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नरेंद्र मोदी का अधूरा कार्यकाल, भगवंत मान को जेल और मुकेश अंबानी को हार्ट अटैक! प्रसिद्ध ज्योतिषी विवेक त्रिपाठी ने की ये तीन बड़ी भविष्यवाणियां

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Signature Astrologer Vivek Tripathi India Prime Minister Narendra Modi
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Signature Astrologer Vivek Tripathi: ज्योतिष में रुचि रखने वाले और मशहूर हस्तियों के सिग्नेचर पढ़ने वाले सिग्नेचर एस्ट्रोलॉजर विवेक त्रिपाठी ने हाल ही में कुछ बड़ी भविष्यवाणियां की हैं जो देश-दुनिया में हलचल मचा सकती हैं। उनकी भविष्यवाणियों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी से जुड़े कुछ गंभीर दावे शामिल हैं।

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नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल: चुनौतियों से घिरा- Signature Astrologer Vivek Tripathi

विवेक त्रिपाठी (Signature Astrologer Vivek Tripathi) ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि नरेंद्र मोदी (India Prime Minister Narendra Modi) प्रधानमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे। त्रिपाठी के अनुसार, मोदी के सिग्नेचर में ग्रहों की स्थिति ऐसे संकेत दे रही है जो उनके राजनीतिक सफर में बड़े संकटों और चुनौतियों का सामना करने का इशारा करते हैं। इसमें उनके राजनैतिक संघर्ष शामिल हो सकते हैं, जो उन्हें कार्यकाल पूरा करने में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।

भगवंत मान की कानूनी परेशानियां: जेल की संभावनाएं

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab CM Bhagwant Mann) के लिए भी त्रिपाठी ने एक अप्रत्याशित भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि आने वाले समय में भगवंत मान को कानूनी मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। ज्योतिषीय अध्ययन में मान के सिग्नेचर में कुछ अशुभ ग्रह योग देखे गए हैं, जो कानूनी परेशानियों की ओर इशारा करते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये कानूनी मामले किस प्रकार के होंगे, लेकिन त्रिपाठी ने इसे एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखा है।

मुकेश अंबानी को स्वास्थ्य संबंधी खतरे

देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के लिए विवेक त्रिपाठी की भविष्यवाणी चिंताजनक है। त्रिपाठी ने बताया कि अंबानी के सिग्नेचर में स्वास्थ्य से संबंधित ग्रहों की स्थिति हृदय से जुड़ी समस्याओं की ओर संकेत कर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में मुकेश अंबानी को हार्ट प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है और उन्हें अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस भविष्यवाणी ने देश के कॉर्पोरेट जगत में भी चिंता का माहौल बना दिया है।

ज्योतिष की सटीकता और सावधानियां

विवेक त्रिपाठी की ज्योतिषीय भविष्यवाणियां हमेशा से ही चर्चा का विषय रही हैं। ऐसे में ये भविष्यवाणियां कई सवाल खड़े करती हैं और आने वाले समय में इनकी सत्यता पर भी नजर रखी जाएगी। नरेंद्र मोदी, भगवंत मान और मुकेश अंबानी जैसे बड़े नामों से जुड़ी इन भविष्यवाणियों ने आम जनता के साथ-साथ राजनीतिक और कारोबारी हलकों में भी हलचल मचा दी है। अब देखना यह है कि इन भविष्यवाणियों में कितनी सच्चाई है और समय क्या करवट लेता है।

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59वें जन्मदिन पर शाहरुख ने छोड़ी ये गंदी आदत, ‘मुंह से आने लगी थी बदबू’ सेहत पर डाल रही थी असर

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Shahrukh Khan, Shahrukh quit bad habit
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Shahrukh Khan Cigarette story – शाहरुख़ ख़ान, बॉलीवुड के बादशाह, एक अद्वितीय एक्टर और दिलों के राजा हैं. उनकी मुस्कान और एक्टिंग का जादू हर किसी को दीवाना बना देता है. ‘किंग’ शाहरुख खान ने हाल ही में 2 नवंबर को अपना 59वां जन्मदिन मनाया. इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने अपने फैंस के सामने लिए बेहद ही शॉकिंग खुलासा भी किया. जिसने सभी को हैरान कर दिया. शाहरुख खान ने अपने बर्थडे पर हुए मीट-एंड-ग्रीट में फैंस के सामने ये अनाउंस किया है कि उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर अपनी एक बहुत गंदी आदत को छोड़ दिया है, जो उनकी सेहत पर असर डाल रही थी.

ये सालो पुरानी गंदी आदत – Shahrukh Khan Cigarette story

बॉलीवुड स्टार शाहरुख़ खान आज किसी पहचान के मोहताज़ नहीं हैं. उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मे दी हैं. फिल्म “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” से लेकर “चक दे! इंडिया” तक, उन्होंने हर भूमिका में अपनी छाप छोड़ी है. उनका करियर प्रेरणा और जुनून की मिसाल है. हाल ही में शाहरुख़ खान ने अपना उन्होंने अपना 59वां जन्मदिन मनाया. जिसमे बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तिया शामिल हुई थी. जिसमे शाहरुख़ खान ने अनाउंसमेंट की कि उन्होंने लंबे समय से सिगरेट पीने की अपनी आदत को छोड़ दिया है.

