Upcoming Top 5 Electric Cars: भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, और आने वाले सालों में इसमें और भी ज्यादा वृद्धि देखने को मिल सकती है। बढ़ती मांग, नए उत्पादों के लॉन्च और सरकार की सहायक नीतियों के साथ, भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। 2025 में, कई नई इलेक्ट्रिक कारें भारतीय शोरूम में आने के लिए तैयार हैं। यहां हम उन प्रमुख मॉडल्स की जानकारी दे रहे हैं, जो इस साल लॉन्च होने की संभावना है।
मारुति सुजुकी की इलेक्ट्रिक कार, ई विटारा, जल्द ही भारतीय बाजार में दस्तक देने के लिए तैयार है। यह स्केटबोर्ड हीटेक्ट-ई प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित होगी और दो बैटरी पैक विकल्पों के साथ उपलब्ध होगी – 49kWh और 61kWh। बड़े बैटरी पैक के साथ, इस कार की MIDC-रेटेड रेंज 500 किमी से अधिक होने का दावा किया गया है। मारुति ने इसकी लॉन्चिंग की पुष्टि की है, जो अप्रैल 2025 में होने की संभावना है।
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टाटा हैरियर ईवी
टाटा मोटर्स की हैरियर ईवी को भारत मोबिलिटी एक्सपो 2025 में प्रदर्शित किया गया था, और यह जल्द ही भारतीय बाजार में उपलब्ध होगी। इस कार को जेन 2 एक्टिव.ईवी आर्किटेक्चर पर निर्मित किया गया है और इसे दो बैटरी पैक विकल्पों के साथ पेश किया जाएगा, जो 500 किमी से अधिक की रेंज प्रदान करेंगे। टाटा हैरियर ईवी की लॉन्चिंग अप्रैल 2025 में होने की उम्मीद है, और यह भारतीय इलेक्ट्रिक एसयूवी बाजार में एक नई ताकत के रूप में सामने आएगी।
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एमजी साइबरस्टर
भारत में एमजी मोटर्स की इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार, साइबरस्टर, काफी चर्चा में है। यह भारत की सबसे सस्ती स्पोर्ट्स कार बनने जा रही है, जिसकी अनुमानित कीमत 50 लाख रुपये से 60 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के बीच हो सकती है। एमजी साइबरस्टर में 77kWh की बैटरी और डुअल इलेक्ट्रिक मोटर होगी, जो अधिकतम 510bhp और 725Nm का टॉर्क उत्पन्न करेगी। इसकी लॉन्चिंग अप्रैल 2025 में होने की उम्मीद है और यह इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार के बाजार में एक नई क्रांति ला सकती है।
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एमजी एम9
एमजी मोटर्स ने भारतीय बाजार में अपनी इलेक्ट्रिक लग्जरी एमपीवी, एमजी एम9 को प्रदर्शित किया है। इसकी लॉन्चिंग 2025 में होने की पुष्टि हो चुकी है, हालांकि सटीक लॉन्च टाइमलाइन अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। एमजी एम9 की अनुमानित कीमत लगभग 63.90 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) होगी। इस कार में नई तकनीक और शानदार सुविधाएं शामिल हैं, जो इसे भारतीय लग्जरी कार बाजार में एक महत्वपूर्ण मॉडल बना सकती हैं।
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किआ ईवी6 फेसलिफ्ट
किआ मोटर्स की इलेक्ट्रिक कार, ईवी6, का फेसलिफ्ट वर्जन भारत मोबिलिटी शो में प्रदर्शित किया गया। इस नए वर्जन में 84kWh बैटरी पैक होगा, जिसकी दावा की गई रेंज 494 किमी तक होगी। इसके अलावा, नई डिज़ाइन और बेहतर फीचर्स के साथ इसे पेश किया जाएगा। किआ ने अब तक इसकी सटीक लॉन्च तिथि का खुलासा नहीं किया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसे जून 2025 में लॉन्च किया जा सकता है।
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आने वाली कारों के प्रभाव और बाजार में वृद्धि
इन इलेक्ट्रिक कारों के लॉन्च होने से भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में भारी वृद्धि हो सकती है। एक तरफ जहां इन कारों की लंबी रेंज और आधुनिक तकनीक ग्राहकों को आकर्षित करेगी, वहीं दूसरी तरफ सरकारी नीति और पर्यावरणीय कारक भी इस क्षेत्र की वृद्धि में योगदान देंगे। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और नीतियां इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों को किफायती बनाए रखेंगी और अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को इन कारों की ओर आकर्षित करेंगी।
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के कटरा इलाके में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जब तीन युवकों ने देसी बम फेंककर इलाके में दहशत फैला दी। यह घटना रात के समय की है, जब बाइक पर सवार तीन युवक अशोक साहू के घर के पास पहुंचे और एक के बाद एक तीन देसी बम फेंक दिए। इस घटनाक्रम ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया, लेकिन घटना के पीछे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, बल्कि एक प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया है।
कटरा इलाके में कचहरी जाने वाली सड़क पर तीन युवक बाइक पर सवार होकर पहुंचे थे। इनमें से दो युवक बाइक पर थे, जबकि एक युवक सड़क पर खड़ा होकर लगातार बम फेंक रहा था। बम के धमाके से आसपास के लोग डर गए और वे अपने घरों से बाहर नहीं निकले। यह घटना इतनी भयावह थी कि इलाके में दहशत का माहौल बन गया। हालांकि, एक दिलचस्प बात यह है कि इस पूरे घटनाक्रम की तस्वीरें आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गईं। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और कड़ी मेहनत के बाद तीनों युवकों की पहचान कर ली।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद, पुलिस ने ACP राजीव यादव के नेतृत्व में जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिए युवकों की बाइक का नंबर ट्रेस किया गया, जिससे उनकी पहचान हो सकी। कर्नल गंज पुलिस ने एक युवक को पकड़ लिया और पूछताछ के दौरान उनके साथी युवकों का पता चल गया। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि तीनों युवकों ने शराब के नशे में यह कदम उठाया था।
पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि इस घटना के पीछे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। दरअसल, अदनान नामक युवक की गर्लफ्रेंड ने हाल ही में मोहल्ले के विरोध के कारण उससे बात करना बंद कर दिया था। इस पर अदनान ने गुस्से में आकर अपनी गर्लफ्रेंड को धमकी दी थी कि अगर वह बात नहीं करेगी, तो वह पूरे मोहल्ले को बम से धुआं-धुआं कर देगा। शराब के नशे में चूर होकर अदनान और उसके दोस्तों ने इस धमकी को सच साबित करने के लिए अशोक साहू के घर के पास बम फेंक दिए, ताकि इलाके में दहशत फैलाई जा सके।
प्रेम प्रसंग का मामला
इस घटनाक्रम के बाद, पुलिस ने बताया कि युवकों का किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी, बल्कि यह पूरी घटना एक प्रेम प्रसंग के कारण हुई। पुलिस के मुताबिक, तीनों युवक कर्नल गंज मुहल्ले के निवासी थे और एक-दूसरे के अच्छे दोस्त थे। अदनान का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ संबंध था, लेकिन मोहल्ले में इस रिश्ते का विरोध हुआ, जिससे वह नाराज हो गया। इसके बाद, उसने मोहल्ले में दहशत फैलाने के लिए यह कदम उठाया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और बमों की बरामदगी
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उनके पास से कुल 12 जिंदा बम बरामद किए गए हैं, जो पूरी घटना की गंभीरता को दर्शाते हैं। इन बमों की बरामदगी से यह साबित होता है कि आरोपियों का इरादा बहुत गंभीर था और उन्होंने इलाके में दहशत फैलाने के लिए यह कदम उठाया था।
Kunal Kamra Controversy: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के बयान ने सियासी हलचल पैदा कर दी है। कामरा ने अपने कॉमेडी वीडियो में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री शिंदे पर कथित रूप से अभद्र टिप्पणियां की थीं, जिसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने उनके खार स्थित स्टूडियो और उस होटल पर हमला बोल दिया, जिसमें कामरा ने यह वीडियो शूट किया था। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने शिवसेना युवा सेना के जनरल सेक्रेटरी राहुल कनाल समेत 11 शिवसैनिकों को गिरफ्तार किया है।
कुणाल कामरा के इस वीडियो में उन्होंने शिंदे पर तंज कसा और उन्हें ‘गद्दार’ बताया। कामरा ने फिल्म “दिल तो पागल है” के एक प्रसिद्ध गाने की तर्ज पर शिंदे के खिलाफ अभद्र गाने गाए। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई। कार्यकर्ताओं ने तुरंत कामरा के खार स्थित दफ्तर में तोड़फोड़ की और उसी परिसर में स्थित एक होटल पर हमला किया, जहां कथित तौर पर वीडियो शूट किया गया था। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई और लोगों के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस शुरू हो गई। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला मानते हैं, तो वहीं कुछ का कहना है कि कॉमेडी की भी एक सीमा होनी चाहिए।
खार पुलिस ने इस मामले में कुल 19 लोगों को नामजद किया और 15 से 20 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने शिवसेना के युवा सेना के जनरल सेक्रेटरी राहुल कनाल को पूछताछ के लिए खार पुलिस स्टेशन बुलाया था, लेकिन वह थोड़ी देर बाद स्टेशन से बाहर निकल गए। उन्हें फिर से 11 बजे फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया। पुलिस ने तोड़फोड़ और हमले के मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने शिवसैनिकों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इनमें धारा 132 (लोक सेवक के खिलाफ हमला), 189(2)(3) (गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठी करना), 324 (5) (₹1 लाख से अधिक की क्षति पहुंचाना), 352 (शांति भंग करना), 351(2) (आपराधिक धमकी), 333 (हमले या घर में धावा बोलना), 135 (बधक बनाने का प्रयास) जैसी धाराएं शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर विवाद
कुणाल कामरा के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी विवाद बढ़ गया है। कई लोग इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला मान रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि कॉमेडी का भी एक सीमा होना चाहिए और किसी व्यक्ति या राजनीतिक नेता के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां करना ठीक नहीं है। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने यह आरोप भी लगाया कि कामरा का यह बयान जानबूझकर सरकार को बदनाम करने के लिए था।
शिवसेना का रुख
शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कामरा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कामरा को धमकी दी कि शिवसेना कार्यकर्ता पूरे देश में उनका पीछा करेंगे। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा,
“कुणाल कामरा एक किराए के कॉमेडियन हैं। वह कुछ पैसों के लिए हमारे नेता पर टिप्पणी कर रहे हैं। महाराष्ट्र की बात तो दूर कुणाल कामरा भारत में कहीं भी स्वतंत्र रूप से नहीं जा सकते, शिवसैनिक उन्हें उनकी जगह दिखा देंगे। हमें संजय राउत और शिवसेना (यूबीटी) के लिए दुख है कि उनके पास हमारे नेता पर टिप्पणी करने के लिए कोई पार्टी कार्यकर्ता या नेता नहीं बचा है, यही वजह है कि वे इस काम के लिए उनके (कुणाल कामरा) जैसे लोगों को काम पर रख रहे हैं।
कामरा के समर्थन में उद्धव गुट के नेता
दूसरी ओर, शिवसेना यूबीटी नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने रविवार रात स्टूडियो पर हुए हमले को कायराना बताया। उन्होंने एक्स पर लिखा,
“मिंडे (शिंदे) के कायर गिरोह ने कॉमेडी शो का मंच तोड़ दिया। यहां कॉमेडियन कुणाल कामरा ने एकनाथ मिंडे पर एक गाना गाया जो 100 फीसदी सच था। सिर्फ एक असुरक्षित कायर ही किसी के गाने पर प्रतिक्रिया करेगा।”
Mindhe’s coward gang breaks the comedy show stage where comedian @kunalkamra88 put out a song on eknath mindhe which was 100% true.
