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लालू यादव का शासन: भारत रत्न की मांग से पहले जानें उनके कार्यकाल के विवाद और घोटाले

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RJD supremo Lalu Prasad Yadav
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लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) भारतीय राजनीति का एक प्रमुख चेहरा हैं, जो अपने अनोखे अंदाज और सामाजिक न्याय के प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन उनका शासन हमेशा से ही अपने कार्यकाल के दौरान हुए कई विवादों, घोटालों और अपराधों के कारण चर्चा में रहा है। आज जब कुछ लोग लालू यादव के लिए भारत रत्न की मांग (Lalu Yadav Bharat Ratna demand) कर रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि उनके शासन में ऐसा क्या हुआ, जिसने बिहार को सालों पीछे धकेल दिया।

और पढ़ें: Champa Vishwas Rape Case: बिहार में 90 का वो काला दशक! सत्ता, शासन और यौन शोषण के आरोप की धुंधली दास्तां

भारत रत्न की मांग पर सवाल- Lalu Yadav Bharat Ratna demand

कई आरजेडी नेता लालू यादव को भारत रत्न दिए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में आरजेडी कार्यालय के पास पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की मांग की गई है। लेकिन इस मांग के साथ यह भी जरूरी है कि हम उनके शासन के दौरान बिहार के सामने आए काले पहलुओं को नजरअंदाज न करें। लोगों के मन में अभी भी यह सवाल है कि क्या ऐसे नेता को भारत रत्न जैसा सर्वोच्च सम्मान दिया जाना चाहिए, जिसके शासन में ऐसी घटनाएं हुईं।

चारा घोटाला- Lalu Yadav Fodder Scam

लालू यादव के शासनकाल (Lalu Yadav’s reign) में बिहार में हुए चारा घोटाले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस घोटाले में सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए निकाले गए थे, जिसमें फर्जी बिलों का इस्तेमाल कर चारा और पशु चिकित्सा से जुड़ी सामग्री की खरीद दिखाई गई थी। खबरों की मानें तो चारा घोटाले में उत्तर भारतीय राज्य बिहार के सरकारी खजाने से करीब 940 करोड़ रुपए का गबन हुआ था। इस मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया गया था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। चारा घोटाला भ्रष्टाचार का एक ऐसा मामला है, जिसे आज भी बिहार की राजनीतिक व्यवस्था पर काले धब्बे के तौर पर देखा जाता है।

कानून व्यवस्था का पतन

लालू यादव के राज में बिहार की कानून व्यवस्था (Law and Order in Bihar) पूरी तरह से चरमरा गई थी। अपहरण, हत्या, डकैती, और अपराधों में तेजी से इजाफा हुआ। कहा जाता था कि गुंडागर्दी और माफियाओं का बोलबाला था, और पुलिस प्रशासन कमजोर हो गया था। एक दौर में बिहार में ऐसा माहौल बन गया था कि लोग राज्य को ‘जंगल राज’ कहने लगे थे। अपराधों के बढ़ते आंकड़े और न्याय व्यवस्था की कमजोरी ने लोगों को असुरक्षित बना दिया था।

दलित IAS अधिकारी की बीवी से रेप- Champa Vishwas Rape Case

1982 बैच के दलित आईएएस अधिकारी बीबी बिस्वास ने दावा किया था कि लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी मृत्युंजय कुमार यादव ने उनकी 30 वर्षीय पत्नी चंपा बिस्वास, उनकी मां, दो नौकरानियों और एक भतीजी का यौन शोषण किया था। इस घटना को दबाने के लिए आरोपी ने जबरदस्ती, हिंसा, धमकी और प्रलोभन का इस्तेमाल किया।

चंपा के साथ कई बार यौन शोषण हुआ था की उसे गर्भपात करवाना पड़ा। अंततः उसे खुद ही नसबंदी करवानी पड़ी। वहीं मामले का आकलन करने के बाद राज्यपाल ने मामले को गृह मंत्री को भेज दिया। मृत्युंजय की मां हेमलता यादव विधायक थीं और बिहार समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड की अध्यक्ष थीं। IAS अधिकारी की पत्नी और अन्य पीड़ितों ने कई बार न्याय के लिए गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा सत्ता के प्रति वफादारी निभाने में व्यस्त था। इस तरह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

गैराज में मिली अर्धनग्न लाशें: शिल्पी-गौतम हत्याकांड

यह घटना बिहार की राजनीति और लालू यादव के शासनकाल में अपराध के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है। एक MLA के बंगले के गैराज में एक लड़के और लड़की की अर्धनग्न अवस्था में लाश (Bihar Shilpi-Gautam murder case) मिलने से हड़कंप मच गया था। कार में लाशें मिलने के बाद यह मामला और भी गंभीर हो गया, क्योंकि इससे बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठे।

इस घटना में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव के करीबी और तेजस्वी यादव के मामा साधू यादव का नाम भी जुड़ा था। आरोप था कि इस घटना में साधू यादव का हाथ है। हालांकि, साधू यादव ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन इस घटना ने लालू सरकार के शासन पर कई सवाल खड़े कर दिए।

जब यह मामला सुर्खियों में आया, तब प्रशासन पर आरोप लगे कि उन्होंने प्रभावशाली लोगों के दबाव में मामले की जांच को धीमा कर दिया। इसने बिहार की जनता में नाराजगी और असुरक्षा की भावना पैदा की। इस घटना के बाद यह साफ हो गया था कि लालू यादव के शासनकाल में अपराधियों को सत्ताधारी लोगों का संरक्षण प्राप्त था।

