कहते हैं शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिससे बड़े से बड़ा इंसान परास्त किया जा सकता है. जरूरी नहीं कि हिंसक रूप अपनाया जाए. कभी कभी आपका ज्ञान और आपकी अर्जित की गयी शिक्षा आपको उस सच्चाई से अवगत करवाती है जिससे आपको अपने ही मजहब के लोग फिर चाहे वो हिन्दू हो, मुस्लिम हो या इसाई परे रखते हैं और अपने अलावा अन्य धर्मों के खिलाफ सिर्फ और सिर्फ जहर ही उगलते हैं. लेकिन बात वहीँ अटकती न हैं कि एक लोकतान्त्रिक देश में आपको पढने लिखने की तो आजादी है भले किसी भी समुदाय से हो और साथ ही वो हकीकत जानने की भी ललक होती है जो आपसे छिपाई जाती है. इस मामले में किसी एक धर्म का नाम आता और वो है ‘मुस्लिम’ ‘इस्लाम’.
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अपनी शिक्षा और ज्ञान से इस मिथक को तोड़ने वाले और ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ के लेखक आईएस नियाज़ खान इन दिनों अपने ट्वीट और इस किताब के चलते मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान (IAS Niyaz khan) ने दमोह गंगा-जमुना स्कूल में विवाद के बीच मुसलमानों को सलाह दी है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाई भी गौ रक्षक बनें, धर्म परिवर्तन का विरोध करें, किसी का धर्म ना बदलवाएं. उन्होंने इसे लेकर ट्वीट किया है, जो काफी वायरल हो रहा है. तो आज हम इस लेख में जानते हैं नियाज़ खान के बारे में.
किस ट्वीट को लेकर मचा है बवाल?
दरअसल बीते गुरुवार को आईएस नियाज़ खान ने एक ट्वीट लिखा था जिसमे वो खुद मुस्लिम होते हुए मुसलमानों को ईएसआई नसीहत दे डाली जो मुस्लिम चरमपंथियों को कुछ पच नहीं रही है. उस्न्होने ने ट्वीट में लिखा था कि, “मुस्लिम भाई भी गोरक्षक बनें, धर्म परिवर्तन का विरोध करें, किसी का धर्म ना बदलवाएं.
मुस्लिम भाई भी गौ रक्षक बनें, धर्म परिवर्तन का विरोध करें, किसी का धर्म ना बदलवाएं। जबरन धर्म बदलवाना इस्लाम में प्रतिबंधित है। अगर शाकाहार अपना सकें तो यह एक बेहतरीन प्रयास होगा। यद्यपि शाकाहारी बनने को बाध्य नही किया जा सकता। हर मुस्लिम भाई #ब्राह्मणों से मधुर संबंध रखें।
— Niyaz Khan (@saifasa) June 8, 2023
जबरन धर्म बदलवाना इस्लाम में प्रतिबंधित है. अगर शाकाहार अपना सकें तो यह एक बेहतरीन प्रयास होगा. यद्यपि शाकाहारी बनने को बाध्य नही किया जा सकता। हर मुस्लिम भाई ब्राह्मणों से मधुर संबंध रखें.’
बना दिया ‘ब्राह्मण द ग्रेट’
आपको बता दें कि नियाज़ आईएस होने के साथ साथ नियाज खान एक उपन्यासकार भी हैं. उनके 8 उपन्यास अभी तक प्रकाशित किए जा चुके हैं. उनका पिछला उपन्यास ब्राह्मण द ग्रेट काफी चर्चित रहा है. जिसमें उन्होंने ब्राह्मण को लेकर कहा था कि ब्राह्मण का सुपर ब्रेन होता है.
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चार महीने पहले बाजार में आई इस किताब में उन्होंने ये भी लिखा था कि जब-जब सड़क पर चोटी-जनेऊधारी ब्राह्मण नंगे पांव निकलता है तो वह साक्षात भगवान का रूप होता है. नियाज खान अक्सर विवादों में भी रहते हैं.
कौन है आईएस नियाज़ खान
नियाज खान मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. नियाज खान अपने धर्म की हिंसक छवि को मिटाने के लिए भी रिसर्च कर रहे हैं. उनका मानना है कि इस्लाम के बदनाम होने के पीछे कई संगठनों की खराब छवि है.
नियाज खान अब तक आधा दर्जन से ज्यादा किताबें भी लिख चुके है. इसके अलावा वो अबू सलेम पर भी किताब लिख चुके हैं. वे हिंदू धर्म से भी काफी प्रभावित नजर आते हैं. इसके अलावा पिछले साल कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर उनकी टिप्पणी की वजह से परेशानी से घिरे थे.
‘सरनेम इज हॉन्टिंग लाइक ए घोस्ट’
इन बवालों से पहले भी नियाज़ खान ने एक ट्वीट किया था और वो था उनका सरनेम. नियाज खान ने इससे पहले अपने सरनेम को लेकर ट्वीट किया था. साल 2019 में नियाज खान ने अपने ट्वीट में लिखा था कि उनके नाम के साथ खान लगे होने के कारण उन्हें अपनी सर्विस के दौरान बहुत कुछ भुगतना पड़ा है और खान सरनेम भूत की तरह उनका पीछा कर रहा है.
17 years in government service, transfer in 10 districts and 19 shiftings, I was always made feel untouchable, like a German Jew. Khan surname hounded me like a ghost.
— Niyaz Khan (@saifasa) January 10, 2019
वहीं नियाज खान ने हिजाब विवाद में भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी और लिखा था कि हिजाब हमारे जीवन की सुरक्षा करता है, साथ ही ये हमें प्रदूषण से भी रक्षा करता है.