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इस जगह को क्यों कहा जाता है “विधवाओं की घाटी”? जानकर वजह आप भी रह जाएंगे दंग!

दुनिया में ऐसे बहुत से शहर है जो अपनी किसी न किसी खासियत के कारण प्रसिद्ध है। लेकिन क्या आप ये सोचते है कि कोई ऐसा भी शहर हो सकता है जो अपनी बुरी यादों के लिए मशहूर होगा। जी हां, एक ऐसा शहर, जहां केवल विधवाए रहती है। जहां एक ही दिन में पूरा कब्रिस्तान भर गया था। जहां महीनों बीत जाने के बाद भी मातम पसरा हुआ है। जहां आज भी किसी तरह के जश्न से पहले लोग अपनों को याद करके आंसू बहाते है।

जी हां एक ऐसा ही शहर है अफगानिस्तान में। अफगानिस्तान के नंगरहार नाम की जगह पर एक साल पहले शुक्रवार को नमाज के वक्त एक मस्जिद के अंदर धमाका हुआ। धमाके में नमाज पढ़ रहे 64 लोगों की मौत हो गई थी। चारो तरफ केवल लाशे ही लाशे थी, बच्चों और महिलाओं की चीख पुकार थी। इस आतंकी हमले में 34 महिलाओं ने अपने पतियों को खो दिया था। देखते ही देखते पूरा कब्रिस्तान कब्र से भर गया था। घाटी में एक साथ 34 महिलाओं के विधवा हो जाने के कारण इस घाटी को विधवाओं की घाटी कहा जाने लगा।

इस धमाके को एक साल हो गया है, लेकिन इस हमले में मारे गए लोगों का गम उनके परिवार वाले भुला नहीं पा रहे है। यहां आज भी आतंकी हमले का खौफ इतना ज्यादा है कि अब नमाज पढ़ने के लिए लोग अकेले नहीं जाते है। मस्जिद में सुरक्षाबलों की निगरानी में लोग नमाज पढ़ते है। यहां तक कि किसी शादी समारोह में भी सुरक्षा दी जाती है। ताकि एक साल पहले की घटना फिर से न दोहराई जाए।

एक साल हो जाने के बाद भी आज तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। कोई नही जानता है कि मस्जिद में नमाज पढ़ रहे लोगो को निशाना क्यों बनाया गया, और किसने ऐसी नापाक हरकत की। हमले में मारे गए लोगों के परिवार वाले किसी भी तरह का जश्न मनाने से डरते है। वो अपनो को याद करके आंसू बहाते है। ये एक साल किसी बुरे सपने से कम नहीं है। महिलाओं में आज भी अपने पतियों को खो देने का दर्द साफ नजर आता है। एक साथ इतनी महिलाओं के विधवा होने से पड़े इस घाटी के नाम को सुनकर भी लोगो की रूंह कांप जाती है। ये घाटी आज भी पूरी तरह से विरान है। और ये कोई नहीं जानता कि इनकी विरान जिंदगी कब तक ऐसे ही चलती रहेगी।

कही आप तो यूज नहीं कर रहे ये Unsafe पासवर्ड? इनको तुरंत बदलने की बेहद जरूरत

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कॉम्प्लिकेटेड ये वर्ड ज्यादातर मायनों में परेशान करने वाला है लेकिन लेकिन लेकिन जब बात पासवर्ड की आती है तो यही कॉम्प्लिकेटेड वर्ड सबसे ज्यादा काम आता है। जी हां आज हम पासवर्ड से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में जानेंगे जो आपको हैरान कर देंगी और तो और इससे जुड़ी सामने आई हालिया रिपोर्ट को जानने के बाद तो आप चौंक जाएंगे।

पासवर्ड का कॉम्प्लिकेटेड होना बेहद जरूरी है क्योंकि दुनिया डिजिटलाइजेशन की तरफ तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सोशल नेटवर्किंग साइट्स यूज करना हो या फिर क्वीक पेमेंट की बात हो पासवर्ड इसमें सबसे अहम कड़ी है। अगर पासवर्ड कॉम्प्लिकेटेड नहीं हुआ तो डेटा और पैसा दोनों ही अनसेफ रह सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि किसी मजबूत पासवर्ड मजबूत रखा जाए।