शाहरुख़ खान ने इस बात को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से अपने फैंस के साथ शेयर करते हुए उन्होंने कहा, ‘अब मैं सिगरेट नहीं पीता, दोस्तों. ये अच्छी बात है’. इस बुरी आदत को छोड़ने के साथ उन्होंने ये उम्मीद जताई कि इससे उनकी सांस कम फूलेगी, लेकिन साथ ही कहा कि अभी उन्हें इसके असर महसूस हो रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा था कि मुझे इतनी सांस फूलने की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अभी भी ऐसा ही महसूस हो रहा है’. Shahrukh Khan Cigarette story

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शाहरुख खान ने छोड़ दी ये गंदी आदत

जहाँ एक तरफ शाहरुख़ खान ये बताया उन्होंने अपनी सिगरेट पीने की आदत को छोड़ दिया हैं. वही उन्होंने बताया कि वे अब भी इस बदलाव को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं और कहा, ‘इंशाअल्लाह, सब ठीक हो जाएगा’. शाहरुख खान ने ये कदम अपनी स्मोकिंग और कैफीन की आदतों पर कई सालों तक चर्चा करने के बाद लिया है. इससे पहले 2011 में एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपनी लाइफस्टाइल के बारे में बताया था कि उनको स्मॉकिंग की आदत है और वे एक दिन में लगभग 100 सिगरेट पीते थे, खाना भूल जाते थे, पानी नहीं पीते थे और 30 कप ब्लैक कॉफी पीते थे’.

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सुप्रीम कोर्ट स्टेटस पैनल को विस्तार मिला: दलित धर्मांतरण पर आयोग को रिपोर्ट सौंपनी बाकी

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Supreme Court status panel gets extension
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SC status panel extension news: केंद्र ने हाल ही में उस विशेष पैनल को अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया है जो देश में दलित समुदाय के धर्मांतरण से जुड़े मुद्दों पर अध्ययन कर रहा है। यह आयोग इस बात का आकलन कर रहा है कि विभिन्न धर्मों में धर्मांतरण के बाद दलित समुदाय (Dalit Community) की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा है। केंद्र सरकार द्वारा 2022 में गठित जांच आयोग को इस जांच के लिए एक साल का समय दिया गया है।

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बालाकृष्णन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग- SC status panel extension news

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 30 अक्टूबर को जारी गजट अधिसूचना के अनुसार भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन (Former Chief Justice KG Balakrishnan) की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय आयोग को अब 10 अक्टूबर, 2025 तक का समय दिया गया है। आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए अतिरिक्त समय मांगे जाने के बाद 1 नवंबर की अधिसूचना के माध्यम से औपचारिक रूप से यह निर्णय लिया गया, जिसे पहले 10 अक्टूबर को अपना काम पूरा करना था। जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत 6 अक्टूबर, 2022 को जांच आयोग का गठन किया गया था।

तीन धर्म शामिल

वर्तमान में, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 के अनुसार, केवल हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म के लोग ही अनुसूचित जाति के रूप में वर्गीकृत होने के पात्र हैं। आयोग को उन दलितों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की संभावना की जांच करने का काम सौंपा गया है, जिन्होंने उक्त आदेश में उल्लिखित तीन धर्मों के अलावा किसी अन्य धर्म को अपनाया है।

 Supreme Court status panel gets extension
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आयोग का गठन और अधिसूचना अक्टूबर 2022 में की गई थी, ठीक उसी समय जब सुप्रीम कोर्ट दलित मुसलमानों और ईसाइयों के लिए अनुसूचित जाति का दर्जा मांगने वाली याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करने वाला था।

20 सालों से शीर्ष अदालत में मामला लंबित

यह मामला पिछले 20 सालों से शीर्ष अदालत में लंबित है। पैनल को शुरू में यह काम पूरा करने और 10 अक्टूबर, 2024 तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए दो साल का समय दिया गया था।

फील्ड विजिट

आयोग (SC status panel extension) अपने काम का एक अहम पहलू – इस साल अगस्त तक अपने फील्ड विजिट शुरू नहीं कर पाया था, क्योंकि पैनल को ज़रूरी स्टाफ़ उपलब्ध नहीं कराया गया था, इसके कामकाज से वाकिफ़ कई सूत्रों ने द हिंदू को बताया। उनमें से एक ने कहा, “आयोग को अब लगभग छह महीने में बचा हुआ काम पूरा कर लेना चाहिए।”

Supreme court of India
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पैनल फिलहाल फील्ड विजिट के बीच में है, जहां वह हित समूहों के साथ सार्वजनिक परामर्श कर रहा है। यह सार्वजनिक सुनवाई के लिए केरल, गुजरात, बिहार, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में पहले ही जा चुका है। आयोग आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों का दौरा करने की भी योजना बना रहा है, जहां जनता से फीडबैक लेने के लिए इसी तरह की सुनवाई निर्धारित की गई है।

एक सूत्र ने कहा, “अब जब विस्तार दिया गया है, तो आयोग की अगली बैठक में आगे के दौरों की योजना बनाई जाएगी।”

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Bigg Boss 18: ये होंगे शो के टॉप 3 कंटेस्टेंट? टॉप 5 की लिस्ट में 5वां नाम आपको चौंका देगा

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Bigg Boss 18 Vivian Dsena
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Bigg Boss 18 Top 3 Contestant: सलमान खान का शो बिग बॉस 18 (Salman Khan Show Bigg Boss 18) अपनी लोकप्रियता बढ़ा चुका है। शो को शुरू हुए एक महीना बीत चुका है। अब तक चार लोग शो से बाहर हो चुके हैं। इसी बीच शो के फिनाले से पहले टॉप तीन प्रतिभागियों के नाम सार्वजनिक कर दिए गए हैं, हालांकि फिनाले के लिए अभी समय है। वहीं, टॉप पांच में शामिल नाम भी सामने आ गया है। यह सब किसी और ने नहीं बल्कि एक ज्योतिषी ने पहले ही बता दिया है। आइए आपको भी बताते हैं कि इस लिस्ट में कौन-कौन से नाम हैं और कौन सा उम्मीदवार सबसे कमजोर माना गया है।

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कौन हैं टॉप 3 की लिस्ट में शामिल- Bigg Boss 18 Top 3 Contestant

