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ATM Cash Withdrawal Charges 2025: 1 मई से ATM ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी! अब हर ट्रांजैक...

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ATM Cash Withdrawal Charges 2025: अगर आप अक्सर ATM से पैसे निकालते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद अहम है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ATM ट्रांजैक्शन शुल्क में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिसके बाद 1 मई से ATM पर किए जाने वाले कैश विड्रॉल और अन्य ट्रांजैक्शंस पर आपको ज्यादा शुल्क चुकाना पड़ेगा। खासकर उन लोगों के लिए यह बदलाव बड़ी चिंता का कारण बनने वाला है, जो डिजिटल पेमेंट की बजाय कैश का इस्तेमाल अधिक करते हैं।

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ATM इंटरचेंज फीस: क्या है यह शुल्क? (ATM Cash Withdrawal Charges 2025)

ATM इंटरचेंज फीस वह शुल्क है, जो एक बैंक अपने ग्राहक से दूसरे बैंक के ATM से पैसे निकालने या किसी अन्य सेवा का इस्तेमाल करने के बदले में लेता है। इस शुल्क को आमतौर पर बैंक खुद वहन करते हैं, लेकिन कई बार यह बोझ ग्राहकों पर भी डाला जाता है। RBI द्वारा अनुमोदित इस नए चार्जेस के तहत, बैंक अब अपने ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क वसूल सकते हैं, जिससे ट्रांजैक्शन महंगे हो जाएंगे।

ATM Cash Withdrawal Charges 2025
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RBI का फैसला क्यों लिया गया?

RBI ने यह कदम व्हाइट-लेबल ATM ऑपरेटर्स और बैंकों के अनुरोध पर उठाया है। उनका कहना था कि ATM के संचालन, कैश लोडिंग और सुरक्षा उपायों में वृद्धि के चलते उनके लिए खर्च बढ़ गए हैं, और इससे वे घाटे में जा रहे हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने ट्रांजैक्शन शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया।

किसे पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

यह बदलाव उन ग्राहकों के लिए खासतौर पर चिंता का कारण बनेगा, जो ATM से बार-बार पैसे निकालते हैं। ऐसे ग्राहकों को अब अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ेगा। विशेष रूप से छोटे बैंकों के ग्राहकों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा, क्योंकि ये बैंक बड़े बैंकों के ATM नेटवर्क पर निर्भर होते हैं। अगर वे दूसरे बैंकों के ATM का इस्तेमाल करेंगे, तो उन्हें ज्यादा शुल्क देना होगा।

 

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इसके अलावा, जो लोग डिजिटल पेमेंट की बजाय कैश का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, उन्हें भी यह बदलाव परेशान कर सकता है। वे लोग जो अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए बार-बार ATM से पैसे निकालते हैं, अब हर ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त शुल्क देंगे।

ATM ट्रांजैक्शन पर नए चार्जेस क्या होंगे?

1 मई से ATM ट्रांजैक्शन पर शुल्क बढ़ने जा रहे हैं। अब हर ट्रांजैक्शन पर ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा। अगर आप कैश विड्रॉल करेंगे, तो आपको 2 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। वहीं, नॉन-फाइनेशियल ट्रांजैक्शंस जैसे बैलेंस चेक करना, मिनी स्टेटमेंट निकालना या ATM PIN बदलने पर 1 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा।

यह अतिरिक्त शुल्क तब लागू होगा, जब आप अपनी बैंक की मुफ्त ट्रांजैक्शन लिमिट को पार करेंगे। कई बैंक अपने ग्राहकों को हर महीने कुछ मुफ्त ट्रांजैक्शन की सुविधा देते हैं, लेकिन इस लिमिट के बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर आपको अधिक शुल्क चुकाना होगा।

ATM से पैसे निकालने पर बढ़े हुए शुल्क से बचने के उपाय

इन बढ़े हुए शुल्क से बचने के लिए कुछ आसान उपाय हैं:

  1. डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें – UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का ज्यादा इस्तेमाल करें, ताकि आपको ATM ट्रांजैक्शन के शुल्क से बचा जा सके।
  2. एक बार में ज्यादा पैसे निकालें – बार-बार ATM जाने से बचें और एक ही बार में जरूरत का पैसा निकालें, ताकि ज्यादा शुल्क न लगे।
  3. अपने बैंक के ATM का ही इस्तेमाल करें – दूसरे बैंकों के ATM से पैसे निकालने पर अधिक शुल्क लगता है, इसलिए हमेशा अपने बैंक के ATM का ही इस्तेमाल करें।
  4. फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट का ध्यान रखें – हर बैंक की मुफ्त ट्रांजैक्शन की लिमिट अलग होती है, इसलिए इस लिमिट के बारे में जानकारी रखें और लिमिट खत्म होने के बाद ही ट्रांजैक्शन करें।

इस बदलाव से आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन अगर आप अपनी ATM ट्रांजैक्शन की आदतों को सुधारते हैं और डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता देते हैं, तो आप इन बढ़े हुए शुल्क से बच सकते हैं।

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Delhi Budget 2025: दिल्ली में एक लाख करोड़ रुपये का बजट! रेखा गुप्ता ने पेश किया नई य...

