरे भाई धनंजय सिंह ने भी बताया कि उन्हें 10-11 साल पहले प्रोस्टेट कैंसर हुआ था, लेकिन वह पूरी तरह ठीक हो चुके थे।

 

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अधिकारियों ने जताया विरोध, काली पट्टी बांधकर काम किया

संजय सिंह की मौत के बाद जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने प्रदर्शन का ऐलान किया। एनसीआर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर उनका अंतिम दर्शन किया। नोएडा जीएसटी टीम ने भी काली पट्टी बांधकर काम किया और एक कंपनी से एक करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला। गाजियाबाद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर कैंडल मार्च निकाला गया। होली के बाद सामूहिक अवकाश लेने की योजना बनाई गई है।

सुबह भी किया था आत्महत्या का प्रयास

पुलिस जांच में सामने आया कि सोमवार सुबह करीब 7:00 से 7:30 बजे के बीच संजय सिंह ने पहली बार आत्महत्या का प्रयास किया था। वह अपार्टमेंट की रेलिंग पर खड़े थे, लेकिन गार्ड और अन्य लोगों ने उन्हें देख लिया और टोक दिया। इसके बाद वह अपने फ्लैट में वापस चले गए थे। बाद में, उन्होंने फिर से आत्महत्या कर ली।

कर्मचारियों पर काम का भारी दबाव

विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि संजय सिंह पर अत्यधिक काम का दबाव था। एमनेस्टी स्कीम में हर दिन 5 व्यापारियों को जोड़ने का टारगेट दिया गया था। टारगेट पूरा न होने पर निलंबन की धमकी दी गई थी। अत्यधिक कार्यभार के चलते मानसिक दबाव बढ़ता गया।

विरोध में वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ा

राज्य कर विभाग के 350 से अधिक अधिकारियों ने विरोध स्वरूप विभाग का आधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ दिया। इस ग्रुप में कुल 887 अधिकारी जुड़े थे, जिसमें विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज भी शामिल थे। इस ग्रुप के जरिए विभाग की मीटिंग और अन्य जानकारी साझा की जाती थी।

नोएडा टैक्स बार एसोसिएशन का विरोध

उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर जीएसटी प्रमुख सचिव एम देवराज को हटाने की मांग की। संस्था के संरक्षक वीएन राय और चेयरमैन विक्रम चावला ने आरोप लगाया कि प्रमुख सचिव जीएसटी, प्रदेश सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया कि प्रदेशभर में निष्पक्ष न्याय अभियान चलाया जाएगा।

अधिकारियों का आक्रोश, होली के बाद होगा बड़ा आंदोलन

उत्तर प्रदेश वाणिज्यकर अधिकारी सेवा संघ की बैठक में निर्णय लिया गया कि होली के बाद विरोध तेज किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर सामूहिक अवकाश लिया जाएगा। सभी अधिकारी और कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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Madhya Pradesh News: मुस्लिम जमात के सदर पर यौन उत्पीड़न और धमकी का मामला दर्ज, पीड़ि...

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा में मुस्लिम जमात के सदर सलीम शेख के खिलाफ एक तलाकशुदा महिला शिक्षक ने यौन उत्पीड़न और धमकी देने का मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि सदर ने महिला को पैसे देने के बदले ‘सर्विस’ देने का अश्लील प्रस्ताव दिया और जब उसने विरोध किया, तो उसे जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बाद सैकड़ों लोग थाने के बाहर इकट्ठा होकर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

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इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला- Madhya Pradesh News

सेंधवा के एसडीओपी अजय वाघमारे ने बताया कि पीड़ित महिला की शिकायत पर सलीम शेख के खिलाफ BNS की धारा 74 (महिला की लज्जा भंग करने के उद्देश्य से हमला), 75(2) (अश्लील प्रस्ताव देना) और 351(3) (धमकी देना) के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

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मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश

