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US Election 2024: कमला हैरिस vs डोनाल्ड ट्रंप…जानें शिक्षा से लेकर उपलब्धियों तक कौन है ज्यादा काबिल?

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Kamala Harris vs Donald Trump
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Kamala Harris vs Donald Trump: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के आगाज का बिगुल बज चुका है। अमेरिकी जनता आज यानी 5 नवंबर (मंगलवार) को अपने नए राष्ट्रपति के लिए वोट करेगी। माना जा रहा है कि डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Democratic Vice President Kamala Harris) सभी ‘स्विंग’ राज्यों में बहुत ही कम अंतर से रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Republican Donald Trump) से आगे चल रही हैं या लगभग बराबरी पर हैं। ताजा चुनाव सर्वेक्षणों में डेमोक्रेट कमला हैरिस ने सात स्विंग राज्यों में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को एक फीसदी वोटों से पीछे छोड़ दिया है। हैरिस को 49 फीसदी और ट्रंप को 48 फीसदी वोट मिले हैं। अगर हैरिस चुनाव जीत जाती हैं तो वह अमेरिकी इतिहास की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों ही अमेरिकी राजनीति में प्रमुख हस्तियां हैं और इस बार का चुनाव अमेरिकी इतिहास का सबसे करीबी चुनाव माना जा रहा है। आइए जानते हैं डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस में कौन ज्यादा काबिल है।

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डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस शिक्षा: Donald Trump vs Kamala Harris Education

डोनाल्ड ट्रंप: ट्रंप ने व्हार्टन स्कूल, पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डिग्री प्राप्त की है।

– कमला हैरिस: उन्होंने 1986 में हावर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, उसके बाद कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के हेस्टिंग्स कॉलेज ऑफ़ लॉ से कानून की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1989 में ज्यूरिस डॉक्टर (JD) की डिग्री प्राप्त की और 1990 में कैलिफोर्निया बार एसोसिएशन में शामिल हो गईं।

डोनाल्ड ट्रंप कार्य अनुभव और उपलब्धियां- Republican Donald Trump achievements

डोनाल्ड ट्रम्प का जन्म 14 जून 1946 को न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। उनके पिता फ्रेड ट्रम्प एक सफल रियल एस्टेट डेवलपर थे। ट्रम्प ने अपने पिता के रियल एस्टेट व्यवसाय से अपना करियर शुरू किया। उन्होंने ट्रम्प टॉवर, ट्रम्प प्लाजा और ट्रम्प ताज महल जैसी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने व्यवसाय का विस्तार होटल, कैसीनो और गोल्फ कोर्स तक किया।

Kamala Harris vs Donald Trump
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2017 से 2021 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कर सुधार, आव्रजन नीतियों में बदलाव और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों पर ध्यान केंद्रित किया।

कमला हैरिस का निजी जीवन

कमला हैरिस का जन्म कैलिफोर्निया में हुआ था। उनकी मां श्यामला गोपालन भारतीय हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब वह दस साल से भी कम उम्र की थीं, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था, जिसके बाद वह अपनी मां के साथ रहती थीं। 1976 में, कमला हैरिस की मां श्यामला हैरिस को कनाडा में मैकगिल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में शोधकर्ता के रूप में नियुक्त किया गया था। उसके बाद पूरा परिवार मॉन्ट्रियल चला गया। जब वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं, तब कमल ने पर्यावरण संरक्षण और आपराधिक न्याय सुधार पर काम किया।

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कमला हैरिस कार्य अनुभव और उपलब्धियां

2017 में, वह अमेरिकी सीनेट की सदस्य बनीं, जहां उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, आव्रजन और न्यायिक सुधार पर ध्यान केंद्रित किया। 2021 में, वह अमेरिका की पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति बनीं। वह पिछले चार सालों से राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ काम कर रही हैं। लेकिन आने वाले चुनावों में कमला हैरिस राष्ट्रपति पद की प्रबल दावेदार हैं। हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है।

डोनाल्ड ट्रंप फैन फॉलोइंग

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump fan following) के समर्थक मुख्य रूप से रूढ़िवादी हैं, जो उनकी नीतियों का समर्थन करते हैं। उनकी रैलियों में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं, और सोशल मीडिया पर उनकी मजबूत उपस्थिति है। इंस्टाग्राम पर डोनाल्ड ट्रंप के 27 मिलियन फॉलोअर्स हैं।

कमला हैरिस फैन फॉलोइंग

कमला हैरिस प्रगतिशील और उदारवादी मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हैं (Kamala Harris fan following), विशेषकर महिलाओं, अल्पसंख्यकों और युवा मतदाताओं में। उनकी विविध पृष्ठभूमि और समावेशी नीतियों के कारण उन्हें व्यापक समर्थन प्राप्त है। इंस्टाग्राम पर कमला के 19 मिलियन फॉलोअर्स हैं।

डोनाल्ड ट्रंप का मज़बूत पक्ष क्या है?

