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World Tourism Day: इन 5 जगहों पर मनाएं अविस्मरणीय दिवाली, चाह कर भी नहीं भुला पाएंगे ...

Top 5 tourist place in India – घुमक्कड़ों के लिए किसी नई जगह घूमना एक एहसास है। वो एहसास जिसे अगर शब्दों में बयां किया जाए तो शायद उसकी ख़ूबसूरती फीकी पड़ जायेगी। आज का दिन यानि वर्ल्ड टूरिज़्म डे उन्हीं ट्रेवलर्स के लिए बेहद खास है। यूं तो घूमने के शौक़ीन लोग ट्रैवल करने के लिए किसी ख़ास पल के मोहताज़ नहीं हैं।

लेकिन डेली लाइफ में काम की व्यस्तता के चलते ऑफिस से छुट्टी न मिल पाना या कई अन्य मज़बूरियां इन उड़ान भरे पंखों में बेड़ियां लगा देती हैं। लेकिन इस बार मौका है दिवाली की छुट्टियों का जिसमें आप आराम से दो तीन दिनों के टूर का प्लान बना सकते हैं। आज हम आपको सैर सपाटा कराते हैं उन जगहों का जहां का ग्रैंड दिवाली सेलिब्रेशन आपके दिल में एक अविस्मरणीय स्मृति की तरह ठहर जाएगा।

वाराणसी 

अपनी दिवाली ख़ास बनानी हो तो इस बार देव भूमि वाराणसी में ज़रूर कदम रखें। पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाने के बाद यहां के खूबसूरत बाज़ारों का आनंद लेना न भूले। यहां आपको पारंपरिक कपड़ों से लेकर मिठाइयों तक हर चीज़ की वैरायटी मिल जायेगी। यहां सूर्यास्त के समय नाव की सवारी का एक अलग ही आनंद है।

धार्मिक मंत्र और गीतों के माहौल में ये लैंप की रौशनी में झिलमिलाती नगरी की रौनक देख आपको ऐसा लगेगा मानों आप स्वर्ग में आ गए हों। अगर आप दिवाली के त्यौहार पर गए हैं, तो ये आपके लिए सोने पे सुहागा वाली बात है। गंगा महोत्सव फेस्टिवल में मनाई जाने वाली देव दीपावली देख आपका मन करेगा कि मानों वो पल वहीं ठहर जाए। क्योंकि यही तो है बनारस का असली मज़ा।

अमृतसर – 5 tourist place in India 

दिवाली के पावन अवसर के दौरान जाने के लिए अमृतसर भी एक अत्यंत सुंदर जगह है। दिवाली का त्यौहार यहां बंदी चोर दिवस के साथ मनाया जाता है, जो सिखों के लिए काफी बड़ा त्यौहार है। इस दिन गुरु गोबिंद सिंह कारावास से लौटकर आये थे। पूरे शहर में भजन और कीर्तन की मधुर आवाज़ें गूंजती है। यहां के स्वर्ण मंदिर की रौशनी में छटा अद्भुत हो जाती है। आप शांत मौसम, सुंदर सरसों के खेतों और स्थानीय लोगों के संक्रामक उत्साह का भी आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां के व्यंजनों का स्वाद आपके सफर का मज़ा दोगुना कर देगा। इन्हें खाकर आप उंगलियां चाटने पर मज़बूर हो जाएंगे।

जयपुर-उदयपुर 

आपको निश्चित रूप से जयपुर में लुभावने समारोहों का गवाह बनना चाहिए जो धनतेरस से शुरू होते हैं। नाहरगढ़ का किला और कुछ अन्य लोकप्रिय स्थलों से आप पूरे शहर का मनोरम दृश्य देख सकेंगे। इस दौरान पूरा शहर प्रकाश में डूबा होता है। आतिशबाजियों के गगन में विस्तृत पैटर्न्स देख आपकी इन नज़ारों से नज़रें हटाना मुश्किल हो जाएगा।

इसके अलावा बाज़ारों में लोक गीत गाते संगीतकार लैंप की अद्भुत कलाकृतियां माहौल में चाशनी घोलने का काम करेंगी।  बेहतरीन मारवाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाएं और जयपुर के रास्ते अपने आकर्षक स्थानों पर आकर्षक स्मृति चिन्ह और हस्तशिल्प की खरीदारी करें। उदयपुर की खूबसूरत झीलों के साथ आपको भी प्यार हो जाएगा, जो आतिशबाजी और महलों की रोशनी के साथ चमकती है।

कोलकाता 

सिटी ऑफ़ जॉय नाम से मशहूर कोलकाता पर दिवाली के दौरान ये नाम बिल्कुल सटीक बैठता है। काली पूजा और दिवाली का कॉम्बो जब यहां एक साथ पड़ता हो, तो भला आने वाली खुशियों को कौन रोक सकता है। कोलकाता में देवी काली की पूजा की जाती है और आप मांस, मछली, फूल, और मिठाई सहित देवी को चढ़ाये जाने वाले अनगिनत प्रसाद के साक्षी बन सकते हैं।