हाल ही में पासवर्ड मैनेजर कंपनी NordPass ने मौजूदा साल 2020 में लोगों के यूज किए सबसे बेकार पासवर्ड की एक लिस्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि 123456 का इस्तेमाल लोगों ने पासवर्ड तौर पर बहुत किया और यह पासवर्ड सबसे ज्यादा Unsafe है। 123456789 का नंबर इसके बाद आता है। NordPass के मुताबिक इन पासवर्ड्स का अंदाजा कोई भी आसानी से लगा सकता है। इतना ही नहीं आसानी से डेटा चुरा सकता है।

नंबर वाले पासवर्ड्स के अलावा भी कई लोग और भी बहुत सारे आसान से पासवर्ड लगाते हैं। कंपनी का कहना है कि लोग 111111, 123123, 12345, picture1, password, 12345678, 1234567, qwerty, abc123, 1234567890, senha, Million2, 000000, 1234, aaron431, iloveyou, password1 और qqww1122 जैसे नंबर वाले आसान से पासवर्ड खूब इस्तेमाल में लाते हैं।

अलग-अलग कैटगरी की बात की जाए तो aaron431 पासवर्ड का यूज किसी इंसान के नाम पर बहुत सारे लोगों ने किया तो वहीं खाने के नाम पर chocolate को खूब पासवर्ड बनाया गया। Iloveyou और pokemon को भी बाकी कई लोगों ने पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल किया। अगर आपने भी ऐसे भी पासवर्ड अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए सेट किए हैं तो उन्हें जल्द बदलें शायद आपका डेटा और पैसा दोनों ही पहले से ज्यादा सेफ हो जाए।

Mumbai Attack: 12 साल पहले का वो खतरनाक मंजर, 60 घंटों तक चला था खूनी खेल!

“26/11” ये एक ऐसा दिन है जिसे कोई चाहकर भी भूला नहीं सकता, इस दिन जो हुआ उसने मुंबई की तस्वीर को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था. कई बेकसूर मौत के घाट उतरे थे, कई चीखे सुनाई दे रही थी, कई बच्चे अनाथ हुए थे, कई मां-बाप ने अपना बच्चा खोया था. वहीं, लोगों के आंखों से आसू बह रहे थे और सड़को पर खून का लहू. आज इस दर्दनाक पल को बीते 12 साल हो चुके हैं.

आपको बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में शाम कुछ सामान्य थी, लेकिन जैसे-जैसे रात का अंधेरा छाया वैसे-वैसे यहां चीख-पुकार मचने लगा. आज के दिन मुंबई के ताज होटल के अलावा 6 जगहों पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस दौरान आतंकियों के सामने जो भी आया उसे ही आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था.

वहीं, मुंबई में हुए आतंकी हमले को आज यानि 26 नवंबर को 12 साल हो चुके हैं, लेकिन इस घटना को आज भी याद कर दिल दहल जाता है. ये खतरनाक मंजर आज भी आंखों के सामने आकर दिल में दबे उस दर्द का ताजा कर देता है. जिसमें एक या दो नहीं बल्कि 170 से अधिक लोग मौत की नींद सो गए थे.

जहां इस आतंकी हमले में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में सबसे ज्यादा लोग मारे गए थे, तो वहीं आतंकियों ने ताजमहल होटल में 31 लोगों को अपना शिकार बनाया था. जबकि कुल मिलाकर करीब 170 लोगों की जानें गईं थीं. इस दौरान सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच 60 घंटों तक मुठभेड़ का सिलसिला चला था और फिर देश के वीर जवानों ने इसे काबू में पाया था.

जान की परवाह किए बिना किया आतंकियों से मुकाबला

इन देश के वीर जवानों में एक वीर थे तत्कालीन ATS चीफ हेमंत करकरे, इन्होंने बिना अपनी जान की परवाह करें कई लोगों की जान बचाई और आतंकियों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए. बता दें कि उस वक्त हेमंत करकरे खाना खा रहे थे जब आतंकी हमले की जानकरी को लेकर फोन आया था और फिर वो उसी वक्त अपने घर से निकल गए थे.