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Delhi Budget 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में अपने पहले बजट का ऐलान किया, जो पिछले साल के मुकाबले काफी बड़ा है। इस बार दिल्ली सरकार का बजट एक लाख करोड़ रुपये का है, जो पिछले साल के मुकाबले 31.5 फीसदी अधिक है। यह बजट दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर, महिला समृद्धि, जल आपूर्ति, सफाई, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाओं के साथ आया है।

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मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने क्या कहा? (Delhi Budget 2025)

बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह बजट दिल्ली के विकास के लिए एक नई दिशा दिखाएगा। उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे केवल वादे करते थे, लेकिन इस बार काम किया जाएगा। गुप्ता ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार के पास इच्छाशक्ति की कमी नहीं है और वे दिल्ली की सड़कों को विकास की धमनियों में बदलने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

Delhi Budget 2025 delhi politics
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दिल्ली के नए बजट की प्रमुख बातें

इस बार दिल्ली के बजट में महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई है। महिला समृद्धि योजना के तहत 5100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि महिला एवं बाल विकास के लिए 9000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, इस बजट में राजधानी की कनेक्टिविटी सुधारने के लिए 1000 करोड़ रुपये और झुग्गी-झोपड़ियों के विकास के लिए 696 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

दिल्ली में 100 नई अटल कैंटीन खोले जाएंगे, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, पानी की समस्या और जलापूर्ति व्यवस्था को सुधारने के लिए 9000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। यमुना की सफाई के लिए भी 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

पिछले बजट से तुलना

पिछली बार, दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत 18 साल से ऊपर की महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने की योजना थी। इसके अलावा, दिल्ली का शिक्षा बजट पिछले साल 16,396 करोड़ रुपये था और स्वास्थ्य के लिए 8685 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। इस बार, रेखा गुप्ता के बजट में इन योजनाओं के अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर और जलापूर्ति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान दिया गया है।

Delhi Budget 2025 delhi politics
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बजट में आवंटित प्रमुख क्षेत्रों का विवरण

दिल्ली के परिवहन विभाग को सबसे बड़ा बजट 12,952 करोड़ रुपये दिया गया है, जबकि जल बोर्ड के लिए लगभग 9000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। बिजली के क्षेत्र में 3843 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, और दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए 2929 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा, प्रदूषण को कम करने के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। छोटे उद्योगों के लिए 50 करोड़ रुपये और पार्कों के विकास के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इसके अलावा, महिला एवं बाल विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये और अंत्योदय योजना के तहत जनकल्याण के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

युवाओं और शिक्षा के लिए बजट में क्या है?

शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है, और मेधावी छात्रों के लिए 1200 लैपटॉप की योजना की घोषणा की है। साथ ही, 5000 नई इलेक्ट्रिक बसों को लाने का भी प्रस्ताव किया गया है, जो दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुगम बनाएगी।

कानून और सुरक्षा के लिए बजट

दिल्ली में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 927 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें 490 नए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की स्थापना और डिजिटल हियरिंग के लिए 200 करोड़ रुपये शामिल हैं। फायर स्टेशन के सुधार के लिए 110 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, और होम गार्ड्स की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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Srividya Vasantha Kumari filmography: 14 साल की उम्र में किया फिल्म डेब्यू, 800 फिल्म...

Srividya Vasantha Kumari filmography: हम जिन अभिनेत्री की चर्चा कर रहे हैं, वे अपनी खूबसूरती और अद्वितीय अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी प्रतिभा और संघर्ष ने उन्हें न केवल फिल्म उद्योग में बल्कि दर्शकों के दिलों में भी एक खास जगह दिलाई। कई नामचीन अभिनेता उनके साथ जोड़ी बनाने की ख्वाहिश रखते थे, लेकिन उनकी कहानी सिर्फ सफलता तक सीमित नहीं थी। जीवन की कई कठिनाइयों से जूझते हुए उन्होंने अपनी पहचान बनाई, और आज उनकी यात्रा हमें प्रेरणा देती है। तो आखिरकार यह अभिनेत्री कौन हैं और उनके जीवन के अनकहे पहलू क्या हैं?