पूरा शहर चकाचौंध करने वाले दीयों, मोमबत्तियों और दीपकों से जीवंत हो उठता है, और आप हर कोने पर कुछ अद्भुत आतिशबाजी भी देख सकते हैं। आप शहर के प्रसिद्ध काली पूजा पंडालों का भी भ्रमण कर सकते हैं या कालीघाट मंदिर या दक्षिणेश्वर मंदिर जैसे सबसे बड़े धार्मिक मंदिरों की यात्रा कर सकते हैं, जहाँ देवी काली की पूजा हजारों भक्त करते हैं।

गोवा – 5 tourist place in India 

गोवा दीवाली के दौरान घूमने के लिए एक और अद्भुत जगह है। यह उत्सव नरका चतुर्दशी से शुरू होता है जब लोग अपने दरवाजों और खिड़कियों को लालटेन से सजाते हैं। स्थानीय लोग पटाखों और घास से भरे कई बड़े आकार के नरकासुर पुतलों का निर्माण करते हैं और फिर अगली सुबह उन्हें जला देते हैं। ये इस उत्सव को और भी हसीं बना देता है। यहां के समुद्री तट, कैसीनो और रेस्तरां या लाउन्ज आपके सेलिब्रेशन में चार चांद लगाने का काम करेंगे।

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थॉमस कुक: कुछ ऐसे अर्श से फर्श पर आई 178 साल पुरानी ट्रेवल कंपनी, दुनियाभर में फंसे ह...

Real Story of Thomas Cook in Hindi– अर्श से फर्श पर आई दुनिया की सबसे पुरानी ब्रिटिश टूर और ट्रेवल कंपनी थॉमस कुक अब मार्केट से विलुप्त हो चुकी है। किसी ने सोचा भी न होगा कि इस 178 साल पुरानी कंपनी का रातोंरात शटर डाउन हो जाएगा। करीब डेढ़ अरब पाउंड (13,226 करोड़ रुपये) के कर्ज तले डूबी कंपनी की मदद करने से अब ब्रिटिश सरकार ने भी अपने हाथ पीछे कर लिए हैं। जिसके चलते अब कंपनी में कार्यरत दुनियाभर के 9 हज़ार कर्मचारी पल भर में बेरोज़गार हो गए हैं। साथ ही उन 9 लाख लोगों की खुशियों पर ग्रहण लग गया है जो इस कंपनी से बुकिंग कराकर घूमने निकले हैं। आइये जानें इस सबसे पुरानी ब्रिटिश कंपनी के अब तक के सफर की पूरी कहानी। कैसे जमीं से आसमां पर और फिर आसमां से धरती पर धड़ाम हुई थॉमस कुक?

1841 में रखी गई थी नींव

ये ब्रिटेन की सबसे पुरानी ट्रैवल कंपनी है जिसकी नींव 1841 में एक स्थानीय नागरिक थॉमस कुक द्वारा रखी गई थी। इसकी शुरुआत मार्केट हारबोरफ में की गई थी। ये ऐसी पहली कंपनी थी जिसने परिवार सहित टूर पैकेज का कांसेप्ट रखा। ये कंपनी उस दौरान एक टूरिज्म क्षेत्र में क्रांति लेकर आई थी। रेलवे लाइन के बिछाये जाने के बाद से ही ये ब्रिटेन के दोनों वर्ग कामगार और कुलीन के लिए छुट्टियां बिताने का एक बेहतरीन जरिया बन गई थी। ये समय के साथ धीरे धीरे अपने आकर्षक पैकेजों का दायरा बढ़ा रही थी। 1855 में कंपनी ने लोगों के लिए यूरोप ट्रिप का ऑफर शामिल किया तो वहीं 1866 तक ये पर्यटकों को अमेरिका के सफर पर भी ले चल पड़ी।

1955 में दिया हॉलिडे पैकेज 

कंपनी धीरे धीरे तरक्की की ओर बढ़ रही थी। 1955 में कंपनी अपनी इंटरनेशनल हो गई और दुनिया के अलग अलग शहरों में अपने पांव पसार लिए। उस दौरान कंपनी ने लंदन से पेरिस ट्रिप का एलान किया जिसमें पूरे हॉलिडे पैकेज की पेशकश की गई। थॉमस कुक ऐसी पहली कंपनी बनी जिसने  दर्शकों को टूर कराने से लेकर उनके खाने पीने और रहने के भी इंतज़ामात किये। 1892 में कंपनी के संस्थापक थॉमस कुक के निधन के बाद उनके बेटे जॉन मैसन कुक ने अपने पिता की विरासत को आगे संभाला। जिसके बाद 1928 में ये जिम्मेदारी थॉमस के पोते फ्रैंक और अर्नेस्ट पर आई।  लेकिन इसको संभाल न पाने के चलते उन्होंने इसे बाहरी मालिकों को बेचने का फैसला किया।

1948 में सरकार ने किया अधिग्रहण 

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद थॉमस कुक की हालत काफी बदतर हो गई थी। लेकिन इसको फिर से पटरी पर लाने के लिए 1948 में इस कंपनी को ब्रिटिश सरकार ने अपने हाथों ले लिया। हालात संवरने के बाद 1972 में फिर ये कंपनी सरकारी से प्राइवेट बन गई। और कंपनी मिडलैंड बैंक, होटलियर ट्रंस्ट हाउस फोर्ट और ऑटोमोबाइल असोसिएशन के हाथों आ गई।