हेमंत सहित कई अन्य पुलिसकर्मी शहीद

हेमंत करकरे आतंकियों की तलाश में जब निकले तो वो सेंट जेवियर्स कॉलेज के पास पहुंचे, यहां कि एक पतली गली में आतंकियों ने AK-47 से हेमंत की गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी. जिसके चलते हेमंत करकरे के साथ-साथ कई अन्य पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए थे. बता दें कि हेमंत करकरे को अपनी वीरता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.

Whatsapp में आया नया फीचर, अब आपको फालतू मैसेज से हमेशा के लिए मिलेगा छुटकारा, जानें ...

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सबसे पॉपुलर मैसेजिंग ऐप Whatsapp अपने यूजर्स की सुविधा के लिए फीचर्स अपडेट करता रहता है। Whatsapp में कई ऐसे चीजें है, जिसमें बदलाव की मांग समय-समय पर लोग करते रहते है। लंबे वक्त से यूजर्स की मांग थी कि Whatsapp में किसी भी चैट को हमेशा के लिए म्यूट करने का ऑप्शन होना चाहिए। अब ऐप पर ये ऑप्शन मिल चुका है।

हमेशा के लिए म्यूट कर सकते हैं चैट

जी हां, Whatsapp में नया अपडेट आया है और इसमें नया फीचर भी जुड़ गया है। एंड्रॉयड और iOS दोनों यूजर्स को ग्रुप और चैट को अब हमेशा के लिए म्यूट करने का ऑप्शन मिलेगा। लोगों के Whatsapp में कई ऐसी चैट्स और ग्रुप्स होते है, जिसका वो हिस्सा मजबूरी में बनते है और उसे हमेशा म्यूट करना चाहते है। इसमें फैमिली ग्रुप्स से लेकर कुछ ऑफिशयल ग्रुप्स तक हो सकते है, जिनके मैसेज काम के नहीं होते लेकिन उसके नोटिफिकेशन परेशान कर देते है।

जुड़ गया Always का ऑप्शन

अब वो ग्रुप्स या चैट जो आपके काम के नहीं है, उसे आप हमेशा के लिए म्यूट कर सकते है। Whatsapp ने अपने इस नए फीचर की जानकारी ट्विटर पर दी है। अब आप किसी भी Whatsapp ग्रुप या फिर चेट पर जाएंगे, तो वहां आपको Mute Notification का ऑप्शन मिलेगा। इस पर क्लिक करेंगे तो आपको तीन ऑप्शन 8 Hours, 1 Week और Always का ऑप्शन मिलेगा। Always पर क्लिक करके आप उसे हमेशा के लिए म्यूट कर सकते है।

पहले Whatsapp पर Always की जगह 1 Year का ऑप्शन मिलता था यानी किसी ग्रुप या चैट को ज्यादा से ज्यादा एक साल के लिए म्यूट किया जा सकता है। लेकिन अब Whatsapp ने अपने इस फीचर में बदलाव कर दिए है। अब आप एक बार सेटिंग्स बदल देंगे तो आपको उस चैट या ग्रुप के नोटिफिकेशन कभी परेशान नहीं करेंगे।

ऐप को कर लें अपडेट

बता दें कि लंबे समय से Whatsapp इस फीचर का टेस्ट बीटा वर्जन में कर रहा था। अब उसने एंड्रायड और iOS दोनों के लिए फीचर को रोलऑउट कर दिया। अगर आपको ऐप पर ये ऑप्शन नहीं मिला रहा, तो गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर जाएं और ऐप को अपडेट कर ले।

वहीं इससे पहले Whatsapp यूजर्स के लिए एडवांस सर्च का ऑप्शन लेकर आया था। जिसकी मदद से यूजर्स वीडियो, फोटो, फाइल्स और URLs को फिल्टर कर सर्च कर सकते थे।

कभी शादी कर मिसाल बन गए थे टीना और आमिर, अब 2 साल में ही तलाक…कुछ ऐसी थी दोनों की लव ...