Only an insecure coward would react to a song by someone.
Btw law and order in the state?
Another attempt to undermine the CM and Home Minister…
“कुणाल कामरा एक जानेमाने लेखक और स्टैंडअप कॉमेडियन हैं। कुणाल ने महाराष्ट्र की राजनीति पर एक व्यंगात्मक गाना लिखा तो शिंदे गैंग को मिर्ची लगी। उनके लोगों ने कामरा का स्टूडियो तोड़ दिया। देवेंद्र जी, आप कमज़ोर गृहमंत्री हो!”
कुनाल कामरा एक जानेमाने लेखक और स्टँडप कॉमेडियन है
कुणालने महाराष्ट्रकी राजनीती पर एक व्यंगात्मक गाना लिखा तो शिंदे गैंग को मिरची लगी.
उनके लोगोने कामराका स्टूडियो तोड दिया.
देवेंद्रजी , आप कमजोर गृहमंत्री हो!
@narendramodi
@Dev_Fadnavishttps://t.co/7ciSQRQY81
MLA Nand Kishore Gurjar: गाजियाबाद के लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर (Nand Kishor Gurjar) ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जो आरोप लगाए, उसके बाद भाजपा ने आखिरकार कड़ी कार्रवाई का मन बना लिया है। विधायक गुर्जर ने योगी सरकार को भ्रष्ट करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अधिकारियों के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। इस पर पार्टी ने उन्हें ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें उनसे सात दिनों के अंदर अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
नंद किशोर गुर्जर ने हाल ही में प्रदेश की सरकार पर तीखा हमला किया। विधायक ने योगी आदित्यनाथ सरकार को अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार बताया था। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो सालों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकारियों के दबाव में काम कर रहे हैं। गुर्जर ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह तंत्र-मंत्र के जरिए सीएम को कंट्रोल कर रहे हैं, और वह दुनिया के सबसे भ्रष्ट अधिकारी हैं। इसके अलावा, उन्होंने अयोध्या में भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं का भी जिक्र किया और कहा कि वहां अधिकारियों ने जमीनें लूटी हैं।
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भाजपा विधायक गुर्जर के इस बयान ने पार्टी के अंदर असंतोष पैदा कर दिया, और इसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने उन्हें ‘कारण बताओ’ नोटिस भेजा। इस नोटिस में गुर्जर से यह पूछा गया है कि उन्होंने पार्टी की छवि को धूमिल करने वाले बयान क्यों दिए और क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
नोटिस और पार्टी की प्रतिक्रिया
भूपेंद्र चौधरी के द्वारा जारी नोटिस में कहा गया, “आप लंबे समय से सरकार की आलोचना सार्वजनिक रूप से कर रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि को आघात पहुंच रहा है। यह कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशानुसार आपको नोटिस भेजा गया है। आपको सात दिनों के भीतर इस पर स्पष्टीकरण देना होगा।”
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विधायक की वजह से बढ़ी असहमति
गुर्जर के बयान के बाद, यह सवाल उठने लगा कि आखिर वह अपनी ही सरकार पर इस तरह के आरोप क्यों लगा रहे हैं। दरअसल, यह सब उस समय हुआ जब विधायक ने एक “राम कलश यात्रा” निकाली थी, जिसे पुलिस ने परमिशन न होने के कारण रोक दिया था। इसके बाद विधायक और उनके समर्थकों की पुलिस से झड़प हो गई। गुर्जर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके कपड़े तक फाड़ दिए। विधायक ने दावा किया कि उन्होंने अधिकारियों को पहले ही यात्रा के बारे में सूचित किया था, लेकिन फिर भी पुलिस ने इस पर कार्रवाई की।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस पर विपक्षी दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अब भाजपा के अपने ही सदस्य योगी सरकार की भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या अब भाजपा इन रिपोर्टों को भी बदलवा देगी, जो कि उनके ही नेताओं द्वारा उठाए जा रहे हैं? यह बयान सरकार और पार्टी के अंदर बढ़ती असहमति को उजागर करता है।
पुलिस और गोहत्याओं पर आरोप
इसके अतिरिक्त, विधायक गुर्जर ने प्रदेश में बढ़ती गोहत्याओं का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर गोहत्याएं हो रही हैं और पुलिस फर्जी मुठभेड़ों में लोगों की हत्या कर रही है। यह आरोप पार्टी के लिए और भी गंभीर हो जाता है, क्योंकि यह न केवल सरकार के खिलाफ है बल्कि उसके न्यायिक और प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल उठाता है।
Meerut Murder Case Update: उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुई सौरभ राजपूत की हत्या ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इस हत्या के आरोपियों मुस्कान और साहिल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। यह हत्या न केवल खौ़फनाक तरीके से की गई बल्कि इसके पीछे एक पूरी साजिश और तंत्र-मंत्र के असर का भी संकेत मिला है। सौरभ की बेरहमी से हत्या के बाद की घटनाओं ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। आइए जानते हैं इस हत्याकांड की हर महत्वपूर्ण डिटेल, जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर आरोपियों के आदी बनने तक की पूरी कहानी शामिल है।