Real Story of Thomas Cook – उस वक़्त ब्रिटेन में मजदूरों की हड़ताल से जहां बाकि कंपनियों की हालत पतली हो गई वहीं थॉमस कुक का ये सारी परेशानियां बाल भी बांका न कर पाईं। धीरे धीरे कंपनी का फिर ग्लोबलाइज़ेशन होना शुरू हुआ। ये कंपनी धीरे धीरे अलग अलग हाथों में ट्रांसफर होती रही। 1992 में  जर्मन कंसोर्टियम के पास तो वहीं 2001 में जर्मन कंपनी C&N टूरिस्टिक एजी को इसकी कमान मिली। जिसके बाद इसका नाम थॉमस कुक एजी में तब्दील हो गया।

2007 में माई ट्रैवल का विलय साबित हुआ आत्मघाती 

2007 में कंपनी ने  यूके बेस्ड पैकेज ट्रैवल कंपनी माइ ट्रैवल से हाथ मिलाया और वहीं से इसके पतन की शुरुआत हुई।  कंपनी पर साल दर साल इतना कर्ज का भार चढ़ता गया कि वो उससे चाह कर भी उबर पाने में नाकामयाब रही। इसके अलावा मार्केट में आई जेट2हॉलिडे से कंपनी को तगड़ा कंपटीशन मिला।

पिछले महीने चीन की एक इन्वेस्टमेंट कंपनी फोसन थॉमस कुक के लिए एक आशा की किरण लेकर आई और 1. 1 अरब डॉलर की रेस्क्यू  डील साइन की। लेकिन ये भी बेअसर रही। इसके अलावा कंपनी को तबाह करने की बची कसर इंटरनेट ने पूरी कर दी। जिसके जरिये लोगों को अन्य कंपनियों से सस्ती हवाई सेवा से लेकर सभी सुविधाएं मद्दे दामों में मिलने लगी। जिसके चलते कंपनी के कस्टमर्स का झुकाव दूसरी कंपनियों की ओर होने लगा।

बंद होने के बाद ऐसे हैं हालात 

Real Story of Thomas Cook  – आख़िरकार थॉमस कुक कंपनी ने खुद को मौत देना ज्यादा सटीक समझा। और अपना शटर डाउन कर लिया। इसके बाद ब्रिटेन में खलबली मच गई है। 22,000 लोगों पर बेरोजगारी का साया मंडरा रहा है। दुनियाभर में 6 लाख यात्री फंसे हुए हैं। जर्मनी में करीब 1,40,000 पर्यटक फंसे हुए हैं। इसके अलावा इन यात्रियों के वापिस लौटने का जरिया अचानक से छूमंतर हो गया है। इन सबको देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने ये साफ़ कर दिया है कि वो ब्रिटेन गए लोगों को तो वापिस ले आएगी लेकिन किसी दूसरे देश कूच करने वाले लोगों को अपना इंतज़ाम खुद करना पड़ेगा।

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Alzheimer Diseases: क्या आपको भी चिड़चिड़ापन और भूलने की है बीमारी?

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Alzheimer Disease remedies – आजकल ज्यादातर लोगों में गुस्सा, चिड़चिड़ापन और धीरे-धीरे रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीजें भूलने जैसे लक्ष्ण देखने को मिल रहे हैं, अगर आप में भी कुछ ऐसे ही लक्ष्ण है तो इसे हल्के में न ले क्योंकि ये सभी अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. अल्जाइमर और डिमेंशिया से बच ने के लिए आप हेल्दी लाइफ स्टाइल, माइंड मैनेजमेंट और नशे से दूरी जैसे एहतियात बरत सकते हैं.

आपको बता दें कि अल्जाइमर्स डिजीज, डिमेंशिया का ही एक प्रकार है. जैसे डिमेंशिया में मरीज को किसी भी चीज, व्यक्ति या घटना को याद रखने में दिक्कत महसूस होती है, उसी तरह अल्जाइमर्स में भी होता है. जिससे उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में भी मुश्किल महसूस होती है. तो आइए आपको बताते हैं इस मर्ज के अलग-अलग पहलुओं के बारे में…

क्या है अल्जाइमर

अल्जाइमर एक तरह की भूलने की बीमारी है. याददाश्त की कमी होना, बोलने में दिक्कत आना, निर्णय न ले पाना आदि इसके लक्ष्णों में शामिल हैं. इस बीमारी के होने की आशंका तब बढ़ जाती है जब आधुनिक जीवनशैली, रक्तचाप, मधुमेह और सिर में चोट लग जाती है. हालांकि 60 साल की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का अभी तक किसी तरह का कोई सही इलाज नहीं है.