शुक्रवार को ही ये खबर सामने आई की IAS टीना डाबी और अतहर आमिर खान ने शादी के 2 साल बाद एक दूसरे से अलग होने का फैसला ले लिया। दोनों ने कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी लगा दी है। कुछ साल पहले इन दोनों की लव स्टोरी हर किसी की जुबां पर थी। दो टॉपर पहली ही नजर में एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए और फिर उन्होनें जमाने की भी परवाह नहीं की। क्योंकि टीना हिंदू हैं और आमिर मुस्लिम, तो इनकी शादी को कई लोग लव जिहाद से जोड़ने लगे। कई संगठनों ने इसका विरोध भी किया, बावजूद इसके उन्होनें शादी कर मिसाल कायम कर दी थी। अब शादी के दो सालों बाद दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया। आइए एक बार इन दोनों की लव स्टोरी पर नजर डालते हैं…

पहली नजर में हो गया था प्यार

टीना डाबी दिल्ली की रहने वाली थी और आमिर जम्मू-कश्मीर के। साल 2015 के UPSC एग्जाम में टीना ने टॉप किया था और आमिर दूसरे नंबर पर आए थे। पहली बार इन दोनों की मुलाकात नई दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक स्थित डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग के ऑफिस में हुई थी। पहली ही नजर में ये दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ गए थे। यहां से पहले टीना और आमिर के बीच दोस्ती हुई और धीरे-धीरे वो प्यार में बदल गई।

शादी का हुआ था काफी विरोध

लाल बहादुर शास्त्री IAS एकेडमी मसूरी में दोनों का प्यार परवान चढ़ गया। दो साल की ट्रेनिंग में दोनों अक्सर साथ दिखते थे। वो साथ में ही घूमते थे। ट्रेनिंग के समय ये दोनों साथ में यूरोप घूमने चले गए। इस दौरान टीना ने अपने एक इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके अपने नजदीकियों का खुलासा कर दिया। जिसके बाद इनकी लव स्टोरी मीडिया में सुर्खियां पाने लगीं। दोनों अपने प्यार को लेकर शुरू से ही खुले विचारों के रहे और अक्सर एक-दूसरे की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते थे।

2 साल में ही ले रहे तलाक

हालांकि टीना और आमिर के इस रिश्ते का कई लोगों ने विरोध भी किया। कुछ हिंदू संगठनों ने लव जिहाद से मामले को जोड़ते हुए इस पर एतराज किया। लेकिन टीना और आमिर ने किसी भी परवाह नहीं की और शादी करने का ऐलान कर दिया। साल 2018 में जयपुर में दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। इस दौरान दोनों की ये शादी खूब सुर्खियों में आ गई। उस दौरान कई लोग ये कहते हुए नजर आए कि ये दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं। दोनों को राजस्थान कैडर मिला और आसपास के जिलों में ही इनकी पोस्टिंग हुई।

कोर्ट मैरिज करने के बाद टीना और आमिर ने खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन पहलगाम में शादी भी की। उनकी इस शादी में केवल परिवार के लोग और कुछ खास दोस्त ही शामिल हुए थे। अब दो ही सालों में दोनों का रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया।

आयरन लेडी के नाम से मशहूर पहली महिला प्रधानमंत्री के इन 3 फैसलों ने बदल दी भारत की तस...

आयरन लेडी के नाम से मशहूर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भारतीय राजनीति में इनकी एक अलग ही पहचान थी. इतना ही नहीं इनके द्वारा लिए गए फैसलों ने इन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार कर दिया. जिसके चलते आज भी इंदिरा गांधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए दुनियाभर में जानी जाती हैं.

एक प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए जिस तरह से उन्होंने देश के लिए जो कुछ भी किया उसे चाहकर भी भुलाया नहीं जा सकता है. अपने कार्यकाल के समय इंदिरा ने बहुत से महत्वपूर्ण और साहसिक फैसले लिए. जिसके कारण देश को आर्थिक मोर्चे पर मजबूत बनाया, तो आइये आपको इंदिरा गांधी की द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने भारत की तस्वीर को ही पूरी तरह से बदल दिया.

बैंकों का राष्ट्रीयकरण

आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल के समय बैंकों के राष्ट्रीयकरण का खास फैसला लेते हुए 19 जुलाई, 1969 को 14 प्राइवेट बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था. इन पर ज्यादातर बड़े औद्योगिक घरानों का कब्जा था. इंदिरा का ऐसा कहना था कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण होगा तो बहुत अच्छा रहेगा, इसलिए क्योंकि उसी के वजह से देशभर में बैंक क्रेडिट दिया जा सकेगा. उस दौरान वित्त मंत्री का पद संभाल रहे मोरारजी देसाई ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था. जिसके बाद 19 जुलाई 1969 को एक अध्यादेश लाते हुए 14 प्राइवेट बैंकों का स्वामित्व राज्य के हवाले किया गया.