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि डोनाल्ड ट्रम्प कब क्या कर देंगे। यही वह चीज है जिसे ट्रम्प अपनी ताकत मानते हैं। उनका दावा है कि राष्ट्रपति के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान, दुनिया भर में कोई महत्वपूर्ण युद्ध नहीं हुआ। कई कारणों से, कई अमेरिकी परेशान हैं। इज़राइल और यूक्रेन को अरबों डॉलर की सहायता भेजना इसका कारण है। कई अमेरिकियों का मानना ​​है कि बाइडन के प्रशासन ने देश को कमजोर बना दिया है। अधिकांश मतदाता, विशेष रूप से पुरुष, मानते हैं कि ट्रम्प कमला हैरिस की तुलना में अधिक सक्षम नेता हैं।

महिला वोटरों के बीच कमला हैरिस को बढ़त

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि गर्भपात एक संवैधानिक अधिकार है और रो बनाम वेड के फैसले को पलट दिया, इसलिए यह पहला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव है। हैरिस को उन मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है जो गर्भपात के मुद्दे की परवाह करते हैं। 2022 के मध्यावधि चुनाव दर्शाते हैं कि यह समस्या चुनाव के नतीजों को कैसे प्रभावित कर सकती है। हैरिस के पहली महिला राष्ट्रपति बनने की संभावना संभावित रूप से उन्हें महिला मतदाताओं के बीच लाभ दे सकती है।

कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प में कौन बेहतर

कमला हैरिस के पास शिक्षा और कानूनी अनुभव के मामले में मजबूत पृष्ठभूमि है, जबकि डोनाल्ड ट्रम्प का व्यावसायिक अनुभव और पूर्व राष्ट्रपति पद उन्हें अद्वितीय बनाता है। सार्वजनिक समर्थन के मामले में, दोनों के पास अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत प्रशंसक आधार हैं। इसलिए, ‘क्षमता’ का मूल्यांकन व्यक्तिगत दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा। अब देखना यह है कि अमेरिका की जनता किसका समर्थन करेगी।

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Dev Uthani Ekadashi 2024 Date: कब है देवउठनी एकादशी? जानें देवउठनी एकादशी के विधि विधान और महत्व

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Dev Uthani Ekadashi 2024 – दिवाली के 11 दिन बाद मनाये जाने वाला त्यौहार देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. यह त्यौहार कार्तिक मास की एकादशी को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर में आता है. इस दिन को भगवान विष्णु के जागने के दिन के रूप में माना जाता है. वही हिन्दू मन्यता के अनुसार  कहा जाता है कि इस दिन से विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू हो जातें हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इस साल देवउठनी एकादशी कब है, अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं.

कब है देवउठनी एकादशी?

देवउठनी एकादशी का त्यौहार भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव है, जिसमें भजन-कीर्तन, कथा सुनना, और सामूहिक पूजा का आयोजन किया जाता है. वही इस साल Dev Uthani Ekadashi 2024 12 नवंबर (मंगलवार) कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को मनाई जाएगी. शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 11 नवंबर को शाम 6 बजकर 46 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर बाद 4 बजकर 4 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर, 2024 को रखा जाएगा. इसे मनाने से मानसिक शांति और भक्ति का अनुभव होता है.

देवउठनी एकादशी मनाने की विधि

स्नान और शुद्धता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करना और साफ कपड़े पहनना आवश्यक माना जाता है.

उपवास (व्रत): इस दिन भक्त उपवास रखते हैं. कुछ लोग केवल फल-फूल खाते हैं, जबकि कुछ पूर्ण उपवास रखते हैं.

भगवान की पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर भगवान विष्णु की पूजा करें. उनके चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और फूल चढ़ाएं.

मंत्र का जप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे मंत्रों का जप करें. इससे भक्ति का अहसास होता है.

दान-पुण्य: इस दिन दान करने का विशेष महत्व है. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है.

हरि के भजन: इस दिन भजन-कीर्तन का आयोजन करें. भक्तिपूर्ण गीतों का गायन करें और धार्मिक कहानियाँ सुनें.

आरती: पूजा के अंत में भगवान की आरती करें और प्रसाद बांटें.

आगे पढ़े : Chhath Puja 2024 : जानें छठ पूजा के नियम और विधियाँ.

