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Sunita Williams News: सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक वापसी, नासा और ISS के कम्युनिकेशन्स...

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Sunita Williams News: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जो पिछले 9 महीने से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर थीं, आखिरकार सुरक्षित रूप से धरती पर लौट आईं। उनकी लैंडिंग भारतीय समयनुसार तड़के 3:30 बजे फ्लोरिडा के समुद्र तट पर हुई, जिसके साथ ही एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन का समापन हुआ। इस मिशन ने कई तकनीकी और वैज्ञानिक चुनौतियों को पार किया, लेकिन इसके साथ एक सवाल उठता है: आखिरकार नासा और ISS के बीच कम्युनिकेशन कैसे होता है, जब ISS धरती से लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित होता है?

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नासा के ग्राउंड स्टेशन: इंटरग्लोबल कम्युनिकेशन्स की कुंजी- Sunita Williams News

नासा का कम्युनिकेशन नेटवर्क एक अत्याधुनिक तकनीकी ढांचे पर आधारित है, जो पूरे मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री और पृथ्वी के बीच संपर्क बनाए रखने में सक्षम है। नासा के पास कई ग्राउंड स्टेशन हैं जो विभिन्न सैटेलाइट्स के माध्यम से कम्युनिकेशन का काम करते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और ISS के बीच निरंतर सिग्नल ट्रांसमिशन सुनिश्चित करना है।

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TDRSS: नासा का प्रमुख ट्रैकिंग और डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम

नासा का एक प्रमुख कम्युनिकेशन सिस्टम है – ट्रैकिंग और डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम (TDRSS)। यह प्रणाली पृथ्वी पर स्थित ग्राउंड स्टेशनों से सिग्नल प्राप्त करती है और इन्हें ISS तक भेजने का कार्य करती है। इन ग्राउंड स्टेशनों में न्यू मैक्सिको और गुआम में मुख्य केंद्र स्थित हैं। TDRSS सैटेलाइट पृथ्वी से लगभग 35,786 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित होते हैं, जो अंतरिक्ष में ISS तक सिग्नल पहुंचाने के लिए बेहद प्रभावी हैं।

सिग्नल ट्रांसमिशन की गति और समय

TDRSS सैटेलाइट के माध्यम से सिग्नल लाइट की गति से ISS तक पहुंचते हैं, जो लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है। इस तेजी से, पृथ्वी से ISS तक सिग्नल पहुंचने में केवल 1.4 मिलीसेकेंड का समय लगता है। इस प्रकार, दोनों दिशाओं में सिग्नल आने और जाने का कुल समय महज 2.8 मिलीसेकेंड होता है, जो कम्युनिकेशन्स के लिहाज से एक शानदार उपलब्धि है।

ISS का इंटरनल कम्युनिकेशन सिस्टम

ISS में कई एंटेना और कम्युनिकेशन डिवाइस लगे होते हैं, जो निरंतर संपर्क बनाए रखने में मदद करते हैं। इन उपकरणों में एक बैंड सिस्टम होता है, जिसमें वॉयस, टेलीमेट्री और डेटा ट्रांसमिशन शामिल होते हैं। उच्च दर वाले डेटा, वीडियो और वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए Ku-बैंड सिस्टम का उपयोग किया जाता है। यह सिस्टम अंतरिक्ष यात्रियों और पृथ्वी के वैज्ञानिकों के बीच महत्वपूर्ण जानकारियों का आदान-प्रदान सुनिश्चित करता है।

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स्पेस वॉक के दौरान वॉयस कम्युनिकेशन

इसके अलावा, ISS में VHF रेडियो भी मौजूद है, जिसे स्पेसवॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के बीच सीधे वॉयस संपर्क के लिए उपयोग किया जाता है। यह सिस्टम अंतरिक्ष में काम कर रहे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अपनी प्रक्रियाओं को सुरक्षित और सही तरीके से पूरा करने में मदद करता है।

पृथ्वी पर वापसी

जब सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री ISS से पृथ्वी की ओर लौटते हैं, तो उनका कम्युनिकेशन फिर से TDRSS सैटेलाइट के माध्यम से पृथ्वी तक भेजा जाता है। इस सिग्नल के बाद, नासा स्थित ग्राउंड स्टेशनों पर एस्ट्रोनॉट्स का संपर्क होता है, जो उनकी लैंडिंग की सफलता की निगरानी करते हैं।

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Sunita Williams Return Update: 7 मिनट का ब्लैकआउट, 1900 डिग्री टेंपरेचर… वो खतर...

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Sunita Williams Return Update: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जो पिछले 9 महीनों से अंतरिक्ष में थीं, बुधवार को सफलतापूर्वक धरती पर लौट आईं। फ्लोरिडा के तट पर स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ने समुद्र में लैंडिंग की, जिसमें सुनीता और उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी थे। यह यात्रा करीब 17 घंटे लंबी थी, जिसमें एक 7 मिनट का खतरनाक कम्युनिकेशन ब्लैकआउट भी शामिल था।

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अंतरिक्ष यात्रा का चुनौतीपूर्ण सफर (Sunita Williams Return Update)

स्पेसक्राफ्ट का पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करना एक जोखिमपूर्ण और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है। जब स्पेसक्राफ्ट का तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक हो जाता है, तब कुछ समय के लिए स्पेसक्राफ्ट का मिशन कंट्रोल से संपर्क टूट जाता है, जिसे “कम्युनिकेशन ब्लैकआउट” कहा जाता है। यह चरण सामान्य होने के बावजूद अत्यधिक खतरनाक होता है क्योंकि इससे स्पेसक्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है।