इन बैंकों के पास उस दौरान देश की 70 फीसदी जमापूंजी थी, जिसके चलते जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया उसके बाद बैंकों की 40 फीसदी पूंजी को प्राइमरी सेक्टर में निवेश के लिए सुरक्षित रखा गया और फिर देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में कई बैंकों की शाखाएं खुली गईं. जिसके चलते जहां साल 1969 में 8261 शाखाएं थीं, तो वहीं साल 2000 में 65521 शाखाएं हो गईं. बता दें कि साल 1980 में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया.

राजा-महाराजओं का राजभत्ता किया बंद

भारत में आजादी के पहले करीब 500 से अधिक छोटी बड़ी रियासतें थीं. सभी राजा-महाराजा को अपनी रियासत का देश में एकीकरण करने के एवज में भारतीय सरकार द्वारा हर वर्ष प्रिवी पर्स (राजभत्ता) बांधी गई थी. देसी रियासतों के एकीकरण के दौरान ये समझौता सरदार पटेल द्वारा किया गया था. इंदिरा ने राजभत्ता को सम्पात करने का निर्णय लिया था. उन्होंने इसे बंद करवाने के लिए साल 1971 में संविधान में संशोधन किया था. जिसके बाद राजा-महाराजों के सभी सहूलियत और अधिकारों को वापस लिया गया था.

बांग्लादेश का उदय

भारत का बंटवारा होने के बाद बंगाल से कटकर पूर्वी पाकिस्तान बना. यहां के नागरिकों के पास नागरिक अधिकार नहीं थे. इस दौरान पूर्वी पाकिस्तान के लोग पाकिस्तान की सेना के शासन में घुट-घुटकर जी रहे थे. पूर्वी पाकिस्तान की स्वायत्ता के लिए शेख मुजीबुर रहमान शुरूआत से संघर्ष कर रहे थे. यहां गृहयुद्ध शुरू हो गया और फिर फलस्वरुप भारत के असम में लगभग दस लाख बांगला शरणार्थी पहुंच गए, जिनके जाने से भारत में आंतरिक और आर्थिक संकट पैदा होने लगा. इतना ही बांग्लादेशियों के अनुरोध पर भारत को इस समस्या में हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके नतीजतन साल 1971 का युद्ध शुरू हो गया, इस दौरान लगभग 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया. जिसके चलते लंबे अवधि तक राजनीतिक अस्थिरता के बाद एक नए राष्ट्र यानि बांग्लादेश का उदय हुआ.

अब तक नहीं सुलझा गोविंदा-कृष्णा के बीच का विवाद? जानिए आखिर क्यों और कब मामा-भाजे के ...

कभी काफी अच्छी बॉन्डिंग शेयर करने वाले मामा और भांजे, गोविंदा और कृष्णा अभिषेक के रिश्तों में पिछले कई सालों से दरार आई हुई है। इनमें से एक बॉलीवुड के बड़े एक्टर हैं, जो एक्टिंग के साथ-साथ शानदार डासिंग से लोगों का दिल जीतते है, तो दूसरे जबरदस्त कॉमेडी करने के लिए जाने जाते है।

गोविंदा वाले एपिसोड में नहीं आए कृष्णा

वैसे तो कृष्णा अभिषेक अक्सर ही ‘द कपिल शर्मा शो’ में अपने मामा का नाम लेते हुए और उनके डांस स्टाइल को कॉपी करते हुए नजर आते है, लेकिन दोनों के रिश्ते फिलहाल ठीक नहीं हुए है। एक बार फिर से इन दोनों का रिश्ता सुर्खियों में आया। ये तब हुआ जब कपिल शर्मा शो के दिवाली स्पेशल एपिसोड में गोविंदा आए और इस दौरान कृष्णा अभिषेक एपिसोड में नहीं दिखे।