एकादशी का धार्मिक महत्व

भगवान विष्णु का जागरण: देवउठनी एकादशी का दिन उस समय को दर्शाता है जब भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा के बाद जागते हैं. यह समय कार्तिक मास में आता है, जब अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन भी होते हैं. इस दिन के महत्व को समझते हुए, भक्त इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं, जिससे उनका आध्यात्मिक विकास होता है. इसके अलवा यह त्यौहार समाज में एकता और भक्ति का प्रतीक है. इसे मनाने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है.

श्राद्ध का समापन: इस दिन को पितृ पक्ष के समापन के रूप में भी माना जाता है. भक्त इस दिन अपने पूर्वजों के लिए पूजा-अर्चना करते हैं और उनका श्राद्ध करते हैं.

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Chhath Puja 2024 : जानें छठ पूजा के नियम और विधियाँ

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Chhath Puja 2024 – दिवाली के 6 दिन बाद बड़े उत्साह के साथ छठ महापर्व को मनाया जाता है. इस दौरान कई बड़े घटो में रौनक देखने को मिलती हैं. छठी मैया को समर्पित ये महापर्व चार दिवसीय का होता है. धर्मिक मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है. छठ महापर्व को कई नामों से जाना जाता है जैसे सूर्य षष्ठी, छठ, छठी और डाला छठ. छठ महापर्व में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है. छठ पूजा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसे मुख्यतः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में मनाया जाता है. यह पूजा सूर्य देवता और छठी मइया की आराधना के लिए होती है. इसके कुछ मुख्य नियम और विधियाँ निम्नलिखित हैं:

Chhath rules and regulations – नियम और विधियाँ 

नियत समय पर उपवास –  छठ पूजा में श्रद्धालु चार दिन का उपवास करते हैं, जिसमें पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देना शामिल है.

साफ-सुथरे स्थान का चयन –  पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान का चयन करना आवश्यक है. घर के आंगन या किसी नदी या तालाब के किनारे भी पूजा की जा सकती है.

विशेष पकवान – पूजा के दौरान विशेष रूप से ठेकुआ (चावल के आटे से बना मीठा पकवान), फल, और अन्य शुद्ध वस्तुएं बनानी होती हैं.

सूर्य देवता की आराधना –  संध्या और सुबह के समय सूर्य देवता को अर्घ्य देते समय श्रद्धालु को ध्यान और भक्ति से काम लेना चाहिए.

आगे पढ़े : बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं ने AC के पानी को ‘चरणामृत’ समझकर पिया, वाइरल हुआ VIDEO.

मंत्रों का उच्चारण – पूजा के दौरान विभिन्न मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. विशेषकर सूर्य और छठी मइया के नामों का जाप महत्वपूर्ण है.

साथ में परिवार का होना –  इस पूजा में परिवार के सभी सदस्यों का एक साथ रहना और सहयोग करना आवश्यक माना जाता है.

असत्य और नकारात्मकता से दूर रहना – पूजा के दौरान असत्य बोलने, झूठे वादे करने, और नकारात्मकता से दूर रहने का संकल्प लिया जाता है.

बचत और भिक्षाटन – उपवास के समय श्रद्धालुओं को भोजन में साधारण और शुद्ध सामग्री का सेवन करना चाहिए.

छठ पूजा के ये नियम श्रद्धा और भक्ति के साथ पालन करने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है.

आगे पढ़े : Chhath Puja 2024 नहाय-खाय से शुरू हुआ छठ पूजा का महापर्व, जानें इसके महत्व के बारें में…

Chhath Puja 2024 नहाय-खाय से शुरू हुआ छठ पूजा का महापर्व, जानें इसके महत्व के बारें में…

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Chhath Puja 2024 : छठ पूजा चार दिन का व्रत होता है, जिसमें हर दिन की अपनी विशेष महत्व और विधियाँ होती हैं. यहाँ पर चारों दिन की गतिविधियाँ और महत्व का संक्षेप में विवरण दिया गया है. छठ को आस्था का महापर्व कहा जाता है. यह पर्व चार दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है और इसका समापन उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देने का साथ होता है. छठ महापर्व को कई नामों से जाना जाता है जैसे सूर्य षष्ठी, छठ, छठी और डाला छठ. महिलाएं छठ पर्व पर 36 घंटे का निर्जला व्रत घर की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए रखती हैं. छठ महापर्व में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है. तो चलिए इस लेख में छठ के महापर्व के महत्व के बारे में जानते हैं.