एफआईआर के अनुसार, तलाकशुदा महिला अपने दो बच्चों के साथ अकेली रहती है और उसे आर्थिक सहायता की जरूरत थी। उसने जमात से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद सदर सलीम शेख ने पैसे देने के बहाने उसे अपने घर बुलाया। महिला का आरोप है कि जब वह अपने बेटे के साथ वहां पहुंची, तो सदर ने उसे गलत तरीके से छूने की कोशिश की और कहा,

“आज के जमाने में कोई बिना मतलब किसी की मदद नहीं करता, मैं तेरे भले के लिए बोल रहा हूं। मेरा एक दोस्त है, अगर तू चाहे तो मैं तेरा निकाह उससे करवा दूंगा। तू अपने घर पर रहेगी और वह अपने घर पर।”

हर महीने 20 हजार के बदले ‘सर्विस’ देने का प्रस्ताव

पीड़िता के अनुसार, सदर ने उसे हफ्ते में एक बार मिलने और 20,000 रुपये देने का वादा किया। इसके बाद उसने कहा,

“अभी तू उसे सिर्फ एक-दो घंटे की ‘सर्विस’ दे दे, वह तुझे पैसे दे देगा। जब मेरा मूड होगा, तो मैं भी तुझे बुला लूंगा।”

इसके बाद, सदर ने महिला को 5000 रुपये दिए।

बातचीत की रिकॉर्डिंग बनी सबूत

महिला ने पुलिस को बताया कि 18 फरवरी को सदर ने उसे फोन कर एक अन्य व्यक्ति से ‘सर्विस’ देने के लिए कहा था। महिला ने इस बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया और पुलिस को साक्ष्य के रूप में सौंप दिया।

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जान से मारने की धमकी

2 मार्च को सलीम शेख महिला के घर पहुंचा और धमकाने लगा। उसने कहा,

“जो भी बातें हुई हैं, वह किसी को मत बताना। तुम्हें जितने पैसे चाहिए, मैं दे दूंगा।”

5 मार्च को उसने धमकी दी कि अगर महिला ने किसी से इस बारे में बात की तो वह उसे जान से मार देगा। इस धमकी के बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

थाने के बाहर प्रदर्शन और न्याय की मांग

जब यह मामला सामने आया, तो सैकड़ों लोग थाने के बाहर इकट्ठा हो गए और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिस ने भीड़ को शांत कराने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और भरोसा दिया कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

महिला ने सुसाइड की धमकी दी

इस बीच, महिला का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह आत्महत्या करने की धमकी दे रही है। उसने वीडियो में कहा कि,

“मुझे समाज के इन बड़े लोगों ने इतना प्रताड़ित किया है कि अब जीने की इच्छा नहीं बची। मुझे जबरन गलत कामों में धकेला जा रहा है।”

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Waqf board Bill AIMPLB Protest: AIMPLB की केंद्र को चेतावनी, वक्फ संशोधन बिल वापस नही...

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Waqf board Bill AIMPLB Protest: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र सरकार से वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर इस बिल को संसद में पारित किया गया, तो देशभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। AIMPLB के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने मंगलवार को बताया कि इस विधेयक के खिलाफ 17 मार्च को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस प्रदर्शन में विभिन्न मुस्लिम और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विपक्षी दलों के कई सांसद भी शामिल होंगे।

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AIMPLB के आंदोलन की रणनीति (Waqf board Bill AIMPLB Protest)

AIMPLB के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) जैसे भाजपा के सहयोगी दलों को आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति में ये सहयोगी दल भी समर्थन दे रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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5 करोड़ मुस्लिमों की राय को किया नजरअंदाज

AIMPLB ने दावा किया है कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को लगभग 5 करोड़ मुसलमानों ने ई-मेल के माध्यम से अपनी राय भेजी थी, लेकिन उनकी आपत्तियों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने बिल वापस नहीं लिया, तो राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। AIMPLB ने इस विधेयक को मुसलमानों पर सीधा हमला करार दिया है।

