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कब और कहां अपनी लेडी लव नताशा से शादी करने जा रहे हैं वरुण धवन? यहां जान लें पूरी डीट...

कोरोना काल के चलते बॉलीवुड के किसी बड़े सितारे की वेडिंग देखने को नहीं मिली। लेकिन अब बहुत जल्द ही बॉलीवुड का एक फेमस एक्टर शादी के बंधन में बंधने जा रहा हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं वरुण धवन की। 24 जनवरी को वरुण अपनी लॉन्ग ट्राइम गर्लफ्रेंड नताशा दलाल के साथ शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। उनकी वेडिंग फंक्शन की डेट, गेस्ट लिस्ट से लेकर डेस्टिनेशन तक सबकुछ फाइनल हो चुका हैं और शादियां की तैयारियां भी जोरों-शोरों पर जारी हैं।

चाचा अनिल ने किया कंफर्म

वरुण के चाचा अनिल धवन ने उनकी और नताशा की शादी की खबर की पुष्टि की हैं। स्पॉट बॉय को दिए गए स्टेटमेंट में अनिल धवन ने कहा- ‘मेरे भतीजे वरुण धवन की 24 जनवरी को शादी होने जा रही है। मैं इसे लेकर काफी खुश हूं।’

जान लें पूरा वेडिंग प्लान…

अब आपको ये बता देते हैं कि आखिर वरुण शादी कहां पर कर रहे हैं। वैसे तो बॉलीवुड में विदेशों में जाकर शादी करने का खूब ट्रेंड चल रहा है। अनुष्का-विराट से लेकर दीपिका-रणवीर समेत कई सेलेब्स ने देश से बाहर जाकर शादी की। लेकिन वरुण ऐसा नहीं करने वाले। वो अपनी लेडी लव नताशा के साथ मुंबई के अलीबाग में सात फेरे लेंगे। खबरों की मानें तो अलीबाग के द मेशन हाउस में वरुण-नताशा की शादी होगी।

द मेंशन हाउस अलीबाग के एक गांव में लग्जरी रिजॉर्ट हैं। सी शोर और हरियाली से घिरे इस रिजॉर्ट को प्राइवेट पार्टी और वेडिंग जैसे फंक्शन के लिए काफी पसंद किया जाता है। होटल के बारे में जानकारी मिली है कि ये 25 रूम का रिसॉर्ट है, जो कि अलीबाग जेटी से 10 मिनट की दूरी पर हैl

खबरों की मानें तो वरुण का परिवार 22 जनवरी को यहां पहुंच जाएगा और 24 को शादी होगी। शादी के फंक्शन 5 दिनों तक चलेंगे। जानकारी ये भी हाथ लगी है कि विराट और अनुष्का के शादी प्लानर ही वरुण की शादी की प्लान कर रहे हैं। वहीं क्योंकि नताशा खुद एक फैशन डिजाइनर हैं, इसलिए वो अपनी शादी में खुद का डिजाइन किया गया लहंगा ही पहनेगी, ऐसी जानकारी मिल रही है।

अब बात वरुण धवन की शादी की गेस्ट लिस्ट को लेकर करते हैं। जानकारी के अनुसार कोरोना काल की वजह से शादी में कम ही लोगों को शामिल किया जाएगा, जिसमें कुछ रिश्तेदार और दोस्त होंगे। लेकिन इस शादी में बॉलीवुड के कुछ सितारे भी नजर आ सकते हैं। खबरों की मानें तो शाहरुख खान, सलमान खान, कैटरीना कैफ, करण जौहर, रणबीर, आलिया समेत कुछ बड़े सेलेब्स इस शादी का हिस्सा बन सकते हैं।

वैसे पिछले साल अगर कोरोना वायरस का साया नहीं छाया होता, तो अब तक वरुण और नताशा एक-दूसरे के हो गए होते। जी हां, वरुण-नताशा ने पिछले साल ही शादी करने का प्लानिंग की थीं। लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से ये संभव नहीं हो पाया। लेकिन अब जरूर ये दोनों शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं।

वरुण ने नताशा को कहा था ‘मंगेतर’

गौरतलब है कि वरुण और नताशा की डेटिंग की खबरें उनके फैंस से छिपी नहीं। हाल ही में जब वरुण, करीना कपूर के रोडियो शो में पहुंचे थे, तो उन्होनें नताशा को मंगेतर कहकर बुलाया था। जिसके बाद ऐसा माने जाने लगा कि वरुण और नताशा की सगाई पहले ही हो चुकी है।

करीना के इस रेडियो शो में वरुण ने नताशा संग अपनी लव स्टोरी के बारे में बताया था। उन्होनें कहा कि मैं नताशा को छठीं क्लास से जानता हूं। हम दोनों तब से ही एक दूसरे को डेट नहीं कर रहे थे। 11वीं-12वीं क्लास तक हम काफी अच्छे दोस्त थे। फिर कुछ समय बाद मुझे वो अच्छी लगने लगी। वरुण ने ये भी बताया था कि पहले तो कई बार नताशा ने उनको रिजेक्ट किया, लेकिन उन्होनें हार नहीं मानी और बाद में नताशा भी उसने प्यार करने लगी।

वर्क फ्रंट की बात करें तो बीते साल दिसंबर में वरुण धवन की फिल्म ‘कुली नंबर 1’ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी। इस फिल्म को कुछ खास पसंद नहीं किया गया। मूवी के रिव्यू मिक्स थे।

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज ही तय करेगी Team India की किस्मत, अगर पहुंचना है टेस्ट ...