सौरभ की हत्या की दर्दनाक जानकारी- Meerut Murder Case Update
मेरठ के इस हत्याकांड में सौरभ राजपूत की मौत बेहद निर्मम तरीके से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सौरभ के शरीर पर चाकू से किए गए कई घातक वार मिले थे। रिपोर्ट में यह सामने आया कि सौरभ के सीने में तीन चाकू के गहरे वार थे, साथ ही उसकी कलाई और गर्दन पर भी चाकू के गहरे निशान थे। सौरभ की गर्दन को पूरी तरह से धड़ से अलग कर दिया गया था। उसके दोनों हाथ भी कलाई से काट दिए गए थे। दिल के पास भी गहरे जख्म थे, और छाती में बाएं हिस्से पर 6 सेमी x 3 सेमी आकार का गहरा घाव पाया गया।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, सौरभ की हत्या का कारण चाकू के घाव से हुए अत्यधिक खून बह रहा था और शॉक था। शरीर पर कुल पांच गंभीर चोटें मिलीं, और शव पूरी तरह से सड़ चुका था, चेहरा बुरी तरह सूज गया था। आंखों में से एक बंद थी और दूसरी खुली थी। शरीर को सीमेंट में लपेटकर ड्रम में रखा गया था, जिससे शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की गई थी। सबसे भयावह बात यह थी कि सौरभ की ठुड्डी पर चोट थी और गले पर फंदे के निशान भी मिले थे, जो यह संकेत करते हैं कि हत्या बहुत ही बेरहमी से की गई।
सौरभ की गुमशुदगी और हत्या का खुलासा
सौरभ के भाई बबलू ने 18 मार्च 2025 को पुलिस को सूचित किया कि उसका भाई 5 मार्च से लापता था। बबलू को शक था कि उसकी हत्या उसकी भाभी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पता चला कि सौरभ लंदन में एक बेकरी में काम करता था और हर महीने भारत आता था। उसकी पत्नी मुस्कान का साहिल से अवैध संबंध था। दोनों ने मिलकर सौरभ को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
हत्या का खौ़फनाक तरीका
4 मार्च 2025 की रात, मुस्कान ने अपने पति सौरभ के खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया, जिससे वह बेहोश हो गया। फिर उसने अपने प्रेमी साहिल को घर बुलाया और दोनों ने मिलकर पहले सौरभ के सीने पर चाकू से हमला किया और फिर गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद, शव को ठिकाने लगाने के लिए उनके हाथ काट दिए गए। इसके बाद दोनों ने एक बड़ा प्लास्टिक ड्रम, सीमेंट और रेत खरीदी और सौरभ के शव को ड्रम में डालकर सीमेंट और रेत से भर दिया। शव को कमरे में छिपा दिया ताकि किसी को शक न हो।
हत्या के बाद शिमला यात्रा
मुस्कान और साहिल ने हत्या के बाद बिना किसी घबराहट के शिमला का दौरा किया। 17 मार्च को जब वे वापस लौटे, तब पुलिस ने जांच तेज कर दी थी। सख्त पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और उनकी निशानदेही पर पुलिस ने ड्रम से शव बरामद कर लिया।
सौरभ की मां का बयान
सौरभ की मां ने कहा, “हमने मुस्कान का साथ नहीं दिया। सौरभ बहुत अच्छा लड़का था, और हमारी बेटी के लिए वह एक आदर्श पति था। उसे न्याय मिलना चाहिए।” उन्होंने बताया कि सौरभ और मुस्कान पिछले दो साल से अलग रह रहे थे और सौरभ लंदन में काम करता था, जबकि मुस्कान अकेली रहती थी।
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मुस्कान के पिता की भावनाएं
मुस्कान के पिता ने कहा, “मेरी बेटी ने जो किया, वह अक्षम्य है। उसने अपना जीने का हक खो दिया है। सौरभ हमारा बेटा था और वह हमारी बेटी का बहुत ख्याल रखता था। उसे फांसी होनी चाहिए, ताकि कोई ऐसा कदम उठाने से पहले सौ बार सोचे।”
तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास
यह हत्या एक सामान्य अपराध नहीं थी। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि मुस्कान और साहिल तंत्र-मंत्र के विश्वास में थे और इस हत्या के बाद तंत्र क्रिया करने के लिए उन्हें कर्ण पिशाचनी माता की सिद्धि प्राप्त करने का मन था। सूत्रों के मुताबिक, साहिल और मुस्कान ने स्नैपचैट पर अपनी मरी हुई मां और मुस्कान की मौसी से संपर्क करने का दावा किया था। यही नहीं, साहिल के कमरे में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र से जुड़ी कई चीजें मिलीं, जैसे दीवारों पर डरावनी चित्रकारी, “नमक स्वाद अनुसार अकड़ औकात अनुसार” और “शिव के आदियोगी अवतार” का चित्र।
मुस्कान और साहिल की नशे की लत
गिरफ्तारी के बाद, यह भी खुलासा हुआ कि मुस्कान और साहिल दोनों ड्रग्स के आदी थे। दोनों की नशे की लत को छुड़ाने के लिए उन्हें मेरठ जेल में दवाइयों के जरिए इलाज दिया जा रहा है। आरोपियों का कहना है कि वे नशे के बिना नहीं रह सकते, जो उनके मानसिक स्थिति को और जटिल बनाता है। मुस्कान और साहिल के बीच का रिश्ता बहुत ही गहरा था, लेकिन उनका व्यवहार और कृत्य इस हत्याकांड को अंजाम तक पहुंचाने का कारण बने।
मुस्कान का पारिवारिक इतिहास
मुस्कान की मां, कविता रस्तोगी ने बताया कि मुस्कान पहले एक सामान्य लड़की थी, लेकिन साहिल से मिलने के बाद उसका पूरा व्यवहार बदल गया था। मुस्कान और सौरभ की मुलाकात 13 साल की उम्र में हुई थी और उनका प्यार पांच सालों तक चला। सौरभ और मुस्कान के बीच में कई बार विवाद हुए थे, जिसके बाद मुस्कान ने सौरभ से दूर जाने की कोशिश की। लेकिन जब उसे सौरभ से तलाक मिल गया तो वह फिर से शादी करने के लिए उसके पास लौटी।