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  1. पहला दिन – नहाय-खाय

  • उद्देश्य –  इस दिन का महत्व शुद्धता और पवित्रता में होता है.
  • क्रिया – श्रद्धालु नदियों या तालाबों में स्नान करते हैं और पवित्रता का ध्यान रखते हैं. इसके बाद वे शुद्ध शाक-भाजी, चावल और दाल का भोजन करते हैं.
  • प्रार्थना –  इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना की जाती है.
  1. दूसरा दिन – खरना

  • उद्देश्य –  इस दिन का उद्देश्य व्रत की शक्ति को बढ़ाना होता है.
  • क्रिया – शाम को व्रति उपवास का संकल्प लेकर एक विशेष पकवान, जिसमें गुड़ और चावल का खीर बनाकर उसका भोग लगाते हैं.
  • आरती – खरना के बाद व्रति सूर्य देवता और छठी मइया की आरती करती हैं. इसके बाद पूरे परिवार के साथ भोजन किया जाता है.
  1. तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य

  • उद्देश्य – सूर्य देवता को संध्या समय अर्घ्य देने का महत्व होता है।
  • क्रिया –  सूर्यास्त के समय एक विशेष स्थान पर जाकर व्रति व्रत के फल, ठेकुआ, फल, और पानी का पात्र लेकर जाती हैं. वे सूर्य देवता को अर्घ्य देती हैं.
  • आरती – अर्घ्य के समय मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और आरती की जाती है.
  1. चौथा दिन – प्रात: अर्घ्य

  • उद्देश्य – उगते सूर्य को अर्घ्य देने का दिन होता है.
  • क्रिया – सूर्योदय के समय, श्रद्धालु नदी या तालाब के किनारे जाकर अर्घ्य देते हैं.
  • आरती – इस दिन भी सूर्य देवता की आरती की जाती है और फिर व्रति उपवास खोलती हैं.

इस प्रकार, छठ पूजा के चारों दिन श्रद्धा और भक्ति से मनाए जाते हैं, जो कि परिवार के साथ मिलकर एक साथ किए जाते हैं.

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Sharda Sinha Passed Away : नहीं रहीं लोक गायिका शारदा सिन्हा, लंबे समय से थीं बीमार, जानें कितनी है बिहार की स्‍वर कोकिला की कुल संपत्ति

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Bihar's Nightingale Sharda Sinha net worth
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Sharda Sinha passed away : देशभर में मशहूर और पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित बिहार की लोकगायिका शारदा सिन्हा (Padma Shri Awarded Sharda Sinha) को लेकर एक बेहद चिंताजनक खबर आ रही है। वह अब हमारे बीच नहीं रही। 26 अक्टूबर को उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल (Delhi AIIMS Hospital) में भर्ती कराया गया था। उसके बाद से उनकी हालत पहले से ज्यादा खराब होती गई। वहीं सोमवार, 4 नवंबर को दोपहर में उनकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था। सिंगर ने 72 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया।

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2 हफ्ते से अधिक समय से थीं AIIMS में भर्ती

शारदा सिन्हा पिछले 2 सप्ताह से अधिक समय से एम्स में भर्ती थीं। उन्हें दो दिन पहले ही प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था। वे काफी समय से ऑक्सीजन सपोर्ट पर थीं। जब उनकी हालत बिगड़ी तो उन्हें मेडिकल ऑन्कोलॉजी वार्ड में भर्ती कराया गया। 26 अक्टूबर की सुबह उनकी हालत काफी बिगड़ गई। डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर नजर रख रहे थे, लेकिन उनकी बिगड़ती हालत के कारण उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और आज 5 नवंबर को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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बेटे ने बताया मां का हाल- Sharda Sinha Health Update

कुछ दिन पहले ही अंशुमान सिन्हा ने दावा किया था कि उनकी मां को 2018 से मल्टीपल मायलोमा है, लेकिन हाल के दिनों में उनकी हालत और खराब हो गई, जिसके कारण उन्हें एम्स में भर्ती कराना पड़ा। अंशुमान का दावा है कि जब से उनके पिता का निधन हुआ है, उनकी मां सदमे में थीं।

आया नया छठ गीत, बेटे ने अस्पताल से किया रिलीज

एम्स में भर्ती होने के बावजूद शारदा सिन्हा का एक ऑडियो गाना रिलीज हुआ था। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने अपनी मां का ऑडियो गाना रिलीज किया है। गाने के बोल हैं- दुखवा मिटाईं छठी मइया….रउए आसरा हमार…सबके पुरवेली मनसा…हमरो सुनलीं पुकार।