इसके बाद से ही इन खबरों को फिर हवा मिल गई कि अब तक गोविंदा और कृष्णा के बीच का विवाद सुलझ नहीं पाया है। इस दौरान गोविंदा ने बातों ही बातों में कृष्णा पर तंज भी कसा। दरअसल, जब चंदन प्रभाकर (चंदू) मजाक करते हुए कहते हैं कि वो कपिल को धक्के मारकर अमृतसर से मुंबई लाए और अब कपिल का खुद का शो है। इसके बाद गोविंदा ने इसको लेकर कृष्णा पर बिना नाम लिए तंज कसते हुए कहा- ‘कपिल तुझे काम दे ना दे, तेरे भांजे को जरूर देगा।’

भले ही इस दौरान गोविंदा ने किसी का नाम ना लिया हो, लेकिन ये साफ है कि उन्होनें कृष्णा अभिषेक को ही ताना मारा था। आइए हम आपको बताते हैं कि इन दोनों के बीच विवाद आखिर कब, क्यों शुरू हुआ?

जानें दोनों के बीच का पूरा विवाद…

ये पूरा विवाद सोशल मीडिया की एक पोस्ट को लेकर हुआ था। दरअसल, हुआ कुछ यूं कि साल 2018 में कृष्णा की पत्नी कश्मीर शाह ने एक ट्वीट किया, जिसको लेकर गोविंदा की पत्नी सुनीता भड़क गई। कश्मीर ने लिखा था कि ‘लोग जो पैसों के लिए डांस करते हैं।’ गोविंदा की पत्नी सुनीता को ये बात बुरी लगी।

हालांकि बाद में कश्मीरा शाह ने सफाई भी दी और कहा कि उन्होनें ये पोस्ट कृष्णा अभिषेक की बहन आरती सिंह के लिए लिखा था, लेकिन गोविंदा और उनकी वाइफ सुनीता नहीं मानी और कहा कि कश्मीरा ने ये उनके लिए ही लिखा था। कृष्णा ने कई बार उनको समझाने की भी कोशिश की।

इसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ लिया, तो कृष्णा ने वो पोस्ट कश्मीरा से डिलीट कराई। साथ ही उन्होनें ये भी मान लिया कि गलती कश्मीरा की थी। इसके बाद से दोनों परिवारों के बीच विवाद बढ़ने लगा। सुनीता ने ये भी दावा कि कृष्णा को जो कुछ भी फेम मिल, वो सिर्फ गोविंदा का भांजा होने की वजह से ही मिला।

इसके बाद सुनीता ने कृष्णा के परिवार के साथ रिश्ते खत्म कर दिए। साथ ही कश्मीरा ने भी कहा था कि जब अस्पताल में उनका एक बच्चा जिंदगी और मौत से लड़ रहा था, तो उस दौरान गोविंदा, सुनीता बच्चे को देखने भी नहीं आए। कश्मीरा ने ये भी दावा किया था कि दोनों के फोर्स किया था कि वो अपनी गलती मानकर मांफी मांगे।

पहले भी एपिसोड का हिस्सा नहीं बने थे कृष्णा

इसके बाद कृष्णा ने कई बार अपने मामा-मामी से रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी। इन सबके बाद कृष्णा ने अपने बच्चों के बर्थडे पर उनको इंवाइट किया, लेकिन वो पार्टी में नहीं आए थे। इस दौरान कृष्णा काफी दुखी हो गए थे। वहीं जब बीते साल गोविंदा, अपनी पत्नी और परिवार के साथ कपिल के शो में आए थे, तब सुनीता नहीं चाहतीं थी कि कृष्णा सेट पर मौजूद रहे। इस वजह से वो उस दौरान भी एपिसोड का हिस्सा नहीं थे। इस बाद भी जब गोविंदा शो में आए, तो कृष्णा एपिसोड में नजर नहीं आए। जिससे पता चलता है कि रिश्तों में दरार अब तक दूर नहीं हुई है। देखना होगा कि आखिर दोनों परिवार के बीच का ये विवाद आखिर कब तक सुलझ पाता है…?

दिवाली पर इन पांच चीजों का देता हैं शुभ संकेत, पूरे साल बनी रहती हैं लक्ष्मी मां की क...