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टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में ऐतिहासिक जीत हासिल की। गाबा में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच में टीम इंडिया के यंगिस्तान ने जिस तरह से जीत दिलाई, उनकी तारीफों के पुल इस समय हर कोई बांध रहा है। कंगारुओं को टेस्ट सीरीज में उनके ही घर में मात देकर भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में एक बार फिर से टॉप पर पहुंच गई।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद टीम इंडिया ने इस टेस्ट चैंपियनशप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीद हैं। लेकिन अगर भारत को इस चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनानी है, तो उसके लिए इंग्लैंड के खिलाफ फरवरी होने वाली घरेलू टेस्ट सीरीज में भी जीत हासिल करनी होगी।

इन चार टीमों के पास फाइनल में पहुंचने का मौका

ICC टेस्ट चैंपियनशिप में अभी टीम इंडिया 71.7 प्रतिशत और 430 अंकों के साथ टॉप पर हैं। जबकि 70 प्रतिशत और 420 अंकों के साथ न्यूजीलैंड दूसरे नंबर पर हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे नंबर पर अपनी जगह 69.2 प्रतिशत और 332 प्वाइंट्स के साथ फिलहाल बनाई हुई हैं। इसके अलावा चौथे नंबर पर इंग्लैंड है। अभी तो केवल इन चार टीमों के पास ही ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने का मौका है।

जो भी दो टीमें ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की अंकतालिका में टॉप रहेगी, वो इस साल जून में लंदन के लॉर्ड्स में फाइनल मैच खेलेंगी।

टीम इंडिया के लिए 2 जीत जरूरी

टीम इंडिया को 5 फरवरी से इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी हैं। विराट कोहली सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे। चार मैचों की से सीरीज टीम इंडिया अपनी सरजमीं पर ही खेलेगीं। अगर भारतीय टीम को अपनी जगह चैंपियनशिप के फाइनल में बनानी हैं, तो उन्हें चार में से दो मुकाबले जीतने होंगे। लेकिन अगर टीम इंडिया एक मैच हार जाती है, तो बाकी टीम मैच जीतने होगी। यानी भारत को ये सीरीज 4-0, 3-1, 3-0 या 2-0 से जीतना  होगा। अगर भारत 0-3 या 0-4 से हार जाता है, तो फाइनल में अपनी जगह नहीं बना पाएगा।

ऐसे होगा न्यूजीलैंड की किस्मत का फैसला

वहीं न्यूजीलैंड की बांग्लादेश के साथ सीरीज की अब तक पुष्टि नहीं हुई। जिसके चलते ये संभावना है कि चैंपियनशिप के फाइनल तक न्यूजीलैंड कोई मैच ना खेले और 600 में से 420 अंक के साथ ही बनी रहे। ऐसे में न्यूजीलैंड के फाइनल में खेलने का फैसला दूसरी टीमों के मैच के रिजल्ट पर डिपेंड करेगा।

ऑस्ट्रेलिया को साउथ अफ्रीका को हराना होगा

टीम इंडिया ने तो ऑस्ट्रेलिया को उनके ही घर पर बुरी तरह हरा दिया। अब भारतीय टीम से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया को साउथ अफ्रीका के साथ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी हैं। इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को कम से कम 89 अंक चाहिए होगी। हालांकि सीरीज की अब तक पुष्टि नहीं हुई। इन तीन मैचों की सीरीज में से ऑस्ट्रेलिया को दो मैच जीतने होंगे, जबकि एक को ड्रा कराना होगा। लेकिन अगर अपने घरेलू सीरीज में साउथ अफ्रीका जीत जाती है, तो टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की रेस से कंगारुओं की टीम बाहर हो जाएगी।

इंग्लैंड के पास ऐसे हैं मौका

इंग्लैंड के पास भी अभी फाइनल में जगह बनाने का मौका है। अगर इंग्लैंड चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचना चाहती हैं, तो उसे टीम इंडिया को चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 या फिर 4-0 से हराना होगा। अगर भारत के  खिलाफ सीरीज 2-2 से ड्रा रहती है, तो तब भी इंग्लैंड के लिए जगह बना पाना मुश्किल होगा।

इसके अलावा साउथ अफ्रीका भी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच सकती हैं। लेकिन उसके लिए इस टीम को ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान दोनों टीमों को सीरीज में क्लीन स्विप करना होगा। जबकि चार टीमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और वेस्टइंडीज पहले ही चैंपियनशिप की रेस से बाहर हो गई हैं।

Covishield वैक्सीन बना रही सीरम इंस्टीट्यूट के नए प्लांट में लगी आग, पढ़े पूरी खबर...