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Champa Vishwas Rape Case: बिहार में 90 का वो काला दशक! सत्ता, शासन और यौन शोषण के आरोप की धुंधली दास्तां

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delhi Rape case
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90 का दशक बिहार के राजनीतिक इतिहास में सत्ता और अपराध के गठजोड़ के लिए जाना जाता है। उस समय राज्य की सत्ता पर लालू प्रसाद यादव का शासन (Lalu Yadav’s reign) था, जो समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों के मसीहा माने जाते थे। परंतु सत्ता की इस चकाचौंध में कुछ ऐसी घटनाएं घटीं, जिन पर न केवल सवाल उठे बल्कि सरकार और प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर संदेह किया गया। इनमें से एक घटना बिहार के एक प्रभावशाली विधायक के पुत्र से जुड़ी है, जिन पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे थे। हम बात लार रहे हैं बिहार के चंपा विश्वास कांड (Champa Vishwas Rape Case) की।

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यौन शोषण का आरोप और सत्ता का समर्थन- Bihar IAS Wife Rape Case

इस मामले में एक दलित IAS अधिकारी की पत्नी, मां, उनकी भतीजी और घर की नौकरानियों ने आरोप लगाया कि विधायक के बेटे ने उनके साथ दो साल तक लगातार यौन शोषण किया। मामला तब और भी गंभीर हो गया जब सत्ता और प्रशासन ने न केवल पीड़ितों की मदद से मुंह मोड़ा, बल्कि आरोपी को बचाने का हरसंभव प्रयास किया। यहां तक ​​कि उस समय के राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी ने भी बिहार के गृह मंत्रालय से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने गहन जांच का हवाला देते हुए इसे आईएएस की पत्नी का मामला बताया। उन्होंने दावा किया कि हालांकि ये गंभीर आरोप हैं, लेकिन उस समय बिहार के डीजीपी नियाज अहमद ने स्वतंत्र रूप से इनकी जांच की थी। उन्होंने बताया कि हेमलता यादव के बेटे ने जांच करने के बाद कुछ नहीं किया। यह भी कहा जाता है कि राज्यपाल ने केंद्र को भी इस बारे में बताया था।

ये है पूरा मामला

दरअसल, 1982 बैच के दलित आईएएस अधिकारी बीबी विश्वास (Dalit IAS officer BB Biswas) ने 18 जुलाई 1990 को चंपा विश्वास से विवाह किया था। 2 नवंबर 1995 को वे पटना के बेली रोड में स्थानांतरित हो गए। समाज कल्याण विकास विभाग में डीडी विश्वास को सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई। कद्दावर नेता और आरजेडी विधायक हेमलता यादव (RJD MLA Hemlata Yadav) को बिहार समाज कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। साथ ही डीडी विश्वास और हेमलता यादव को एक-दूसरे से कुछ हद तक नजदीक घर दिए गए। 1995 में प्रसिद्ध कार्यकर्ता हेमलता यादव के 27 वर्षीय बेटे की चंपा विश्वास पर बुरी नजर पड़ी, जो उस समय डीयू हिंदू कॉलेज में छात्र था।

ऐसे शुरू हुई रेप की कहानी

आईएएस की पत्नी के साथ बलात्कार की कहानी 7 सितंबर 1995 को शुरू होती है, जब एक दिन हेमलता आईएएस की पत्नी चंपा को अपने घर बुलाती है। जब चंपा हेमलता के घर पहुंचती है, तो वह उसे एक कमरे में ले जाती है और पीछे से दरवाजा बंद कर देती है। हेमलता के बेटे मृत्युंजय (Mrityunjay Yadav) द्वारा कमरे के अंदर चंपा के साथ हिंसक बलात्कार किया जाता है।

मृत्युंजय न केवल चंपा का बलात्कार करता है, बल्कि उसकी भतीजी को भी अपनी हवस का शिकार बनाता है। वह आईएएस की दो नौकरानियों का भी अलग-अलग समय पर बलात्कार करता है। वह नौकरशाह के घर पर उनकी मां को भी छूता है। 1995 से 1997 तक चंपा विश्वास लगातार मृत्युंजय की हवस का शिकार होती रहती है। हेमलता का खौफ इतना है कि वह (चंपा) नाजायज बच्चे से बचने के लिए नसबंदी करवा लेती है।

हेमलता यादव vs कानून व्यवस्था

यह मामला तब लोगों के सामने आया जब 1997 में चंपा विश्वास ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पटना पुलिस ने उनकी शिकायत पर कुछ नहीं किया। उस समय सत्ता और दबाव का ऐसा माहौल था कि पीड़ित परिवार की आवाज को दबाने के लिए हर संभव कोशिश की गई। IAS अधिकारी की पत्नी और अन्य पीड़ितों ने कई बार न्याय के लिए गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा सत्ता के प्रति वफादारी निभाने में व्यस्त था।

इस मामले ने सबसे ज़्यादा तूल तब पकड़ा जब बिहार के विपक्षी नेता और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चंपा विश्वास कांड का पर्दाफाश कर सबको चौंका दिया।