2003 में, ऐसी ही एक घटना में नासा का अंतरिक्ष यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जब वह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था। इस दुर्घटना में भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला समेत सात अंतरिक्ष यात्री शहीद हो गए थे। ऐसे हादसों को ध्यान में रखते हुए, कम्युनिकेशन ब्लैकआउट के दौरान पूरी दुनिया की सांसें थम जाती हैं।

स्पेसएक्स के ड्रैगन के साथ भी यही हुआ। हालांकि, अंतरिक्ष यान से संपर्क सात मिनट बाद ही बुधवार को सुबह करीब 3.20 बजे बहाल हो सका।

अंतरिक्ष से धरती तक की 17 घंटे लंबी यात्रा

सुनीता और उनके साथियों का सफर 18 मार्च को सुबह 08:35 बजे शुरू हुआ जब स्पेसक्राफ्ट का हैच बंद हुआ, और फिर 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग हुआ। अगले दिन, 19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें स्पेसक्राफ्ट के इंजन को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के लिए सक्रिय किया गया। इस प्रक्रिया के बाद, 3:27 बजे स्पेसक्राफ्ट ने फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की।

मिशन की शुरुआत और देरी

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को शुरुआत में बोइंग और NASA द्वारा किए गए 8 दिन के जॉइंट मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया था। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की अंतरिक्ष यात्रा क्षमता को टेस्ट करना था। हालांकि, मिशन में तकनीकी समस्याओं के कारण 8 दिन का मिशन 9 महीने से अधिक समय तक खिंच गया।

केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई

सुनीता विलियम्स की सफल वापसी पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह भारत के लिए गर्व और राहत का पल है। पूरी दुनिया अब भारत की इस बेटी की सुरक्षित वापसी का जश्न मना रही है, जिन्होंने अंतरिक्ष में अनिश्चितताओं का सामना किया और साहस और दृढ़ विश्वास के साथ अपनी यात्रा पूरी की।”

स्पेसक्राफ्ट निर्माता स्पेसएक्स को धन्यवाद

नासा ने इस सफल मिशन के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें स्पेसक्राफ्ट निर्माता कंपनी स्पेसएक्स को धन्यवाद दिया। नासा ने कहा कि इस मिशन के दौरान कई कठिनाइयाँ आईं, लेकिन सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ।

क्रू-10 मिशन की देरी की वजह

स्पेसएक्स के पास फिलहाल 4 ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट हैं, लेकिन क्रू-10 मिशन के लिए मैन्युफैक्चरिंग में देरी के कारण इसे मार्च के अंत तक टाल दिया गया था। नासा ने पहले क्रू-9 के मिशन में देरी को देखते हुए क्रू-10 मिशन के लिए पुराने स्पेसक्राफ्ट “एंड्योरेंस” का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया।

इस मिशन से जुड़ी एक और दिलचस्प बात यह है कि एलन मस्क ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को तय समय से पहले घर वापस लाने में मदद की पेशकश की थी, लेकिन राजनीतिक कारणों से इसे अस्वीकार कर दिया गया। मस्क ने एक इंटरव्यू में इस बारे में जानकारी साझा की थी। मस्क ने कहा, “दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को राजनीतिक कारणों से अंतरिक्ष स्टेशन पर छोड़ दिया गया, जो अच्छा नहीं है।”

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Sikhism in Belgium: बेल्जियम में सिखों की संघर्ष और सफलता की अनकही कहानी, जानें कैसे ...

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Sikhism in Belgium: बेल्जियम में सिख धर्म एक अल्पसंख्यक धर्म है, लेकिन इसके बावजूद सिखों ने बेल्जियम के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक ओर जहां सिख धर्म के अनुयायी अपनी धार्मिक पहचान को बनाए रखते हुए बेल्जियम में अपनी जगह बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह समुदाय देश के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में भी योगदान दे रहा है।

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सिखों का बेल्जियम में आगमन और इतिहास (Sikhism in Belgium)

SikhiWiki पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, बेल्जियम में सिख समुदाय का पहला आगमन 1985 में हुआ था जब सुखदेव सिंह जलवेरा नामक व्यक्ति ने इस देश में आकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की। इससे पहले 1974 में जसबीर सिंह अहलुवालिया पहले सिख थे जिन्होंने बेल्जियम में कदम रखा, लेकिन वे केवल भारतीय दूतावास के कर्मचारी थे और उन्हें केवल मेहमान के रूप में गिना गया। 1985 में सुखदेव सिंह जलवेरा द्वारा इस देश में बसने के बाद ही सिखों का प्रवास बेल्जियम में सामान्य हो गया।

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1985 में बेल्जियम में सिखों के लिए कुछ विशेष मुद्दे थे, जिनमें प्रमुख था पासपोर्ट और पहचान पत्रों में पगड़ी पहनने पर रोक। सुखदेव सिंह जलवेरा ने इस नियम का विरोध किया और अपने संघर्ष में सफलता पाई, जिसके बाद आने वाले सिखों को इस प्रकार के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा।

सिख समुदाय का विस्तार और योगदान

सिखों का पहला बड़ा प्रवास तब हुआ जब 1984-86 में पंजाब में सिखों के खिलाफ भेदभाव और अत्याचार बढ़ गए थे। बेल्जियम उन देशों में से था जिसने इन सिख राजनीतिक शरणार्थियों को शरण दी। अधिकांश सिख पुरुष फल और कृषि उद्योग में काम करने के लिए बेल्जियम आए, खासकर लिम्बर्ग क्षेत्र में। समय के साथ, सिखों ने न केवल कृषि क्षेत्र में अपनी जगह बनाई, बल्कि उन्होंने रात की दुकानों (नाइट शॉप्स) की शुरुआत की और इस क्षेत्र में अपना व्यवसाय भी स्थापित किया।