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श्रीविद्या का प्रारंभिक जीवन और संघर्ष- Srividya Vasantha Kumari filmography 

श्रीविद्या वसंता कुमारी, जो प्रसिद्ध हास्य अभिनेता कृष्णमूर्ति और कर्नाटकी गायिका एम.एल. के बेटी हैं, ने अपने करियर की शुरुआत बहुत ही कठिनाई भरे दौर में की। श्रीविद्या का जन्म एक ऐसा समय था जब उनके पिता कृष्णमूर्ति एक दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। इस घटना ने उनके परिवार की स्थिति को न केवल आर्थिक रूप से प्रभावित किया, बल्कि उनकी मां एम.एल. को परिवार की सारी जिम्मेदारियां उठानी पड़ीं। इस कठिन समय में, श्रीविद्या ने 14 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।

Srividya Vasantha Kumari filmography bollywood
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फिल्मी करियर की शुरुआत और सफलता की ओर पहला कदम

श्रीविद्या ने अभिनेता शिवाजी गणेशन के साथ फिल्म ‘थिरुवरुचेलवन’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। इसके बाद, उन्होंने तेलुगु फिल्म उद्योग में ‘पेट्टाराशी पेट्टाम्मा’ से अपने करियर की शुरुआत की। अपनी अविश्वसनीय अभिनय क्षमता, डांस कौशल और आकर्षक सुंदरता के कारण उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से लगातार ऑफर मिलने लगे। इस दौरान उन्हें कई नामी निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला, जिनमें से एक थे निर्देशक दसारी नारायणन, जिनके साथ उन्होंने कई फिल्में कीं।

विविध भाषाओं में अभिनय का सफर

श्रीविद्या ने अपनी अभिनय यात्रा को एक से अधिक भाषाओं में फैलाया। उन्होंने तमिल सिनेमा में भी नाम कमाया और निर्देशक के. बालाचंदर द्वारा निर्देशित फिल्म ‘अपूर्व रागंगल’ में रजनीकांत और कमल हासन के साथ अभिनय किया। यह फिल्म न केवल तमिल सिनेमा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई, बल्कि बाद में इसे तेलुगू में भी दोबारा बनाया गया। श्रीविद्या ने तमिल और तेलुगु दोनों भाषाओं में प्रमुख भूमिका निभाई और 800 से ज्यादा फिल्मों में अपनी अभिनय कला का लोहा मनवाया।

Srividya Vasantha Kumari filmography
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स्वास्थ्य संकट और जीवन में बदलाव

हालांकि फिल्मी दुनिया में एक के बाद एक सफलता प्राप्त करने के बाद, श्रीविद्या को 2003 में स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्हें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी जीवन प्रत्याशा पर सवाल उठने लगे। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और तीन वर्षों तक इस बीमारी से जूझती रही।

दान और परोपकार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

श्रीविद्या ने अभिनय से अर्जित की गई संपत्ति को एक महान उद्देश्य में दान करने का फैसला किया। उन्होंने संगीत और नृत्य महाविद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति देने की पेशकश की। अभिनेता गणेश की मदद से उन्होंने एक फाउंडेशन की स्थापना की, जिसके माध्यम से योग्य छात्रों तक सहायता पहुंचाई गई। उनके इस प्रयास ने समाज में एक बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाला।

अंतिम समय और विरासत

2006 में, कैंसर से जूझने के बाद, 53 वर्ष की आयु में इस महान अभिनेत्री का निधन हो गया। हालांकि उनका शरीर हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने जो योगदान दिया, वह आज भी लोगों के दिलों में जीवित है। श्रीविद्या का जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें यह सिखाता है कि जीवन चाहे जैसे भी मुश्किल हो, अगर हमारी नीयत सही हो, तो हम किसी भी परिस्थिति में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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BYD vs Elon Musk Tesla: BYD ने टेस्ला को पीछे छोड़ते हुए 2024 में रिकॉर्ड राजस्व हासि...

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BYD vs Elon Musk Tesla: चीन की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी BYD ने पिछले साल के रिकॉर्ड राजस्व के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी टेस्ला को पीछे छोड़ दिया है। शेन्ज़ेन स्थित BYD ने सोमवार को 2024 के लिए 777.1 बिलियन युआन ($107.2 बिलियन) का राजस्व घोषित किया, जो पिछले साल टेस्ला के 97.7 बिलियन डॉलर के राजस्व से अधिक है। यह 29 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। BYD के इस उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया कि वह चीन के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में एक स्पष्ट नेता के रूप में उभरा है और अब वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है।

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यूरोप में विस्तार से मिली टेस्ला को चुनौती- BYD vs Elon Musk Tesla

BYD ने चीन में अपनी मजबूत पकड़ को यूरोप और अन्य वैश्विक बाजारों में विस्तार करने के लिए इस्तेमाल किया। यूरोप में कंपनी की उपस्थिति में काफी वृद्धि हुई है, खासकर जब से उसने वहां बड़े विज्ञापन अभियान चलाए और कई नए शोरूम खोले। BYD के यूरोप में तेजी से विस्तार से टेस्ला को चुनौती मिली, जिसकी यूरोप में बिक्री पिछले कुछ वर्षों में गिर गई है। खासकर, टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क के दूर-दराज़ राजनीतिक समूहों के समर्थन से यूरोप में कंपनी की स्थिति कमजोर पड़ी है। BYD ने यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के प्रायोजन जैसी प्रमुख पहल से अपनी पहचान बनाई है।