विधेयक को भेदभावपूर्ण बताया

AIMPLB के प्रवक्ता ने कहा कि यह विधेयक भेदभावपूर्ण है क्योंकि इसमें वक्फ बोर्ड और परिषदों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है, जबकि हिंदू और सिख धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन में ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया गया है। AIMPLB के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी और इलियास ने कहा कि सरकार ने मुसलमानों की भावनाओं की अनदेखी की है और विधेयक को और अधिक कठोर व विवादास्पद बना दिया है।

13 मार्च को होना था धरना, फिर बदली तारीख

AIMPLB पहले 13 मार्च को धरना प्रदर्शन आयोजित करने वाला था, लेकिन उस दिन संसद के संभावित अवकाश के कारण कई सांसदों की अनुपलब्धता को देखते हुए तारीख बदलकर 17 मार्च कर दी गई। AIMPLB ने बताया कि जनवरी और फरवरी में बोर्ड के प्रतिनिधियों ने TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और JDU अध्यक्ष नीतीश कुमार से समर्थन मांगा था, लेकिन दोनों नेताओं ने सरकार के रुख का समर्थन किया। इससे यह साफ संकेत मिलता है कि सरकार मौजूदा बजट सत्र के दूसरे चरण में इस विधेयक को संसद में पेश करने की योजना बना रही है।

Waqf board Bill AIMPLB Protest
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क्या कहती है सरकार?

सरकार की ओर से इस विधेयक को लेकर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा इसे जल्द ही संसद में पेश कर सकती है। वहीं, AIMPLB ने साफ कर दिया है कि अगर विधेयक वापस नहीं लिया गया, तो मुस्लिम समुदाय बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगा और आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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Holika Dahan 2025 Muhurat: भद्रा के साए में होगा होलिका दहन, जानें शुभ मुहूर्त और पौर...

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Holika Dahan 2025 Muhurat: हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा। हालांकि, इस बार भद्रा काल का साया इस शुभ अवसर पर प्रभाव डालेगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, पूरे दिन भद्रा का प्रभाव रहने के कारण होलिका दहन के लिए बेहद सीमित समय मिलेगा। आइए जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी पौराणिक कथा

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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2025 Muhurat)

इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से शुरू होगी और 14 मार्च को दोपहर 12:24 बजे समाप्त होगी।

Holika Dahan 2025 Muhurat
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भद्रा काल का प्रभाव: इस बार भद्रा का साया पूरे दिन रहेगा, जिससे होलिका दहन करने का उचित समय बेहद कम होगा।

भद्रा समाप्ति का समय: रात 11:26 बजे के बाद भद्रा समाप्त होगी, जिसके बाद ही होलिका दहन करना शुभ माना जाएगा।

होलिका दहन की पौराणिक कथा

होलिका दहन से जुड़ी पौराणिक कथा का संबंध हिरण्यकशिपु, प्रह्लाद और भगवान विष्णु से है। कथा के अनुसार, हिरण्यकशिपु एक शक्तिशाली असुर राजा था, जिसने कठोर तपस्या करके भगवान ब्रह्मा से अमरता का वरदान प्राप्त किया। इस वरदान में कुछ विशेष शर्तें शामिल थीं:

– वह किसी भी जीव द्वारा नहीं मारा जा सकता।
– ना दिन में, ना रात में उसकी मृत्यु हो सकती है।
– उसे ना पृथ्वी पर, ना आकाश में मारा जा सकता है।
– कोई भी हथियार उसका वध नहीं कर सकता।
– देवता, दानव, पुरुष या जानवर उसे नहीं मार सकते।

इस वरदान के कारण वह अजेय हो गया और उसने अपने राज्य में भगवान विष्णु की पूजा को निषेध कर दिया। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और उसने अपने पिता की आज्ञा मानने से इंकार कर दिया।

प्रह्लाद को मारने की साजिश और होलिका दहन

हिरण्यकशिपु ने कई बार प्रह्लाद को मारने के प्रयास किए, लेकिन हर बार भगवान विष्णु ने उसकी रक्षा की। अंत में, उसने अपनी बहन होलिका को एक योजना के तहत बुलाया।