पिछले महीने हुआ शारदा सिन्हा के पति का निधन

22 सितंबर 2024 को शारदा सिन्हा के पति बृज किशोर सिन्हा (Sharda Sinha’s husband Braj Kishor Sinha) का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया। वे अस्सी वर्ष के थे। बृज और शारदा की शादी को चौवन साल हो गए थे। दोनों का एक एक बेटा अंशुमान सिन्हा और बेटी वंदना हैं। 72 वर्षीय बिहार की शारदा सिन्हा अपनी लोक और पारंपरिक धुनों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं के साथ-साथ विवाह गीतों में भी कई छठ गीत गाए थे।

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फिल्मों में भी दी अपनी आवाज

शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था। वर्ष 1980 में शारदा सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से की थी। वहीं, शारदा सिन्हा (Bihar folk singer Sharda Sinha) का नाम ज़्यादातर छठ गीतों के लिए जाना जाता है। वैसे, उन्होंने कई फ़िल्मों में भी अपनी आवाज़ दी थी। शारदा सिन्हा ने हिंदी फ़िल्मों “मैंने प्यार किया” से “काहे तोहसे सजना”, “हम आपके हैं कौन” से “बाबुल” और “गैंग्स ऑफ़ वासेपुर 2” से “तार बिजली” जैसे गीत गाए थे।

शारदा सिन्हा की संपत्ति

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा की संपत्ति (Sharda Sinha Networth) का आधिकारिक दस्तावेज नहीं है। मीडिया के अनुमान के मुताबिक उनकी पूरी संपत्ति की कीमत 20 से 50 लाख डॉलर (16 से 42 करोड़) के बीच है।

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Chhath Puja 2024 Wishes & Quotes in Hindi: इन बेहतरीन संदेशों के साथ दोस्तों और रिश्तेदारों को भेजें छठ पूजा शुभकामनाएं

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Chhath Puja 2024 Wishes & Quotes in Hindi- छठ को आस्था का महापर्व कहा जाता है. यह पर्व चार दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है और इसका समापन उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देने का साथ होता है. छठ महापर्व को कई नामों से जाना जाता है जैसे सूर्य षष्ठी, छठ, छठी और डाला छठ. महिलाएं छठ पर्व पर 36 घंटे का निर्जला व्रत घर की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए रखती हैं. पुरुष भी छठ व्रत को रखते हैं. छठ महापर्व में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है. वैसे तो छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वांचल का है, लेकिन अब ये त्योहार वैश्विक स्तर पर मनाया जाने लगा है.

इस दौरान सभी अपने करीबियों को शुभकामनाएं और खुशहाली के संदेश भेजते हैं. इस दौरान इंटरनेट पर भी कई सारे कैप्शन और वॉट्सएप पर स्टेटस पोस्ट किए जाते हैं. अगर आप भी छठ के दौरान अपनों को संदेश भेजना चाहते हैं, तो चलिए हम आपको छठ के कुछ स्पेशल संदेश देते हैं. जिसे आप भी अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं.

खुशियों का त्योहार आया है, सूर्य देव से सब जगमगाया है


खेत खलिहान धन और धान, यूं ही बनी रहे आपकी शान


छठ पूजा की शुभकामनाएं !

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हर ओर बिखरी है छठ के पावन पर्व की छटा निराली,

छठ का ये महापर्व लाता है जीवन में खुशहाली,


आपके जीवन में भी आएं खुशियां अपार,


मुबारक हो आपको छठ का ये पावन त्योहार।

Chhath Puja, Bihar Chhath

 

 

रथ पर होकर सवार,

सूर्य देव आए आपके द्वार,

सुख, सम्पत्ति और खुशियां मिले आपको अपार,

यूं ही बीते आपका छठ का त्योहार

 

Chhath Puja, Chhath Puja Wishes
आगे पढ़े : कब है छठ पूजा, जानें क्या हैं इसकी विशेषताएँ.

छठ पूजा आपके जीवन में लाए उजाला

खुल जाए किस्मत का ताला

ऊपर वाले की बरसे अपार कृपा

अगर कोई गलती हो गई हो, तो मांगता हूं क्षमा

Chhath Puja, Chhath Puja Wishes

 

इस शुभ अवसर पर,

मैं कामना करता हूं कि इस त्योहार का रंग,

आनंद और सुंदरता आपके साथ हमेशा बनी रहे

Happy Chhath Puja

Chhath Puja, Chhath Puja Wishes

 

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बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं ने AC के पानी को ‘चरणामृत’ समझकर पिया, वाइरल हुआ VIDEO