BYD vs Elon Musk Tesla
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BYD की उपाध्यक्ष, स्टेला ली ने पिछले हफ्ते कहा था कि मार्च और अप्रैल में यूरोप में “पंजीकरण संख्या में उछाल आएगा,” जिससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी के प्रयासों का असर तेजी से दिख रहा है। हालांकि, चीन में निर्मित वाहनों पर दंडात्मक टैरिफ के कारण, BYD अभी तक अमेरिका में अपनी यात्री कारें नहीं बेच रहा है, लेकिन उसने सिंगापुर, थाईलैंड, और ऑस्ट्रेलिया जैसे एशियाई और अन्य वैश्विक बाजारों में अच्छी खासी पैठ बनाई है।

रिकॉर्ड लाभ और बढ़ती बिक्री

BYD की शुद्ध लाभ 2023 में 40.3 बिलियन युआन तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक था। कंपनी ने पिछले साल लगभग 4.3 मिलियन वाहन बेचे, जो 40 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। फरवरी में BYD की मासिक बिक्री में 161 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे उसकी बिक्री 318,000 इकाई हो गई। इसके साथ ही, कंपनी ने 2024 के लिए 5 मिलियन से 6 मिलियन वाहन बेचने का अनुमान जताया है। 2025 के पहले दो महीनों में, BYD की बिक्री 93 प्रतिशत बढ़कर 623,300 इकाई हो गई है, जो एक अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाता है।

नई बैटरी तकनीक से एक और कदम आगे

BYD ने हाल ही में अपनी नई बैटरी तकनीक का अनावरण किया, जिससे कंपनी ने अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को और मजबूत किया है। यह बैटरी और चार्जिंग सिस्टम “सुपर ई-प्लेटफ़ॉर्म” कहा जाता है, जो 1,000 किलोवाट की अधिकतम चार्जिंग गति प्रदान करता है और महज पांच मिनट के चार्ज के बाद वाहन 470 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं। यह तकनीक टेस्ला के सुपरचार्जर की 500 किलोवाट चार्जिंग गति से कहीं अधिक है, और इसे एक प्रमुख नवाचार के रूप में देखा जा रहा है।

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BYD ने अपनी अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा देने की योजना बनाई है, जिससे वह चीन के बाहर भी सफलता प्राप्त कर सके। कंपनी के अध्यक्ष और संस्थापक, वांग चुआनफू ने कहा कि BYD अब सिर्फ अनुयायी नहीं है, बल्कि यह बुद्धिमत्ता-संचालित वाहनों के युग में सबसे आगे है। कंपनी ने अपने वैश्विक विस्तार और मूल्य श्रृंखला में सुधार के लिए घरेलू ब्रांडों के साथ सहयोग करने का भी निर्णय लिया है।

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Rahul Gandhi citizenship Controversy: राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर इलाहाबाद हाईको...

Rahul Gandhi citizenship Controversy: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई की तारीख तय कर दी गई है। इस मामले में गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी की नागरिकता पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आठ हफ्तों का समय मांगा था, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए चार हफ्तों का समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। यह मामला राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण बन गया है, क्योंकि इससे राहुल गांधी की नागरिकता और उनके लोकसभा चुनाव में भाग लेने के अधिकार पर सवाल उठ रहे हैं।

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क्या है राहुल गांधी की नागरिकता का विवाद? (Rahul Gandhi citizenship Controversy)

यह मामला 1 जुलाई 2024 को कर्नाटक के वकील और बीजेपी सदस्य एस विग्नेश शिशिर द्वारा दायर की गई याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता भी है, और उनके पास इस आरोप को साबित करने के लिए ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल और अन्य दस्तावेज हैं। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि चूंकि राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है, इसलिए वह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84(ए) के तहत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं और उनकी लोकसभा सदस्यता को रद्द किया जाना चाहिए।

Rahul Gandhi citizenship Controversy
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याचिका में किए गए आरोप

याचिका में यह आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी ने अपनी ब्रिटिश नागरिकता को छुपाने की कोशिश की है, और इसी कारण उनके निर्वाचन को रद्द करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसने इस मुद्दे पर दो बार सक्षम अधिकारियों को शिकायत भेजी, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। इस कारण, उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। याचिका में यह भी कहा गया कि राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट अधिनियम के तहत अपराध है, इसलिए मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए।

गृह मंत्रालय का समय का अनुरोध और कोर्ट की प्रतिक्रिया

गृह मंत्रालय ने इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आठ हफ्तों का समय मांगा था, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे खारिज करते हुए केवल चार हफ्तों का समय दिया है। यह मामला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाता है, बल्कि उनके राजनीतिक करियर पर भी असर डाल सकता है। इसके अलावा, यह मामला भारतीय चुनाव प्रणाली और कानून के अंतर्गत नागरिकता के मुद्दे पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।