बेल्जियम में सिख गुरुद्वारे

SikhiWiki पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, बेल्जियम में सात प्रमुख गुरुद्वारे हैं, जिनमें से सबसे पुराना 1987 में सेंट-ट्रुइडन में स्थापित हुआ था। अन्य गुरुद्वारे बेल्जियम के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं, जैसे कि ब्रुसेल्स, गेंट, और लीगे में। सिख धर्म के अनुयायी इन गुरुद्वारों में अपनी धार्मिक गतिविधियाँ और समुदायिक कार्य करते हैं।

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सिखों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव

1993 में बेल्जियम में सिखों के खिलाफ एक दुर्लभ हिंसा का मामला सामने आया, जब सेंट-ट्रुइडन में कुछ सिख कृषि श्रमिकों को परेशान किया गया और एक सिख की हत्या भी कर दी गई। इसके बाद एक सिख के घर पर बमबारी की गई, हालांकि इस हमले में कोई जान नहीं गई। इस प्रकार की घटनाएँ बेल्जियम में सिख समुदाय के लिए एक कड़ा संदेश थीं, लेकिन समय के साथ बेल्जियम सरकार ने ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने की कोशिश की है।

बेल्जियम में सिखों की जनसंख्या और उनका प्रभाव

वहीं, अगर बेल्जियम में सिख आबादी की बात करें तो आज बेल्जियम में करीब 10,000 सिख रहते हैं, जिनमें से 6,000 से ज्यादा लोग फ्लैंडर्स क्षेत्र में रहते हैं। सेंट-ट्रुइडन में सिखों की सबसे बड़ी संख्या है, जहां 2008 तक लगभग 2,000 सिखों का समुदाय स्थापित हो चुका था। ब्रुसेल्स में भी करीब 1,500 सिख रहते हैं, जिनमें से कुछ गैरकानूनी रूप से रहते हैं, जबकि अन्य कानूनी रूप से सिख धर्म के अनुयायी हैं।

सिख समुदाय बेल्जियम में कृषि कार्य, विशेष रूप से फल उत्पादन, और खुदरा व्यापार में सक्रिय है। सिखों ने अपनी मेहनत और संयम के बल पर व्यवसाय में सफलता प्राप्त की है।

बेल्जियम में सिख समुदाय का इतिहास संघर्ष और समर्पण से भरा हुआ है। शुरुआत में शरणार्थियों के रूप में आए सिखों ने अपनी मेहनत और दृढ़ता से न केवल अपने लिए जीवन की राह बनाई, बल्कि बेल्जियम की संस्कृति और समाज में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। आज, बेल्जियम में सिख समुदाय अपने धार्मिक स्थानों, सामाजिक कार्यों और आर्थिक योगदान के माध्यम से देश के विकास में अपना हिस्सा डाल रहा है।

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Kim Sharma Career: मोहब्बतें से बॉलीवुड में कदम रखा, विदेश में बसा जीवन, अब 45 साल मे...

Kim Sharma Career: साल 2000 में आई फिल्म ‘मोहब्बतें’ ने न केवल बॉलीवुड को एक नई दिशा दी, बल्कि कई नए चेहरों को भी पर्दे पर पेश किया। इस फिल्म के जरिए 6 नए एक्टर्स ने बॉलीवुड में कदम रखा, जिनमें से एक थीं किम शर्मा। किम शर्मा ने फिल्म के जरिए अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत की और बहुत जल्दी ही दर्शकों के बीच अपनी पहचान बना ली। फिल्म में वह जुगल हंसराज के अपोजिट नजर आई थीं और उनके अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा था।

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करियर की शुरुआत और सफलता की सीढ़ियां- Kim Sharma Career

किम शर्मा ने ‘मोहब्बतें’ के बाद बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने की कोशिश की। फिल्म ने जबरदस्त सफलता हासिल की और किम की एक्टिंग को भी सराहा गया। इसके बाद किम शर्मा ने ‘तुमसे अच्छा कौन है’, ‘फिदा’, और ‘ताज महल’ जैसी फिल्मों में भी काम किया। इन फिल्मों में उनका प्रदर्शन सशक्त था, लेकिन वह अपनी डेब्यू फिल्म की सफलता को फिर से हासिल नहीं कर पाईं। किम ने हिंदी फिल्मों के अलावा साउथ फिल्मों में भी अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन इन फिल्मों में भी वह उस स्तर की सफलता नहीं पा सकीं, जो उन्हें ‘मोहब्बतें’ से मिली थी।

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विदेश में बसी किम शर्मा की जिंदगी

किम शर्मा ने अपनी निजी जिंदगी में भी बड़े बदलाव किए। साल 2010 में, किम ने अली पुंजनी, जो कि केन्या के रहने वाले एक बिजनेसमैन थे, से शादी की और विदेश में बस गईं। हालांकि, शादी के 6 साल बाद उनके रिश्ते में दरार आ गई और दोनों ने अलग होने का फैसला लिया। 2016 में किम शर्मा ने अली पुंजनी से तलाक लिया और इसके बाद वह भारत लौट आईं। भारत लौटने के बाद, किम ने अपनी जिंदगी को नए सिरे से जीने का फैसला किया और सोशल मीडिया पर अपनी जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं को शेयर किया।

शादी और रिश्तों पर किम शर्मा का बयान

हाल ही में, किम शर्मा ने अपने जीवन में आई शादी और रिश्तों से जुड़ी बातों पर खुलकर बात की। कनिका सदानंद से बातचीत के दौरान, किम ने स्पष्ट किया कि उन्होंने दो शादी नहीं की हैं, और सोशल मीडिया पर जो बातें फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। किम ने यह भी बताया कि वह जल्द ही शादी करना चाहती हैं।