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होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह अग्नि में नहीं जल सकती। उसने अपने भाई की योजना के तहत प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में प्रवेश किया।

लेकिन जैसे ही प्रह्लाद ने भगवान विष्णु का स्मरण किया, चमत्कार हुआ—होलिका का अग्निरोधक वस्त्र प्रह्लाद पर आ गया, जिससे वह सुरक्षित बच गया, जबकि होलिका जलकर भस्म हो गई।

होलिका दहन का महत्व

होलिका दहन अहंकार और अन्याय पर सत्य और भक्ति की जीत का प्रतीक है। यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि भक्ति, विश्वास और सच्चाई की हमेशा जीत होती है। तभी से होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है, जिसमें बुराई का अंत करने के लिए होलिका का दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है।

इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे के बाद रहेगा, क्योंकि इससे पहले भद्रा का प्रभाव रहेगा। यह पर्व न केवल रंगों और खुशियों का होता है, बल्कि सच्चाई की विजय का भी प्रतीक है।

इस पवित्र अवसर पर भगवान विष्णु की आराधना करें, होलिका दहन करें और बुराई को अपने जीवन से दूर करने का संकल्प लें।

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Mohan Babu Accused For Soundarya Murder: 22 साल बाद ‘सूर्यवंशम’ फेम सौंदर...

Mohan Babu Accused For Soundarya Murder: अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म ‘सूर्यवंशम’ में राधा का किरदार निभाने वाली कन्नड़ एक्ट्रेस सौंदर्या की दुखद मृत्यु के 22 साल बाद यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। साल 2004 में प्लेन क्रैश में हुई सौंदर्या की मौत अब एक नए विवाद में उलझ गई है। टॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मोहन बाबू के खिलाफ इस मामले में हत्या का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज की गई है। यह मामला कथित रूप से संपत्ति विवाद से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

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क्या थी सौंदर्या की मौत की असली वजह? (Mohan Babu Accused For Soundarya Murder)

17 अप्रैल 2004 को सौंदर्या का एक प्राइवेट प्लेन क्रैश हो गया था, जिसमें उनके भाई की भी मौत हो गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह करीमनगर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के एक राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेने जा रही थीं, जब यह हादसा हुआ। इस दुर्घटना के बाद उनकी बॉडी तक नहीं मिल पाई थी। उस समय कहा गया था कि यह एक दुर्घटना थी, लेकिन अब इसे साजिशन हत्या का मामला बताया जा रहा है।

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22 साल बाद मोहन बाबू पर हत्या के आरोप

न्यूज 18 कन्नड़ की रिपोर्ट के अनुसार, सौंदर्या की मौत को अब एक सुनियोजित हत्या बताया जा रहा है। शिकायतकर्ता चिट्टीमल्लू ने दावा किया है कि यह सिर्फ एक प्लेन क्रैश नहीं था, बल्कि संपत्ति विवाद की वजह से हुई हत्या थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहन बाबू ने सौंदर्या और उनके भाई अमरनाथ पर शमशाबाद के जलपल्ली गांव में 6 एकड़ जमीन बेचने का दबाव बनाया था।

जब सौंदर्या और उनके भाई ने यह जमीन बेचने से इनकार कर दिया, तो कुछ समय बाद ही उनकी प्लेन क्रैश में मौत हो गई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि सौंदर्या की मौत के बाद मोहन बाबू ने अवैध रूप से इस संपत्ति पर कब्जा कर लिया।

पुलिस में शिकायत और सुरक्षा की मांग

शिकायतकर्ता चिट्टीमल्लू ने यह भी कहा है कि मोहन बाबू से उन्हें जान का खतरा है और उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी मांग की है कि मंचू मनोज के लिए न्याय किया जाए और जलपल्ली में 6 एकड़ के गेस्टहाउस को जब्त किया जाए।

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संपत्ति विवाद में उलझी सौंदर्या की मौत

सौंदर्या और उनके भाई अमरनाथ ने कथित रूप से मोहन बाबू को अपनी जमीन बेचने से मना कर दिया था। मोहन बाबू ने कथित रूप से उन पर दबाव बनाया था, लेकिन उन्होंने अपनी संपत्ति बेचने से इनकार कर दिया। कुछ समय बाद सौंदर्या का प्लेन क्रैश हो गया और इसमें उनकी और उनके भाई की मौत हो गई। अब आरोप लगाया जा रहा है कि यह एक सोची-समझी हत्या थी और प्लेन क्रैश सिर्फ एक बहाना था।

कौन थीं सौंदर्या?