कई बीमारियां भी एक बड़ा कारण

अल्जाइमर होने की कई वजह होती हैं. इसमें सबसे ज्यादा रिस्क उन लोगों को होता है जो पहले से ही डायबिटीज, थायराइड, हाइपरटेंशन और किसी भी तरह की क्रॉनिक डिजीज हो. इतना ही नहीं अव्यवस्थित जीवनशैली जैसे समय से खाना न खाना, शराब, सिगरेट, तनाव, परिवार में किसी की अल्जाइमर होने की हिस्ट्री. इसके अलावा कई पोषण जुड़े फैक्टर जैसे विटामिन B की कमी, अकेलापन, मानसिक तौर पर किसी बीमारी से ग्रसित होना.

अल्जाइमर के खतरे को कम करने में ये मददगार

जिन लोगों में अल्जाइमर के जैसे लक्ष्ण मौजूद है उन्हें गुणों से भरपूर्ण हल्दी का सेवन करना चाहिए. एक शोध ने ये दावा किया है कि भारत में आमतौर पर प्रयोग में लाने वाली हल्दी से बढ़ती उम्र में स्मृति को ठीक करने के साथ-साथ इसके खतरे को कम किया जा सकता है.

लक्षणों पर रखें नजर – Alzheimer Disease remedies

अगर किसी व्यक्ति को अल्जाइमर्स डिजीज का कोई भी एक लक्ष्ण खुद में नजर आता है तो उन्हें जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर (न्यूरोफिजीशियन या न्यूरो सर्जन) से जरूर सलाह लेनी चाहिए. जिसके बाद डॉक्टर सबसे पहले इसका निश्चित करेंगे कि क्या वास्तव में ये लक्षण डिमेंसिया के ही प्रकार अल्जाइमर्स का है या फिर इसका कोई और कारण है.

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क्या आप भी अपने कमजोर शरीर को ताकतवर और मजबूत बनाना चाहते हैं?, तो आज से शुरू करें इस...

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हर कोई अपने शरीर को मजबूत और ताकतवर बनाने के लिए तरह-तरह के उपायों को अपनाते भी है. जिससे उनका शरीर न केवल मजबूत और ताकतवर बने बल्कि सेहतमंद भी रहे. ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो ये कहे कि हमें कमजोर शरीर पसंद है, लेकिन शरीर को ताकतवर बनाना भी कोई आसान बात नहीं है. वहीं आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं वो आपके शरीर को तो ताकतवर बनाने के साथ-साथ सेहतमंद तो बनाएगा ही इसके अलावा कई बीमारियों से भी दूर करेगा, तो आइए आपको बताते हैं…

ये तो आप जानते ही होंगे की हमारे शरीर को ताकतवर बनाने के लिए दूध बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन आज हम आपको जिस एक चीज के बारे में बताने जा रहे हैं वो आपको दूध से भी ज्यादा लाभ पहुंचा सकता है. इसमें कई ऐसे गुन मौजूद है जो शरीर को ताकतरवर, मजबूत और बीमारियों से भी दूर रखता है. हम जिस एक चीज के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो है सिंघाड़ा. सिंघाड़ा एक ऐसा फल है जो कमजोर से कमजोर शरीर वाले व्यक्ति को भी ताकतवर बना सकता है, सिर्फ जरूरत है तो इसे सही तरीके से खाने की.

आपको बता दें कि सिंघाड़ा का सेवन करने से शुगर, हृदय रोग,अल्सर जैसी बीमारियों में राहत मिलती है. ऐसे लोग जिनका शरीर काफी कमजोर है और वो इससे बहुत परेशान है तो उन्हें अपनी कमजोरी को दूर करने के लिए सिघाड़े के आटे का हलवा बनाकर खाना चाहिए. इसके लिए आप चाहे तो बाजार से सिंघाड़ा का आटा खरीद सकते हैं या फिर आप खुद भी घर में कच्चे सिंघाड़े को सुखाकर पीसवाने के बाद आटा बना सकते हैं. इसके बाद इस आटे का हलवा बनाकर रोजाना सुबह सेवन करें, इस तरह से लगातार कुछ ही दिनों तक करने पर ही आपको अपने शरीर में फर्क नजर आने लगेगा और आपका शरीर ताकतवर और मजबूत बन जाएगा.

पानी में उगने वाला ये सिंघाड़ा हमारे सेहत के लिए पौष्टिकता से भरपूर्ण होता है. जिसका सेवन करने से कई बीमारियों में भी फायदा होता है. इसमें विटामिन E और C, प्रोटीन,  मैग्नीशियम,कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. इतना ही नहीं इसमें दूध से भी अधिक खनिज लवण होते हैं. ये ही वजह है कि इसे ताकतवर और पौष्टिक तत्वों का खजाना भी कहा जाता है.

क्या आप जीना चाहते हैं आप लंबी आयु तो शुरू कर दें ‘एंटी एजिंग फूड्स’, जानिए कौन-कौन स...

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What is Anti Aging Foods – इस बात का तो हम सभी को ज्ञान है कि जिस व्यक्ति ने इस धरती पर जन्म लिया है, उसे कभी न कभी तो जाना ही होगा यानि हर किसी की मृत्यु होना तय है. जिसके चलते हम अपनी मृत्यु को तो टाल नहीं सकते, लेकिन हम अपना और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखकर लंबी आयु तक जी सकते हैं. हम सभी लंबी आयु की कमाना करते हैं, लेकिन उम्र के साथ-साथ आने वाली बीमारियां उन कामनाओं पर पानी फेर देती हैं और हमारी सेहत अच्छी होने की बजाए बिगड़ती ही जाती हैं.