सौरभ और मुस्कान के रिश्ते की कहानी
सौरभ और मुस्कान के रिश्ते के बारे में सौरभ के परिवार ने बताया कि सौरभ मुस्कान से बहुत प्यार करता था। वह हर महीने मुस्कान को 50 हजार रुपये भेजता था और उसकी सभी डिमांड पूरी करता था। हालांकि, मुस्कान का परिवार सौरभ से नफरत करता था और उसे हमेशा घर से बाहर करने के लिए दबाव डालता था। इसके अलावा, मुस्कान का किसी अन्य लड़के से प्रेम संबंध था, जिसके बारे में सौरभ ने अपने भाई को बताया था। जब सौरभ ने तलाक की प्रक्रिया शुरू की, तो मुस्कान ने तलाक देने से इनकार किया।
मुस्कान का अतीत और नशे की आदत
मुस्कान का नशे से भी गहरा संबंध था। सौरभ के लंदन जाने के बाद, मुस्कान कई लड़कों को घर बुलाती थी। उसकी नशे की आदतों और कई युवकों से संबंधों को लेकर सौरभ के परिवार को कई बार चिंता हुई थी। इसके अलावा, मुस्कान और उसके परिवार ने सौरभ की प्रॉपर्टी पर कब्जा करने की भी योजना बनाई थी, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया।
मुस्कान की प्रेग्नेंसी टेस्ट और खौ़फनाक सच्चाई
फिलहाल, मुख्य आरोपी मुस्कान और साहिल दोनों 4 दिन से मेरठ जेल में बंद हैं, और जेल में बंद रहने के कारण वे नशे की लत के कारण परेशान हैं। इस बीच एक नया मोड़ सामने आया है – मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया जाएगा, जिसकी जानकारी सूत्रों से मिली है। मुस्कान की प्रेग्नेंसी टेस्ट की खबर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, क्योंकि यह केस की नई दिशा को सूचित करता है। सूत्रों के अनुसार, 24 मार्च को मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट होने की संभावना है। यह टेस्ट मेरठ जेल में किया जाएगा, जिससे यह भी साफ हो जाएगा कि मुस्कान गर्भवती है या नहीं। इस दौरान, मुस्कान की मानसिक स्थिति और उसकी गर्भावस्था के साथ जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है, जो मामले की जांच को और अधिक जटिल बना सकती है।
पुलिस की जांच अब इस हत्याकांड के पीछे के असली कारणों को उजागर करने के लिए कई एंगल से चल रही है।
Mini Punjab of Karnataka: कर्नाटक, एक दक्षिण भारतीय राज्य, अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, राज्य के कुछ हिस्सों में सिख समुदाय ने अपनी अद्वितीय पहचान बनाई है, और विशेष रूप से बीदर और बेंगलुरु में इसे “मिनी पंजाब” के रूप में जाना जाता है। पिछले 80 वर्षों से सिख समुदाय ने इस क्षेत्र को अपना घर बना लिया है, और बीदर का गुरुद्वारा श्री गुरु नानक झिरा साहिब इस समुदाय की धार्मिक आस्था का प्रतीक है। लेकिन अब यह समुदाय कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जो उसकी भविष्य पीढ़ियों के अस्तित्व को खतरे में डाल रही हैं।
बीदर में सिखों का इतिहास- Mini Punjab of Karnataka
बीदर में सिख समुदाय की उपस्थिति की शुरुआत 1940 के दशक के आसपास हुई, जब गुरुद्वारा श्री गुरु नानक झिरा साहिब की नींव रखी गई। यह गुरुद्वारा न केवल कर्नाटक में, बल्कि भारत भर में सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इसके साथ ही, बीदर सिखों के लिए एक शैक्षिक केंद्र भी था, जहां हजारों छात्र गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करते थे। 1980 के दशक में, बीदर में सिखों की संख्या 10,000 से 15,000 तक थी, और इस समुदाय का यहां बड़ा आर्थिक और सामाजिक प्रभाव था।
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गिरती आबादी और पलायन
लेकिन समय के साथ, सिख समुदाय की संख्या में गिरावट आई है। 1980 के दशक के अंत में सिख विरोधी दंगों के बाद, बीदर में सिख छात्रों की आमद में कमी आई। 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद यहां के छात्रों की संख्या में कमी आई और अन्य स्थानों पर अधिक शैक्षिक और व्यावसायिक अवसरों ने सिखों को बीदर से बाहर जाने के लिए मजबूर किया। अब बीदर में सिख समुदाय की संख्या घटकर 5,000 से भी कम हो गई है, और कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार यह संख्या 1,500 से भी कम हो सकती है।
बीदर में सिख समुदाय के लिए मुख्य कारण यह है कि यहां शैक्षिक और व्यावसायिक अवसरों की कमी है। गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थान पहले के मुकाबले उतने आकर्षक नहीं रहे, और यहां के बुनियादी ढांचे में भी बहुत सुधार नहीं हुआ है। नतीजतन, युवा सिख पीढ़ी को बेहतर अवसरों की तलाश में हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों की ओर पलायन कर रही है।
55 वर्षीय व्यवसायी मनप्रीत सिंह, जो गुरुद्वारा कार्यकारी समिति के सदस्य भी हैं, ने बताया कि “हमारे समुदाय का बीदर में रहना आस्था पर आधारित है, लेकिन शिक्षा और औद्योगिकीकरण के अवसरों की कमी ने हमें यहां से बाहर जाने के लिए मजबूर किया है।” उन्होंने कहा कि “आजकल हमारे समुदाय की औसत आयु 65 साल हो गई है।” वे बताते हैं कि यहां बहुत कम सरकारी नौकरियां हैं और अधिकांश लोग छोटे-मोटे व्यवसायों या गुरुद्वारे की सेवाओं में काम करते हैं।
गुरुद्वारा और इसकी भूमिका