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राहुल गांधी की नागरिकता और उनका राजनीतिक भविष्य

राहुल गांधी ने 2024 में रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीता था। इससे पहले, वह अमेठी से चुनाव जीतते आए थे, हालांकि 2019 के चुनाव में वह अमेठी से हार गए थे। इस विवाद के बाद, अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता उनके लिए राजनीति में आगे बढ़ने की राह को कठिन बना सकती है।

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China Ramadan Controversy: चीन में रमजान के दौरान उइगुर मुसलमानों पर सख्ती, वायरल वीड...

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China Ramadan Controversy: चीन के शिनजियांग क्षेत्र (पूर्वी तुर्किस्तान) में रमजान के दौरान उइगुर मुसलमानों पर बढ़ती सख्ती और धार्मिक स्वतंत्रता पर कड़े प्रतिबंधों को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। हाल ही में एक वायरल वीडियो के बाद चीन की आलोचना तेज हो गई है, जिसमें दिखाया गया है कि उइगुर मुसलमानों को जबरन यह साबित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है कि वे रोजा नहीं रख रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और चीन के रवैये पर सवाल उठने लगे। हालांकि, नेड्रिक न्यूज ने इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इसने पूरे मामले को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा शुरू कर दी है।

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जबरन भोजन वीडियो बनवाना और निगरानी- China Ramadan Controversy

वायरल वीडियो के मुताबिक, अधिकारियों द्वारा उइगुर मुसलमानों से यह सुनिश्चित करने के लिए अचानक फोन कॉल किए जा रहे हैं कि वे रमजान के दौरान रोजा न रखें। इन फोन कॉल्स के जरिए अधिकारियों ने उइगुर लोगों को यह निर्देश दिया कि वे अपनी दोपहर के भोजन का वीडियो बनाकर भेजें, ताकि यह साबित किया जा सके कि वे रोजा नहीं रख रहे। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि कई स्थानों पर प्रशासन ने इस प्रक्रिया को लेकर निगरानी बढ़ा दी है और छापेमारी तक शुरू कर दी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी उइगुर मुसलमान रमजान के दौरान उपवास नहीं कर रहा है। इस तरह की गतिविधियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता जताई जा रही है।

 

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मस्जिदों पर ताले और धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक

चीन में रमजान के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता पर और भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। वीडियो के अनुसार, कई मस्जिदों को बंद कर दिया गया है और सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। धार्मिक प्रतीकों और इस्लामिक परंपराओं को मिटाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जो कि इस बात का संकेत है कि चीन की सरकार उइगुर मुसलमानों को अपनी धार्मिक पहचान और संस्कृति को अपनाने की अनुमति नहीं देना चाहती। चीन की सरकार इस तरह की कार्रवाई को “आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ” बताती है, लेकिन मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।

उइगुर मुसलमानों पर बढ़ता दमन और वैश्विक आलोचना

चीन लंबे समय से उइगुर मुसलमानों के खिलाफ कड़ी नीतियां अपनाता रहा है। इसके तहत, उइगुर समुदाय के लोगों को जबरन डिटेंशन कैंपों में भेजने, धार्मिक स्वतंत्रता छीनने, और इस्लामिक परंपराओं को खत्म करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कई मानवाधिकार संगठनों ने चीन पर सांस्कृतिक नरसंहार (Cultural Genocide) का आरोप लगाया है, क्योंकि इन नीतियों से उइगुर मुसलमानों की संस्कृति, भाषा और धर्म को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।

इसी तरह के आरोपों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों और संगठनों ने चीन की निंदा की है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि चीन की ये कार्रवाई धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है और इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चुनौती दी जानी चाहिए। इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संस्थाएं चीन के खिलाफ आवाज उठा रही हैं, लेकिन चीन ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया है और इसे अपनी आंतरिक नीति बताते हुए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप को नकारा है।

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Malaysia Mosque Temple Controversy: कुआलालंपुर में 130 साल पुराना हिंदू मंदिर हटाने क...