सिद्धार्थ कन्नन (Siddharth Kannan) ने अपने शो में ज्योतिषी अलिफिया सैयद (Astrologer Alifya Sayed) को शामिल किया। उन्होंने बिग बॉस के प्रतिभागियों के बारे में चर्चा की और बताया कि कौन से प्रतिभागी शीर्ष तीन की सूची में शामिल हैं। अलिफिया ने प्रत्येक प्रतिभागी के बारे में सिद्धार्थ के सवालों का अलग-अलग जवाब दिया। उन्होंने बिग बॉस की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सबसे अधिक देखा जाने वाला कार्यक्रम है। इसके बाद, उन्होंने शीर्ष तीन पर चर्चा की और विवियन डीसेना, शहजादा धामी और करणवीर मेहरा का नाम उन प्रतियोगियों के रूप में लिया जो सूची में शामिल होंगे।

टॉप 5 में कौन शामिल

उन्होंने शो के टॉप फाइव कंटेस्टेंट के नाम भी बताए। ईशा सिंह के बारे में उन्होंने कहा कि वह टॉप फाइव में शामिल हो सकती हैं। उन्होंने शिल्पा शिरोडकर की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर उन्हें सलमान खान का समर्थन मिलता रहा तो वह टॉप 5 की लिस्ट (Bigg Boss 18 Top 5 List) में शामिल हो सकती हैं।

इन कंटेस्टेंट को बताया कमजोर

ज्योतिषी ने इनके बारे में भी बात की और गुणरत्न को कमज़ोर प्रतियोगी बताया। उन्होंने रजत दलाल, चाहत पांडे, अविनाश मिश्रा, तेजिंदर पाल बग्गा और चुम दरंग के बारे में भी कहा कि वे लंबी रेस के घोड़े नहीं हैं। अब ये तो ज्योतिषी की भविष्यवाणी है, लेकिन हकीकत में क्या होता है ये तो वक्त ही बताएगा।

बिग बॉस वाइल्ड कार्ड एंट्री

एस्ट्रोलॉजर ने वाइल्ड कार्ड एंट्री (Bigg Boss Wild Card Entry) के बारे में भी बात की और कहा कि वो जो भी वाइल्ड कार्ड इस घर में एंट्री करने वाला है या वाली है वो दिसंबर 6 या 9 से पहले घर से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में कहीं न कहीं ये बात शॉकिंग है।

बिग  बॉस में बचे हैं ये कंटेस्टेंट्स

बिग बॉस 18 में अभी चुम दारंग, शिल्पा शिरोडकर, अविनाश मिश्रा, करणवीर मेहरा, ऐलिस कौशिक, सारा खान, अरफीन खान, चाहत पांडे, श्रुतिका अर्जुन राज, तेजिंदर पाल सिंह बग्गा, विवियन डीसेना, ईशा सिंह और रजत दलाल बचे हैं।

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बंटवारे के समय इस पाकिस्तानी मुस्लिम ने दी थी हिंदू और सिखों को अपने घर में पनाह, पूर्वजों की तलाश में Pakistan पहुंचे सिख ने बताई पूरी कहानी

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1947 India Partition
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1947 में भारत का विभाजन (1947 India Partition) भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की सबसे दर्दनाक और भयावह घटनाओं में से एक थी (Dr. Tarunjeet Singh Details)। विभाजन के कारण हिंदू, मुस्लिम और सिख समुदायों के बीच संघर्ष, हिंसा और दंगों की लहर चल पड़ी। लाखों लोग अपनी जान बचाने के लिए एक जगह से दूसरी जगह पलायन कर रहे थे। इस अराजकता, नफरत और हिंसा के बीच कुछ ऐसी घटनाएं भी हुईं, जिन्होंने इंसानियत की नई मिसाल कायम की। ऐसी ही एक घटना है एक मुस्लिम अधिकारी के बेटे की, जिसने एक सिख परिवार की जान बचाने के लिए कुरान की कसम खा ली।

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मुस्लिम सरकारी अधिकारी ने पेश की इंसानियत की मिसाल- Pakistani Muslims gave shelter to Sikhs

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, विभाजन के दौरान दंगे भड़कने पर लाहौर के निवासी एक मुस्लिम सरकारी अधिकारी और उनकी पत्नी ने एक सिख परिवार को दो महीने तक शरण दी थी। उस दौरान उन्हें पनाह देने वाले परिवार ने न सिर्फ खुद मुश्किलों का सामना किया बल्कि इंसानियत की एक मिसाल भी कायम की जिस पर डॉ. तरुणजीत सिंह बोटालिया ने न सिर्फ एक किताब लिखी है बल्कि उस परिवार को खोजने के लिए कई सालों तक कोशिश भी की है। दरअसल विभाजन के दौरान, इस मुस्लिम अधिकारी ने डॉ. तरुणजीत सिंह बोटालिया के परिवार को भी अपने घर में शरण दी थी।

शरण देने वाले परिवार से संपर्क का माध्यम बनी किताब- Dr. Tarunjeet Singh Details

डॉ. तरुणजीत सिंह बोतालिया (Tarunjit Singh Butalia) ने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में दावा किया कि उन्होंने अपने अध्ययन और अपने पूर्वजों से सुनी कहानियों के आधार पर एक किताब तैयार की है। वो कहते हैं कि, “इस किताब के लिए शोध के तहत मैं लाहौर, गुजरांवाला और बोटालिया में अपने पूर्वजों के घरों में भी गया। मुझे इस बात से बहुत खुशी हुई कि अब वहां लड़कियों का स्कूल है। मैंने अपनी किताब में अपने पूर्वजों से सुनी हुई कहानियाँ लिखी थीं। इस किताब को लाहौर में कैलाश नाम के एक प्रोफेसर ने पढ़ा था। प्रोफेसर कैलाश खुद एक इतिहासकार और शोधकर्ता हैं।”

Tarunjit Singh Butalia
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ये था शरण देने वाला परिवार

डॉ. तरुणजीत सिंह बोतालिया आगे कहते हैं, ‘जब मैं उनसे मिला तो किताब में लिखी घटनाओं के आधार पर उन्होंने मुझे बताया कि यह परिवार मुस्लिम लीग के सांसद महमूद बशीर वर्क (Muslim League MP Mahmud Bashir Warq) का परिवार है।’ डॉक्टर तरुणजीत सिंह बोतालिया ने कहा कि इसके बाद मैंने महमूद बशीर अहमद वर्क से संपर्क किया। उन्हें इस पूरी कहानी के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी, सिवाय इसके कि उनके पूर्वजों ने भारत के विभाजन के दौरान कई हिंदुओं और सिखों की मदद करके उनकी जान बचाई थी।