हेमलता और मृत्युंजय को हुई जेल

एक दिन चंपा विश्वास और उनके आईएएस पति बिहार के राज्यपाल के कार्यालय में पहुँचते हैं। 1997 में राज्यपाल के अनुरोध पर मृत्युंजय को हिरासत में लिया जाता है। इस मुद्दे ने मीडिया का भी ध्यान खींचा। दो महीने तक हेमलता पकड़ से बचती रही। दो महीने बाद हेमलता सरेंडर करती है। मृत्युंजय और हेमलता को पाँच साल की सजा के बाद तीन साल के लिए कैद किया गया। उसके बाद, दोनों को जमानत पर हिरासत से रिहा कर दिया गया। इस बीच, पटना स्थानीय न्यायालय का फैसला आता है। हेमलता को तीन साल की सजा मिलती है, जबकि मृत्युंजय को दस साल की सजा मिलती है। हेमलता को फिर से जेल जाने की ज़रूरत नहीं थी क्योंकि वह पहले तीन साल जेल में काट चुकी थी।

मृत्युंजय को मिली हाईकोर्ट से राहत

मृत्युंजय ने सज़ा के ख़िलाफ़ पटना हाई कोर्ट में अपील दायर की। निचली अदालत के फ़ैसले को पटना हाई कोर्ट ने पलट दिया। मृत्युंजय के वकील के मुताबिक, दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। चंपा शादी करने के लिए दृढ़ थी। ऐसा न करने पर उसने परिवार को बदनाम करने की धमकी दी थी। साथ ही, यह भी कहा गया कि चंपा ने अपने नौकरशाह पति को भ्रष्टाचार के आरोपों से बचाने के लिए ये आरोप गढ़े। भर्ती घोटाले में सरकार ने डीडी विश्वास का नाम लिया। किसी ने चंपा का साथ नहीं दिया।

हालांकि, पीड़ितों को न्याय मिलना तो दूर, इस मामले में समय के साथ ध्यान कम हो गया और यह मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन 90 के दशक के इस अंधेरे दौर की ये घटनाएं आज भी समाज को याद दिलाती हैं कि किस तरह सत्ता और अपराध का गठजोड़ जनता के विश्वास को तोड़ने में सक्षम है।

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Dhanteras 2024: 29 अक्टूबर को है धनतेरस, जानें पूजा, खरीदारी और दीपदान का शुभ मुहूर्त

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Dhanteras 2024 Shubh Muhurat
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धनतेरस (Dhanteras 2024) का पर्व इस वर्ष 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष दिन माना जाता है, जिसमें लोग धन, सुख-समृद्धि, और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वंतरि के साथ धन की देवी माता लक्ष्मी (Goddess Mata Lakshmi) और गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) की पूजा करने का विधान है। शुभ चीजें भी घर लाई जाती हैं। इस दिन खासतौर पर सोना, चांदी, बर्तन, वाहन, और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं धनतेरस के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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धनतेरस 2024 डेट और टाइम (Dhanteras 2024 Date and Time)

पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से शुरू होगी। वहीं, यह तिथि अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को दोपहर 01:15 बजे समाप्त होगी। ऐसे में धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम को 06:31 बजे से 08:13 बजे तक है।

Dhanteras 2024 Shubh Muhurat
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इस मुहूर्त करें खरीदें शुभ चीजें  

इस दिन सोना, चांदी, वाहन आदि खरीदने का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर (Dhanteras 2024 Shubh Muhurat) को सुबह 10:31 बजे से लेकर अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को सुबह 06:32 बजे तक है। इसके अलावा आप 31 अक्टूबर को भी चीजें खरीद सकते हैं, जिनका शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

शाम 04:13 से शाम 05:36 तक।

शाम 05:36 से रात 07:14 तक।

रात 07:14 से रात 08:51 तक।

यम का दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त क्या है?

धनतेरस पर मृत्यु के देवता यम के नाम पर दीपक जलाना शुभ (yam ka deepak kab jalaya jata hai)  होता है। कल दीपक जलाने का कुल शुभ मुहूर्त 1 घंटा 17 मिनट है। 29 अक्टूबर 2024 को यम दीपदान का शुभ मुहूर्त कल शाम 5:38 बजे से 6:55 बजे तक है।

Diwali Laxmi Puja Samagri
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विशेष ध्यान दें

धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ धन की देवी माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पूजा स्थल को फूल, दीये और रंगोली से सजाना चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें।

चौकी पर भगवान धन्वंतरि के साथ देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। अंत में फल, मिठाई और अन्य चीजें चढ़ाएं और लोगों में प्रसाद बांटें।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। नेड्रिक न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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Sharda Sinha: वेंटिलेटर पर लोक गायिका शारदा सिन्हा, हालत गंभीर, महीने पहले हुआ था पति का निधन

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Folk singer Sharda Sinha
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देशभर में मशहूर और पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित बिहार की लोकगायिका शारदा सिन्हा (Padma Shri Awarded Sharda Sinha) को लेकर एक बेहद चिंताजनक खबर आ रही है। 26 अक्टूबर को उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल (Delhi AIIMS Hospital) में भर्ती कराया गया था। अब उनकी हालत पहले से ज्यादा खराब होती जा रही है। अब उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से उनका एम्स में इलाज चल रहा था। शारदा सिन्हा ने एक महीने पहले ही अपने पति बृज किशोर सिन्हा (Sharda Sinha’s husband Braj Kishor Sinha) को खो दिया था। पति की मौत के कुछ हफ्ते बाद ही गायिका के अस्पताल में भर्ती होने की खबर ने न सिर्फ उनके फैंस को हैरान कर दिया है बल्कि उन्हें चिंता में भी डाल दिया है।

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सिंगर शारदा सिन्हा की हालत अब कैसी है?