उम्र बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक परिवर्तन होना स्वाभाविक है. वहीं अगर हम अपने रोजाना आहार में कुछ ऐसी चीजों का सेवन करेंगे तो उनकी मदद से उम्र बढ़ने के लक्षण यानि एजिंग की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है. वहीं आज हम आपको उन्हीं आहरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, तो आइए बताते हैं…

नींबू-संतरा

एलर्जी से बचाव और स्किन में कसाव लाने के लिए विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करना चाहिए. जिनमें संतरा, मौसमी, नींबू आदि विटामिन सी के उत्तम स्रोत माने जाते हैं और ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इतना ही नहीं इनमें इनमें बायोफ्लेवोनॉइड और लाइमोनीन भी मौजूद होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होने की वजह से ये कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्वों से भी लड़ने में सहायक होता है.

ग्रीन टी – What is Anti Aging Foods 

ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने में मददगार साबित है. इसका सेवन करने से वजन घटता है, बालों का झड़ना रूकता है. इतना ही ग्रीन टी का सेवन करने से ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और ये कोलेस्ट्रॉल को भी संतुलित अवस्था में रखने में मददगार साबित है.

अनार

जिन लोगों के शरीर में खून की कमी होती है, तो ऐसे लोगों को अनाक का सेवन करना चाहिए. इससे हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है और व्यक्ति की त्वचा भी स्वस्थ रहती है. इसके अलावा अनार हमारे शरीर के आंतरिक अंगों को स्वास्थ्य बनाए रखता है.

ओट्स

ओट्स को अगर स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो इसमें फाइबर भरपूर्ण मात्रा में पाया जाता है. जिन लोगों को कब्ज की समस्या है उन्हें भी ओट्स का सेवन करना चाहिए. इससे उनका पाचन तंत्र ठीक रहता है. वहीं इसमें बीटाग्लूकेन्स होता है जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मददगार साबित होता है.

अनाज- What is Anti Aging Foods 

अंकुरित अनाज का सेवन करने से शरीर को कई तरह से लाभ होता है. जो लोग बढ़ती उम्र की प्रक्रिया की गति को कम करना चाहते हैं, उन्हें रोजाना अपने नाश्ते में तो जरूर अंकुरित अनाज का सेवन करना चाहिए, क्योंकि ये एक अच्छा विकल्प है. इसका सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और तरह तरह के रोगों से बचाव होता है.

ब्रोकोली

ब्रोकोली में आइसोथियोसायनेट और बीटा कैरोटीन नामक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को रोकने में मदद करता है. इतना ही नहीं ब्रोकोली एंटीएजिंग की प्रक्रिया में भी मददगार साबित है.

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थायराइड होने से पहले शरीर में होते हैं ये बदलाव, जानिए इससे जुड़ी खास जानकारियां…

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थायरॉइड के शुरुआती संकेत – आज के समय में थायरॉइड की समस्या एक ऐसी समस्या बनकर रह गई है, जिससे ज्यादातर हर व्यक्ति जूझ रहा है. आमतौर पर थायरॉइड की समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार इस बात का पता चला है कि करीब 32 प्रतिशत भारतीयों में थायरॉइड के लक्षण पाए जाते है. आज हम आपको ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो थायराइड होने से पहले शरीर में दिखाई देते हैं…

आपको बता दें कि थायराइड ग्रंथि गर्दन के बीचो-बीच में होती है, जिसकी मदद से थायरॉइड हार्मोन बनाया जाता है, जो हमारे मेटाब्लॉजिम को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है. तो आइए आपको थायरॉइड की कुछ संकेतों के बारे में बताते है…

ये हैं थायरॉइड के शुरुआती संकेत

  • ज्यादातर वक्त शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होना.
  • मांसपेशियों में बार-बार दर्द या फिर ऐठन होना.
  • वजन का बढ़ना और बार-बार कम होना.
  • भूख न लगना
  • बालों का झड़ना
  • त्वचा में सुखापन आना
  • चेहरे पर सूजन आना
  • याददाश्त में कमजोरी आना
  • रक्त में कोलेस्ट्रॉल स्तर का बढ़ना.

मुख्य तौर पर थायराइड 5 प्रकार के होते हैं-

  1. थायराइड कैंसर
  2. हाइपोथायराइडिज्म
  3. हाइपरथायराइडिज्म
  4. हाशिमोटो थायराइडिटिस
  5. आयोडीन की कमी के कारण होने वाले विकार जैसे गॉइटर

इन 5 थायराइड में से हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइडिज्म बहुत आम है. वहीं अगर हाइपोथायरायडिज्म कम हो जाए तो आपको ब्लूबेरी,शिमला मिर्च, टमाटर आदि का सेवन करना चाहिए. क्योंकि इनमें भरपूर्ण मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. जो आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है.