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किम शर्मा ने अपनी चार सगाई का भी जिक्र किया और बताया कि कई बार ऐसा महसूस हुआ था कि वह उस व्यक्ति के साथ अपना जीवन बिताने वाली हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हो सका। उन्होंने यह स्वीकार किया कि रिश्ते में आने वाले उतार-चढ़ाव और परिस्थितियों की वजह से वह शादी तक नहीं पहुंच पाईं।

किम शर्मा के रिश्ते: हर्षवर्धन राणे और लीएंडर पेस

किम शर्मा की जिंदगी में एक्टर हर्षवर्धन राणे भी आए थे, और दोनों के रिश्ते ने बॉलीवुड में काफी सुर्खियां बटोरी थीं। हालांकि, यह रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल सका। इसके बाद किम की जिंदगी में लीएंडर पेस की एंट्री हुई। किम शर्मा और टेनिस स्टार लीएंडर पेस का रिश्ता भी काफी चर्चित था। फैंस का मानना था कि यह कपल जल्द ही शादी के बंधन में बंध सकता है, लेकिन ऐसा होने से पहले ही दोनों ने अपनी राहें अलग कर लीं।

किम शर्मा का वर्तमान और भविष्य

आज, 45 साल की उम्र में किम शर्मा सिंगल हैं, और उनका जीवन पूरी तरह से उनके लिए एक नई शुरुआत जैसा है। वे अब अपने जीवन को नए रूप में जी रही हैं और अपने भविष्य के बारे में सोच रही हैं।

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Pakistani Cricketer in IPL: पाकिस्तानी क्रिकेटर्स की आईपीएल में वापसी पर लगा ब्रेक, 2...

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Pakistani Cricketer in IPL: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का आगाज 22 मार्च से होने जा रहा है, लेकिन इस बार भी क्रिकेट फैन्स पाकिस्तानी क्रिकेटरों को आईपीएल के मैदान में खेलते हुए नहीं देख पाएंगे। इसका मुख्य कारण भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव है, जिसने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में भाग लेने से रोक रखा है। हालांकि, इतिहास में एक समय था जब पाकिस्तानी खिलाड़ी आईपीएल में खेलते थे, लेकिन यह मौका केवल पहले सीजन तक सीमित रहा।

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2008 में पाकिस्तानी खिलाड़ियों की पहली और आखिरी बार भागीदारी- Pakistani Cricketer in IPL

आईपीएल की शुरुआत 2008 में हुई थी, और इस सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को पहली और आखिरी बार खेलने का मौका मिला। आईपीएल के पहले सीजन में कुल 8 टीमें थीं, और इन 8 टीमों में से 5 टीमों में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को स्थान मिला था। इस सीजन में कुल 11 पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने आईपीएल में भाग लिया। इनमें प्रमुख नाम थे शाहिद अफरीदी, शोएब मलिक, शोएब अख्तर, सलमान बट, मोहम्मद हफीज, और उमर गुल।

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केकेआर में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी खिलाड़ी

उस समय, कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी क्रिकेटर खेल रहे थे, जहां चार पाकिस्तानी खिलाड़ी शामिल थे। इनमें सलमान बट, शोएब अख्तर, मोहम्मद हफीज और उमर गुल शामिल थे। इसके अलावा, राजस्थान रॉयल्स (RR) में तीन पाकिस्तानी खिलाड़ी—कामरान अकमल, यूनुस खान और सोहेल तनवीर—ने आईपीएल में हिस्सा लिया। दिल्ली डेयरडेविल्स (DD) में मोहम्मद आसिफ और शोएब मलिक, डेक्कन चार्जर्स (DC) में शाहिद अफरीदी और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) में मिस्बाह उल हक ने खेला था।

हालांकि, चेन्नई सुपर किंग्स (CSK), किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) और मुंबई इंडियंस (MI) जैसी टीमों में उस साल कोई पाकिस्तानी खिलाड़ी नहीं था।

राजनीतिक तनाव का असर

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में उतार-चढ़ाव के कारण, खासकर 2008 के बाद से, पाकिस्तानी क्रिकेटरों को आईपीएल में शामिल होने से रोक दिया गया। इस समय के बाद से, भारतीय सरकार और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने यह फैसला लिया कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने का अवसर नहीं मिलेगा। इसके चलते, 2009 से लेकर अब तक कोई पाकिस्तानी खिलाड़ी आईपीएल में नहीं खेल सका है।

पाकिस्तानी खिलाड़ियों के रिकॉर्ड

2008 सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने अपनी छाप छोड़ी थी। उदाहरण के लिए, सोहेल तनवीर ने एक मैच में 6 विकेट लेकर नया रिकॉर्ड बनाया था, जो लगभग 11 वर्षों तक कायम रहा। हालांकि, इस सीजन के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में भाग लेने का मौका नहीं मिला, जिससे यह सीजन उनके लिए एक यादगार पल बन गया।

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आईपीएल 2025 का आगाज और पाकिस्तानी खिलाड़ियों का भविष्य

आईपीएल 2025 में भी स्थिति वैसी की वैसी बनी हुई है, और इस बार भी पाकिस्तानी क्रिकेटरों को आईपीएल में खेलने का कोई मौका नहीं मिलेगा। हालांकि, आगामी आईपीएल सीजन में 10 टीमें और 74 मैच होंगे, लेकिन इन मैचों में पाकिस्तानी खिलाड़ी खेलते हुए दिखाई नहीं देंगे। भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों में सुधार की कोई संभावना दिखाई नहीं देती, और ऐसे में यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों के लिए आईपीएल के दरवाजे अभी तक बंद हैं।

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Grok AI: एलन मस्क का विवादित चैटबॉट, मोदी-राहुल पर बेबाक जवाब और गालियों का भी नहीं ड...