महमूद बशीर वर्क के साथ हुई मुलाक़ात- Sikh met ancestors in Pakistan

महमूद बशीर वर्क के साथ अपनी मुलाकात का वर्णन करते हुए डॉ. तरुणजीत सिंह बोटालिया कहते हैं कि जब मैं उनके पास पहुंचा तो एक सांसद की विनम्रता पहली चीज थी जिसने मुझे प्रभावित किया।

डॉक्टर तरुणजीत सिंह ने कहा, “मैंने उनसे पूछा कि क्या उनके परिवार में कोई सरकारी अधिकारी था, तो उन्होंने कहा कि हां, उनके दादा सुबे खान भारत के विभाजन के बाद लाहौर में तहसीलदार थे। मेरी दादी ने मुझे यह भी बताया कि जिस परिवार ने उनके परिवार को शरण दी थी, उसका मुखिया कर विभाग में सरकारी कर्मचारी था।”

कुरान की खाई कसम  

डॉ. तरुणजीत सिंह बोतालिया कहते हैं कि मेरी दादी ने मुझे बताया कि सुबे खान हमारे पारिवारिक  दोस्त थे। दंगे शुरू होने पर सुबे खान और उनकी पत्नी ने बहुत ही अवसाद की स्थिति में हमें अपने लाहौर स्थित घर में शरण दी। उन्होंने आगे कहा कि मेरे दादा-दादी ने दो महीने सुबे खान के लाहौर स्थित सरकारी घर में छिपकर बिताए। जब ​​यह बात फैली कि सिखों या हिंदुओं ने सुबे खान के घर में शरण ली है, तो पास की मस्जिद के इमाम ने एक सरकारी अधिकारी के बेटे से पूछा: “कई दिनों से पड़ोस में अफवाह चल रही है कि तुमने अपने घर में किसी को शरण दी है।” कौन है वो?

तो जवाब मिला कि वह मेरा भाई और उसका परिवार है।

मस्जिद के इमाम को उसकी बातों पर शक हुआ और उसने कुरान मंगवाई और अधिकारी के बेटे से कहा कि वह कुरान की कसम खाकर बताए कि उसके घर में उसका भाई और उसका परिवार रह रहा है। इस पर सरकारी अधिकारी ने कुरान की कसम खाकर बताया कि जिस व्यक्ति को उसने अपने घर में पनाह दी है, वह उसका भाई है।

बोतालिया का कहना है कि, ‘सूबे खान ने कोई झूठी कसम नहीं खाई थी। उसने मेरे दादा को अपना भाई बनाया था। दो महीने तक उसने अपने भाइयों से ज़्यादा उनकी रक्षा की थी। उसने सिखों की धार्मिक परंपराओं का भी ख्याल रखा था। इसलिए जब मैं अपने रिश्तेदारों के गाँव में अपने पूर्वजों की कब्रों पर गया, तो मैंने वहाँ अपना सिर नहीं झुकाया, बल्कि उन महान लोगों की कब्रों को प्यार और श्रद्धा से चूमकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।’

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छह साल बाद भी ‘स्त्री’ का जादू बरकरार, जानें कम बजट की फिल्म ने कैसे रचा इतिहास

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Stree movie OTT trending
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बॉलीवुड (Bollywood) में ऐसे कई उदाहरण हैं जब कोई फिल्म उम्मीदों से बढ़कर सफलता की नई कहानी लिखती है। ऐसी ही एक फिल्म है ‘स्त्री’ (Stree movie), जो अपनी अनूठी कहानी और शानदार अभिनय के कारण आज भी दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। छह साल पहले रिलीज हुई यह हॉरर-कॉमेडी फिल्म एक बार फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड करने लगी है, जो दर्शाता है कि फिल्म की लोकप्रियता आज भी कम नहीं हुई है।

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कहानी और प्रस्तुति की अनूठी शैली- Stree movie story

फिल्म ‘स्त्री’ साल 2018 में 31 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म की कहानी एक छोटे से गांव में एक रहस्यमय आत्मा पर आधारित है, जो पुरुषों को निशाना बनाती है। इस अनूठी प्लॉट को हॉरर और कॉमेडी के तड़के के साथ प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया। राजकुमार राव (Rajkumar Rao) और श्रद्धा कपूर (Shraddha Kapoor) की मुख्य भूमिकाओं ने फिल्म को एक नया आयाम दिया। उनकी अदाकारी ने दर्शकों को बांधे रखा और फिल्म को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। वहीं, फिल्म में पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi), अपारशक्ति खुराना और अभिषेक बनर्जी जैसे सितारे भी अहम भूमिका में नजर आए थे।

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आज भी कायम है क्रेज

ऐसा बहुत कम होता है कि कोई फिल्म छह साल बाद भी इतनी प्रासंगिक बनी रहे कि वह फिर से ट्रेंड करने लगे। ‘स्त्री’ ने अपने अनोखे अंदाज और सामाजिक संदेश के कारण दर्शकों के बीच खास पहचान बनाई। इसके संवाद और डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर हैं, जैसे “ओ स्त्री, कल आओ” जिसने फिल्म को यादगार छवि दी।

ओटीटी पर फिर से ट्रेंडिंग

हाल ही में, ‘स्त्री’ ओटीटी प्लेटफार्म पर फिर से दर्शकों के बीच ट्रेंड (Stree Movie is Trending) करने लगी है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से अमेज़न प्राइम वीडियो पर ‘स्त्री’ लगातार ट्रेंड कर रही है। भारत में टॉप 10 ट्रेंडिंग लिस्ट में इसने 7वां स्थान हासिल कर लिया है। यह दर्शाता है कि फिल्म की कहानी और उसकी प्रस्तुति समय के साथ भी अपनी चमक नहीं खोती। नई पीढ़ी के दर्शक भी इसे पसंद कर रहे हैं, जिससे फिल्म की लोकप्रियता और भी बढ़ गई है।