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Malaysia Mosque Temple Controversy: मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में स्थित देवी श्री पथराकालीअम्मन मंदिर को हटाने के प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। यह मंदिर 130 साल पुराना है और इसे हटाकर मस्जिद बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस मुद्दे ने मलेशिया में धार्मिक समानता और शहरी पुनर्विकास के दावों को लेकर विवाद उत्पन्न कर दिया है। मलेशिया में पहले भी गैर-मुस्लिम समुदाय के धार्मिक भेदभाव की शिकायतें सामने आती रही हैं, हालांकि, सरकार ने हमेशा इन दावों को खारिज किया है।

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मंदिर का स्थान और विवाद की शुरुआत- Malaysia Mosque Temple Controversy

देवी श्री पथराकालीअम्मन मंदिर, जो कुआलालंपुर के मध्य में स्थित है, फ्लैटों और कपड़ा दुकानों के बीच एक छोटी सी लेकिन ऐतिहासिक जगह पर बना हुआ है। इस मंदिर की जमीन मलेशिया की प्रमुख कपड़ा कंपनी जैकेल ने खरीद ली है। जैकेल का इरादा इस स्थान पर एक नई मस्जिद बनाने का है, जिसके लिए शिलान्यास प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम द्वारा इस गुरुवार को किया जाएगा। यह मस्जिद भारत के तमिल मुस्लिम समुदाय की 140 साल पुरानी मस्जिद के पास बनाई जाएगी, जो इस क्षेत्र में एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।

Malaysia Mosque Temple Controversy
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मंदिर और मस्जिद के बीच विवाद

यह मंदिर भी 130 साल पुराना है और इसकी नींव मुस्लिम मस्जिद के बनने के केवल 10 साल बाद रखी गई थी। जैकेल कंपनी के दिवंगत संस्थापक मोहम्मद जैकेल अहमद ने इस भूमि को खरीदने का फैसला लिया था ताकि इस क्षेत्र में चौथी मस्जिद बनाई जा सके, जिसे मुस्लिम समुदाय को उपहार स्वरूप प्रदान किया जा सके। हालांकि, इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था और अब मंदिर हटाने का प्रस्ताव सामने आया है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक विवाद बढ़ गए हैं।

कानूनी स्थिति और आलोचनाएं

मलेशिया में इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस हो रही है। लॉयर्स फॉर लिबर्टी के कार्यकारी निदेशक जैद मालेक ने प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “मंदिर को हटाने और मस्जिद बनाने की प्रक्रिया को जल्दबाजी में क्यों लिया जा रहा है?” उन्होंने इस मुद्दे को धार्मिक उत्पीड़न की तरह पेश करने पर भी आपत्ति जताई और इसे अस्वीकार्य बताया। उनका मानना था कि इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय और स्थान दिया जाना चाहिए।

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प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम का बयान

प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने मंदिर को हटाने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि यह मंदिर पुराना और कानूनी दृष्टिकोण से अनुमोदित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा, और इसके बाद ही मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस विवाद को सांस्कृतिक टकराव से बचने की कोशिश करते हुए धार्मिक सौहार्द की दिशा में कदम बढ़ाने की बात की। उन्होंने वकीलों पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे को भ्रामक तरीके से पेश कर रहे हैं।

हिंदू समुदाय की प्रतिक्रियाएं

मंदिर हटाने के प्रस्ताव पर हिंदू नेताओं ने गहरी चिंता व्यक्त की है। जातीय भारतीय पार्टी उरीमाई के नेता पी रामासामी ने इस फैसले को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि यह मंदिर मलेशिया की स्वतंत्रता से पहले का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। उन्होंने कहा कि “किसी पुरानी और स्थापित हिंदू मंदिर को हटाना, खासकर एक ऐसे देश में जो खुद को बहुजातीय और बहुधार्मिक होने पर गर्व करता है, बिल्कुल गलत है।”

भूमि स्वामित्व पर विवाद

मलेशिया के कुछ मलय मुसलमानों ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना था कि मंदिर की भूमि अब निजी स्वामित्व में है, और भूमि मालिक को इस क्षेत्र में मस्जिद बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनके अनुसार, दिवंगत मोहम्मद जैकेल अहमद ने जो धार्मिक दृष्टिकोण अपनाया था, उसे पूरा करने का अधिकार भूमि मालिक को मिलना चाहिए।

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Gorakhpur News: गोरखपुर में युवक ने एक ही दिन में दो लड़कियों से की शादी, प्रेमिका ने...

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Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक युवक ने एक ही दिन में दो अलग-अलग लड़कियों से शादी कर ली। इस घटना ने न केवल स्थानीय क्षेत्र को चौंका दिया, बल्कि यह एक गंभीर सामाजिक मुद्दे का भी रूप लेता जा रहा है। यह घटना गोरखपुर के हरपुर बुदहट इलाके में घटी, जहां युवक ने अपनी प्रेमिका को धोखा देकर उसे विश्वास में लिया और फिर एक दिन में ही दो शादियां कर डाली।

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क्या है पूरा मामला? (Gorakhpur News)

पीड़िता का कहना है कि उसकी मुलाकात युवक से चार साल पहले हुई थी और दोनों के बीच दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। इस दौरान, युवक ने उसे मंदिर में शादी करने का वादा किया और दोनों लिव-इन में रहने लगे। प्रेमिका के अनुसार, इस दौरान युवक ने दो बार उसका गर्भपात भी कराया। लेकिन जब युवक के परिवार वालों ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी, तो उसे शक हुआ। युवक ने प्रेमिका को समझाया कि वह कोर्ट मैरिज कर लें, ताकि घरवाले इस रिश्ते को मजबूरी में स्वीकार कर लें। और इस प्रकार, दोनों ने एक दिन में कोर्ट मैरिज की।