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Bankebihari Temple Charanamrit Controversy
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Banke Bihari Mandir: हाल ही में वृंदावन स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में एक अप्रिय घटना सामने आई है, जहां श्रद्धालु गलती से एयर कंडीशनर (AC) से निकलने वाले पानी को ‘चरणामृत’ समझकर (Banke Bihari Temple Charanamrit Controversy) ग्रहण कर रहे थे। यह घटना तब प्रकाश में आई जब कुछ भक्तों ने मंदिर परिसर में एकत्रित पानी को पवित्र मानकर सेवन किया, जबकि वह वास्तव में एसी के कंडेन्सर से निकला पानी था। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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वायरल हुआ वीडियो- Banke bihari Temple Charanamrit Controversy

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे लोग मंदिर की दीवार के पीछे बनी एक आकृति से पानी को चरणामृत समझकर पी रहे हैं। कई लोग गिलास में पानी भरकर पीते हैं, तो कई लोग इस पानी को अपने सिर पर लगाते हैं। वीडियो बनाने वाले युवक ने इन लोगों को बताया कि यह हमारे ठाकुरजी का चरणामृत नहीं बल्कि एयर कंडीशनर का दूषित पानी है। इसे पीने से लोग बीमार भी हो सकते हैं।

मंदिर प्रशासन ने घटना पर तुरंत लिया संज्ञान

मंदिर प्रशासन (Vrindavan Temple) ने तुरंत इस घटना का संज्ञान लिया और स्पष्ट किया कि यह एक अनजाने में हुई गलती थी। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर द्वारा आधिकारिक तौर पर वितरित किए जाने वाले चरणामृत का ही सेवन करें और किसी भी अनधिकृत स्रोत से प्राप्त तरल पदार्थ का सेवन करने से बचें। वीडियो सामने आने के बाद इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह वीडियो कब का है।

हालांकि, बांके बिहारी मंदिर के पुजारियों ने भी वीडियो जारी होने पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकुर जी के अनुयायियों से ऐसा न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस पानी को पीने से लोग बीमार हो सकते हैं या उन्हें संक्रमण हो सकता है। वहीं, सोशल मीडिया पर कई लोग इसे अंधभक्ति बता रहे हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी कहा ये पानी पीने योग्य नहीं

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एसी कंडेनसर से निकलने वाला पानी पीने योग्य नहीं है और इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, भक्तों को मंदिर परिसर में सावधानी बरतने और केवल आधिकारिक तौर पर दिए जाने वाले प्रसाद और चरणामृत का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

सोशल मीडिया पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया

वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मंदिर प्रशासन को इस घटना के बाद सुरक्षा उपाय कड़े करने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर में उचित साइनेज और सूचना भी लगाई जानी चाहिए।

यह घटना एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है कि धार्मिक स्थलों पर भक्तों को सतर्क रहना चाहिए और केवल आधिकारिक रूप से प्रदान किए गए प्रसाद और चरणामृत का ही सेवन करना चाहिए, ताकि किसी भी अनजानी स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके।

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कार के साथ चाबी का भी कराएं इंश्योरेंस, वरना गाड़ी चोरी होने पर उठाना पड़ेगा भारी नुकसान

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Benefits or Key Insurance car Insurance
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Benefits or Key Insurance: आज के समय में वाहन मालिकों के लिए कार बीमा (इंश्योरेंस) करवाना एक ज़रूरत बन गया है। हालांकि, ज़्यादातर लोग यह भूल जाते हैं कि सिर्फ़ कार का बीमा करवाना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि कार की चाबियों का बीमा (car key insurance) करवाना भी बहुत ज़रूरी है। अगर आपकी कार चोरी हो जाती है और चाबी खो जाती हैं, तो आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में, चाबी का बीमा आपके लिए सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है।

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कार की चाबी का इंश्योरेंस क्यों जरूरी? (Benefits or Key Insurance)

एक टाइम था कि कार की सिंपल मैन्युअल चाबी (simple manual key) आती थी। ऐसे में चाबी का इंश्योरेंस नहीं लेते थे तो काम चल जाता था, लेकिन हाल के समय में FOB, इलेक्ट्रिक चाबी आती है जिनकी कीमत हजारों में होती है। इनका इंश्योरेंस नहीं लेने पर आपके ऊपर भारी पड़ सकता है।

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चाबी इंश्योरेंस का महत्व

जब कोई कार चोरी होती है, तो बीमा कंपनियां आमतौर पर कार के इंश्योरेंस के आधार पर क्लेम प्रोसेस करती हैं। लेकिन यदि आपके पास चाबी का इंश्योरेंस नहीं है, तो नई चाबी बनवाने या लॉक सिस्टम बदलवाने का खर्च आपकी जेब से करना पड़ सकता है। चाबी इंश्योरेंस आपके इस खर्च को कवर करने में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि गाड़ी चोरी होने या चाबी के खोने की स्थिति में आपको आर्थिक रूप से परेशानी न हो।