खबरों में दावा किया गया है कि शनिवार की सुबह शारदा सिन्हा की हालत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें खाने-पीने में दिक्कत हो रही है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक शारदा सिन्हा को वेंटिलेटर पर रखा गया है। लेकिन अस्पताल से जारी किए गए एक वीडियो में सिन्हा के बेटे अंशुमान ने इन अफवाहों को झूठा बताया है।

बेटे ने बताया मां का हाल- Sharda Sinha Health Update

अंशुमान सिन्हा का दावा है कि उनकी मां वेंटिलेटर पर नहीं हैं, लेकिन उनकी हालत गंभीर है। शारदा सिन्हा के बेटे के अनुसार, उनकी मां को 2018 से मल्टीपल मायलोमा है, लेकिन हाल के दिनों में उनकी हालत और खराब हो गई है, जिसके कारण उन्हें एम्स में भर्ती कराना पड़ा। अंशुमान का दावा है कि जब से उनके पिता का निधन हुआ है, उनकी मां सदमे में हैं। इसके अलावा, अंशुमान के अनुसार, चिकित्सकों के अनुसार उनकी मां की हालत में सुधार हो रहा है। इसलिए, उनके बारे में कोई भी प्रतिकूल अफवाह नहीं फैलनी चाहिए।

पिछले महीने हुआ शारदा सिन्हा के पति का निधन

22 सितंबर 2024 को शारदा सिन्हा के पति बृज किशोर सिन्हा (Sharda Sinha’s husband Braj Kishor Sinha) का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया। वे अस्सी वर्ष के थे। बृज और शारदा की शादी को चौवन साल हो गए थे। 72 वर्षीय बिहार की शारदा सिन्हा अपनी लोक और पारंपरिक धुनों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं के साथ-साथ विवाह गीतों में भी कई छठ गीत गाए हैं।

फिल्मों में भी दी है अपनी आवाज

शारदा सिन्हा (Bihar folk singer Sharda Sinha) का नाम ज़्यादातर छठ गीतों के लिए जाना जाता है। वैसे, उन्होंने कई फ़िल्मों में भी अपनी आवाज़ दी है। शारदा सिन्हा ने हिंदी फ़िल्मों “मैंने प्यार किया” से “काहे तोहसे सजना”, “हम आपके हैं कौन” से “बाबुल” और “गैंग्स ऑफ़ वासेपुर 2” से “तार बिजली” जैसे गीत गाए हैं।

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Bigg Boss 18: अजय देवगन ने किया चौंकाने वाला खुलासा, सिंघम अगेन की शूटिंग के दौरान 3 महीने के लिए हो गए थे अंधे

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Ajay Devgn Accident During Singham Again
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बिग बॉस 18 (Bigg Boss 18) को शुरू हुए आधे महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। सलमान खान (Salman Khan) के रियलिटी शो में अब तक तीन इविक्शन (Bigg Boss 18 Eviction) हो चुके हैं। वहीं रविवार को ‘वीकेंड का वार’ (Bigg Boss 18 Weekend Ka Vaar) में अजय देवगन (Ajay Devgn) और रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) अपनी आगामी फिल्म ‘सिंघम अगेन’ के प्रमोशन के लिए आए थे। इसी दौरान अजय ने फिल्म की शूटिंग से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया जिससे जान सब चौंक गए थे। दरअसल शूटिंग के दौरान अजय की आंखों की रौशनी चली गई थी। आईए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला।

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बिग बॉस 18 वीकेंड का वार में आए बाजीराव- Ajay Devgn Accident During Singham Again

अजय देवगन की बहुप्रतीक्षित फिल्म सिंघम अगेन का दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार है। फिल्म की बात करे तो 1 नवंबर को सिंघम अगेन सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। लोग इस फिल्म को देखने के लिए बेताब हैं। फिल्म के मेकर्स को भी इससे काफी उम्मीदें हैं। इसी बीच, रविवार को बाजीराव सिंघम और डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने प्रमोशन के लिए सलमान खान के शो बिग बॉस 18 वीकेंड का वार में आए थे। इस दौरान सभी ने फिल्म से जुड़ी कई बातों पर चर्चा की और कुछ चौंकाने वाली बातें भी सामने आईं।

कैसे गई अजय देवगन की आंख की रोशनी?

‘बाजीराव सिंघम’ अजय देवगन द्वारा सिंघम अगेन में निभाया गया एक बेहतरीन किरदार है। लोगों की मांग के चलते उन्हें इस फिल्म के तीसरे पार्ट के लिए अप्रोच किया गया क्योंकि उन्होंने इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया था। सलमान खान ने भी फिल्म को लेकर बिग बॉस के सेट पर अजय से काफी बातचीत की थी। उन्होंने अजय से पूछा कि क्या इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी आंख में चोट लगी थी। अजय ने जवाब दिया कि दर्द तो हुआ ही, लेकिन समस्या इतनी गंभीर थी कि एक आंख की रोशनी कुछ महीनों के लिए चली गई थी। उसके बाद एक छोटा सा ऑपरेशन करवाना पड़ा। उन्होंने कहा कि आंख में अभी भी कुछ दिक्कतें हैं।

 

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इस तरह सेट पर घायल हुए अजय

सलमान खान ने अजय देवगन की आंख में लगी चोट (Ajay Devgn Accident During Singham Again) के बारे में भी बताया। दरअसल, एक एक्शन सीक्वेंस के दौरान मिसफायर की वजह से यह दुर्घटना हुई। एक मौके पर एक शख्स ने अजय पर हमला करने के लिए डंडे का इस्तेमाल किया, लेकिन उसकी टाइमिंग सही नहीं थी और डंडा अजय की आंख में जा लगा। इस दुर्घटना की वजह से उनकी दृष्टि बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। सलमान ने आगे बताया कि एक्शन सीक्वेंस फिल्माते समय अक्सर ऐसी दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