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दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन लोग गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इसके अलावा शाम को दीयों के पूरे घर को रोशन किया जाता है। दिवाली के दिन साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखा जाता है। दिवाली पांच दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज पर ये त्योहार समाप्त होता है।

दिवाली के दिन कुछ खास चीजें होती हैं, जिनका दिखना काफी शुभ मााना जाता है। ऐसी मान्यताएं है कि इन चीजों को दिखने से घर में सुख शांति बनी रहती हैं और धन की कमी भी नहीं होती। कहा जाता है कि दिवाली के दिन कुछ खास चीजों के दिखना मां लक्ष्मी के घर में आगमन का सूचक होता है। आइए आपको बतातें हैं कि वो कौन-सी चीजें हैं, जिनका दिवाली के दिन दिखना बहुत शुभ माना जाता है…

काली बिल्ली

आमतौर पर जब लोगों के घर बिल्ली आती हैं, तो वो उसे भगा देते हैं। लेकिन दिवाली पर बिल्ली का दिखना बहुत शुभ माना जाता है। खासकर काली बिल्ली का। वैसे तो काली बिल्ली के रास्ता काटने को आम दिनों में अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन दिवाली के दिन इसका दिखना लाभदायक माना जाता है। इसे लक्ष्मी मां के आगमन का सूचक माना जाता है। दिवाली के दिन काली बिल्ली जिस घर में जाती है, पूरे साल उस घर में धन की कमी नहीं होती। लेकिन अगर इस दिन कोई काली बिल्ली को मारकर भगाता है, तो उसको लक्ष्मी मां का क्रोध झेलना पड़ता है।

गाय

हिंदू धर्म में गाय को काफी महत्व दिया जाता है। लोग गाय को मां समान मानते हैं और पूजा भी करते हैं। दिवाली के दिन केसरी रंग की गाय दिखना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दिवालीपर केसरिया गाय के दर्शन होने पर सभी देवी-देवताओं का आशीवाद आपके साथ होता है। मुश्किलों से छुटकारा मिलता है और साथ ही घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

उल्लू

उल्लू लक्ष्मी मां का वाहन है। दिवाली के मौके पर उल्लू का दिखना भी काफी शुभ होता हैं। दिवाली की रात उल्लू के दिखने से ये संकेत मिलता है कि लक्ष्मी मां का आशीर्वाद आप पर बना हुआ है। इस दिन उल्लू दिखने से कष्टों से छुटकारा मिलता है और घर में खुशियां बनी रहती हैं।

छछूंदर

इसके अलावा छछूंदर का दिखना भी शुभ संकेत देता है। दिवाली पर छछूंदर दिखने का ये मतलब होता है कि आप काफी भाग्यशाली हैं और साथ ही आपकी पैसों से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म होने लगती हैं। अगर दीपावली पर आपको छछूंदर दिखे तो उसे भगाएं नहीं, अपने रास्ते से जाने दें।

छिपकली

छिपकली से कई लोग डरते हैं। वैसे तो दिवाली लोगों को घरों में देखने को मिल ही जाती है। लेकिन पूजन के बाद छिपकली दिखना अच्छा माना जाता है। छिपकनी दिखना ये संकेत देता हैं कि मां लक्ष्मी प्रसन्न हैं। पुराणों के मुताबिक दिवाली पर ऐसा होने पर बिगड़े काम बनते हैं।

दीवाली में क्या है दीयों का महत्व? जानिए कब, कहां और किस तरह जलाने चाहिए?

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दीवाली अगर किसी के बिना पूरी तरह से अधूरी है तो को है दिए। जी हां मिट्टी के दिए। दीवाली की शाम को अमावस्या के अंधेरे को दूर करने के लिए दिए जला कर रोशनी की जाती है। लेकिन क्या आप दिया जलाने के महत्व के बारे में जानते है। और साथ ही क्या आप ये जानते है कि आप किस तरह से दिया जलाएं, जिससे आपके घर पर आने वाली सारी विपदाएं दूर हो जाये। आज हम आपको दिए जलाने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे है।

घी या सरसो तेल का दीपक – ज्यादातर दीवाली में पूरे घर में दिया जलाने के लिए सरसो तेल का और पूजा के लिए घी का इस्तेमाल किया जाता है। तेल या फिर घी के दिए जलाने से घर की सारी नकारात्मक शक्ति बाहर चली जाती है । घर के लोगों को प्रसिद्धि मिलती है।

लक्ष्मी पूजन के समय जो दिया जलाया जाता है उसे उत्तर दिशा में जलाए। इसके अलावा दीवाली की रात में जलने वाली अखंड ज्योति को पूजा स्थल के आग्नेय कोण में रखे, इससे आपके शत्रुओं का विनाश होता है। दीपक जलाने से रोगों का निवारण भी होता है।

कैसे जलाए दीपक?