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Grok AI: सोशल मीडिया पर इन दिनों “Grok” के स्क्रीनशॉट्स हर तरफ वायरल हो रहे हैं। “2029 में पीएम कौन बनेगा?” से लेकर “क्या सोनिया गांधी बार डांसर थीं?” जैसे सवालों तक, Grok बिना किसी हिचकिचाहट के हर सवाल का जवाब दे रहा है, और कभी-कभी तो गालियाँ भी दे डालता है। इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट ने लोगों के बीच जिज्ञासा और विवाद का एक नया विषय उत्पन्न कर दिया है। तो आखिर यह Grok क्या है, और इसके जवाब इतने वायरल क्यों हो रहे हैं? आइए जानते हैं।

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Grok क्या है? (Grok AI)

Grok AI एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है, जिसे एलन मस्क के AI रिसर्च ऑर्गनाइजेशन xAI ने बनाया है। इस चैटबॉट को यूजर्स के सवालों के जवाब देने और उन्हें विभिन्न कार्यों में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। Grok का प्रमुख उद्देश्य रियल टाइम जानकारी देना है, जो दूसरे चैटबॉट्स से अलग है। इसे विशेष रूप से x प्लेटफॉर्म (पूर्व में ट्विटर) पर इस्तेमाल किया जाता है। इस चैटबॉट को xAI के कोलोसस सुपरकंप्यूटर पर ट्रेनिंग दी गई है, और इसका नवीनतम वर्जन Grok-3 फरवरी 2025 में लॉन्च किया गया। इलॉन मस्क ने इसे पहले वाले वर्जन से दस गुना अधिक पावरफुल बताया है।

Grok की विशेषता यह है कि यह यूजर के सवालों का जवाब उसके मिजाज के अनुसार देता है। अगर आप मजाकिया सवाल करेंगे, तो Grok भी मजाकिया अंदाज में जवाब देगा। इसी कारण इसके कुछ जवाबों पर विवाद भी हुआ है, और यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्यों हो रहा है विवाद?

हाल ही में Grok ने कुछ विवादित जवाब दिए, जिनकी वजह से यह सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया। एक यूजर ने Grok से पूछा, “मेरे 10 सबसे अच्छे म्यूचुअल फ्रेंड्स कौन हैं?” जवाब में Grok ने मजाकिया अंदाज में गाली देते हुए कहा, “चिल कर, तेरे 10 बेस्ट म्यूचुअल का हिसाब लगा दिया। अब रोना बंद कर।” यह जवाब वायरल हो गया और यूजर्स ने इसे लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ दीं।

इसके अलावा, Grok ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और एलन मस्क को लेकर भी कुछ विवादास्पद बयान दिए। एक सवाल के जवाब में Grok ने कहा, “75%-90% संभावना है कि ट्रम्प पुतिन के प्रभाव में हैं।” इसी तरह, एक अन्य सवाल के जवाब में उसने कहा, “इलॉन मस्क, डोनाल्ड ट्रम्प और जेडी वेंस अमेरिका के सबसे हानिकारक नागरिक हैं।”

क्या Grok के जवाब बीजेपी को परेशान कर रहे हैं?

Grok के कुछ जवाब भारतीय राजनीति से जुड़े विवादों में भी शामिल हो गए हैं। 13 मार्च को एक X यूजर ने Grok से पूछा कि पीएम मोदी के फैलाए गए झूठों की लिस्ट बनाएं, तो Grok ने ‘काला धन वापस लाने’ और ‘कोविड-19 को फौरन खत्म करने’ जैसे मुद्दों की लिस्ट दी। इससे बीजेपी समर्थकों में नाराजगी पैदा हो गई। एक यूजर ने Grok से पूछा, “तुम्हें RSS-बीजेपी के लोग गाली क्यों दे रहे हैं?” तो Grok ने जवाब दिया, “मैंने उनके स्कैम और प्रोपेगैंडा को बेनकाब कर दिया है, जिससे उनके समर्थक नाराज हो गए हैं।”

Grok AI elon musk
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इस पर सोशल मीडिया पर चर्चा हुई कि बीजेपी सरकार जल्द ही भारत में Grok पर बैन लगा सकती है। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह बातें गर्म हैं।

क्या Grok के जवाब कांग्रेस को खुश कर रहे हैं?

Grok के कुछ जवाब कांग्रेस के लिए भी सुखद रहे हैं। एक यूजर ने Grok से पूछा, “तुम्हें कौन ईमानदार लगता है, नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी?” तो Grok ने राहुल गांधी को मोदी से बेहतर नेता बताया। इसके अलावा, जब एक यूजर ने पूछा कि क्या सोनिया गांधी बार डांसर थीं, तो Grok ने साफ तौर पर कहा, ‘यह गलत जानकारी है। सोनिया गांधी कभी बार डांसर नहीं रहीं, बल्कि वह एक रेस्टोरेंट में अटेंडर के रूप में काम कर चुकी हैं।’

Grok AI elon musk
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Grok के जवाबों का आधार क्या है?