 

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एक्टर को निगेटिव रोल निभाना पड़ा भारी, नाराज महिला ने गुस्से में आकर जड़ दिया थप्पड़, VIDEO वायरल

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Telugu actor Ramaswamy slap controversy
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हर एक्टर का सपना होता है कि वो जब भी एक्टिंग करे तो वो रियल लगे, लोग उसकी एक्टिंग की तारीफ करें। हीरो हो या विलेन हर कोई चाहता यही चाहता है लेकिन कई बार एक्टर अपने रोल में इतना खो जाता है कि पब्लिक भी समझ नहीं पाती कि एक्टर एक्टिंग कर रहा है या ये सब रियल है। अब हाल ही में एक एक्टर को भी पब्लिक से ऐसी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है। जिसे देखकर हर कोई हैरान है। दरअसल, एक्टर को उसकी एक्टिंग के इनाम में जोरदार थप्पड़ मिला (Telugu actor Ramaswamy slap controversy) है। चलिए आपको पूरा विवाद विस्तार से बताते हैं।

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भले हॉल में हुआ तमाशा – Film ‘Love Reddy’ screening controversy

दरअसल, पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब एक महिला दर्शक ने फिल्म “लव रेड्डी” के शो में तेलुगु अभिनेता एनटी रामास्वामी (Telugu actor NT Ramaswamy) पर हमला किया। इस झगड़े का फुटेज सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। दरअसल एनटी रामास्वामी और अन्य अभिनेता गुरुवार, 24 अक्टूबर को हैदराबाद के एक थिएटर में पहुंचे। पूरी कास्ट के बीच, महिला दर्शक ने तेलुगु अभिनेता रामास्वामी को पकड़ लिया और उन्हें जोरदार तमाचा मारा। जब सभी ने अभिनेता का कॉलर उसके हाथ से छुड़ाने की कोशिश की, तब भी महिला गुस्से में उन पर हमला करने के लिए दौड़ती हुई दिखाई दे रही है।

महिला ने क्यों किया तेलुगु एक्टर पर हमला

सोशल मीडिया पर यह सनसनी तेलुगु फिल्म “लव रेडी” (Telugu Movie Love Ready) के एक दृश्य से शुरू होती है, जिसमें रामास्वामी का किरदार अपनी हथेली में एक पत्थर लेता है, उसे अपनी खोपड़ी पर मारता है और फिर वह अपनी बेटी पर भी वही पत्थर फेंकता है, जिससे उसकी खोपड़ी पर चोट लगती है।

हैदराबाद में प्रशंसकों के लिए आयोजित इस स्क्रीनिंग में सितारे भी उनकी प्रतिक्रियाएं देखने पहुंचे थे। जब फिल्म थियेटर में दर्शकों की भारी प्रशंसा हो रही थी, तभी एक महिला मंच पर चढ़ी और कलाकारों के साथ खड़े अभिनेता एंटी रामास्वामी का कॉलर पकड़ लिया (Telugu actor Ramaswamy slap controversy) और उन्हें पीटना शुरू कर दिया।

आसपास के लोगों ने अभिनेता को कॉलर से छुड़ाने की कोशिश की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला प्रशंसक इस बात से काफी नाराज थीं कि रामास्वामी फिल्म में खलनायक की भूमिका निभाकर मुख्य कलाकारों को परेशान कर रहे थे। मंच पर मौजूद कलाकार उन्हें समझाते नजर आए कि यह सिर्फ एक फिल्म है।

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दी अलग-अलग प्रतिक्रिया

इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “स्टेज पर खड़े सभी लोग हंस रहे थे, यहां तक ​​कि उस महिला को पकड़ने वाली अभिनेत्री भी हंस रही थी”।

एक अन्य यूजर ने लिखा, “यह स्क्रिप्टेड हो सकता है, लेकिन अभिनेता ने वास्तव में उस सीन में जान डाल दी है। उम्मीद है कि उन्हें और फिल्मों में काम करने का मौका मिलेगा”। सोशल मीडिया पर कई लोगों का यह भी मानना ​​है कि यह महज एक पब्लिसिटी स्टंट है। लव रेड्डी का निर्देशन स्मरण रेड्डी ने किया है।

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मल्लिकार्जुन खड़गे की कहानी: एक दलित बच्चे से कांग्रेस अध्यक्ष बनने तक का सफर

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Congress president Mallikarjun Kharge
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) की कहानी संघर्ष, दृढ़ संकल्प और अनवरत मेहनत का प्रतीक है। एक दलित परिवार में जन्मे खड़गे का सफर आसान नहीं था। कर्नाटक के एक छोटे से गांव में जन्मे खड़गे ने अपने जीवन की शुरुआत कठिन परिस्थितियों में की। उनके परिवार को न केवल आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, बल्कि सामाजिक भेदभाव का भी सामना करना पड़ा। लेकिन इन कठिन परिस्थितियों ने उनके आत्मविश्वास को कभी कम नहीं होने दिया।

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प्रारंभिक जीवन और संघर्ष- Mallikarjun Kharge Life story

खड़गे का जन्म 1942 में कर्नाटक के बीदर जिले में हुआ था। उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की और कानून की पढ़ाई की। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें दलित समाज के लिए अन्याय और असमानता का प्रतिकार करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने हमेशा से ही समाज में समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास किया।

Congress president Mallikarjun Kharge
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7 साल की उम्र में खड़गे ने खोया था मां