कम बजट में बड़ी सफलता

राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म ‘स्त्री’ ने रिलीज के बाद बॉक्स ऑफिस (Stree movie box office collection) पर कमाई के मामले में इतिहास रच दिया था। ‘स्त्री’ का निर्माण बहुत कम बजट में (Stree Movie Budget) किया गया था, लेकिन फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए लागत से कई गुना अधिक कमाई की। आईएमडीबी की रिपोर्ट के अनुसार, हॉरर-कॉमेडी “स्त्री” को बनाने में केवल 25 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, लेकिन इसने फिल्म ऑफिस पर इससे सात गुना ज़्यादा कमाई की। इसे 2018 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्मों में शामिल किया गया और यह साल की सबसे ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने वाली फ़िल्म बन गई।

बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘स्त्री’ ने देशभर में 129.90 करोड़ रुपये की कमाई की, जबकि दुनियाभर में इसका कुल कलेक्शन 180.76 करोड़ रुपये पहुंच गया। यह फिल्म अपने समय में एक ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई थी और आज भी दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाए हुए है।

‘स्त्री 2’ ने भी की मोटी कमाई

बता दें, ‘स्त्री’ का सीक्वल ‘स्त्री 2’ (Stree 2) इस साल 15 अगस्त को रिलीज हुआ और बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता हासिल की। ​​दर्शकों को बड़े पर्दे पर मनोरंजन का डबल डोज मिला, भले ही फिल्म में वही पुराने सितारे नजर आए। बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक ‘स्त्री 2’ ने दुनियाभर में 874.58 करोड़ की कमाई की है।

shraddha kapoor Stree 2 movie
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बॉलीवुड पर 30 साल से राज कर रहा है यह सुपरस्टार, बेटे के कारण हुई थी बदनामी फिर…

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Shahrukh Khan, Bollywood Star
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फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे सितारे हैं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में अपना अहम योगदान दिया है. ऐसे ही एक एक्टर शाहरुख़ ख़ान, जिन्हें “किंग खान” के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली एक्टर हैं. शाहरुख़ ने अपने करियर की शुरुआत 1980 के दशक में टेलीविजन धारावाहिकों से की, लेकिन 1992 में फिल्म “दीवाना” से बड़े पर्दे पर कदम रखा और 30 सालो से बॉलीवुड पर राज कर रहे हैं.

बॉलीवुड में शाहरुख़ का करियर

बॉलीवुड स्टार शाहरुख़ खान ने आपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्मे दी है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1992 में फिल्म “दीवाना” से की थी. शाहरुख़ ने अपने करियर में रोमांस, ड्रामा, और एक्शन जैसी कई शैलियों की फिल्मों में काम किया है. “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे,” “कभी ख़ुशी कभी ग़म,” “चक दे! इंडिया,” और “गुंडाराज” जैसी उनकी फ़िल्में क्लासिक मानी जाती हैं. उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें फिल्मफेयर पुरस्कार और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सम्मान शामिल हैं.

बॉलीवुड इंडस्ट्री पर राज करते हुए उन्हें 30 से ज्यादा साल हो गए है. लेकिन साल 2018 और 2021 में एक ऐसा दौर आया, जिससे यह स्टार बुरी तरह से टूट गया. दरअसल, शाहरुख खान की ‘फैन’, ‘डियर जिदंगी’, ‘जब हैरी मेट सेजल सेजल’ जैसी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर ठंडा रिस्पांस मिला, तो उन्हें ‘जीरो’ से उम्मीद हुई. ‘जीरो’ में उनके साथ अनुष्का शर्मा और कैटरीना कैफ थीं. आनंद एल राय की इस फिल्म के फ्लॉप होने से बुरी तरह टूटे. 5 साल तक सिनेमाघरों से दूर रहे. उनके सुपरस्टार वाले टैग हटने लगा था. उनकी आलोचनाएं हो रही थीं.

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25 दिन जेल में रहा बेटा

इस बीच, 2021 में शाहरुख खान पर एक और मुसीबत आई. उनके बेटे आर्यन खान को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) ने पकड़ लिया. उनके बेटे पर एक क्रुज शिप पर हो रही कथित रेव पार्टी में शामिल होने का आरोप लगा. पूछताछ के लिए आर्यन को 25 दिनों तक जेल में बिताने पड़े. इस दौरान शाहरुख ने लोगों से दूरी बना ली. खूब आलोचना हुई. 4 बार उनकी जमानत याचिका खारिज हुई थी. हालांकि मई 2022 में आर्यन पर लगे सभी आरोप खारिज कर दिए गए और उन्हें जेल से रिहा कर दिया था.

फिल्मों में किस साल किया कमबैक 

इस दौरान बॉलीवुड में कई बड़ी फिल्में आई, जिनमें शाहरुख खान ने कैमियो किए, जिनमें फिल्म ‘ब्रह्मास्त्रः पार्ट वन’, ‘रॉकेट्रीः द नांबी इफेक्ट’ और ‘लाल सिंह चड्ढा’ शामिल है. वही साल 2023 की जनवरी में शाहरुख खान ने बड़े पर्दे पर ‘पठान’ से कमबैक किया. फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई. फिर शाहरुख की ‘जवान’ आई और इसने शाहरुख का स्टारडम कई गुणा बढ़ा दिया. साल के आखिरी में आई ‘डंकी’ भी सुपरहिट हुई. इस तरह शाहरुख के लिए 2023 कमबैक ईयर रहा. उनका खोया हुआ स्टारडम मिला.