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महाराष्ट्र के पुणे में कोविशील्ड बना रही सीरम इंस्टीट्यूट के नए प्लांट में गुरुवार को आग लग गई थी। सीरम इंस्टीट्यूट में लगी इस आग की वजह से 5 लोगों की मौत हो गई। आग लगने की खबर की बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। वही महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने इस घटना पर जांच के आदेश दिए।

पुणे के पुलिस कमिश्नर के मुताबिक ये आग मंजरी प्लांट पर लगी थीं। जानकारी की लिए आपको बता दे कि कोविशील्ड वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा ही बनाया जा रहा है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आग नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीन की बिल्डिंग में आग नही लगी। जिस बिल्डिंग में आग लगी वहां बीसीजी वैक्सीन बनती थी, जिसका कोरोना वैक्सीन से कोई भी लेना देना नही।

सीरम इंस्टीट्यूट के नए प्लांट में आग लगने की खबर मिलने की फायर ब्रिगेड की गाड़ियां यहां पहुंच गई थी और आग बुझाने की कोशिशों में जुट गईं। वहीं इसको लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होनें कहा कि मैं प्रशासन से संपर्क में हूं। देश और दुनिया में इसको लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि वैक्सीनेशन प्लांट सुरक्षित है।

पुणे के मंजरी में सीरम इंस्टीट्यूट के नए प्लांट में ये आग लगी। ये प्लांट 300 करोड़ रुपये की लागत में बनकर तैयार हुआ है। ये वहीं प्लांट हैं, जहां पर कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन की बड़े स्तर पर प्रोडेक्शन करने की प्लानिंग हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ही इस प्लांट का उद्घाटन किया था। हालांकि अब तक इस प्लांट में कोविशील्ड वैक्सीन का प्रोडेक्शन शुरू नहीं हुआ था।

आग लगने के बाद प्लांट के दूर से ही धुएं का काला गुबार देखने को मिला। कुछ दिनों में ही इस नए प्लांट में कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन के प्रोडेक्शन का काम शुरू होना था। फिलहाल इस नए प्लांट से एक से दो किलोमीटर दूर पुराने प्लांट में वैक्सीन का प्रोडेक्शन हो रहा हैं। नए प्लांट में आग किस वजह से लगी ये अभी साफ नहीं हो पाया।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही भारत में दो दो कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली थीं। इसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड शामिल थी। मंजूरी मिलने के बाद 16 जनवरी से देश में वैक्सीनेशन का महाअभियान शुरू हो गया। अब तक लाखों लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं।

मदर टेरेसा को बेहद प्रिय थी चॉकलेट, जानें उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसी बातें जिनसे अनजान...

‘दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी गूंज की कोई सीमा नहीं’

मदर टेरेसा के कहे गए ये कथन अगर कोई आज के समय में आत्मसात कर ले, तो वास्तव में मनुष्य को ज़िन्दगी के मायने भली भांति समझ में आ जाएंगे। वे एक ऐसी शख्सियत थीं जिनके व्यक्तित्व में एक अनोखा आकर्षण था। सरल स्वभाव, गरीबों की सेवा के प्रति आत्मसमर्पण, और चेहरे पर हमेशा रहने वाली एक सहज मुस्कान जैसे गुणों को अपने अंदर समाहित रखती थीं मदर टेरेसा। भले ही 26 अगस्त, 1910 में वे अल्बेनियाई परिवार में जन्मी हों, लेकिन दिल से वो हिंदुस्तानी थी। 1929 में जब उनके कदम भारत में पड़े, तो वो कभी लौटे नहीं। इसके बाद वो हमेशा यहीं की होकर रह गईं। आइये जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें जिनसे अभी तक काफी लोग अनभिज्ञ हैं।

रफू होती थी साड़ी

नोबल पुरुस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा पर कई जीवनियां लिखी जा चुकी हैं। जिनमें उनकी जीवनशैली से जुड़े कई रहस्य सामने आये हैं।  उनकी एक जीवनी में इस बात का उल्लेख है कि मदर टेरेसा की साड़ी कहीं से फटी हुई तो नहीं रहती थी, लेकिन उस में जगह जगह रफू हुआ करती थी। ताकि ये न दिख सके कि वो फटी हुई है। हालांकि ऐसा इसलिए नहीं हैं कि उनके ऊपर कोई मज़बूरी का भार हो। टेरेसा बताती थीं कि ये उनके नियम के अधीन था। उनके नियम के मुताबिक उनके पास महज तीन साड़ियां ही होती थीं। एक रोज़ पहनने के लिए, एक धोने के लिए और तीसरी ख़ास मौकों पर पहनने के लिए।

चुटकुले सुनाने में एक्सपर्ट

ये मदर टेरेसा के चेहरे पर एक हमेशा विराजमान रहने वाली मुस्कान ही थी, जो उन्हें औरों से अलग बनाती थी। उनकी मुस्कान देखकर अच्छे अच्छों की टेंशन छूमंतर हो जाया करती थी। उनके कई नज़दीकी बताते हैं कि संतों की तरह उनका स्वभाव हमेशा शांत नहीं था। माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए वो कई बार मज़ाकिया अंदाज़ में चुटकुले भी सुनाया करती थीं। कई बार तो वो कोई फनी चीज़ सुनकर कमर पर हाथ रखतीं और हंसते हंसते दोहरी हो जातीं। उनका मानना था कि मैं ग़रीबों के पास उदास चेहरा लेकर नहीं जा सकती। मुझे उनके पास ख़ुशगवार चेहरे के साथ जाना होता है।