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हाइपोथायरायडिज्म होने पर न करें इन चीजों का सेवन

एक अध्ययनों के अनुसार हाइपोथायरायडिज्म होने पर आपको सोया वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. जिन-जिन महिला ने इस सप्लीमेंट का सेवन किया है ऐसी महिलाओं को ये समस्या ज्यादा परेशान करती है.

थायरॉइड के शुरुआती संकेत – आपको बता दें कि इस तरह की समस्या शरीर में आयरन की कमी की वजह से होती है. ऐसेमें आपको आयोडीन युक्त नमक या फिर खाद पदार्थों का सेवन करने से नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं है ये आपकी थायराइड ग्रंथि पर भी असर कर सकता है. ऐसेमें आपको फाइबर वाली चीजों का सेवन करने चाहिए.

नोट- हम आपको थायराइड से जुड़ी जो भी जानकारी दी है वो तमाम सोर्स से ली गई जानकारियां है. इसलिए अगर आपको ऊपर बताए गए संकेतों में से कोई एक संकेत भी लगे तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

क्या है मुहर्रम की पूरी कहानी और क्यों निकाला जाता है ताजिया जुलूस, जानिए…

तजिया क्यों निकलता है – मुहर्रम इस्लामी साल का पहला महीना है, जिसक 10वीं तारीख को मुहर्रम मनाया जाता है. जिसे यौम-ए-आशुरा कहा जाता है. वहीं अरबी में इस अशुरा शब्द का अर्थ दसवां दिन है. इस बार 10 सितंबर को मुहर्रम मनाया जा रहा है जो इस्लामिक नए साल का पहला पर्व है. इस दिन को शिया इस्लाम गम के तौर पर मनाते हैं. बता दें कि इस दिन मुसलमान इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत को याद करते हैं और मुहर्रम की 9 और 10 तारीख को रोजा भी रखते हैं. आज हम आपको मोहर्रम की कहानी बताने जा रहे हैं कि आखिर इसे क्यों मनाया जाता है, तो आइए जानते हैं.

क्यों मनाते हैं मुहर्रम में शोक

10 दिनों तक शिया मुस्लमान मुहर्रम को शोक के तौर पर मनाते हैं. शिया मुस्लमान के अनुसाप ये वो दिन है जब पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत हुई. इमाम हुसैन और उनके परिवार ने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी. आपको बता दें कि हजरत मुहम्मद के पोते हजरत इमाम हुसैन इस्लाम की रक्षा में इराक के प्रमुख शहर कर्बला में एक जंग में थे. ये जंग यजीद के साथ हुई जिसके पास एक विशाल सेना थी. यजीद ने वो हजरत इमाम हुसैन और उनके काफिले पर काफी जुल्म किया. यजीद ने वहां रह रहे लोग, बूढ़े, जवान, बच्चों के पानी पीने पर पाबंदी लगा दी.

ऐसी स्थिति में भी युद्ध जारी रहा, लेकिन हजरत इमाम हुसैन ने यजीद के सामने हार नहीं मानी. इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ 80,000 दुश्मन सैनिकों से लड़ाई की और फिर उनके सारे साथी मारे गए. कहा जाता है कि जब इमाम हुसैन अपने भाइयों और साथियों के शवों को दफन कर अस्र की नमाज पढ़ रहे थे, तभी एक दुश्मन सैनिक ने पीछे से उन पर वार कर दिया जिससे वो शहीद हो गए. यही वो दिन था जब हजरत इमाम हुसैन ने अपनी जान कुर्बान की थी और उनका पूरा काफिला भी कुर्बान हो गया था.

एक रोजे से कई गुनाह माफ

कहा जाता है कि जिसने मुहर्रम की 9 तारीख का रोजा रखा उसके पीछे के 2 साल के गुनाह को अल्लाह माफ कर देता है. इतना ही नहीं जितना 30 दिनों के रोजे रखने पर फल मिलता है उतना ही मुहर्रम के 1 रोजे का फल मिलता है.

तजिया क्यों निकलता है 

मोहर्रम महीने की 10वीं तारीख को ताजिया जुलूस निकाला जाता है. ये ताजिया लकड़ी और कपड़ों से गुंबदनुमा आकार में बना होता है, जो इमाम हुसैन की कब्र का नकल होता है. जिसे झांकी के जैसे सजाकर कर्बला में दफन कर दिया जाता है. बताया जाता है कि मुहर्रम के 10वें दिन ही कर्बला में नरसंहार हुआ जिसमें इमाम हुसैन शहीद हो गए. माना जाता है कि मुहर्रम के 10वें दिन ही अल्लाह ने इंसान को बनाया था.

शिया और सुन्नी के होती हैं अलग-अलग मान्यताएं

मोहर्रम में ताजिया निकालने को लेकर शिया और सुन्नी इन दोनों की अलग-अलग मान्यताएं होती हैं. शिया ताजिया निकालते हैं और दफनाते हैं, लेकिन सुन्नी मुस्लिम इसे सही नहीं मानते बल्कि वो इमाम हुसैन के गम में शरबत बांटने, खाना खिलाने और जरूरतमंद की मदद में विश्वास रखते हैं. ज्यादातर मुसलमान शोक में अपना कारोबार बंद रखते हैं और मस्जिदों में नफिल नमाजें अदा करते हैं.