वर्कफ्रंट पर शाहरुख़ खान

अगर शाहरुख़ के वर्कफ्रंट की बात करें तो 2023 किंग खान के लिए लकी रहा. बैक टू बैक फ्लॉप के बाद उन्होंने धमाकेदार वापसी की पठान से लेकर जवान मूवी का बॉक्स ऑफिस पर दबदबा दिखा. वही अब शाहरुख़ के फैन्स को उनकी मचअवैटेड फिल्म “किंग” का इंतज़ार हैं. जिसमें वो बेटी सुहाना संग दिखने वाले हैं. इसके अलवा वे अपनी समाजिक सक्रियता और चैरिटी कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं. इसके अलावा, शाहरुख़ ख़ान एक सफल व्यवसायी भी हैं, जिनके पास कोलकाता नाइट राइडर्स नाम की IPL क्रिकेट टीम है.

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दीपिका पादुकोण ने शेयर की बेटी की पहली PHOTO, दिवाली पर किया नाम का खुलासा

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Deepika Padukone Ranveer singh image
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बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण एक प्रतिभाशाली भारतीय अभिनेत्री हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग से सबको मंत्रमुग्ध किया है. वह न केवल अपनी एक्टिंग के लिए, बल्कि अपनी खूबसूरती और आत्मविश्वास के लिए भी जानी जाती हैं. वही हाल ही, में दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने अपनी बेटी की पहली फोटो शेयर करते हुए उनके नाम का खुलासा किया है.

क्या है दीपिका और रणवीर की बेटी का नाम

बॉलीवुड स्टार दीपिका और रणवीर कुछ महीने पहले ही पेरेंट्स बने थे. साल की शुरुआत में ही कपल ने अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए बताया था. वही हाल ही में दीपिका और रणवीर ने दीवाली के मौके पर अपनी बेटी की फोटो शेयर करते हुए उसका नाम रिवील किया हैं. फोटो शेयर होने के कुछ मिनटों बाद ही वायरल हो गई. फैंस फोटो पर जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और एक्ट्रेस की बेटी के नाम की तारीफ कर रहे हैं. तस्वीर में मां-बेटी दोनों रेड कलर के आउटफिट में नजर आ रही हैं.

इसके अलवा दीपिका और रणवीर ने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ‘दुआ पादुकोण सिंह. ‘दुआ’: जिसका अर्थ है एक प्रार्थना. वे हमारी प्रार्थनाओं का जवाब हैं. हमारे दिल प्यार और आभार से भरे हुए हैं. दीपिका और रणवीर.’ फोटो में दीपिका पादुकोण दुआ को पकड़े हुए नजर आ रही हैं, हालांकि बेटी का चेहरा दिखाई नहीं दे रहा है. सिर्फ उनकी बेटी दुआ के नन्हे पैर दिखाई दे रहे हैं.

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रणवीर सिंह बना रहे थे नाम की लिस्ट

रणवीर ने एक बार बताया था कि वे अपने भावी बच्चे के लिए नामों की एक लिस्ट बना रहे हैं. ‘द बिग पिक्चर’ के एक एपिसोड में रणवीर ने लिस्ट में शामिल नामों में से एक का खुलासा किया था. शो के एक कंटेस्टेंट शौर्यवीर से बात करते हुए रणवीर ने उनसे पूछा कि अगर उनका कोई बच्चा है तो वे उनके नाम का इस्तेमाल कर सकते हैं. वे बोले थे, ‘मैं नामों की शॉर्टलिस्ट बना रहा हूं. आप मना नहीं करेंगे, तो मैं ले लू आपसे शौर्यवीर सिंह?

मैटरनिटी लीव पर हैं दीपिका पादुकोण

हाल ही में माँ बनी दीपिका पादुकोण इन दिनों मदरहुड पीरियड काफी एन्जॉय कर रही है.. दीपिका के मां बनने के बाद एक सूत्र ने News18 को बताया था कि एक्ट्रेस मैटरनिटी लीव पर हैं. उनकी छुट्टी अगले साल मार्च तक चलेगी, जिसके तुरंत बाद वे बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन, कमल हासन और प्रभास के साथ कल्कि के सीक्वल की शूटिंग में बिजी हो जाएंगी.’ बता दें कि दीपिका के पास कई प्रोजेक्ट हैं. नाग अश्विन की ‘कल्कि 2’ की शूटिंग जनवरी-फरवरी 2025 में पहुंचेंगी और वे अगले साल बिग बी के साथ ‘द इंटर्न’ पर काम शुरू करने की भी योजना बना रही हैं. इसके अलावा दीपिका और रणवीर की जोड़ी रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में नजर आ रहे है. कहा जा रहा है कि इस फिल्म में दीपिका लेडी सिंघम की भूमिका में एक्शन करते हुए नजर आएंगी. ये फिल्म दिवाली के मौके पर सिनेमाघरों में रिलीज हुई हैं.

बता दें,  दीपिका अपने मानसिक स्वास्थ्य अभियान को आगे बढ़ाने में भी सक्रिय हैं, जिससे वह लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रही हैं. उनके प्रशंसक उन्हें फिर से बड़े पर्दे पर देखने के लिए उत्सुक हैं.

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पेरियार की पत्रकारिता: सामाजिक सुधार और न्याय की आवाज, उनके बारे में जानें ये खास बातें

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Periyar E.V. Ramasamy
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पेरियार ई.वी. रामासामी (Periyar E.V. Ramasamy), जिन्हें आमतौर पर पेरियार के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख समाज सुधारक, दार्शनिक और पत्रकार थे। उन्हें दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु में सामाजिक सुधार आंदोलनों के लिए एक क्रांतिकारी व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है। उनकी पत्रकारिता ने न केवल सामाजिक अन्याय और धार्मिक पाखंड पर हमला किया, बल्कि लोगों को जागरूक करने और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का एक माध्यम भी बनी।

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पत्रकारिता की शुरुआत और उद्देश्य- Periyar E.V. Ramasamy career