सौंदर्या कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेसेस में से एक थीं। उन्होंने ‘सूर्यवंशम’ के अलावा तेलुगु, तमिल, मलयालम और हिंदी फिल्मों में भी काम किया था। उनकी मासूमियत और बेहतरीन एक्टिंग के कारण वह दर्शकों के दिलों पर राज करती थीं।

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Reliance Jio and SpaceX Partnership: भारत में Starlink हाई-स्पीड इंटरनेट की राह आसान,...

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Reliance Jio and SpaceX Partnership: भारतीय इंटरनेट सेक्टर में बड़ा बदलाव आने वाला है, क्योंकि Reliance Jio ने Elon Musk की कंपनी SpaceX के साथ साझेदारी कर ली है। इस साझेदारी के तहत भारत में Starlink सेटेलाइट-आधारित हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा लाने की योजना है। हालांकि, यह सर्विस अभी भारतीय सरकारी एजेंसियों की मंजूरी का इंतजार कर रही है, लेकिन यह कदम डिजिटल इंडिया के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

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Starlink और Jio की साझेदारी का महत्व (Reliance Jio and SpaceX Partnership)

Reliance Jio ने घोषणा की है कि वह Starlink के डिवाइस, हार्डवेयर और इंस्टॉलेशन में सहायता करेगा। इसके लिए Jio अपने रिटेल और ऑनलाइन स्टोर्स का इस्तेमाल करेगा, जिससे भारतीय ग्राहकों को इस सर्विस को अपनाने में आसानी होगी।

Jio के ग्रुप CEO मैथ्यू ओमन ने इस साझेदारी पर कहा, “हर भारतीय को किफायती और हाई-स्पीड इंटरनेट मुहैया कराना Jio की प्राथमिकता है। SpaceX के साथ हमारा यह सहयोग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पूरे देश में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का विस्तार करेगा।”

Airtel भी कर चुका है SpaceX से साझेदारी

Jio से पहले, भारत की दूसरी प्रमुख टेलीकॉम कंपनी Airtel ने भी SpaceX के साथ साझेदारी की घोषणा की थी। इससे साफ जाहिर होता है कि भारत में सेटेलाइट-आधारित इंटरनेट को लेकर प्रतिस्पर्धा तेज होने वाली है। हालांकि, SpaceX को अभी भारत सरकार से कई मंजूरी लेनी हैं, जिनके मिलने के बाद ही यह सेवा आधिकारिक रूप से शुरू हो सकेगी।

क्या है Starlink और कैसे काम करता है?

Starlink एक सेटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवा है, जिसे Elon Musk की SpaceX कंपनी ने विकसित किया है। इसका मकसद दुनिया भर में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराना है, खासकर उन इलाकों में जहां फाइबर ऑप्टिक ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है।

इस सेवा के लिए मोबाइल टावरों की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि यह लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सेटेलाइट्स के जरिए काम करता है। ये सेटेलाइट्स धरती से 550 किमी ऊपर स्थापित होते हैं और लेजर लिंक की मदद से एक-दूसरे से कनेक्ट रहते हैं।

कैसे जुड़ेगा Starlink घरों से?