यहां से शुरू हुई थी ताजिया दफन की परंपरा

आपको बता दें कि भारत से ही ताजिया दफन करने की परंपरा शुरू हुई थी. शिया संप्रदाय से आने वाले बादशाह तैमूर लंग ने ताजिया दफन करवाया था. साल 1398 में तैमूर लंग भारत पहुंचा. इससे पहले उसने फारस, अफगानिस्तान, मेसोपोटामिया और रूस के कुछ भागों को जीत लिया था और फिर दिल्ली को अपना ठिकाना बना लिया और अपने आपको को सम्राट घोषित कर दिया.

तैमूर लंग ने मुहर्रम के महीने में इमाम हुसैन की याद किया. उसने दरगाह जैसा एक ढांचा बनवाया और फिर उसे फूलों से सजवाया. इस ढांचे को उसने ताजिया का नाम दिया। इसके बाद ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भारत आए और अजमेर शहर में एक इमामबाड़ा बनवाकर वहां ताजिया रखने की एक जगह बनवाई।

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भारत की पहली आदिवासी महिला ने जीता था मिस इंडिया का खिताब, देखने में लगती हैं बेहद खू...

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Who is Priti Meena – आज के समय में रंग रूप के साथ-साथ टैलेंट को भी बखूबी से परखा जाता है. अगर कोई देखने में खूबसूरत होता है तो जरूरी नहीं की वो टैलेंटेड हो या फिर मिस इंडिया जैसे शो का खिताब जीत सके. इसके लिए उन्हें कई तरह से अपने आप को फिट रखना पड़ता है. जिसके बाद ही वो यहां तक पहुंच सकते हैं. वहीं आज हम आपको को एक ऐसी मॉडल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो देखने में इतनी ज्यादा खूबसूरत है कि आप सोच ही नहीं सकेंगे. इतना ही नहीं ये एक आदिवासी परिवार से भी हैं, जिन्हें मिसेज इंडिया का खिताब भी दिया जा चुका है.

जीता था मिसेज राजस्थान का खिताब

दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारत की सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक आदिवासी महिला प्रीति मीणा की, जो पूरे राजस्थान में बेहद खूबसूरत महिला हैं. आपको बता दें कि साल 2018 में प्रीति मीणा को मिसेज राजस्थान का खिताब हासिल हुआ था.

आत्मविश्वास बढ़ाने करती है कार्य

एक छोटे से परिवार में रहने वाली प्रीति मीणा एक इंस्पेक्टर की पत्नी है. ये अपने घर को संंभालने के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी प्रेरित करती हैं. साथ ही अपने बच्चों के साथ एक खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर रही हैं.

महिलाओं के लिए बनी मिसाल – Who is Priti Meena

आपको बता दें कि मॉडलिंग और कक्षा 12वीं से पीजी तक प्रीति पढ़ाई में भी टॉपर रही हैं. हालांकि अब प्रीति समाज में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, महिला अत्याचार, महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत अभियान जैसे कार्यक्रमों में समाज में सकारात्मकता का संदेश देती हैं.

महिलाओं के लिए है ये प्रेरणास्पद

साल 2018 में मिसेज इंडिया यूनिवर्स की फाइनलिस्ट प्रीति मीना का खासतौर पर महिलाओं के लिए संदेश रहा कि “जो भी सपना देखो, उसे पूरा करने का जज्बा भी रखो.” आपको बता दें कि प्रीति तीन साल के पुत्र और पुत्री जुड़वां बच्चों की मां हैं. इन्होंने एक गृहिणी के तौर पर घर और परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए ये मुकाम हासिल किया है. इनकी ये कामयाबी कहीं न कही लोगों के लिए मिसाल है और निश्चित तौर पर महिलाओं के लिए तो ये प्रेरणास्पद है.

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टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री की बढ़ी सैलरी, अब साल के मिलेंगे इतने करोड़…

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विश्व कप में मिली हार के बाद टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज दौरे पर शानदार प्रदर्शन किया. जिसका इनाम अब टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री को मिला है. बताया जा रहा है कि रवि शास्त्री की सैलरी में बड़ा इजाफा होने वाला है. रवि शास्त्री को हाल ही में भारतीय टीम का कोच बने रहने का फैसला लिया गया था. वो साल 2021 तक के लिए टीम इंडिया के हेड कोच बने रहेंगे.

बताया जा रहा है कि रवि शास्त्री को दोबारा कोच बनाने के कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक उनकी सैलरी बढ़ाई गई है. मिली हुई जानकारी के अनुसार 57 साल के रवि शास्त्री की सैलरी में 20 प्रतिशत का इजाफा किया गया है, जिसके बाद उन्हें अब सालाना 10 करोड़ रुपये मिलेंगे.अब इसके बाद रवि शास्त्री की सैलरी भारतीय टीम के शानदार खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह से भी ज्यादा हो जाएगी. बीसीसीआई की ओर से इन्हें साल के 7 करोड़ रुपये दिए जाते है.