इंश्योरेंस पॉलिसी में चाबी कवरेज का लाभ- Why car key insurance necessary

चाबी इंश्योरेंस पॉलिसी एक अतिरिक्त कवर के रूप में उपलब्ध होता है, जिसे आप अपनी मौजूदा कार इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ जोड़ सकते हैं। यह पॉलिसी आपके वाहन की चाबी के खोने, चोरी या नुकसान के मामले में सुरक्षा प्रदान करती है। कई बार चाबी खो जाने पर पूरे लॉकिंग सिस्टम को बदलना पड़ता है, जो काफी महंगा साबित हो सकता है। ऐसे में चाबी का बीमा आपके लिए वित्तीय सहारा बनता है।

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चाबी बीमा के लाभ

– कार की चाबी खोने या चोरी होने की स्थिति में, बीमा पॉलिसी आपको बहुत ज़्यादा पैसे खर्च करने से बचाती है।

– अपनी चाबियों का बीमा करवाने से आपको मानसिक शांति मिलती है क्योंकि आपको पता होता है कि किसी भी अप्रिय घटना के मामले में आप सुरक्षित हैं।

–  चाबी बीमा प्रीमियम आमतौर पर कम होते हैं और इसे अपनी कार पॉलिसी में जोड़ना आसान होता है।

कैसे कराएं चाबी का इंश्योरेंस

अपनी मौजूदा कार बीमा पॉलिसी में चाबी का बीमा जोड़ने के लिए, आपको अपनी बीमा कंपनी से संपर्क करना होगा (How to Get Key Insurance)। सुनिश्चित करें कि आपकी पॉलिसी में यह कवर शामिल है या इसे अलग से जोड़ने की आवश्यकता है। इसके लिए बीमा कंपनी से प्रीमियम की जानकारी लें और पॉलिसी की शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

कार के साथ-साथ चाबी का भी बीमा करवाना एक समझदारी भरा कदम है, जो आपको अप्रत्याशित खर्चों से बचा सकता है। यह आपकी कार की सुरक्षा के साथ-साथ आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपाय है। इसलिए, अगली बार जब आप अपनी कार का बीमा करवाएं, तो चाबी का बीमा करवाना न भूलें।

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19 साल की युवती संग कांग्रेस नेता का कथित आपत्तिजनक वीडियो वायरल, पार्टी ने किया बर्खास्त, पहले भी हो चुका है ऐसा कांड

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Baghpat Congress leader Yunus Chaudhary MMS
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Abhishek Manu Singhvi viral MMS: यूपी कांग्रेस के एक नेता का कथित अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है (UP Congress Leader MMS scandal)। वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के बागपत में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे यूनुस चौधरी का है(Baghpat Congress leader Yunus Chaudhary MMS)। एमएमएस सार्वजनिक करने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। वीडियो सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस ने चौधरी को बागपत जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया है। हालांकि, यह पहला मामला नहीं है जब किसी कांग्रेस नेता का एमएमएस वायरल हुआ हो। इससे पहले 2012 में अभिषेक मून सिंघवी सीडी कांड और 2009 में नारायण दत्त तिवारी कांड भी सुर्खियों में रहा था।

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यूनुस चौधरी पर होगी कारवाई

बड़ौत थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) मनोज चहल ने बताया कि 19 वर्षीय पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर यूनुस चौधरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 75 (1) (यौन उत्पीड़न और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 79 (महिला की निजता में दखलंदाजी) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और घटना की जांच की जा रही है। एसएचओ ने कहा, “सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की भी जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।”

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दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर जारी बयान में यूनुस चौधरी ने इस घटना को अपने राजनीतिक विरोधियों की साजिश बताया है। उनका कहना है कि उन्हें बदनाम करने के लिए उनके विरोधियों ने वीडियो को एडिट करके वायरल किया है।

अभिषेक मुन सिंघवी का CD कांड(अप्रैल 2012) Abhishek Manu Singhvi viral MMS

देश के मशहूर वकील लक्ष्मीमल सिंघवी के बेटे और कांग्रेस प्रवक्ता और सांसद अभिषेक मनु सिंघवी का एक आपत्तिजनक वीडियो भी वायरल हुआ था। वे 2012 में एक विवाद में फंस गए थे। दरअसल, मनु पर एक महिला वकील के साथ शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगा था। उन पर आरोप था कि एक वीडियो में वे एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे हैं। सिंघवी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि यह वीडियो फर्जी है और उनकी छवि खराब करने के इरादे से बनाया गया है। इस विवाद के बाद सिंघवी ने कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था। वे लंबे समय तक पार्टी से भी दूर रहे।