नहीं पीतीं थी एक बूंद पानी

बताया जाता है कि चाहे अमीर हो या गरीब, मदर टेरेसा किसी के घर न एक खाने का निवाला चखतीं थी और न ही एक बूंद पानी पीती थीं। इसके पीछे की वजह वो बताती थीं, “जब हम ग़रीबों के यहाँ जाते हैं तो उन्हें एक प्याला चाय या कोल्ड ड्रिंक पिलाने में भी दिक़्क़त होती है। इसलिए अब हमने नियम बना लिया है कि हम कहीं एक बूंद पानी भी नहीं पीते।” उनके भोजन में खिचड़ी, दाल जैसा साधारण खाना था। उनका ज्यादातर समय कोलकाता में व्यतीत हुआ था, इसलिए 20 दिन में एक बार मछली भी वो खा लेती थीं। मछली कोलकातावासियों का मुख्य भोजन है। इसके अलावा चॉकलेट भी उनकी पसंदीदा हुआ करती थी।

पटना से जुड़ा है ख़ास कनेक्शन

ये बात बहुत कम ही लोग जानते हैं कि कोलकाता के अलावा टेरेसा का बिहार के पटना से भी ख़ास कनेक्शन है। बताते हैं कि गरीबों की सेवा करने से पहले उन्होंने साल 1948 में पटना सिटी में होली फैमिली अस्पताल में मेडिकल ट्रेनिंग ली थी। इस दौरान वो एक तहखाने जैसे छोटे से कमरे में रहा करती थीं। वो कमरा अभी तक पटना में जीवित है। और लोगों ने इसे मदर टेरेसा की निशानी के तौर पर सहेज कर रखा है। पटना से ट्रेनिंग के बाद वो कोलकाता रवाना हो गई। और गरीबों की मसीहा बनकर उनकी सेवा करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। साल 1980 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया था।

कौन हैं गोरखपुर की रहने वाली ये लड़की, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी के साथ रिपब्लिक डे प...

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कोरोना महामारी के बीच 26 जनवरी को देश गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। रिपब्लिक डे पर होने वाली परेड की तैयारियां चल रही हैं। हालांकि हर चीज की तरह कोरोना वायरस का असर रिपब्लिक डे परेड पर भी देखने को मिलेगा। कोरोना महामारी के चलते परेड में कई बदलाव किए गए हैं।

इस साल होने वाली रिपब्लिक डे परेड के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली दिव्‍यांगी त्रिपाठी काफी एक्साइटेड हैं। क्योंकि इस बार उन्हें परेड प्रधानमंत्री के साथ परेड देखने  का मौका मिलेगा। जी हां, राजपथ में होने वाली परेड को दिव्यांगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बॉक्स में बैठकर देखेंगीं। इसके लिए वो 24 जनवरी को माता पिता के साथ कार से दिल्ली आने की भी पूरी तैयारी में हैं। कौन हैं दिव्यांगी त्रिपाठी और क्यों उनकी ही ये बड़ा अवसर मिला..आइए इसके बारे में आपको बताते हैं…

जानिए कौन हैं दिव्यांगी त्रिपाठी?

दिव्यांगी गोरखपुर के इंदिरा नगर शिवपुरी कॉलोनी में रहती हैं। उन्होनें दिल्ली यूनिवर्सिटी से बॉयो संवर्ग में ग्रेजुएशन करने के लिए एडमिशन लिया। लेकिन NEET की तैयारियों के चलते उसे ज्वॉइन नहीं किया। दिव्यांगी का सपना डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने का हैं। वो गोरखपुर में ही रहकर वो NEET की तैयारियों में भी जुटी हुईं हैं। दिव्यांगी ने 12वीं में बायोलॉजी संवर्ग में 99.6 फीसदी अंक हासिल किए थे और उन्होनें देश में दूसरा स्थान हासिल किया था। दिव्यांगी को हिंदी, कैमिस्ट्री, बायोलॉजी में 100-100 अंक मिले थे। जबकि फिजिक्स और इंग्लिश में वो 99-99 अंक हासिल करने में कामयाब हुई थीं। इसके अलावा दिव्यांगी को दसवीं में 98.2 प्रतिशत अंक मिले थे।

दिव्यांगी के पिता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री के प्रोफेसर हैं, जबकि उनकी मां हाउसवाइफ हैं। साथ ही दिव्यांगी के दादा गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग में प्रोफेसर और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष रहे चुके हैं।