बीसीसीआई के सूत्रों के मुताबिक अब हेड कोच की सालाना सैलरी में 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी. जिसके बाद अब उनकी सैलरी 9.5 से 10 करोड़ के बीच में होगी. पहले रवि शास्त्री को एक साल में 8 करोड़ रुपये मिलते थे.

रवि शास्त्री के अलावा सपोर्ट स्टाफ की सैलरी में भी इजाफा होगा. टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण को अब करीब 3.5 करोड़ रुपये सालाना दिए जाएंगे. फील्डिंग कोच आर श्रीधर को भी इतनी ही सैलरी मिलेगी. इसके अलावा टीम इंडिया के नए बल्लेबाजी कोच के पद पर अब विक्रम राठौड़ को चुना गया है, जिनकी सैलरी 2.5 से 3 करोड़ रुपये के बीच होगी.

बता दें कि इस बार विश्व कप में टीम इंडिया सेमीफाइनल में बाहर हो गई थी, जिसके बाद से ये अटकलें लगाई जा रही थी कि रवि शास्त्री को टीम के मुख्य कोच से हटाया जा सकता है. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, कपिल देव के नेतृत्व वाली क्रिकेट सलाहकार समिति  ने रवि शास्त्री को दोबारा टीम इंडिया का कोच चुना. 2021 टी-20 विश्व कप तक वो ही टीम इंडिया के कोच रहेंगे.

हाल ही में टीम इंडिया ने रवि शास्त्री के नेतृत्व में बेहद ही शानदार प्रदर्शन किया. वेस्टइंडीज के खिलाफ तीनों सीरीज में टीम इंडिया ने अपना कब्जा जमा लिया. रवि शास्त्री फिलहाल टीम के युवाओं को अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए तैयार करने में जुटे हुए है.

माइग्रेन के दर्द में पेन किलर्स को कहें टाटा, ये आसान उपाय दर्द कर देंगे रफूचक्कर

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Remedies to control Migraine – माइग्रेन का दर्द इतना भयंकर होता है मानों पूरा का पूरा दिमाग फट गया हो। ये दर्द शरीर की अंदरूनी नसें तक हिला कर रख देता है। इससे पीड़ित मरीज चाहें लाख पेनकिलर्स ले लें, लेकिन ये भयंकर दर्द पूरी तरह मिटाने में नाकामयाब रहते हैं। इस बीमारी का अभी तक वैज्ञानिक हल खोजने में जुटे हैं, लेकिन इसका कोई तोड़ अभी  तक उनके हाथ नहीं लग पाया है। ये दर्द कभी भी कहीं भी शुरू हो सकता है। पेशेंट के लिए ये दर्द चलती फिरती मौत की लटकती तलवार की तरह है जो बिन बुलाये मेहमान की तरह कभी भी दस्तक दे सकता है। पर हाल ही में दवाओं के अलावा कुछ ऐसे तरीकों का पता चला है, जो माइग्रेन पेशेंट्स के इस भयावह दर्द पर लगाम लगा सकते हैं। आइये जानें कौन से है वो रामबाण तरीके।

तेल – Remedies to control Migraine

आयुर्वेद में कुछ औषधीय तेल इस दर्द का निवारण करने में कारगर पाए गए हैं। इनमें से पिपरमेंट ऑइल भी एक है।  इसे आप माईग्रेन के इलाज में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे मांस पेशियों को राहत मिलेगी। साथ ही सिर दर्द भी रफूचक्कर हो जाएगा।

एक्यूपंक्चर

एक्यूपंक्चर वैकल्पिक चिकित्सा का एक रूप है और पारंपरिक चीनी चिकित्सा का एक प्रमुख घटक है जिसमें शरीर में पतली सुई डाली जाती है। इसका उपयोग अक्सर दर्द से राहत के लिए किया जाता है। माइग्रेन का दर्द दूर करने के लिए आप इसकी भी सहायता ले सकते हैं।

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मसाज

दिमाग में भरी टेंशन से राहत पाने के लिए मसाज संबसे बढ़िया ऑप्शन है। इससे आपका स्ट्रेस दूर होगा। साथ ही दर्द से राहत मिलेगी। मांसपेशियों के खिंचाव में आराम मिलेगी और ब्लड सर्कुलेशन में तेज़ी आएगी। आपको पता भी न चलेगा कि पल भर में ये दर्द कहां गायब हो गया है।

मेडसिनल प्लांट्स – Remedies to control Migraine

औषधीय पौधों, जिसे औषधीय जड़ी-बूटियां भी कहा जाता है,इसका प्राचीन काल से लोग उपयोग करते आये हैं।  मेडिसिनल प्लांट्स भी कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम होते हैं। माइग्रेन के लिए भी ऐसा कई प्लांट्स हैं जिनका उपयोग आप इस दर्द से पीछा छुड़ाने के लिए कर सकते हैं। अपने डॉक्टर की सलाह से आप इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

नोट- हमने ऊपर आपको जो भी उपाय बताए हैं वो अलग-अलग के सूत्रों से लिए गए हैं, इन्हें अपनाने के लिए नेड्रिक न्यूज सलाह नहीं देता है. इसलिए डॉक्टर्स के कहने पर ही उपयों को अपनाएं.