नारायण दत्त तिवारी कांड (दिसंबर 2009) – Narayan Dutt Tiwari viral MMS

नारायण दत्त तिवारी के केस से कौन अनजान है? वे एक मजबूत कांग्रेसी थे और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव हार गए। उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के बावजूद उनके रंगनी मिजाजी ने उनके करियर को नुकसान पहुंचाया। दिसंबर 2009 में जब उनकी सीडी सामने आई, तब वे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे। विरोध के कारण पार्टी को उन्हें पार्टी से निकालना पड़ा। तब पूर्व केंद्रीय मंत्री शेर सिंह की बेटी ने दावा किया था कि नारायण दत्त तिवारी उनके बेटे रोहित शेखर के पिता हैं। मेडिकल जांच में यह बात सही साबित हुई।

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मैं जा रही हूँ… MMS वायरल होने पर पाकिस्तानी टिक टॉकर Minahil Malik ने उठाया कठोर कदम, करोड़ों की है मालकिन

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MMS viral Pakistani Tik Toker Minahil Malik's lifestyle
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Minahil Malik lifestyle: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी टिकटॉकर काफी ट्रेंड कर रही है और इस ट्रेंड के पीछे की वजह है उसका पर्सनल वीडियो वायरल होना। दरअसल हम बात कर रहे हैं मिनाहिल मलिक (Pakistani TikToker Minahil Malik MMS) की। मिनाहिल मलिक पाकिस्तान की एक मशहूर टिकटॉक स्टार और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, जो अपने मनोरंजक वीडियो और फैशन सेंस के लिए जानी जाती हैं। टिकटॉक और इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं, जो उनकी क्रिएटिविटी और स्टाइल की सराहना करते हैं।

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वायरल हुआ MMS (Pakistani TikToker Minahil Malik MMS)

कथित वीडियो मलिक और उनके बॉयफ्रेंड का बताया जा रहा है। कपल के बीच इंटीमेट सीन वाले इस वीडियो को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है। जहां कुछ लोग मीनाहिल मलिका का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं और इसे पीआर स्टंट बता रहे हैं। इसी बीच मलिक ने इस वीडियो को लेकर एक पोस्ट शेयर की है।

मलिक के मैसेज ने बढ़ाई सनसनी

इंस्टाग्राम पर लिखे मैसेज में उन्होंने सभी को अलविदा कह दिया है, जिसके बाद उनके अगले कदम को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। मिनाहिल मलिक ने इंस्टाग्राम पर लिखा, मेरे लिए ये आसान नहीं था, लेकिन मैं थक गई हूं। अलविदा कहना मुश्किल है। अब और लड़ाई नहीं प्यार फैलाओ।  मैं जा रही हूं। मैं तुम्हें मिस करूंगी. मैं तुमसे प्यार करती हूं। अपना ख्याल रखना।

 

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इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए जाने के बाद से इस संदेश को 32,000 से अधिक बार देखा जा चुका है और 7,400 से अधिक उपयोगकर्ताओं ने इस पर टिप्पणी की है।

कौन है मिनाहिल मलिक? (Who is Minahil Malik)

28 जुलाई, 1994 को कराची, पाकिस्तान में जन्मी मिनाहिल मलिक 30 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और TikTok स्टार हैं। उन्होंने अपने फैशन और लाइफस्टाइल (Minahil Malik lifestyle) कंटेंट के ज़रिए लोकप्रियता हासिल की। ​​मिनाहिल मलिक पाकिस्तान की डिजिटल दुनिया में 1.8 मिलियन इंस्टाग्राम फॉलोअर्स के साथ एक जानी-मानी हस्ती हैं। वह आकर्षक कंटेंट बनाती हैं, लेकिन हाल ही में वायरल वीडियो लीक सहित विवादों का भी सामना करना पड़ा है।

टिकटॉक स्टार मिनाहिल मलिक की जीवनी

मिनाहिल मलिक (Minahil Malik family) के दो भाई-बहन हैं, मियां अज़ीब और अहमद रेहान। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अविवाहित हैं और उनके मौजूदा बॉयफ्रेंड TikTok स्टार का नाम हारिस अली है।

म्यूज़िक वीडियो में भी आ चुकी हैं नजर

मिनाहिल मलिक कई पाकिस्तानी म्यूज़िक वीडियो में भी नज़र आ चुकी हैं, जिनमें कासिम अली का “जोकर” (2022) और रमन रोमाना का “जेलस” (2022) शामिल हैं। अपने YouTube चैनल पर, जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया है, मिनाहिल मलिक अपने व्लॉग शेयर करती हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मौजूदा कुल संपत्ति उनके सभी आय स्रोतों से लगभग $2 मिलियन है।

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