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक झिरा साहिब बीदर के सिख समुदाय का एकमात्र प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह गुरुद्वारा देशभर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है और भारतीय सिखों के पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गुरुद्वारे के विकास के लिए 2009 से 2014 तक 136 करोड़ रुपये का खर्च किया गया, लेकिन इसके आसपास के क्षेत्र में कोई खास सुधार नहीं हुआ। इसके बावजूद, बीदर के सिख समुदाय को इस गुरुद्वारे के कारण एक स्थिर धार्मिक आधार मिला हुआ है।
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मनमीत सिंह, जो गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी (पुजारी) हैं, बताते हैं, “बीदर में हमारे लिए अब अपने भाइयों और बहनों को बनाए रखना मुश्किल हो गया है, क्योंकि वे अन्य स्थानों पर अवसरों की तलाश में हैं।” मनमीत के परिवार के सदस्य चार पीढ़ियों से इस गुरुद्वारे से जुड़े हुए हैं, और वे बीदर को अपना घर मानते हैं। हालांकि, वे बताते हैं कि “हमारे छोटे भाई ने घर लौटने की कोशिश की, लेकिन नौकरी की कमी के कारण वह यहां नहीं रह पाया।”
बेंगलुरु में सिख आबादी
बीदर की तरह बेंगलुरु में भी काफी बड़ी सिख आबादी है। 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 13,254 सिख रहते हैं। यहां सिख धर्म के अनुयायियों के लिए गुरुद्वारे एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र हैं, जहां वे न केवल पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बनाए रखते हैं।
कर्नाटक के प्रमुख गुरुद्वारे
कर्नाटक में सिखों के लिए कई प्रमुख गुरुद्वारे हैं, जो उनके धार्मिक जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।
गुरुद्वारा साहिब ईजीपुरा, छावनी एग्राम
गुरुद्वारा साहिब, अरमान नगर
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, सोमेश्वरपुरा
गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब संघ, नगराथपेटे
सीआरपीएफ गुरुद्वारा साध संगत, येलाहंका
ये गुरुद्वारे न केवल पूजा के स्थल हैं, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सेवा, सामूहिक भोजन (लंगर) और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी अनुभव मिलता है। बेंगलुरु और उसके आसपास स्थित गुरुद्वारे इस समुदाय के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बने हुए हैं।
PK Movie Facts: बॉलीवुड के सुपरस्टार आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ साल 2014 में रिलीज हुई थी और यह फिल्म उस समय की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक साबित हुई। राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि दर्शकों और आलोचकों से भी सकारात्मक समीक्षाएं प्राप्त की। हालांकि, हाल ही में आमिर खान ने एक दिलचस्प खुलासा किया है कि भले ही फिल्म ने बहुत बड़ी सफलता हासिल की, लेकिन वह और राजकुमार हिरानी फिल्म के फाइनल कट से संतुष्ट नहीं थे।
फिल्म के फाइनल कट को लेकर था असंतोष- PK Movie Facts
आमिर खान ने यूट्यूब चैनल ‘जस्ट टू फिल्मी’ पर राजकुमार हिरानी के साथ अपनी बातचीत में बताया, “कभी-कभी फिल्में चल जाती हैं, लेकिन आप खुश नहीं होते हो। जैसे कि ‘पीके’ बहुत बड़ी हिट रही, लेकिन राजू (राजकुमार हिरानी) और मैं फिल्म के फाइनल कट से खुश नहीं थे। राजू के दिमाग में कुछ और था, जब उन्होंने इस फिल्म को लिखना शुरू किया था। लेकिन बाद में उन्हें लगा कि ‘इंसेप्शन’ जैसी फिल्म आ चुकी है और लोग कहेंगे कि हमने उसे कॉपी किया है, जबकि यह राजू का अपना ओरिजनल आइडिया था।”
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आमिर ने बताया कि फिल्म की स्क्रिप्ट में कई बार बदलाव किए गए थे, खासकर फिल्म के सेकंड हाफ में। उन्होंने खुलासा किया कि शुरुआत में ‘पीके’ का उद्देश्य जगत जननी (अनुष्का शर्मा) के विचारों को बदलना था, लेकिन जब ‘इंसेप्शन’ रिलीज हो गई, तो हिरानी ने स्क्रिप्ट को फिर से लिखा और उसमें कई बदलाव किए।
‘ओएमजी’ और ‘इंसेप्शन’ के प्रभाव में बदलाव
आमिर ने बताया कि ‘पीके’ की स्क्रिप्ट को केवल ‘इंसेप्शन’ के कारण नहीं, बल्कि अक्षय कुमार और परेश रावल की फिल्म ‘ओएमजी’ के कारण भी बदलना पड़ा। आमिर ने कहा, “हमने सेकंड हाफ शुरू किया था, और तभी ‘ओएमजी’ रिलीज हो गई। राजू ने कहा कि ‘ओएमजी’ में कुछ समानताएं हैं और इसमें कुछ पंच भी थे, जो हमारे फिल्म के सेकंड हाफ से मिलते-जुलते थे।” हालांकि, आमिर ने कहा कि इस पर ज्यादा परेशान होने की कोई बात नहीं थी, लेकिन राजू ने निर्णय लिया कि अब कुछ बदलाव करना पड़ेगा।
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आमिर खान ने यह भी बताया कि फिल्म की स्क्रिप्ट में इन बदलावों के बावजूद, वे दोनों पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि फिल्म अंत में सफल रही क्योंकि इसमें कई ऐसी चीजें थीं, जिनसे दर्शक जुड़ पाए।
बॉक्स ऑफिस पर ‘पीके’ की शानदार सफलता
‘पीके’ ने न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शानदार कारोबार किया। रिपोर्ट के अनुसार, इस फिल्म ने भारत में 340.8 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था, और विश्वभर में इसकी कुल कमाई 769.89 करोड़ रुपये रही थी। आईएमडीबी के मुताबिक, इस फिल्म ने कुल 22 अवॉर्ड भी जीते थे, जो इसके सफल होने का एक और प्रमाण था।