Starlink सेवा का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहक को एक Starlink डिश (जिसे Starlink टर्मिनल भी कहा जाता है) लगानी होगी। यह डिश आसमान में मौजूद सेटेलाइट्स से सिग्नल रिसीव और ट्रांसमिट करेगी। फिर यह डिश WiFi राउटर से कनेक्ट होगी, जिससे घरों, स्कूलों और दफ्तरों में इंटरनेट पहुंचाया जाएगा।

SpaceX का बयान

SpaceX की प्रेसिडेंट और COO ग्वेने शॉटवेल ने Jio के साथ साझेदारी पर कहा, “हम भारत में कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए Jio के प्रयासों की सराहना करते हैं। हम Jio के साथ काम करने और भारत सरकार से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं, ताकि Starlink की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों तक पहुंचाई जा सके।”

भारत में Starlink से क्या होगा फायदा?

Starlink की तकनीक भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को क्रांतिकारी रूप से बदल सकती है। खासतौर पर, यह उन इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद करेगा जहां फाइबर ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं है।

  • ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट: भारत के कई गाँव और दुर्गम स्थान अब भी ब्रॉडबैंड से दूर हैं। Starlink उन्हें इंटरनेट से जोड़ सकता है।
  • स्कूल और अस्पतालों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ना: दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित स्कूलों और अस्पतालों में ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
  • आपातकालीन सेवाओं के लिए इंटरनेट: प्राकृतिक आपदाओं या अन्य आपात स्थितियों में यह इंटरनेट सेवा बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।

भारत में Starlink सेवा कब शुरू होगी?

Jio और SpaceX की साझेदारी के बावजूद, Starlink की सेवाएं भारत में तभी शुरू हो सकती हैं जब इसे भारतीय टेलीकॉम और स्पेस अथॉरिटीज से आवश्यक लाइसेंस और मंजूरी मिल जाए। अभी तक SpaceX को इन सभी मंजूरियों का इंतजार है। अनुमोदन मिलने के बाद, भारतीय ग्राहक जल्द ही Starlink का हाई-स्पीड इंटरनेट इस्तेमाल कर सकेंगे।

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Baloch Brigade: पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाले बलोच दस्ते- मजीद फिदायीन ब्रिगेड, फतह स...

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Baloch Brigade: बलूचिस्तान की आज़ादी की लड़ाई में मजीद ब्रदर्स का नाम एक ज्वलंत अध्याय के रूप में दर्ज हो चुका है। दो सगे भाई – मजीद सीनियर और मजीद जूनियर – जिन्होंने बलोच राष्ट्रवाद के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। इनकी शहादत ने बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग को और प्रबल कर दिया। इन्हीं बलिदानों से प्रेरित होकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सबसे खतरनाक फिदायीन दस्ते का जन्म हुआ – मजीद ब्रिगेड। यह वही ब्रिगेड है जिसने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया।

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1974: जब बलूच विद्रोह की लौ भड़क उठी (Baloch Brigade)

2 अगस्त 1974 को क्वेटा में एक युवक पेड़ पर चढ़कर पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो के काफिले का इंतजार कर रहा था। हाथ में हैंड ग्रेनेड था, मकसद था भुट्टो से बदला लेना। यह युवक था मजीद सीनियर।

भुट्टो ने बलूचिस्तान की नेशनल आवामी पार्टी की सरकार बर्खास्त कर दी थी, जिससे बलूच राष्ट्रवादियों का गुस्सा चरम पर था। बलूचिस्तान 1947 से ही एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में रहना चाहता था, लेकिन जिन्ना ने इसे पाकिस्तान में मिला लिया। भुट्टो बलूचों को कोई रियायत देने को तैयार नहीं थे।

मजीद जानता था कि यह आत्मघाती मिशन है। जैसे ही भुट्टो का काफिला करीब आया, उसने ग्रेनेड फेंका लेकिन ऑपरेशन असफल रहा और मजीद मारा गया। हालांकि, उसकी शहादत बलोच आंदोलन का प्रतीक बन गई।

2010: जब छोटा भाई भी कुर्बान हो गया

मजीद सीनियर की मौत के दो साल बाद उसी घर में एक और लड़का जन्मा – मजीद जूनियर। उसका बचपन भी बलूच आज़ादी के विचारों में पला-बढ़ा।