प्रधानमंत्री से मिलकर कहेगीं ये बात

26 जनवरी को होने वाली रिपब्लिक डे परेड के लिए दिव्यांगी को विशिष्ट अतिथि की तौर पर आमंत्रित किया गया है। दिव्यांगी को ये आमंत्रण 13 जनवरी को मिला था, जिसके बाद उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। दिव्यांगी को बॉक्सिंग, संगीत और सिनेमा में रुचि हैं। दिव्यांगी ने बताया जब प्रधानमंत्री से मिलेंगी तो उनसे कहेगीं कि वो उनकी स्पीच स्किल की कायल हैं।

केवल दिव्यांगी ही नहीं देशभर से ऐसे 50 छात्र बुलाए गए हैं, जो पीएम मोदी के साथ बॉक्स में बैठकर परेड देखेंगे। ये सभी वो छात्र होंगे, जिन्होनें देश के अलग अलग स्कूल बोर्ड से टॉप किया।

अलग होगी इस बार की रिपब्लिक डे परेड

कोरोना महामारी के बीच होने वाली ये रिपब्लिक डे परेड काफी होगीं। इस बार परेड में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क जैसी चीजें नजर आएगी। इसके अलावा मेहमानों की संख्या भी घटेगी। वहीं 15 साल से कम उम्र के बच्चों को परेड में शामिल होने की परमिशन इस साल नहीं दी गई।

साथ ही ऐसा पहली बार होगा जब रिपब्लिक डे परेड में कोई भी विदेश मेहमान शामिल नहीं होगा। पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन समारोह में शामिल होने वाले थे। लेकिन हाल ही में ब्रिटेन में कोरोना वायरस के मिले नए स्ट्रेन के बाद उन्होनें भारत नहीं आने का फैसला लिया। इसके अलावा भी कई बदलाव आपको इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में देखने को मिलेंगे।

वो फिल्में जिन्हें अधूरा छोड़ गए सुशांत सिंह राजपूत, इस मूवी के डिब्बा बंद होने पर टू...

बॉलीवुड के फेमस एक्टर सुशांत सिंह राजपूत महज 34 साल की उम्र में इस दुनिया छोड़ गए। सुशांत की मौत बीते साल 14 जून को हुई थी। उनकी मौत की खबर हर किसी के लिए चौंकाने वाली थीं। एक्टर के तमाम चाहने वाले इस दिन को कभी भी नहीं भूला पाएंगे। जिसने भी 14 जून 2020 को इस दुख भरी खबर को सुना, वो हक्का बक्का रह गया।

सुशांत उन तमाम लोगों के प्रेरणा थे, जो छोटे से शहर से आकर मायानगर मुंबई में आकर अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर एक अलग पहचान बनाने का सपना देखते हैं। सुशांत की मौत के बाद बॉलीवुड के कुछ ऐसे कालें राजों पर से पर्दा उठा, जो सालों से डबे हुए आ रहे थे।

सुशांत सिंह राजपूत को ‘पवित्र रिश्ता’ से टीवी में पॉपुलैरिटी मिली थीं। इसके बाद उन्होनें फिल्म ‘काई पो छे’ से बॉलीवुड में कदम रखा। सुशांत ने ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘केदारनाथ’, ‘छिछोरे’ जैसी फिल्मों में भी काम किया। आखिरी बार एक्टर फिल्म ‘दिल बेचारा’ में नजर आए, जो उनकी मौत के बाद रिलीज हुई। इसके अलावा भी सुशांत कई फिल्मों में काम कर रहे थे, जो वो अधूरी छोड़कर ही दुनिया से चले गए। आइए सुशांत के 35वें जन्मदिन के मौके पर उनकी उन फिल्मों पर एक बार नजर डाल लेते हैं…

1. राइफलमैन

सुशांत ने पिछले साल 15 जनवरी को सोशल मीडिया पर अपनी अपकमिंग फिल्म ‘राइफलमैन’ का ऐलान किया था। ये मूवी भारत-चीन 1962 वॉर पर आधारित थी, जिसमें सुशांत महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह के किरदार में नजर आने वाले थे।

2. इमरजेंसी

आनंद गांधी की फिल्म ‘इमरजेंसी’ में भी सुशांत सिंह राजपूत काम करने वाले थेय़ सुशांत से पहले इस फिल्म के लिए बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर इरफान खान को साइन किया गया था, लेकिन बीते साल ही इरफान की कैंसर की वजह से मौत हो गई। इसके बाद  मूवी के लिए सुशांत सिंह राजपूत को साइन किया गया। फिर सुशांत भी दुनिया को अलविदा कह गए। ये फिल्म एक महामारी के ऊपर बन रही थीं।

3. पानी

खबरें थी कि शेखर कपूर की फिल्म ‘पानी’ के लिए सुशांत सिंह राजपूत को साइन किया गया था। फिल्म के काफी तैयारियां भी पूरी हो गईं थी। मूवी के लिए सुशांत का नाम भी फाइनल हो गया था, लेकिन यशराज फिल्म्स ने प्रोजेक्ट को बीच में रोक दिया और ये मूवी रुक गईं। इस फिल्म के रुकने से सुशांत को बहुत बड़ा झटका लगा था। क्योंकि इसके लिए उन्होनं कई फिल्में छोड़ी थीं।

