वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने देश में दस्तक पिछले साल जनवरी के महीने में दी थीं। तब से ही इस वायरस ने देशभर में तबाही मचाकर रखी है। डेढ़ सालों से भी ज्यादा वक्त से कोरोना महामारी किसी ना किसी तरीके से हर किसी को प्रभावित कर रहा है। इस वैश्विक महामारी का खतरा अब तक टला नहीं। दूसरी लहर से मची भयंकर तबाही के बाद अब थर्ड वेव का खतरा भी लगातार बरकरार है।
हालांकि इस बीच कोरोना की वैक्सीन उम्मीद की एक किरण बनकर सामने आई। तीसरी लहर के खतरे के बीच देश में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान लगातार तेज करने की कोशिशें जारी हैं। लोगों के बीच आगे आकर वैक्सीन लगवाने की अपील की जा रही है।
इस बीच पद्मश्री से सम्मानित देश के जाने-माने हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने कोरोना वैक्सीन पर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। सुरेंद्र शर्मा की एक वीडियो सामने आई हैं, जिसमें वो सरकार से वैक्सीन का पूरा डेटा सार्वजनिक करने की मांग करते नजर आए। यही नहीं वीडियो में तो उन्होंने ये तक दावा किया कि उनके परिवार के 10 ऐसे लोगों की मौत हुई, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थीं।
वीडियो में सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आ रही हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि तुम ज्योतिष हो जो आपको मालूम होता है कि पहली लहर बूढ़ों पर आएगी, दूसरी जवानों और तीसरी लहर बच्चों पर आएगी। किस वैज्ञानिक सिद्धांत से बताया जाता है?
साथ ही वीडियो में वो ये भी दावा करते नजर आ रहे हैं कि दोनों वैक्सीन लगवाने के बाद उन्होंने अपने परिवार के 10 लोग खोए। उन्होंने कहा कि कई डॉक्टरों, कई स्वास्थकर्मी, कई नर्सें की मौत भी दोनों वैक्सीन लगाने के बाद हुई। इसका कोई डेटा भी नहीं। सरकार को लोगों को कम से कम इतना तो बताना चाहिए कि कौन-सी वैक्सीन लगवाने के बाद इनकी मौत हुई।
कवि सुरेंद्र शर्मा वीडियो में वैक्सीन निर्माता कंपनियों पर ये भी आरोप लगाते हुए नजर आए कि वो अपनी दवाईयों और इंजेक्शन का विज्ञापन करने के लिए लोगों के मन में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं, जो एकदम गलत है।
यही नहीं मशहूर हास्य कवि ने वीडियो के जरिए सरकार से ये मांग भी की कि देश के लोगों को वैक्सीन की रिसर्च के लिए इस्तेमाल ना किया जाएं। खासतौर पर बच्चों पर ऐसी एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन का प्रयोग ना हो।