17 मार्च 2010 को पाकिस्तानी सेना ने क्वेटा की वाहदत कॉलोनी के एक घर को घेर लिया, जहां कई बलूच विद्रोही मौजूद थे। चारों तरफ से घिरे विद्रोहियों में मजीद जूनियर भी था। उसने हथियार उठाए और पाक सैनिकों से जमकर लड़ा ताकि उसके साथी सुरक्षित निकल सकें। अंततः वह शहीद हो गया।

मजीद जूनियर की शहादत बलोच आंदोलन के लिए बड़ा मोड़ थी। जब लोगों को पता चला कि वह मजीद सीनियर का भाई था, तो पूरे बलूचिस्तान में गम और गुस्से की लहर दौड़ गई।

2011: जब बलूचिस्तान में जन्मा फिदायीन दस्ता

2011 में बलूच नेता असलम बलोच ने बलूचिस्तान आंदोलन को और उग्र बनाने का फैसला किया। उन्होंने एक आत्मघाती दस्ता बनाने की योजना बनाई और इसका नाम मजीद ब्रिगेड रखा। यह यूनिट बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) की एक शाखा के रूप में उभरी।

मजीद ब्रिगेड: पाकिस्तान की सबसे बड़ी चुनौती

मजीद ब्रिगेड ने 2011 में पहला आत्मघाती हमला किया, जिसमें पाकिस्तान के पूर्व मंत्री नसीर मंगल मारे गए। इसके बाद इस ब्रिगेड ने कई बड़े हमले किए:

  • 2018: कराची में चीनी दूतावास पर आत्मघाती हमला।
  • 2019: ग्वादर के पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल पर हमला, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का अहम केंद्र है।
  • 2022: कराची यूनिवर्सिटी के कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट पर हमला।
  • 2024: बलूच विद्रोहियों ने ट्रेन जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया।

फंडिंग और आधुनिक हथियारों से लैस ब्रिगेड

अमेरिकी थिंक टैंक द जेम्सटाउन फाउंडेशन के अनुसार, मजीद ब्रिगेड को विदेशों में बसे बलूच समुदाय से फंडिंग मिलती है। पैसा हवाला चैनल के जरिए भेजा जाता है।

ब्रिगेड के पास आधुनिक सैन्य हथियार हैं, जिनमें IED, RPG, ऑटोमेटिक असॉल्ट राइफल्स, BM-12 और 107mm रॉकेट शामिल हैं। इसके अलावा, मजीद ब्रिगेड के लड़ाकों को C4 विस्फोटकों और आत्मघाती जैकेट का प्रशिक्षण दिया जाता है।

फतह स्क्वॉड और जीरब यूनिट्स

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी में फतह ब्रिगेड और जीरब यूनिट जैसी विशेष इकाइयाँ भी काम करती हैं:

  • फतह ब्रिगेड: गुरिल्ला युद्ध में माहिर, जो पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले करती है।
  • जीरब यूनिट: यह बलूचिस्तान के शहरों में छिपकर पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ खुफिया ऑपरेशन को अंजाम देती है।

क्या बलूचिस्तान को आज़ादी मिलेगी?

बलूचिस्तान के संसाधनों का पाकिस्तानी सरकार द्वारा शोषण बलोच विद्रोहियों को और आक्रामक बना रहा है। मजीद ब्रिगेड और अन्य विद्रोही गुट लगातार पाकिस्तान के सैन्य और आर्थिक ठिकानों को निशाना बना रहे हैं।

बलूच राष्ट्रवाद की यह लड़ाई दशकों से जारी है और मजीद ब्रदर्स की शहादत ने इसे नई ऊर्जा दी है। पाकिस्तान सरकार इसे कुचलने की कोशिश कर रही है, लेकिन हर बार यह आंदोलन और तेज हो जाता है।

क्या आने वाले वर्षों में बलूचिस्तान अपनी आज़ादी की लड़ाई जीत पाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन मजीद ब्रिगेड का आतंक पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।

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Bhagyashree Film Career: पहली ही फिल्म से सुपरस्टार, लेकिन प्यार के लिए छोड़ दिया बॉल...