4. 12 एपिसोड की स्पेशल सीरीज

सुशांत बॉलीवुड में एक तेजी से उभरते हुए सितारे थे। वो हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करते रहते थे। 2018 में सुशांत ने इनसेइ वेंचर्स के साथ मिलकर 12 एपिसोड की एक स्पेशल सीरीज बनाने जा रहे थे। वो इस सीरीज में APJ अब्दुल कमाल से लेकर चाणक्य तक कई किरदार निभाने जा रहे थे। लेकिन फैंस का उनको इस सीरीज में देखने का ख्याब अब कभी भी पूरा नहीं हो पाएगा।

5. चंदा मामा दूर के

सुशांत को हमेशा ही साइंस, स्पेस से जुड़ी चीजों में काफी दिलचस्पी थीं। वो ‘चंदा मामा दूर के’ फिल्म में भी काम करने वाले थे। इसकी अनाउंसमेंट 2017 में ही हो गई थी। ये भी सुशांत का एक ड्रीम प्रोजेक्ट ही था। फिल्म के लिए ट्रेनिंग लेने सुशांत नासा भी गए थे। फिल्म में वो एक ‘एस्ट्रोनाॅट’ के रोल में नजर आने वाले थे। लेकिन ये मूवी बजट की वजह से बन नहीं पाई और सुशांत का इसे करने का सपना भी अधूरा रह गया।

इसके अलावा सुशांत की एक और फिल्म तकदुम भी पूरी नहीं हो पाई। इस फिल्म में वो परिणीति चोपड़ा के साथ नजर आने वाले थे।

मौत के बाद रिलीज हुई ‘दिल बेचारा’

सुशांत की फिल्म ‘दिल बेचारा’ उनकी मौत के बाद रिलीज हुईं। सुशांत की ये फिल्म पहले ही तैयार हो गई थी और थिएटर में रिलीज होने के लिए तैयार भी थीं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये सिनेमाघरों में रिलीज नहीं हो पाई। फिर अचानक ही 14 जून को एक्टर की मौत की झकझोर देने वाली खबर सामने आ गई। एक्टर की मौत के बाद 24 जुलाई को ये फिल्म OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।

क्या आपको पता हैं कैलाश पर्वत के ये रहस्य? जिन्हें जानकर नासा भी रह गया हैरान

शिव की भूमि कहलाए जाने वाले कैलाश पर्वत को भारतीय और चीन के लोग काफी पूजनीय मानते है. हिमालय में स्थित सबसे रहस्यमय पर्वत कैलाश पर्वत है. जिसके बारे में आज भी कई रहस्य हैं, जिसका पता कोई भी नहीं कर सका है. सादियों से कैलाश पर्वत दुनिया के आकर्षण का केंद्र रहे हैं, जिस पर कई वैज्ञानिक रिसर्च भी कर रहे हैं. वहीं आज हम आपको कैलाश पर्वत के ऐसे रहस्य बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे, तो आइए आपको बताते हैं…

धरती का केंद्र

धरती के एक तरफ उत्तरी ध्रुव है तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचो बीच स्थित है हिमालय और हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है।

पिरामिड नुमा आकार

आपको बता दें कि एक विशालकाय पिरामिड कैलाश पर्वत है, जो सौ छोटे पिरामिडों का केंद्र है. इसकी संरचना कम्पास के चार दिक् बिंदुओं के समान है, जो एकांत जगह पर स्थित है, जिस जगह कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है.

शिखर पर नहीं चढ़ सका कोई

ये तो आप जानते ही होंगे कि माउंट एवरेस्ट पर कई लोग कामयाबी हासिल कर चुके है लेकिन शायद आपको इस बात की जानकारी न हो कि आज तक कोई भी ऐसा शख्स नहीं है जो कैलाश पर्वत के शिखर पर चढ़ा हो.

पर्वत के पास रोशनी का चमकना

इस बात का दावा किया जाता है कि कैलाश पर्वत पर कई बार सात तरह की लाइटें आकाश में चमकती हुई नजर आई हैं. जिसे जानकर नासा भी हैरान है और उसका मानना है कि शायद ऐसा यहां के चुम्बकीय बल की वजह से होता है. हो सकता है. यहां का चुम्बकीय बल आकाश से मिलकर बहुत बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता हो.

सभी नदियों का उद्गम स्थान

कैलाश पर्वत की चारों दिशाओं से चार नदी ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज और करनाली का उद्गम हुआ है, जिनमें से गंगा, सरस्वती के साथ-साथ चीन की अन्य नदियां भी निकली हैं. बता दें कि कैलाश की चारों दिशाओं में तरह-तरह के जानवरों का मुख हैं- उत्तर में सिंह का मुख है, दक्षिण में मोर का मुख है,पूर्व में अश्वमुख है और पश्चिम में हाथी का मुख है, इनमें से नदियों का उद्गम होता है.

राष्ट्रपति की कुर्सी संभालते ही जो बाइडेन ने कर दिया ‘बड़ा खेल’, बदल डाले ट्रंप के ये...