महज सात साल की उम्र में मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी मां और अन्य रिश्तेदारों (Mallikarjun Kharge family) को खो दिया। सांप्रदायिक दुश्मनी के कारण उन्हें अपने जन्मस्थान से पास के कलबुर्गी जिले में स्थानांतरित होना पड़ा, जिसे मूल रूप से गुलबर्गा के नाम से जाना जाता था। अपनी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए उन्होंने एक मूवी थियेटर में भी काम किया। वह छह भाषाएँ बोलते हैं।

छात्र संघ से की शुरुआत

हालांकि, खड़गे ने अपना राजनीतिक जीवन (Mallikarjun Kharge political career) एक छात्र संघ नेता के रूप में शुरू किया था। वे गवर्नमेंट कॉलेज गुलबर्गा में छात्र संघ के महासचिव चुने गए थे। 1969 में, वे एमएसके मिल्स कर्मचारी संघ के कानूनी सलाहकार बन गए। वे संयुक्त मजदूर संघ के एक प्रभावशाली ट्रेड यूनियन नेता भी थे और उन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया।

राजनीति में प्रवेश- Mallikarjun Kharge political career

मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से की और जल्द ही अपनी योग्यता और मेहनत से पार्टी में अपनी जगह बना ली। वे 1969 में कांग्रेस में शामिल हुए और जल्द ही अपनी नेतृत्व क्षमता के कारण पार्टी में एक मजबूत नेता के रूप में उभरे। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक पदों पर कार्य किया और कई बार कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए। उनकी प्रतिबद्धता, ईमानदारी और सेवा भावना ने उन्हें पार्टी में लोकप्रिय बना दिया।

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कठिनाइयों के बावजूद आगे बढ़ना

दलित समुदाय से होने के कारण खड़गे को अपने राजनीतिक जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्हें सामाजिक असमानता और भेदभाव का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने संघर्ष को अपनी ताकत बनाया। वे हमेशा समाज के दबे-कुचले तबकों की आवाज़ बने और उनके अधिकारों के लिए लड़ते रहे। उनकी यही प्रतिबद्धता और जुझारूपन उन्हें कांग्रेस पार्टी में ऊंचे पदों पर ले गया।

कांग्रेस अध्यक्ष बनना

2022 में मल्लिकार्जुन खड़गे को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष (Congress president Mallikarjun Kharge) चुना गया। यह उनकी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के इतिहास में वे दूसरे दलित अध्यक्ष बने। उनका यह पदभार न केवल उनके लिए बल्कि उन लाखों दलितों और वंचितों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना, जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद, खड़गे ने पार्टी में नए बदलाव और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए।

मल्लिकार्जुन खड़गे की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सामाजिक बाधाएं और भेदभाव किसी भी व्यक्ति के आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प को नहीं रोक सकते। उनका जीवन उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं।

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जानें फैक्ट्री में कैसे बनते हैं गंजे सिरों पर हरियाली लाने वाले हेयर पैच, करोड़ों में है कारोबार

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Hair Business in India
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गंजेपन की समस्या (Problem of Baldness) से जूझ रहे लोगों के लिए हेयर पैच वरदान बनकर उभरे हैं। गंजेपन के कारण आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए हेयर पैच राहत का स्रोत बन गए हैं। इसी वजह से आज आर्टिफिशियल बालों के विकल्प का बाजार करोड़ों में पहुंच चुका है और इसे एक जटिल और दिलचस्प प्रक्रिया के तहत तैयार किया जाता है। आइए आपको बताते हैं कि भारत में बालों का कारोबार (India Hair Patch Business) कितना बड़ा है और हेयर पैच कैसे बनते हैं।

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करोड़ों का कारोबार- Hair Business in India

हेयर पैच का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और भारत सहित कई देशों में इसका कारोबार करोड़ों का हो चुका है। गंजापन एक आम समस्या है, और लोग इसे दूर करने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट या हेयर पैच जैसी सेवाओं की ओर रुख कर रहे हैं। हेयर पैच अपेक्षाकृत सस्ता विकल्प होने के कारण लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है। इसके अलावा, इसकी देखभाल और रखरखाव भी आसान है, जो इसे और आकर्षक बनाता है।

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भारत में बालों का बिजनेस

आजतक की रिपोर्ट कए मुताबिक, पिछले कुछ दशकों में हेयर विग और हेयर केयर उत्पाद उद्योग दोनों का ही वैश्विक स्तर पर विस्तार हुआ है। अनुमान है कि वैश्विक हेयर विग उद्योग 2024 तक 82 हजार करोड़ रुपये के मूल्य तक पहुँच जाएगा, जो 2021 में 48 हजार करोड़ रुपये था। Statista के अनुसार, 2022 में भारत मानव बाल का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक (India Exporter of Human Hair) बन गया, जिसका कुल निर्यात 11.7 बिलियन रुपये से अधिक था। भारत बांग्लादेश, इटली, सिंगापुर, बर्मा और ब्रिटेन को बाल निर्यात करता है। 2022 में भारत ने 16.96 करोड़ रुपये के बाल भी आयात किए।

हेयर पैच बनाने का काम- How are hair patches made?