Bhagyashree Film Career: बॉलीवुड में अक्सर किस्मत बदलने में सालों लग जाते हैं, लेकिन 1989 में एक ऐसी अभिनेत्री आई जिसने अपनी पहली ही फिल्म से लोगों के दिलों पर राज करना शुरू कर दिया। वह अभिनेत्री थीं भाग्यश्री, जिन्होंने सूरज बड़जात्या की फिल्म मैंने प्यार किया से डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनकी मासूमियत और अभिनय ने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया। लेकिन जिस रफ्तार से उनका करियर आसमान छू रहा था, उसी तेजी से उन्होंने इसे छोड़ने का फैसला भी कर लिया।

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पहली फिल्म से रातोंरात स्टार बनीं भाग्यश्री (Bhagyashree Film Career)

राजघराने से ताल्लुक रखने वाली भाग्यश्री ने साल 1989 में मैंने प्यार किया से बॉलीवुड में कदम रखा। फिल्म में उनके किरदार ‘सुमन’ ने दर्शकों को इतना प्रभावित किया कि वह हर निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बन गईं। मैंने प्यार किया न केवल एक बड़ी हिट थी, बल्कि इस फिल्म ने सलमान खान और भाग्यश्री, दोनों को नए मुकाम पर पहुंचा दिया। हालाँकि, इस सफलता को वे ज्यादा समय तक कायम नहीं रख सकीं।

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प्यार की खातिर करियर को किया दरकिनार

भाग्यश्री जब मैंने प्यार किया की शूटिंग कर रही थीं, तभी उनके दिल में किसी खास के लिए जगह बन चुकी थी। वह शख्स और कोई नहीं, बल्कि हिमालय दसानी थे। कहा जाता है कि सलमान खान को भी इस रिश्ते की खबर थी। लेकिन अपने प्यार को पाने के लिए भाग्यश्री ने करियर से ज्यादा अपनी निजी जिंदगी को महत्व दिया और सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचते ही फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया।

परिवार की मर्जी के खिलाफ की शादी

फिल्म की जबरदस्त सफलता के बाद भाग्यश्री ने अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ जाकर हिमालय दसानी से शादी कर ली। इस शादी से उनके परिवार वाले खुश नहीं थे, इसलिए यह विवाह बेहद गुपचुप तरीके से हुआ। शादी के बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली और अपने परिवार को प्राथमिकता दी।

शर्तों के साथ की वापसी, लेकिन नाकाम रहीं

शादी के बाद जब भाग्यश्री ने फिल्मों में वापसी की, तो उन्होंने एक शर्त रखी कि वह केवल अपने पति हिमालय दसानी के साथ ही काम करेंगी। इस शर्त की वजह से कई निर्माताओं को उन्हें साइन करने में परेशानी हुई। कुछ प्रोड्यूसर्स ने उनकी शर्त मानते हुए हिमालय दसानी को बतौर हीरो कास्ट किया, लेकिन अफसोस कि ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गईं।

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धीरे-धीरे भाग्यश्री का फिल्मी करियर ढलान पर आ गया और उनकी चमक फीकी पड़ गई। इंडस्ट्री में जहां उनकी पहली फिल्म ने उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाया था, वहीं बाद की फिल्मों की असफलता ने उनके करियर पर ग्रहण लगा दिया।

क्या सही था करियर छोड़ने का फैसला?

भाग्यश्री की कहानी उन अभिनेत्रियों में से एक है जिन्होंने प्यार के लिए अपना करियर छोड़ दिया। यदि वह फिल्मों में सक्रिय रहतीं, तो संभवतः उनका करियर लंबा और सफल होता। हालांकि, उन्होंने अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जिया और अपने फैसलों पर कायम रहीं।

आज भाग्यश्री भले ही बड़े पर्दे से दूर हों, लेकिन वे सोशल मीडिया और रियलिटी शोज़ के जरिए सुर्खियों में बनी रहती हैं।

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