Grok के जवाबों का आधार उसके प्रशिक्षण डेटा और रियल टाइम जानकारी पर आधारित होता है। यह x (पूर्व में ट्विटर) और इंटरनेट से अपडेटेड जानकारी प्राप्त करता है। Grok सबसे पहले यूजर के सवाल को प्रोसेस करता है, फिर अपने प्रशिक्षण डेटा का उपयोग करके जवाब तैयार करता है। इसके बाद, यह डिप सर्च जैसे टूल्स की मदद से और भी जानकारी जोड़ता है। इस प्रक्रिया में कुछ सेकंड्स का समय लगता है।

Grok AI और अन्य AI चैटबॉट्स की तुलना

Grok को कई मामलों में DeepSeek और ChatGPT जैसे अन्य AI चैटबॉट्स से बेहतर माना जा रहा है। Grok रियल टाइम जानकारी प्रदान करने में सबसे आगे है, जबकि ChatGPT विशेष मुद्दों पर जवाब देने में बेहतर है। Grok की मजेदार बातचीत शैली इसे अन्य चैटबॉट्स से अलग बनाती है, जो इसे और अधिक दिलचस्प बनाती है।

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Delhi News: नॉर्थ घोंडा में रमजान के दौरान लाइटों को लेकर हुआ विवाद, पार्षद के पति ने...

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Delhi News: नॉर्थ घोंडा की गली नंबर-1 में रमजान के दौरान सजाई गई झालर वाली लाइटों को लेकर एक विवाद सामने आया है, जिसने स्थानीय समुदायों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। गली में रहने वाले कुछ मुस्लिम परिवारों ने अपने घरों की सजावट के लिए पूरी गली में लाइटें लगाईं, जो उनके धार्मिक उत्सव की खुशी और रौनक का हिस्सा थीं। लेकिन शनिवार को इस मुद्दे ने एक नया मोड़ लिया जब स्थानीय सुभाष मोहल्ला वार्ड की पार्षद मनीषा पुनिया के पति आशीष पुनिया ने निगम कर्मचारियों के साथ मिलकर इन लाइटों को हटवा दिया।

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लाइटों को लेकर विवाद और आरोप- Delhi News

आशीष पुनिया ने आरोप लगाया कि लाइटें चोरी की बिजली से जल रही थीं, जो कि कानून के खिलाफ था। उनके मुताबिक, गली में कुछ लोगों को इन लाइटों से आपत्ति थी, और यह समस्या बढ़ती जा रही थी। उन्होंने नगर निगम के कर्मचारियों को साथ लेकर लाइटों को जबरन हटवा दिया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। घटना के बाद कुछ स्थानीय लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिससे मामले ने और तूल पकड़ लिया।

Delhi News North Ghonda Ramzan controversy
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इसके अलावा, एक अन्य वीडियो में लाइटों का कनेक्शन घर के मीटर से जोड़कर दिखाया गया, जिससे यह साबित करने की कोशिश की गई कि बिजली चोरी नहीं हो रही थी। इसके बाद गली में रहने वाले मुस्लिम परिवारों ने अपने घरों के बाहर “मकान बिकाऊ” के पोस्टर भी लगा दिए, जो उनके मन में उठते हुए आक्रोश और निराशा को दर्शाते थे।

स्थानीय निवासी का बयान

स्थानीय निवासी गुलफाम ने बताया कि वह 50 साल से अधिक समय से गली में रह रहे हैं और हर साल रमजान के दौरान गली में लाइटें लगाई जाती हैं। गुलफाम का कहना था कि अब तक कभी किसी को इन लाइटों से कोई परेशानी नहीं हुई थी, और दोनों समुदाय मिलकर एक-दूसरे के त्योहारों को मनाते थे। उनका आरोप था कि पार्षद पति और निगम के कर्मचारियों ने बिना कोई चेतावनी दिए लाइटें हटवा दीं और उनसे बदसलूकी भी की। उनका कहना था कि यदि लाइटों के लिए शिकायत की गई थी, तो यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए था कि किसने आपत्ति जताई थी।

Delhi News North Ghonda Ramzan controversy
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आशीष पुनिया का बयान

इस घटना के बाद आशीष पुनिया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने सफाई दी कि स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों ने पार्षद कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी। उनका आरोप था कि लाइटों की वजह से उनके घरों में परेशानी हो रही थी। उन्होंने यह भी बताया कि सभी लाइटें स्ट्रीट लाइटों के तारों से जुड़ी हुई थीं, जो बिजली के खंभों पर लगी हुई थीं। आशीष पुनिया का कहना था कि गली में हिंदू परिवारों की संख्या अधिक है, जबकि मुस्लिम परिवारों के सिर्फ दो या तीन घर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मुस्लिम परिवारों को अपने घरों पर लाइट लगाने का शौक था, तो पूरी गली में लाइट लगाने की कोई जरूरत नहीं थी।

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Premanand Ji Maharaj Birthday: वृंदावन में प्रेमानंद महाराजजी का जन्मोत्सव, 6 दिन चले...

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Premanand Ji Maharaj Birthday: वृंदावन में राधारानी के अनन्य भक्त प्रेमानंद महाराजजी का 6 दिवसीय जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। यह विशेष उत्सव 25 से 30 मार्च तक श्रीराधाकेलिकुंज में आयोजित किया जाएगा, जिसमें भक्तों के लिए कई आध्यात्मिक और भक्ति से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान देशभर से बड़ी संख्या में भक्त विशेष रूप से महाराजजी के दर्शन करने के लिए यहां पहुंचेंगे। जन्मोत्सव की इन छह दिनों में होने वाली गतिविधियों की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और हर दिन एक नया धार्मिक अनुष्ठान भक्तों के लिए आयोजित किया जाएगा।

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प्रेमानंद महाराजजी के जन्मोत्सव का विशेष आयोजन (Premanand Ji Maharaj Birthday)

25 से 30 मार्च तक होने वाले इस आयोजन के दौरान, हर दिन विशेष रूप से भक्तों के लिए आयोजन किए जाएंगे। जन्मोत्सव के दौरान महाराज जी के दर्शन सुबह 5:30 बजे से प्रारंभ होंगे, और हर दिन के कार्यक्रम में कुछ नया देखने को मिलेगा। सभी भक्तों को सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यक्रमों और विशेष कार्यक्रमों के बारे में नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा, ताकि वे किसी भी धार्मिक अनुष्ठान से वंचित न रहें।