हेयर पैच बनाने की प्रक्रिया अत्यंत जटिल और समय-साध्य होती है। फैक्ट्री में हर एक हेयर पैच को ध्यान से तैयार किया जाता है ताकि वह प्राकृतिक बालों जैसा दिखे। इसके लिए फैक्ट्री में खास तरह के बालों का चयन किया जाता है, जिनमें नकली और असली दोनों प्रकार के बालों का उपयोग होता है। बालों को चयनित करने के बाद उसे रंग, लंबाई, और बनावट के अनुसार बांटा जाता है, ताकि यह अलग-अलग सिरों पर फिट हो सके।

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उत्पादन की प्रक्रिया

हेयर पैच के उत्पादन (How are hair patches made) में मुख्य रूप से तीन चरण होते हैं: बालों का चयन और धोना, पैच की संरचना बनाना, और बालों को पैच पर लगाना। सबसे पहले, बालों को धूल, गंदगी और कीटाणुओं से मुक्त किया जाता है। इसके बाद, पैच का आधार तैयार किया जाता है, जिसमें एक खास तरह की मटेरियल का उपयोग होता है जो हल्का और स्किन-फ्रेंडली होता है। इस बेस पर बालों को हाथ से बारीकी से जोड़ा जाता है, ताकि यह सिर पर आसानी से फिट हो सके और बिल्कुल प्राकृतिक लुक दे।

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जानिए कौन हैं इंद्रेश उपाध्याय? हर कथा के लिए लेते हैं हज़ारों रुपए और लाखों में हैं फॉलोअर्स

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Katha Vachak Indresh Upadhyay
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कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय (Katha Vachak Indresh Upadhyay) इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। वह एक प्रसिद्ध और अनुभवी धार्मिक उपदेशक हैं, जो अपनी गहरी आवाज़, गहन धार्मिक ज्ञान और जीवंत शैली के लिए जाने जाते हैं। वे भारतीय धार्मिक परंपराओं और शास्त्रों पर आधारित प्रवचन देते हैं, जिसमें रामायण, भगवद गीता और श्रीमद्भागवत (Shrimad Bhagwat Katha) जैसे पवित्र ग्रंथों की व्याख्याएँ शामिल हैं। उनकी कथा शैली धार्मिक शिक्षाओं और जीवन-उपयोगी संदेशों को जोड़ती है, जो श्रोताओं को आध्यात्मिक शांति और प्रेरणा प्रदान करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कथा करने के लिए वे कितनी फीस लेते हैं? इस सवाल का जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे

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कथावाचकों की फीस

इंद्रेश उपाध्याय (Indresh Upadhyay) जैसे कथावाचकों का शुल्क कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें कार्यक्रम की अवधि, स्थान, आयोजक की आवश्यकताएं और सुविधाओं का स्तर शामिल है। आमतौर पर, शीर्ष स्तर के कथावाचकों का शुल्क कुछ हज़ार से लेकर लाखों रुपये तक हो सकता है।

इंद्रेश उपाध्याय की फीस- Katha Vachak Indresh Upadhyay katha Charge

अगर आप किसी खास आयोजन या कथा के लिए इंद्रेश उपाध्याय को आमंत्रित करना चाहते हैं, तो सबसे अच्छा तरीका है कि आप सीधे उनके मैनेजर या उनकी टीम से संपर्क करें। उनकी टीम आपके आयोजन की विशिष्टताओं को ध्यान में रखते हुए उचित शुल्क और अन्य आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दे सकती है। इसके अलावा, कई बार कथावाचक आयोजकों के अनुरोध के आधार पर समाज सेवा या विशेष धार्मिक आयोजनों के लिए छूट भी देता है।

कृपया ध्यान दें कि शुल्क में यात्रा, आवास और अन्य सुविधाएं शामिल हो सकती हैं, इसलिए इन सभी पहलुओं पर उनकी टीम से स्पष्ट चर्चा करना उचित होगा।

संपर्क जानकारी और सावधानियां

इंद्रेश उपाध्याय से मिलने या उन्हें किसी कार्यक्रम या कथा के लिए आमंत्रित करने के लिए उनका संपर्क विवरण या ईमेल केवल उनके आधिकारिक पेज पर उपलब्ध है। अनधिकृत माध्यमों से संपर्क न करें, और हमेशा केवल सत्यापित संपर्क सूत्र का ही उपयोग करें। वहीं इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार आप इंद्रेश उपाध्याय के बारे में अधिक जानकारी के लिए 7060103330 या 7060113330 पर कॉल (Narrator Indresh Upadhyay Contact Number) कर सकते हैं।

कथा सत्रों के लिए शुल्क

इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इंद्रेश उपाध्याय के कथा सत्रों की लागत आयोजन और स्थान के आधार पर 11,000 रुपये से 51,000 रुपये के बीच होती है। यह शुल्क उनके सत्रों को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाता है, जिससे विभिन्न समुदायों को आध्यात्मिक समागम आयोजित करने का अवसर मिलता है।

पंडित इंद्रेश उपाध्याय जी आगामी कथा 2024-25

इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार आगामी माह में पंडित इंद्रेश उपाध्याय जी की कथा होने वाली है। उनकी श्रीमद्भागवत कथा 4 नवंबर 2024 को रायपुर में होने जा रही है, जिसके बाद 14 नवंबर से 20 नवंबर 2024 तक बिसौली, बंदायू, उत्तर प्रदेश में श्रीमद्भागवत कथा होने जा रही है।

कौन है इंद्रेश उपाध्याय? (Who is Indresh Upadhyay)

पंडित इंद्रेश उपाध्याय जी आध्यात्मिक गुरु हैं और आध्यात्मिक संगठन भक्ति पथ के संस्थापक हैं। गुरुजी की आवाज़ बहुत ही मधुर है और उन्हें हिंदू धर्म की गहरी समझ है। उनका जन्म 7 अगस्त 1997 को वृंदावन में हुआ था। जब वे 13 वर्ष के थे, तब उन्होंने अपने पिता श्री कृष्णचंद्र जी ठाकुर से पूरी भगवद गीता याद कर ली थी। जिस तरह से वे भगवद गीता की व्याख्या करते हैं, वह वाकई जादुई है। यह जादू उनके गहन ज्ञान, भक्ति, ईमानदारी और अद्भुत कहानी कहने के कौशल से आता है।