पूजा के समय जो घी का दीपक आप जलाते है उसे सीधे जमीन पर कभी ना रखें। इसके लिए किसी भी अनाज जैसे कि चावल, गेंहू या फिर जौ की ढेरी बना कर उस पर दिया रखें। दीपक कहीं से भी टूटे हुए ना हो, ये अशुभता लाते हैं। इसके अलावा दिए को हमेशा लक्ष्मी गणेश की मूर्ति के सामने रखना चाहिए।

सबसे पहले मुख्य द्वार पर दिया जलाना चाहिए। इसके अलावा बेल पत्र के पेड़ के नीचे, तुलसी और शालिग्राम के पौधे के पास भी दिया जलाना चाहिए। अपने पास के मंदिर में जाकर एक दिया जरूर जलाना चाहिए। इन सब उपायों से माता लक्ष्मी की कृपा होती है। माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आपके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।

दिए की लौ आपके आस पास मौजूद नकारात्मक ताकत का भी सर्वनाश होता है। और किसी भी तरह की बुरी नजर से आपके घर परिवार की रखा होती है।

धनतेरस के दिन इन चीजों का जरूर करना चाहिए दान, आर्थिक तंगी होती है दूर

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हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दिवाली की तैयारियां जारी है। दिवाली का त्योहार पांच दिनों का होता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। वैसे आम तौर पर धनतेरस दिवाली से दो दिन पहले होती है, लेकिन इस बार एक दिन पहले है। इस बार 13 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा।

कहा जाता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करने से धन में वृद्धि होती है। इसके साथ ही घर में समृद्धि आती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। इस दिन विशेषतौर पर मां लक्ष्मी और कुबरे के साथ भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से आपकी धन संबंधित सभी परेशानियां दूर होती है। आइए हम आपको आज बताते है कि धनतेरस पर किन चीजों का दान करना शुभ होता है… ?

धनतेरस के दिन क्या करें

धनतेरस के दिन खरीदारी करना तो बेहद शुभ होता ही है, इसके अलावा इस दिन प्रवेश द्वार पर दीप भी जलाना चाहिए। मान्यता है कि धनतेरस के दिन प्रवेश द्वार पर दीप जलाने पर घर में अकाल मौत का भय खत्म हो जाता है और परिवार की लौ हमेशा जलती रहती है। आइए आपको बताते हैं इस दिन किन-किन चिजों का दान करना चाहिए…

पीली वस्‍तुओं का दान

धनतेरस के दिन जरूरतमंदो को पीली वस्तुओं का दान करें। हो सके तो इस दिन पीले कपड़ों का दान करें क्योंकि इस दिन वस्त्र दान महादान माना जाता है। ऐसा करने से आपको विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

झाड़ू का दान

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इसके अलावा आप अपने करीबी को भी झाड़ू खरीदकर दे सकते हैं।

अन्नदान

धनतेरस के दिन अन्नदान करना भी महान दान माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की खास कृपा आप पर बनती है। इसलिए इस दिन किसी भी गरीब व्यक्ति को पेट भर भोजन जरूर कराएं।

मिठाई और नारियल का दान

धनतेरस पर जरूरतमंद को नारियल और मिठाई दान करने से आपके घर का भंडार भी साल भर भरा रहता है। इसके अलावा आपको कभी भी तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।

लोहे की वस्तुएं करें दान

साथ ही धनतेरस के दिन लोहे की वस्तुओं का भी दान करना चाहिए। ऐसी मान्यताएं है कि ऐसा करना काफी शुभ होता है। लोहे के दान से दुर्भाग्य कोसों दूर भागता है। लोहे को शनिदेव की धातु भी माना जाता है। धनतेरस पर लोहा दान करने से शनि के शुभ फलों की प्राप्ति होती है और आशीर्वाद भी मिलता है।