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लेकिन यह सब कुछ योजना के तहत नहीं था। युवक ने सुबह अपनी प्रेमिका से कोर्ट मैरिज की, लेकिन रात में उसने अपने परिवार वालों की पसंद से दूसरी लड़की से शादी कर ली। जब प्रेमिका को यह धोखा मिला, तो वह युवक के घर पहुंची। लेकिन वहां युवक के परिवार ने उसे अपमानित किया और उसे घर से भगा दिया। इसके बाद, प्रेमिका ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई और इस घटना को लेकर शिकायत दर्ज कराई।

प्रेमिका का आरोप और पुलिस का बयान

प्रेमिका का कहना है कि उसे यह धोखा तब हुआ जब युवक ने उसे विश्वास में लिया और फिर शादी की बात झूठी निकली। उसने बताया कि वह गर्भवती भी हुई थी और बच्चे की डिलीवरी के बाद युवक ने उसे एक नर्स को सौंप दिया था। अब वह पुलिस से इंसाफ की उम्मीद कर रही है।

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गोरखपुर के एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने युवक को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वह फरार हो गया है। इस मामले में पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है और दोषी को कड़ी सजा दिलाने का वादा किया है।

धोखे का खुलासा और परिवार की प्रतिक्रिया

यह मामला अब गोरखपुर के स्थानीय समाज में चर्चा का विषय बन चुका है। युवक ने जिस तरह से एक ही दिन में दो शादियां कीं, यह साबित करता है कि उसने दोनों लड़कियों के साथ धोखा किया है और उनके भरोसे को तोड़ा है।

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Sanjiv Goenka- Rishabh Pant controversy: ऋषभ पंत के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद लखनऊ सु...

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Sanjiv Goenka- Rishabh Pant controversy: लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के मालिक संजीव गोयनका ने आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में रिकॉर्ड 27 करोड़ रुपये खर्च करके ऋषभ पंत को अपनी टीम में शामिल किया था, लेकिन उनके पहले मैच में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक साबित हुआ। दिल्ली कैपिटल्स (DC) से लखनऊ की हार के बाद, पंत को अपनी खराब बैटिंग और विकेटकीपिंग के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा। इस मैच में पंत ने बतौर बल्लेबाज कुछ खास नहीं किया और 0 पर आउट हो गए, जिसके बाद टीम की हार पर सवाल उठने लगे।

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पहले मैच में पंत का खराब प्रदर्शन- Sanjiv Goenka- Rishabh Pant controversy

आईपीएल 2025 के पहले मुकाबले में लखनऊ सुपर जायंट्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मैच हुआ, जिसमें लखनऊ को 210 रन का टारगेट मिला। हालांकि, डीसी के 113 रन पर छह विकेट गिरने के बावजूद, लखनऊ यह मैच नहीं जीत सका। लखनऊ के कप्तान ऋषभ पंत का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। पंत, जो टीम के कप्तान और विकेटकीपर के रूप में खेल रहे थे, पहले तो बैटिंग में बुरी तरह फ्लॉप हुए और केवल 6 गेंदों पर शून्य रन पर आउट हो गए। उन्हें पूर्व डीसी खिलाड़ी कुलदीप यादव ने आउट किया। इसके बाद पंत की विकेटकीपिंग में भी बड़ी चूक देखने को मिली। वह स्टंपिंग से चूक गए, और यदि उन्होंने इसे पकड़ लिया होता तो लखनऊ मैच जीत सकता था।

कप्तानी में चूक और मैच का अहम मोड़

मैच के दौरान पंत की कप्तानी पर भी सवाल उठे। दिल्ली को आखिरी दो ओवरों में जीत के लिए 22 रन की जरूरत थी, तब पंत ने अनुभवी गेंदबाज शार्दुल ठाकुर की जगह युवा प्रिंस यादव को गेंद दी। इस फैसले का खामियाजा लखनऊ को उठाना पड़ा, क्योंकि प्रिंस के ओवर में 16 रन बने। इसके बाद, पंत ने आखिरी ओवर में शाहबाज अहमद को गेंद दी, जबकि शार्दुल एक बेहतर विकल्प हो सकते थे। पंत की कप्तानी में इस तरह की गलतियां लखनऊ के लिए महंगी पड़ीं।

संजीव गोयनका से बातचीत के दौरान सवाल-जवाब

मुकाबले के तुरंत बाद, लखनऊ के मालिक संजीव गोयनका को डगआउट में ऋषभ पंत से बातचीत करते हुए देखा गया। इस बातचीत में गोयनका ने पंत से कई सवाल पूछे, जो पिछले साल केएल राहुल के साथ हुई डांट की याद दिलाने वाली थीं। पंत के खराब प्रदर्शन और कप्तानी में चूक के बाद यह सवाल उठना लाजमी था कि क्या पंत को इतने बड़े मुकाबले में सही फैसले लेने का अनुभव था या नहीं।