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कैसे मिलें कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय से: जानें उनकी कथा, स्थान, और संपर्क जानकारी

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Katha Vachak Indresh Upadhyay
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प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय (Famous narrator Indresh Upadhyay) ने अपनी मधुर वाणी और श्रीमद्भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) सुनाकर लाखों लोगों का दिल जीत लिया है। उनके भक्त और श्रोता उनके प्रवचनों का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि उनकी कथाएँ गहरे धार्मिक और जीवन उपयोगी संदेशों से भरी होती हैं। अगर आप भी इंद्रेश उपाध्याय से मिलने की सोच रहे हैं, तो यहां कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है जो आपकी मदद कर सकती है।

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कथा स्थान और कार्यक्रम की जानकारी- How to Meet Indresh Upadhyay

इंद्रेश उपाध्याय अपने प्रवचनों के लिए वाराणसी, प्रयागराज, वृंदावन और अन्य प्रमुख शहरों की यात्रा करते हैं। अक्सर, उनकी कथा के लिए स्थान स्थानीय मंदिर, सामुदायिक केंद्र या बड़े सांस्कृतिक हॉल होते हैं। उनकी कथा का शेड्यूल और स्थान उनके आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों पर साझा किया जाता है, ताकि श्रोता पहले से योजना बना सकें। अगर आप उनके सोशल मीडिया से जुड़े हैं, तो आपको हर दिन उनके पोस्ट के जरिए जानकारी मिलती रहती है कि इंद्रेश जी का अगला कार्यक्रम कहाँ होने वाला है। उस जानकारी के अनुसार, आप उनसे मिलने की योजना बना सकते हैं।

कहां और कैसे पंजीकरण करें

इंद्रेश उपाध्याय की कथा में भाग लेने के लिए प्रायः आयोजकों द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी जाती है। आप उनके आधिकारिक वेबसाइट या फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पंजीकरण लिंक प्राप्त कर सकते हैं। कई बार आयोजक सीमित सीटों की व्यवस्था रखते हैं, इसलिए समय पर पंजीकरण करना बेहद महत्वपूर्ण होता है।

उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने के तरीके

इंद्रेश उपाध्याय से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए आप उनकी कथा के बाद आयोजित विशेष सत्रों का हिस्सा बन सकते हैं। आप वृंदावन में उनके घर जाकर भी उनकी कथा सुनने का आनंद ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको पहले उनके प्रबंधकों से संपर्क कर अपॉइंटमेंट लेनी होगी। दरअसल, Ananya Life to Explore नाम के यूट्यूब पर इस आयोजन की जानकारी शेयर की गई है। वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक इंद्रेश जी का घर वृंदावन में प्रेम मंदिर की दिशा में स्थित इस्कॉन मंदिर से 1 किलोमीटर आगे दाहिने हाथ की तरफ होगा।

उनके घर के बाहर उनके नाम का बोर्ड भी लगा हुआ है। इस तरह आप उनके घर पहुंच सकते हैं। उनके घर में उनकी साधना दोपहर 2 से 3 बजे के बीच शुरू होती है। अगर आप उनकी कथा सुनना चाहते हैं तो दोपहर 2 बजे उनके घर पहुंच सकते हैं। हालांकि आप बिना अपॉइंटमेंट के उनसे नहीं मिल सकते।

अपॉइंटमेंट कैसे लें?

कई बार 1000 की संख्या में उनके अनुयायी दूर-दूर से उनके घर पर उनकी कथा सुनने आते हैं, इसलिए बेहतर प्रबंधन के लिए आपको उनकी कथा के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा। इसके लिए आप उनके सहयोगियों या प्रबंधकों से संपर्क कर सकते हैं, जो आपकी और इंद्रेश जी की मीटिंग की व्यवस्था करने में मदद करते हैं। उनके सहयोगी आपको एक तारीख देते हैं और इस तारीख के अनुसार आपको उनके घर आकर उनकी कथा सुनने की अनुमति होती है। हालाँकि, उनकी कथा में शामिल होने के लिए कोई पैसा या शुल्क नहीं लिया जाता है।

संपर्क जानकारी और सावधानियां

इंद्रेश उपाध्याय से मिलने या उनके कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए ध्यान रखें कि उनके संपर्क सूत्र या ईमेल केवल उनके आधिकारिक पेज पर ही होते हैं। अनधिकृत माध्यमों से संपर्क न करें, और हमेशा केवल सत्यापित संपर्क सूत्र का ही उपयोग करें। वहीं इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार आप इंद्रेश उपाध्याय के बारे में अधिक जानकारी के लिए 7060103330 या 7060113330 पर कॉल (Narrator Indresh Upadhyay Contact Number) कर सकते हैं।

पंडित इंद्रेश उपाध्याय जी आगामी कथा 2024-25

इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार आगामी माह में पंडित इंद्रेश उपाध्याय जी की कथा होने वाली है। उनकी श्रीमद्भागवत कथा 4 नवंबर 2024 को रायपुर में होने जा रही है, जिसके बाद 14 नवंबर से 20 नवंबर 2024 तक बिसौली, बंदायू, उत्तर प्रदेश में श्रीमद्भागवत कथा होने जा रही है।

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