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अमेरिका को अपना नया राष्ट्रपति मिल गया है। 20 जनवरी को जो बाइडेन ने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। वहीं भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बनीं। दुनिया के सबसे पॉवरफुल देश माने जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर हर किसी की नजरें टिकीं हुई थीं। चुनाव के बाद भी जो कुछ भी हुआ, उस पर भी दुनिया की निगाहें थीं। 

ट्रंप के बाइडेन को सत्ता सौंपने से पहले अमेरिका में काफी कुछ घटा। लेकिन अब आखिरकार जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाल चुके हैं। पहले से ही ये माना जा रहा था कि सत्ता संभालते ही बाइडेन कुछ बड़े फैसले लेंगे और डोनाल्ड ट्रंप के कुछ फैसलों को बदल भी देंगे। हुआ भी कुछ ऐसा ही। अमेरिका की सत्ता संभालते ही जो बाइडेन ने कुछ बड़े फैसले लिए, वो क्या है…आइए इसके बारे में आपको बताते हैं…

– जो बाइडेन ने राष्ट्रपति की कुर्सी संभालते ही पहले दिन कई महत्वपूर्ण फैसलों पर साइन किए। इसमें सबसे बड़ा फैसला पेरिस जलवायु समझौता है। पेरिस जलवायु समझौते में बाइडेन ने फिर से शामिल होने का फैसला कर लिया। चुनाव के दौरान बाइडेन ने ऐसा करने का वादा अपने देश की जनता से किया भी था। वहीं ट्रंप ने इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था। 

– इसके अलावा कोरोना महामारी के खिलाफ जंग को तेज करने के लिए एक अहम फैसले पर हस्ताक्षर किए, जिसमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य किया गया। 

– वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्रंप के एक और बड़े फैसले को पलट दिया और वो है मुस्लिम देशों पर ट्रैवल बैन। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ मुस्लिम और अफ्रीकी देशों के अमेरिका में ट्रेवल पर रोक लगाई हुई थीं। जिसे अब बाइडेन ने खत्म कर दिया।

– कोरोना महामारी के दौर में डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से नाता तोड़ लिया था। राष्ट्रपति पद संभालने के तुरंत बाद ही बाइडेन ने ट्रंप के इस फैसले को बदला और अब अमेरिका दोबारा से WHO में शामिल हो गया है।

– साथ ही जो बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने के ट्रंप के फैसले को भी बदला। उन्होनें इसके लिए फंडिंग भी रोक दी। बाइडेन के इस फैसले की तारीफ मैक्सिको ने भी की। 

– बाइडेन ने पहले दिन ही अमेरिका की जनता के लिए कोरोना महामारी से जुड़ा राहत पैकेज भी दिया। जिसके तहत छात्रों के लोन पेमेंट को स्थगित रखने का फैसला किया गया। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने शपथ लेते समय अपने भाषण में नस्लीय भेदभाव को खत्म करने की बात भी कही। 

एक लालटेन बताती थी राजा को 365 रानियों में से किस एक रानी के साथ गुजारनी है रात, जानि...

यू तो इतिहास के पन्नों में कई राजा-महाराजा और रानियों के किस्सों ने अपनी जगह बना रखी है, जो कहीं न कहीं अब दफन से हो गए हैं. एक से बढ़कर एक राजाओं के किस्से किताबों में कैद हैं, उन्हें अगर पढ़ने जाए तब पता चले कि पहले के समय में राजा कैसे रहते थे. वहीं भारत के एक महाराजा अपनी रंगीग मिजाज के लिए बहुत फेमस थे, इनके बारे में अगर आप जानेंगे तो यकीनन आप चौंक जाएंगे, तो आइए आपको बताते हैं…

दरअसल, हम जिस रंगीन मिजाज के राजा के बारे में बात कर रहे हैं वो पटियाला रियासत के महाराजा और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के दादा महाराजा भूपिंदर सिंह है. इनके बारे में दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब ‘महाराजा’ में जिक्र किया है. जिसमें बताया गया है कि पटियाला में महाराजा भूपिंदर सिंह ने ‘लीला-भवन’ या रंगरलियों का महल बनवाया था और इसमें सिर्फ निर्वस्त्र लोगों को ही जाने की अनुमति थी. बता दें कि पटियाला शहर में भूपेन्दरनगर जाने वाली सड़क पर ये महल बाहरदरी बाग के पास बना हआ है.

वहीं, अगर बात की जाए महाराज की पत्नी की तो इनकी एक नहीं, 2 नहीं बल्कि 365 पत्नियां है. ये महाराजा अपनी पत्नियों के अलावा अपने जीवन जीने के अलग तरीके से भी काफी जाने जाते थे. महाराजा भूपेंद्र सिंह ने पटियाला पर 1900 से लेकर 1938 तक राज किया था. उस दौरान इन्होनें कई अहम फैसले भी लिए थे.