PK की कहानी
आमिर खान की यह फिल्म भारतीय समाज और धर्म पर आधारित थी, और इसका विषय था कि कैसे एक बाहरी व्यक्ति (आमिर खान द्वारा निभाया गया ‘पीके’ का किरदार) भारतीय समाज और उसकी धार्मिक मान्यताओं को चुनौती देता है। फिल्म में आमिर के किरदार ने लोगों को गहरे सवालों के जवाब दिए, जिससे दर्शकों को काफी प्रभावित किया।
आमिर खान और राजकुमार हिरानी की ‘पीके’ भले ही एक बड़ी हिट रही, लेकिन आमिर का खुलासा इस बात को दिखाता है कि फिल्म का फाइनल कट संतुष्टि से दूर था, और उन दोनों ने इसे अंततः ऑडियंस पर छोड़ दिया।
Aston Martin Vanquish Launch: ब्रिटिश लग्जरी कार निर्माता एस्टन मार्टिन ने अपनी नई Vanquish 2025 को भारत में लॉन्च कर दिया है, और यह सुपरकार एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन है अल्ट्रा-लग्जरी और हाई-परफॉर्मेंस का। इस कार में दमदार V12 इंजन, शानदार डिजाइन और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 8.85 करोड़ रुपये से शुरू होती है।
लिमिटेड प्रोडक्शन और एक्सक्लूसिविटी- Aston Martin Vanquish Launch
एस्टन मार्टिन ने घोषणा की है कि Vanquish 2025 का प्रोडक्शन सीमित होगा, और हर साल केवल 1000 यूनिट्स ही बनाई जाएंगी। इसका उद्देश्य उन ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जो सिर्फ लग्जरी ही नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस भी चाहते हैं। इस कार के मालिक बनना किसी विशेष अवसर से कम नहीं होगा, क्योंकि इसकी लिमिटेड यूनिट्स इसकी एक्सक्लूसिविटी को और बढ़ाती हैं।
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पावरफुल इंजन और शानदार परफॉर्मेंस
Aston Martin Vanquish 2025 में 5.2-लीटर ट्विन-टर्बो V12 इंजन दिया गया है, जो 835 पीएस की पावर और 1000 एनएम का पिक टॉर्क जेनरेट करता है। यह अब तक का सबसे पावरफुल एस्टन मार्टिन V12 इंजन है, और इसकी पावर डेंसिटी 160PS प्रति लीटर है, जो इसे अपने सेगमेंट में बेजोड़ बनाती है। इसकी टॉप स्पीड लगभग 344 किमी/घंटा है, जो इसे एस्टन मार्टिन की सबसे तेज़ सीरीज प्रोडक्शन कार बनाती है। नई टर्बोचार्जर टेक्नोलॉजी इसे और भी अधिक रिस्पॉन्सिव बनाती है, जिससे ड्राइविंग का अनुभव और भी रोमांचक हो जाता है।
डिजाइन और एयरोडायनैमिक्स
Vanquish 2025 की डिजाइन में आधुनिकता और एलिगेंस का शानदार मिश्रण देखा जा सकता है। इसकी लंबी बॉडी और चौड़ा स्टांस इसे शानदार रोड प्रजेंस देता है। कार का व्हीलबेस 80mm बढ़ाया गया है, जिससे बोनट और भी लंबा और आकर्षक लगता है। इसकी फ्रंट ग्रिल को बड़ा किया गया है, जिससे एयरफ्लो में 13 प्रतिशत तक सुधार हुआ है, और इंजन को बेहतर कूलिंग मिलती है। कार के मैट्रिक्स LED हेडलाइट्स में नया लाइट सिग्नेचर दिया गया है, जो रात में भी कार को आकर्षक बनाता है। और सबसे खास बात यह है कि इसमें पैनोरमिक ग्लास रूफ दी गई है, जो कार की एक्सक्लूसिविटी को और भी बढ़ाती है।
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लग्जरी इंटीरियर्स और टेक्नोलॉजी
Aston Martin Vanquish 2025 का इंटीरियर पूरी तरह से ड्राइवर-फोकस्ड है, जो इसे और भी लग्ज़ीरियस बनाता है। इसमें 2-सीटर फ्लैगशिप मॉडल है, जिसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और बेहतरीन क्राफ्ट्समैनशिप का बेहतरीन कॉम्बिनेशन है। सेंटर कंसोल का नया डिजाइन इसे और भी स्पेसियस और लग्ज़ीयस बनाता है। इसके अलावा इसमें 10.25 इंच का कस्टमाइजेबल डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले, 10.25 इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी और स्मार्टफोन कनेक्टिविटी सपोर्ट जैसी खूबियाँ हैं। नया ग्लास इंजन स्टार्ट/स्टॉप बटन और मैकेनिकल ड्राइव मोड डायल इसे और भी एक्सक्लूसिव बनाते हैं।
चेसिस और सस्पेंशन
Vanquish 2025 में नई चेसिस दी गई है, जो पहले से ज्यादा मजबूत और हल्की है। इसमें 21 इंच के फोर्ज्ड अलॉय व्हील्स और Pirelli P ZERO™ टायर दिए गए हैं, जो बेहतरीन ग्रिप और कंट्रोल प्रदान करते हैं। इसके अलावा, Bilstein DTX डैम्पर्स और इलेक्ट्रॉनिक रियर डिफरेंशियल (e-diff) इसे हर तरह के रास्तों पर शानदार हैंडलिंग प्रदान करते हैं, जो इसे सभी परिस्थितियों में परफेक्ट ड्राइविंग अनुभव देते हैं।
Death in Space: जब भी किसी इंसान की मृत्यु होती है, उसे धर्म और परंपराओं के अनुसार जलाया या दफनाया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर किसी इंसान की मौत अंतरिक्ष में हो जाए तो उसके शव का क्या होगा? धरती पर शवों के साथ होने वाली पारंपरिक क्रियाओं से परे, अंतरिक्ष में स्थितियां बिल्कुल अलग होती हैं। अब सवाल यह उठता है कि अंतरिक्ष में मृत्यु के बाद शव का क्या होता है, और इसे पृथ्वी तक कैसे लाया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
स्पेस में कम दबाव और तापमान का असर- Death in Space