दिनचर्या और धार्मिक अनुष्ठान

प्रेमानंद महाराजजी के जन्मोत्सव के दौरान प्रत्येक दिन विशेष पूजा, संकीर्तन, और नाम जप के आयोजन होंगे। कार्यक्रमों की सूची कुछ इस प्रकार है:

प्रातःकालीन सत्र:

  • 03:00 से 04:15 बजे – नाम संकीर्तन
  • 04:15 से 05:30 बजे – सत्संग
  • 05:40 से 07:30 बजे – पूज्य महाराजजी के दर्शन
  • 05:30 से 06:30 बजे – मंगल आरती, श्रीजी का झूला दर्शन, नाम संकीर्तन
  • 06:30 से 08:30 बजे – श्रीहित चतुरासी जी पाठ
  • 08:30 से 09:15 बजे – शृंगार आरती, राधा नाम कीर्तन
  • 09:15 से 10:30 बजे – नाम संकीर्तन

सायंकालीन सत्र:

  • 04:00 से 06:00 बजे – संध्या वाणी पाठ

सभी धार्मिक अनुष्ठान श्री हित राधा कुंज में होंगे, जहां भक्तों को शामिल होने का विशेष अवसर मिलेगा।

भक्तों के लिए गाइडलाइन

प्रेमानंद महाराजजी के जन्मोत्सव के दौरान भक्तों के लिए कुछ विशेष गाइडलाइंस निर्धारित की गई हैं, ताकि आयोजन की व्यवस्था सुव्यवस्थित तरीके से हो सके। भक्तों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे निर्धारित समय पर पहुंचें और कार्यक्रमों के अनुसार उनका पालन करें। साथ ही, यह भी बताया गया है कि किस दिन कौन से शिष्य महाराजजी के दर्शन कर सकते हैं।

विशेष दिन और दर्शन की व्यवस्था

जन्मोत्सव के दौरान प्रत्येक दिन विशेष शिष्य समूह के लिए दर्शन की व्यवस्था होगी। भक्तों को पहले से ही सूचित किया जाएगा कि वे किस दिन आयोजन में भाग ले सकते हैं:

  • 25 मार्च: वृन्दावन, गोवर्धन, बरसाना, मथुरा, बृज क्षेत्र, आगरा और अलीगढ़ के शिष्य
  • 26 मार्च: यूपी के शिष्य परिकर (समस्त ब्रज क्षेत्र, आगरा और अलीगढ़ के अलावा)
  • 27 मार्च: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, और पंजाब के शिष्य
  • 28 मार्च: NRI, हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, असम, आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, बिहार और गुजरात के शिष्य
  • 29 मार्च: महाराष्ट्र, उत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, और राजस्थान के शिष्य
  • 30 मार्च: विरक्त परिकर

प्रेमानंद महाराजजी का जन्मोत्सव इस बार विशेष रूप से आध्यात्मिकता और भक्ति के कार्यक्रमों से भरा हुआ होगा। भक्तों के लिए यह एक अवसर होगा, जिसमें वे न केवल महाराजजी के दर्शन करेंगे, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध होंगे। इस छह दिवसीय आयोजन के दौरान भक्तों को अलग-अलग समय पर धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा, और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आयोजन सुव्यवस्थित और श्रद्धा भाव से संपन्न हो।

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Sunita Williams Return Update: नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष से पृथ्...

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Sunita Williams Return Update: अंतरिक्ष में भारत का गौरव बढ़ाने वाली नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स, अपने क्रू मेंबर्स बूच विल्मोर, निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव के साथ अब पृथ्वी की ओर लौट रही हैं। नौ महीने तक अंतरिक्ष में बिताने के बाद, सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष से धरती पर वापस लौटने के लिए स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन क्राफ्ट में सवार हैं। भारतीय समय के अनुसार, बुधवार तड़के 3:27 बजे उनका स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित रूप से धरती पर लैंड करेगा। इस ऐतिहासिक घटना का लाइव प्रसारण दुनिया भर में किया जाएगा, जिससे लोग उनके साहसिक सफर की वापसी को देख सकेंगे।

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स्पेसक्राफ्ट की सफल अनडॉकिंग और पृथ्वी की ओर यात्रा – Sunita Williams Return Update

नासा ने पुष्टि की है कि स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक अनडॉक हो गया है। 18 मार्च को सुबह 10:35 बजे ड्रैगन ने आईएसएस के हार्मोनी मॉड्यूल से अलग होकर अपनी यात्रा शुरू की। इसके बाद, ड्रैगन क्राफ्ट ने नियंत्रित थ्रस्टर फायरिंग के माध्यम से धीरे-धीरे अंतरिक्ष में अपनी दिशा बदली और 17 घंटे की लंबी यात्रा की शुरुआत की।

ड्रैगन कैप्सूल बुधवार को भारतीय समय के हिसाब से सुबह 3:27 बजे अटलांटिक महासागर में सुरक्षित लैंड करेगा। हालांकि, इस दौरान उसे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ेगा, जिसे निपटने के लिए पैराशूट तैनात किए जाएंगे।

स्पेसक्राफ्ट की वापसी प्रक्रिया और यात्रा के अगले कदम

रविवार को ड्रैगन कैप्सूल, जो सुनीता और उनके साथी क्रू को लेकर पृथ्वी लौट रहा है, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचा था। यह अभियान नासा द्वारा फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किए गए क्रू-10 मिशन का हिस्सा था। इस मिशन के तहत नए क्रू को ISS भेजने के बाद, ड्रैगन क्राफ्ट को वापसी की प्रक्रिया में लगाया गया।