इतना ही नहीं उन्होंने अपनी 365 रानियों के लिए अलग-अलग कई विशाल महल बनवाए थे, लेकिन सबसे हैरान कर देने वाली बात ये थी कि वो किस दिन किस रानी के साथ रात गुजराने वाले हैं उसका फैसला लालटेन करती थी, तो आइए आपको पूरा किस्सा बताते हैं…

इस तरह से करते थे फैसला

महाराजा भूपेंद्र सिंह के महल में बहुत सारे लालटेन जलाए जाते थे और 365 रानियों के लिए अलग तरह के लालटेन जलवाते थे, जिनमें सभी रानियों के नाम लिखे रहते थे। ये लालटेन पूरी रात जलती थी. इनमें से जो लालटेन सुबह सबसे पहले बुझती थी, तो राजा उसी रानी के पास रात गुजारने जाता था, जिनका नाम लालटेन में लिखा हुआ होता था. भले ही ये तरीका आपको थोड़ा अटपटा लगे लेकिन ये सत्य है.

किसी के लिए राजनीति का मुद्दा, तो किसी के लिए TRP का जरिया बना सुशांत का केस…ले...

14 जून 2020, ये वो काला दिन था…जब एक उभरता हुआ सितारा हमेशा के लिए खो गया। एक सितारा… जिसने दुनिया को जिंदगी जीने की उम्मीद दी थी….जिसने ये बताया कि चाहे कुछ भी हो जाए..लेकिन किसी भी सूरत में अपने सपनों के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। वो खुद ही अचानक चला जाएगा… ऐसा किसी ने सोचा नहीं था।

सुशांत की मौत के बाद जो हुआ, उसने पूरे तंत्र को झकझोंर कर रख दिया। पहली बार ऐसा लगा सुशांत की मौत को पैसा और पॉवर के दम पर दबा दिया गया, तो वहीं कुछ के लिए ये मात्र टीआरपी का एक जरिया बना। कुछ ने इस जलती हुई आग पर राजनीति की रोटियां भी सेंकी….लेकिन अंत में वो हुआ, जो आज तक होता आ रहा है। न्याय कोसों दूर है… लड़ाई अब भी लंबी है…लेकिन उम्मीद…. बेहद कम।

सुशांत की मौत हो जाती है….एक नामी सितारा जिसके करोड़ों फैंस है। पुलिस उसे आनन फानन में आत्महत्या करार देती है। हैरानी की बात है कि रात के अंधेरे में कानून के खिलाफ जाकर उसका पोस्टमार्टम कर दिया जाता है। लेकिन पुलिस पर फिर भी सवाल नहीं उठते… ऐसा लग रहा था कि जैसे पुलिस बस किसी तरह से इस केस को बंद करने के लिए तैयार बैठी है।

खैर सुशांत के लिए लड़ाई में कुछ मीडिया चैनल में बेहद साथ निभाया। वो लगातार सुशांत के लिए जस्टिस की मांग कर रहे थे। नतीजा ये हुआ कि बेचारे अब खुद मुसीबत में फंसे है और अब नौबत ये है कि अपने लिए जस्टिस की मांग करते नजर आ रहे है। सुशांत की मौत पर सबसे ज्यादा गुस्सा कंगना रनौत ने दिखाया था। लेकिन यहां से शुरू हुआ राजनीति के धुरंधरों का काम… इस पर पार्टियां अपने अपने बयान देने लगी। कुछ ने कहा कि सुशांत ने खुदकुशी की है, तो वहीं कुछ इसे हत्या करार देने लगे। लेकिन सबूत किसी ने भी दिखाएं।

इस बीच सुशांत की मैनेजर दिशा सालियान का नाम भी तेजी से उछला। सुशांत की मौत से कुछ दिन पहले ही दिशा ने भी खुशदकुशी की थी और सुशांत के केस की ही तरह इसे भी आनन फानन में खुदकुशी करार देकर क्लोस कर दिया गया। हैरानी की बात ये थी सारे सबूत ये बता रहे थे कि दिशा ने खुदकुशी नहीं की थी, लेकिन पैसा और पॉवर ने बता दिया कि जिंदगी से ज्यादा मोल पॉवर का है…पैसे का है।

वक्त बीतता जा रहा था…और न्याय मिलने की उम्मीद भी धुंधली पड़ रही थी। सुशांत के पिता और बहन लगातार इस लड़ाई को लड़ रहे थे। फिर से न्याय पर उम्मीद जागी और केस सीबीआई के पास गया। अब इस मामले को 7 महीने बीत चुके है। केस में कई अहम बदलाव आए… एम्स ने तो अपनी रिपोर्ट में ये तक कह दिया कि सुशांत की मौत आत्महत्या ही थी। लेकिन सीबीआई अब भी सुशांत की मौत को हत्या और आत्महत्या दोनो एंगल से देख रही है।

दुख तो इस बात है कि सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के ड्रग्स स्केंडल में फंसने के बाद सुशांत भी ड्रगिस्ट कहलाने लगे। इस मामले में रिया 28 दिनों तक जेल में रही । तमाम जांच हुई, लेकिन सुशांत की मौत का कारण आज भी एक रहस्य है। इस पर सबने अपने अपने तरीके से अपना मतलब निकाला… लेकिन सच क्या है वो आज  तक पता नहीं चल पाया। ऐसा लगता है कि कानून सच के आसपास भी नहीं पहुंच पाया। सुशांत जैसे कलाकार सदियों में आते है। ऐसे में अचानक सुशांत का चला जाना… कभी ना पूरी होने वाली क्षति है।