पंत का बयान और आगामी सुधार की आवश्यकता

मैच के बाद, पंत ने कहा, “निश्चित रूप से क्रिकेट में भाग्य की भूमिका होती है और अगर गेंद उनके (मोहित शर्मा) पैड से छूट जाती तो यह स्टंपिंग का मौका होता, लेकिन क्रिकेट में ऐसी चीजें होती रहती हैं। आपको इन चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि आपको बेहतर क्रिकेट खेलने की आवश्यकता है।” पंत ने माना कि वह इस मैच में अपनी टीम को जिताने के लिए आवश्यक प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन भविष्य में सुधार की बात की।

आखिरकार, लखनऊ को मिली हार

लखनऊ सुपर जायंट्स को इस मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली ने 420 से अधिक रन बनाकर एक बेहतरीन मैच खेला, जिसमें पांच बल्लेबाजों ने 200 से अधिक की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। इस मैच में दिल्ली की जीत में अहम योगदान आशुतोष शर्मा की 31 गेंदों पर 66* रन की पारी का था, जिससे दिल्ली ने एक विकेट और तीन गेंद शेष रहते मैच जीत लिया।

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Ghaziabad News: सवा करोड़ रुपये का गबन, होटल रॉयल के 3 मैनेजरों और 4 रिश्तेदारों ने ह...

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Ghaziabad News: शक्तिखंड स्थित होटल रॉयल के मालिक चंद्रशेखर ने महाप्रबंधक और दो प्रबंधकों समेत सात लोगों के खिलाफ गबन की धाराओं में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि होटल और रेस्तरां की कमाई होटल के खाते में जमा कराने के बजाय आरोपी इनकी रकम अपने परिजनों और रिश्तेदारों के खातों में जमा कर रहे थे। इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब एक होटल कर्मचारी ने मालिक को इसके बारे में जानकारी दी

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कुल सवा करोड़ रुपये की हेराफेरी- Ghaziabad News

चंद्रशेखर के अनुसार, महाप्रबंधक और दोनों प्रबंधक डेढ़ साल के अंदर कुल सवा करोड़ रुपये की राशि फोन-पे, गूगल-पे और पे-टीएम जैसे डिजिटल माध्यमों से अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर चुके थे। इन सभी लेन-देन को छिपाने के लिए आरोपी एक अलग रजिस्टर रखते थे। एक रजिस्टर में वह उन लेन-देन की एंट्री करते थे जिनकी रकम होटल के खाते में जमा की जाती थी, जबकि दूसरे रजिस्टर में वह केवल उन लेन-देन की एंट्री करते थे जिनमें रकम उनके निजी खातों में जमा की जाती थी।

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मास्टरमाइंड सुखबीर सिंह

पुलिस के अनुसार, गबन के इस खेल का मास्टरमाइंड महाप्रबंधक सुखबीर सिंह था, जो कासगंज जिले के नगला विहारी गांव का निवासी है। चंद्रशेखर का कहना है कि जब उसे इस गबन के बारे में पता चला, तो उसने सुखबीर से सभी रिकार्ड्स दिखाने को कहा। इस दौरान सुखबीर ने अपने साले नीटू को रिकार्ड्स चोरी करने का आदेश दिया था। बाद में, सीसीटीवी फुटेज में नीटू को रिकार्ड्स लेकर जाते हुए देखा गया।

रिकॉर्ड की चोरी और साक्ष्य

चंद्रशेखर ने पुलिस को बताया कि जब गबन का मामला सामने आया, तो सुखबीर ने रिकार्ड्स को चोरी करने के लिए अपने साले नीटू को बुलाया। नीटू ने बिल बुक, रजिस्टर और होटल में रुकने वालों के पहचान पत्र की कापी चोरी कर ली। सीसीटीवी फुटेज में यह साफ देखा गया कि नीटू रिकॉर्ड्स लेकर होटल से बाहर जा रहा था। इस चोरी के बाद, पुलिस ने जांच शुरू की और जल्द ही सभी साक्ष्य जुटा लिए।

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साक्ष्य और गिरफ्तारी की संभावना

एसीपी इंदिरापुरम, अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में पुलिस के पास गबन के ठोस साक्ष्य मौजूद हैं। सीसीटीवी फुटेज और व्हाट्सएप चैटिंग में भी हेराफेरी के साक्ष्य मिले हैं। साथ ही, यह भी पुष्टि हो गई है कि दस्तावेज चोरी कराए गए थे। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। सुखबीर को होटल के मोबाइल फोन और सिमकार्ड भी मिले हुए थे, जिनमें व्हाट्सएप चैट में गबन के साक्ष्य मौजूद हैं।

इस मामले में जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

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