इरोड में कन्नड़ बलिजा व्यापारियों के परिवार में 17 सितम्बर 1879 को जन्मे इरोड वेंकटप्पा रामास्वामी के पिता का नाम वेंकटप्पा नायकर (या वेंकट) और माता का नाम चिन्नाथी मुथम्मल था। इरोड उस समय मद्रास प्रेसीडेंसी के कोयम्बटूर क्षेत्र का हिस्सा था। सामाजिक असमानताओं और जातिगत भेदभाव से व्यथित होकर पेरियार ने अपना जीवन समाज सुधार के लिए समर्पित कर दिया। उनकी पत्रकारिता (Periyar E.V. Ramasamy newspapers) का मुख्य उद्देश्य समाज के निचले तबके को सशक्त बनाना, अंधविश्वासों का खंडन करना और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाना था।

Periyar E.V. Ramasamy
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उन्होंने अपनी पत्रकारीय यात्रा के माध्यम से जनता तक अपने विचारों और संदेशों को पहुंचाने के लिए कई पत्रिकाओं और समाचार पत्रों की स्थापना की। इनमें प्रमुख नाम हैं ‘कुदी अरसु’, और ‘विदुथलाई’ । ये पत्रिकाएं न केवल तमिल भाषा में लिखी गई थीं, बल्कि उनमें ऐसे मुद्दों को उठाया गया जो उस समय के लिए बेहद संवेदनशील और विवादास्पद थे।

‘कुदी अरसु’ और सामाजिक प्रभाव

पेरियार ने 1925 में ‘कुदी अरसु’ (Periyar E.V. Ramasamy kudi arasu) की शुरुआत की, जो एक मासिक पत्रिका थी। इसका मुख्य उद्देश्य जातिवाद और धार्मिक आडंबरों के खिलाफ आवाज उठाना था। इस पत्रिका में उन्होंने ब्राह्मणवाद के वर्चस्व, महिलाओं की स्थिति, और धार्मिक पाखंड जैसे मुद्दों पर खुलकर लिखा।

अखबार निकालने की आवश्यकता पर पेरियार ने ‘कुदी आरसु’ के पहले ही अंक में लिखा था—

इस देश में अनेकानेक समाचारपत्र हैं। किंतु वे अपनी आत्मा, अपने विवेक के प्रति ईमानदार नहीं हैं। उन सबके विपरीत मैं कुदी आरसुमें, सत्य की साहसपूर्ण अभिव्यक्ति, जैसा कि मैं उसे देखता हूंदेने को संकल्पबद्ध हूं।

Periyar E.V. Ramasamy
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‘कुदी अरसु’ में पेरियार ने अपनी बेबाक शैली में सामाजिक अन्याय को चुनौती दी और सुधारवादी विचारों का प्रचार किया। यह पत्रिका जल्द ही तमिलनाडु के लोगों के बीच लोकप्रिय हो गई और इसका प्रभाव व्यापक रूप से महसूस किया गया। उन्होंने इस पत्रिका के माध्यम से समाज के दबे-कुचले वर्गों को उनकी स्थिति के प्रति जागरूक किया और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

कुदी आरसु के लेख

‘कुदी अरासु’ में ऐसे लेख प्रकाशित होते थे, जिनमें जातिगत भेदभाव, धार्मिक पाखंड और पौराणिक मिथकों पर व्यंग्य किया जाता था। लेखों की भाषा सरल लेकिन व्यंग्यात्मक होती थी – ‘दान के लिए कौन उपयुक्त है – ब्राह्मण’, ‘हम ब्राह्मणों की आलोचना क्यों करते हैं?’, ‘तीर्थस्थलों और तीर्थस्थलों का सच’, ‘क्या ‘कुदी अरासु’ द्वारा ब्राह्मणों की आलोचना तर्कसंगत है?’ जैसे शीर्षक न केवल ब्राह्मणवाद पर सीधा हमला करते थे, बल्कि धर्म की कठोरता की ओर भी इशारा करते थे, जिससे उस समय पूरा हिंदू समाज ग्रसित था।

‘विदुथलाई’ और नास्तिकता का प्रचार

पेरियार की दूसरी महत्वपूर्ण पत्रिका ‘विदुथलाई’ (Periyar E.V. viduthalai) थी, जो उनके नास्तिक और तर्कसंगत विचारों का प्रचार करती थी। यह पत्रिका लोगों को धार्मिक अंधविश्वासों से मुक्त करने और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती थी। पेरियार ने इसे एक ऐसे मंच के रूप में इस्तेमाल किया जहां से वे धार्मिक ग्रंथों और रीतियों का आलोचनात्मक विश्लेषण कर सकते थे।

पेरियार द्वारा शुरू किए गए समाचार पत्रों में ‘विदुथलाई’ का स्थान बहुत ऊंचा है। ‘विदुथलाई’ का अर्थ है स्वतंत्रता। यह समाचार पत्र पहली बार 1935 में तमिल में प्रकाशित हुआ था। यह समाचार पत्र प्रतिदिन प्रकाशित होता था। 1935 तक ‘आत्म-सम्मान आंदोलन’ ने जन चेतना में अपनी पैठ बना ली थी। इसने हर शहर और जिले में शाखाएँ खोल दी थीं।

‘विदुथलाई’ का मुख्य उद्देश्य

इस अख़बार का मुख्य उद्देश्य ब्राह्मणवादी रीति-रिवाजों, कपट और जादू-टोने के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना था। बच्चों को वैज्ञानिक रूप से सोचने के लिए प्रोत्साहित करना। नतीजतन, यह पुराणों और वेदों जैसे धार्मिक लेखन में पाए जाने वाले मिथकों की आलोचना करता था। नतीजतन, कुछ लोग इससे बहुत परेशान रहते थे। अख़बार के संपादक मुत्तुसामी को एक बार छह महीने की कैद हुई थी, क्योंकि उन पर आर्यों और द्रविड़ों के बीच दुश्मनी और विभाजन को भड़काने का आरोप लगाया गया था।

पेरियार की लेखनी की शैली

पेरियार की पत्रकारिता की सबसे खास बात उनकी लेखनी की बेबाकी और स्पष्टता थी। वे अपने विचारों को बिना किसी डर के व्यक्त करते थे। उनकी लेखनी में समाज की कुरीतियों पर कड़ा प्रहार था, और वे अपने शब्दों से लोगों को सोचने पर मजबूर करते थे। उन्होंने अपने लेखों में धार्मिक नेताओं और सामाजिक व्यवस्थाओं की आलोचना की, जो समाज में असमानता और अन्याय को बढ़ावा देती थीं।

पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक सुधार

पेरियार की पत्रकारिता ने समाज में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके लेखों ने दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दी। उनके प्रयासों के कारण समाज में धीरे-धीरे बदलाव आने लगे और लोग अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक हुए।

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Guru Tegh Bahadur: हरियाणा के इन 6 जिलों में आए थे गुरु तेग बहादुर, हुए थे ये चमत्कार

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Guru Tegh Bahadur
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गुरु तेग बहादुर (Sikhs Ninth Guru Tegh Bahadur), सिख धर्म के नौवें गुरु, ने अपने जीवन में कई स्थानों की यात्रा की थी और उनका आगमन हरियाणा के विभिन्न जिलों में भी हुआ था। इन जिलों में गुरु जी ने अपने उपदेशों और चमत्कारी कार्यों से लोगों के बीच धर्म और सद्भाव का संदेश फैलाया। गुरु तेग बहादुर प्रदेश के पांच जिलों में 1656 में आए थे। जींद, कैथल, करनाल, यमुनानगर व कुरुक्षेत्र में ठहराव किया था। इन जिलों में गुरु तेग बहादुर का के नाम से गुरुद्वारा है। आइए जानते हैं हरियाणा के उन छह प्रमुख जिलों के बारे में, जहां गुरु तेग बहादुर आए थे और उनके आगमन के दौरान हुए चमत्कार।

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रोहतक(बाबर मोहल्ला)

उपदेश देते समय गुरु तेग बहादुर साहिब रोहतक शहर आए (Guru Tegh Bahadur in rohtak)। यहां एक तालाब के किनारे गुरु ने तीन दिन बिताए। गुरु साहिब के सम्मान में माई साहिब के नाम से जाना जाने वाला स्थान कलालन मोहल्ले के पास स्थित है। यहां एक माई ने भक्तिपूर्वक लंगर परोसा। गुरु साहिब के सम्मान में बाबर मोहल्ले में गुरुद्वारा साहिब को सजाया गया है। रोहतक में बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के पास गुरुद्वारा बंगला साहिब पातशाही नौवीं नाम से स्थित है।

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कुरुक्षेत्र- Guru Tegh Bahadur in Haryana

कुरुक्षेत्र भी उन ऐतिहासिक और पवित्र स्थल में से एक है जहां गुरु तेग बहादुर का आगमन हुआ था। उन्होंने यहां पर लोगों को सत्य, धर्म और मानवता का संदेश दिया। गुरुद्वारा कराह साहिब पातशाही नौवीं में गुरु तेग बहादुर साहिब से पहले इस स्थान पर गुरु नानक साहिब ने चरण डाले थे। गुरु साहिब ने इस स्थान पर एक पिंगला को आशीर्वाद दिया था। उन्होंने यहाँ एक कुआँ और एक बगीचा लगाने के लिए पैसे भी दिए थे। यहाँ कराह, पेहोवा, धड़ाम में गुरुद्वारे स्थित हैं।

जींद(खटकड़)

गुरु तेग बहादुर जींद जिले में भी आए थे, जहां उन्होंने लोगों के बीच भक्ति और श्रद्धा का वातावरण बनाया। उनके आगमन से वहां का माहौल आध्यात्मिक रूप से प्रेरणादायक बन गया और लोग उनके चमत्कारी व्यक्तित्व से अत्यधिक प्रभावित हुए। माना जाता है कि गांव के लोगों ने गुरु साहिब को बताया कि यहां का पानी खारा और दूषित है। इसके बाद गुरु ने उन्हें एक जगह कुआं खोदने को कहा। जब कुआं खोदा गया तो पानी मीठा और साफ निकला। गुरु तेग बहादुर के नाम पर जींद, खटकड़ और नरवाना में गुरुद्वारे स्थित हैं।

कैथल

कैथल जिले में भी गुरु जी का आगमन हुआ और उन्होंने यहां के लोगों को अपने आध्यात्मिक उपदेशों से शिक्षा दी। गुरुद्वारा मंजी साहिब का स्थान पातशाही नवीन है। गुरु तेग बहादुर साहिब के सिख रोड़ा बदी का घर यहीं था। उन्होंने नीम स्थान की यात्रा करके गुरु साहिब को अपने घर आने के लिए कहा। भाई रोड़ा बदी के अनुरोध पर गुरु साहिब ने कुछ दिन उनके घर पर बिताए।

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करनाल(खानपुर)

गुरु तेग बहादुर साहिब गुरुद्वारा करनाल खानपुर में स्थित है। गुरु तेग बहादुर साहब ने उपदेश देते हुए इस स्थान पर कदम रखा था। यहां गुरु साहिब ने पीपल के पेड़ के नीचे घोड़े बांधे थे।

 यमुनानगर(हरनौल)

गुरु तेग बहादुर साहिब 1656 ई. में पटना साहिब जाते समय इस स्थान पर आए थे। 1670 ई. में पटना साहिब से लौटते समय गुरु तेग बहादुर साहिब दिल्ली में रुके थे। साहिबजादा गोविंद राय और अन्य प्रमुख सिख बुड़िया से इस क्षेत्र में प्रचार करते हुए लखनौर साहिब पहुंचे थे। यहां गुरु साहिब के समय का एक पुराना कुआं और एक झील मौजूद है। गुरु तेग बहादुर साहिब की याद में एक गुरुद्वारा बनाया गया है।

गुरु तेग बहादुर का हरियाणा (Guru Tegh Bahadur in Haryana) के इन जिलों में आगमन और उनके द्वारा दिए गए उपदेश लोगों के जीवन में अमूल्य परिवर्तन लाए। उनके चमत्कारिक कार्य और शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं और उन्हें सच्चाई, धर्म और मानवता की राह पर चलने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

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