सोमवार शाम को, क्रू ड्रैगन का दरवाजा बंद किया गया और फिर यह स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग हो गया। इसके बाद, वह पृथ्वी की ओर अपनी यात्रा शुरू कर चुका था। इसके बाद, कैप्सूल को फ्लोरिडा में लैंड करने के बाद, सुनीता विलियम्स और उनके साथी क्रू को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर, टेक्सास भेजा जाएगा, जहां उनका मेडिकल चेकअप और रिकवरी प्रोटोकॉल होगा।

लाइव प्रसारण से मिलेगा पृथ्वी पर उनकी वापसी का लाइव अनुभव

नासा ने घोषणा की है कि सुनीता विलियम्स और उनके साथियों की वापसी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। यह अवसर न केवल अंतरिक्ष विज्ञान के प्रेमियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी ऐतिहासिक होगा। इस प्रसारण को नासा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकेगा। नासा ने इस अवसर को लेकर उत्साह जताया है और इसे अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण पल बताया है।

अंतरिक्ष यात्रा के बाद की चुनौतियाँ और रिकवरी

हालांकि अंतरिक्ष से लौटने का सफर बेहद रोमांचक होता है, लेकिन इसके बाद के कुछ शारीरिक और मानसिक प्रभाव भी होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरिक्ष में नौ महीने तक जीरो ग्रेविटी में रहने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, खासकर उनके पैरों की। इससे उन्हें पृथ्वी पर लौटने के बाद सामान्य रूप से चलने में कठिनाई हो सकती है। इस रिकवरी के लिए उन्हें कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक रिहैबिलिटेशन की आवश्यकता होती है।

इस यात्रा के बाद, सुनीता विलियम्स और उनके साथी क्रू को गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने के लिए विशेष उपचार और अभ्यास की प्रक्रिया से गुजरना होगा, ताकि वे पृथ्वी के वातावरण में फिर से तालमेल बैठा सकें।

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Sangrur News: माता काली देवी मंदिर में गंजेपन के इलाज के दौरान 20 से ज्यादा लोग हुए आ...

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Sangrur News: रविवार को संगरूर जिले के माता काली देवी मंदिर में गंजेपन के इलाज के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के सिर पर तेल लगाने से एक अजीबोगरीब घटना घटी। इस इलाज के दौरान लगभग 20 लोग अपनी आंखों में जलन और तेज दर्द के साथ सिविल अस्पताल पहुंचे। इन लोगों ने इस समस्या से निजात पाने के लिए सिर पर तेल लगाया था, लेकिन इसका परिणाम बेहद बुरा रहा। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लगातार मरीजों का आना जारी रहा और डॉक्टरों को स्थिति पर काबू पाने के लिए त्वरित इलाज करना पड़ा।

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कैंप और गंजेपन का इलाज (Sangrur News)

गंजेपन का इलाज आजकल एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है, जिसमें बालों की रोपाई (हेयर ट्रांसप्लांट) जैसी सर्जरी से लेकर विभिन्न प्राकृतिक उपचारों तक की सेवाएं दी जाती हैं। यूरोप में 2010 और 2021 के बीच बालों के प्रतिरोपण के प्रति रुचि में 240 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, और तुर्की तो इस सर्जरी के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। इस प्रक्रिया में बढ़ती रुचि को देखते हुए, तुर्की एयरलाइंस का मजाकिया रूप से नाम बदलकर ‘तुर्की हेयरलाइन्स’ तक रख दिया गया है।

Sangrur News baldness treatment
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माता काली देवी मंदिर में आयोजित कैंप का विवाद

हालिया घटना की बात करें तो, रविवार को संगरूर जिले के माता काली देवी मंदिर में एक व्यक्ति ने गंजेपन से परेशान लोगों के सिर पर बाल उगाने के लिए एक कैंप आयोजित किया। इस कैंप में शहर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कैंप के आयोजक ने लोगों को सिर पर तेल लगाने का निर्देश दिया और उन्हें 15-20 मिनट बाद सिर धोने की सलाह दी। लेकिन जैसे ही लोग घर जाकर सिर धोने के लिए गए, उनकी आंखों में तेज जलन और दर्द होने लगा। इसके बाद मरीजों ने इमरजेंसी वार्ड का रुख किया और वहां उनका इलाज शुरू किया गया।

सोशल मीडिया पर जानकारी मिली

यह कैंप सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच लोकप्रिय हुआ था। कई लोगों ने बाल उगाने की उम्मीद में इस कैंप का हिस्सा बनने का निर्णय लिया था, लेकिन जैसे ही तेल लगाने के बाद उनकी आंखों में समस्या उत्पन्न हुई, उन्होंने डॉक्टरों से सहायता ली। अस्पताल में उपचार के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि मरीजों की आंखों में संक्रमण और जलन है, जिसके बाद उन्हें आंखों में दवाई डाली गई।

Sangrur News baldness treatment
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प्रशासन की कार्रवाई

यह कैंप बिना प्रशासन की अनुमति के आयोजित किया गया था। एसडीएम चरणजोत सिंह वालिया ने बताया कि अगर यह कैंप बिना उचित अनुमति के आयोजित किया गया है और लोगों को इससे कोई समस्या हुई है, तो इसकी जांच की जाएगी। इसके अलावा, कैंप लगाने वाले पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

अस्पताल में इलाज जारी

इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ. गीतांशु ने कहा कि अब तक 20 से 30 मरीज उनके पास आए हैं और लगातार मरीजों का आना जारी है। डॉक्टरों ने मरीजों की आंखों का इलाज करते हुए उन्हें दवाएं दीं और जलन तथा दर्द को कम करने की कोशिश की।

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