टेक्सास में स्थित ‘बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के ट्रांसलेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस हेल्थ’ के चीफ इंजीनियर जिमी वू ने ‘लाइव साइंस’ से बातचीत में बताया कि स्पेस में कम दबाव होने के कारण शरीर की स्किन, आंखें, कान, मुंह और फेफड़े तुरंत गैस में बदल जाएंगे। इसके साथ ही शरीर की रक्त वाहिकाएं फैल सकती हैं और इनमें से खून बह सकता है। यह प्रक्रिया बहुत तेजी से होती है क्योंकि अंतरिक्ष का वातावरण बेहद ठंडा और कम दबाव वाला होता है। वू ने यह भी बताया कि इस वातावरण में शरीर का बाकी पानी बहुत जल्दी जम जाएगा, और इस वजह से शरीर एक डिहाइड्रेटेड ममी जैसा दिखने लगेगा। इसके बावजूद, शरीर पूरी तरह से संरक्षित रहेगा क्योंकि तापमान अत्यधिक ठंडा होगा।
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बैक्टीरिया भी होंगे शव के खिलाफ
अंतरिक्ष में मौजूद बैक्टीरिया के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर की गई रिसर्च के अनुसार, बैक्टीरिया लगभग तीन साल तक जीवित रह सकते हैं। ऐसे में यह बैक्टीरिया मृत शरीर को खाना शुरू कर देंगे। हालांकि अंतरिक्ष का वातावरण ठंडा होने के बावजूद, इसमें कभी-कभी गर्मी भी हो सकती है। ISS की सतह पर तापमान 328°F से 392°F तक पहुंच सकता है, जिससे शव पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और उसकी स्किन और मसल्स खराब होने लगेंगी। इसका मतलब है कि शरीर के अंगों पर बैक्टीरिया का असर अधिक तेज़ी से दिखेगा, और वे शव को खा सकते हैं।
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NASA का बॉडी बैग प्रोजेक्ट
अंतरिक्ष में मलबा और सेटेलाइट्स हमेशा मौजूद रहते हैं। ऐसे में अगर किसी मृत शरीर का शव इनसे टकरा जाए तो वह धरती की ओर खींचा जा सकता है, और वायुमंडल में पहुंचकर वह जल सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए NASA ने एक बॉडी बैग बनाने की प्रक्रिया शुरू की है, जो मृत शरीर को 48 से 72 घंटों तक संरक्षित रखने में मदद करेगा। हालांकि, यह बॉडी बैग केवल उन शवों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा जो पृथ्वी के नजदीक स्थित अंतरिक्ष स्टेशन जैसे ISS पर मौजूद हों। इस बॉडी बैग का उद्देश्य शव को सुरक्षित रखने के लिए किसी न किसी तरीके से पृथ्वी तक लाना है।
Jagadguru Rambhadracharya News: जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने हाल ही में दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में आयोजित भारतीय न्याय संहिता 2023 पर एक महत्वपूर्ण गोष्ठी में भाग लिया। इस कार्यक्रम में विधान परिषद के सभा पति कुंवर मानवेन्द्र सिंह सहित कई विधायक और अन्य प्रमुख हस्तियां मौजूद रही। गोष्ठी में वक्ताओं ने भारतीय न्याय व्यवस्था और नये कानूनों के प्रभाव पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
मनु महाराज और न्याय व्यवस्था पर जगद्गुरु का बयान- Jagadguru Rambhadracharya News
कार्यक्रम के दौरान, पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भारतीय न्याय संहिता पर गहरा दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कहा कि मनु महाराज से लेकर ऋषियों तक जो न्याय देने की परंपरा रही है, वह भारत के प्राचीन समय से न्याय व्यवस्था का हिस्सा रही है। उन्होंने इस विषय पर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि, “मनु को गाली देने वालों को क्या कहूं? बहन कहने में संकोच हो रहा है, क्योंकि यह गाली देने की शुरुआत मायावती ने की थी, जबकि उन्हें मनुस्मृति के बारे में एक अक्षर का भी ज्ञान नहीं था।”
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बाबा साहब और संस्कृत का ज्ञान
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “अगर बाबा साहब अंबेडकर संस्कृत को ठीक से समझते, तो वह मनुस्मृति को जलाने का प्रयास नहीं करते। उन्हें संस्कृत का एक भी अक्षर का भी ज्ञान नहीं था।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मनुस्मृति में एक भी शब्द राष्ट्र निर्माण के खिलाफ नहीं था।
महाभारत और रामायण काल की न्याय व्यवस्था पर विचार
जगद्गुरु ने महाभारत और रामायण काल की न्याय प्रक्रिया पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि महाभारत काल की न्याय प्रक्रिया अधूरी थी, जबकि रामायण काल की न्याय प्रक्रिया समग्र थी। भगवान श्रीराम ने भी मनु को आधार बनाकर न्याय किया। उन्होंने भारतीय समाज की न्याय व्यवस्था को रामायण काल से जोड़ते हुए इसके समग्र और विस्तृत पहलुओं को उजागर किया।
भारतीय संविधान में संशोधन और न्याय व्यवस्था पर जगद्गुरु की राय
इस दौरान, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भारतीय संविधान पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “भारत के संविधान में अब तक करीब 129 बार संशोधन हो चुके हैं, लेकिन न्याय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता अब भी महसूस की जा रही है।” उनका मानना था कि भारतीय न्याय व्यवस्था को और अधिक सुधारने की आवश्यकता है, ताकि यह पूरी तरह से समग्र और समान हो सके।
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समाप्ति और आयोजन की सफलता
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके की गई थी, और इसके बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भारतीय न्याय संहिता की अवधारणा को रामायण काल से जोड़ते हुए इसके महत्व को बताया।