अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर जिस तरह से घर घर जाकर चंदा इकट्ठा किया गया था। ठीक वैसा ही एक अभियान बिहार के दरभंगा में चलाया जा रहा है। लेकिन यहां घर घर जाकर लोगों से चंदा नहीं इकट्ठा किया जा रहा। बल्कि ईट मांगी जा रही है और वो भी अस्पताल बनाने के लिए।
जी हां, दरभंगा में एम्स बनवाने के लिए कुछ छात्रों ने एक बेहद ही खास मुहिम छेड़ दी है। जिसके तहत वो दरभंगा एम्स के लिए घर घर जाकर ईट इकट्ठा कर रहे हैं। और इसके पीछे का मकसद भी बेहद खास है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि जिससे वो सोई हुई सरकारों को नींद से जगा सकें।
6 साल पहले हुए थी AIIMS बनवाने की घोषणा
दरअसल, बात कुछ यूं है कि दरभंगा में एम्स बनाने की बात तो 4-5 साल पहले ही कह दी गई थीं। केंद्र सरकार की तरफ से 2015-16 के बजट में दरभंगा में एम्स बनवाने का ऐलान किया गया था। लेकिन एम्स बनवाने के लिए सरकार की तरफ से सिर्फ घोषणा ही की गई, जमीनी स्तर पर इसके लिए अब तक कोई काम होता नहीं दिखा। किए गए वादे के मुताबिक अगर काम होता तो अब तक को ये AIIMS बनकर भी तैयार हो जाना चाहिए था।
अब तक शुरू नहीं हुआ कोई काम
दरअसल, सरकार ने घोषणा करते हुए बताया था कि ये अस्पताल 4 सालों में बनकर तैयार हो जाएगा। हॉस्पिटल 750 बेड वाला बनवाने का वादा किया गया था, जिसे 1200 करोड़ की लागत आने की बात भी बताई गई थी। इस घोषणा को अब 5 साल से भी ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन अब तक इस वादे पर अमल नहीं किया गया। अस्पताल बनने की बात तो दूर की तरह। इसके लिए अब तक एक ईट तक नहीं रखी गई। हॉस्पिटल का शिलान्यास भी अभी तक नहीं हुआ है।
वैसे AIIMS बनने का काम दरभंगा मेडिकल कॉलेज के कैंपस में होना है, जिसके लिए 200 एकड़ के करीब की जमीन भी स्वीकॉत की गई। एम्स का काम लंबे वक्त तक अटका रहा। जिसके बाद कुछ दिन पहले ही बिहार की नीतीश सरकार ने 200 एकड़ जमीन पर मिट्टी भराई के काम को लेकर पैसे भी दे दिए। फिर भी अब तक मिट्टी भराई का काम शुरू नहीं हो पाया।
घर घर जाकर ईंट मांग रहे छात्र
यही वजह है कि दरभंगा में एम्स का निर्माण करवाने के लिए ये खास मुहिम छेड़ी गई। ये कैंपेन स्थानीय मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) नामक एक छात्र संगठन ने शुरू किया है। जिसके तहत स्टूडेंट यूनियन के लोग गलियों-गलियों में घूमकर लोगों से AIIMS के लिए एक-एक ईंट मांग रहे हैं। साथ ही वो जिन लोगों से ईंट मांग रहे हैं, वो उन्हें इसकी वजह भी बता रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने ‘घर-घर से ईटें लाएंगे, दरभंगा में एम्स बनवाएंगे’ का नारा लेकर लोगों के घरों तक जा रहे हैं।
इस कैंपेन को शुरू करने वाले अविनाश भारद्वाज ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि ये जन-जागरण अभियान है। सरकारों को जगाने के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है। एम्स के लिए काम जमीनी स्तर पर शुरू होना चाहिए। जब सरकार कुछ नहीं करेगी, तो आम लोगों को ही आगे आना पड़ेगा। सरकार इस एम्स को अगले चुनाव में मुद्दा बनाने और वोटो लेने के लिए सरकार इसके लिए धीमी गति से काम कर रही है।
छात्रों की मुहिम का पड़ेगा सरकार पर असर?
छात्रों के द्वारा ये कैंपेन एक अगस्त को शुरू किया गया। दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर समेत कई जिलों से स्टूडेंट यूनियन के लोग घर घर जाकर ईट इकट्ठी कर रहे हैं। इसके बाद 8 सितंबर को दरभंगा एम्स का शिलान्यास किया जाएगा। स्टूडेंट यूनियन के द्वारा छेड़ा गया ये खास अभियान सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बना हुआ है। कई लोग छात्रों की मुहिम की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं देखने वाली बात तो ये होगी कि छात्रों की इस खास मुहिम का सरकार पर क्या असर पड़ता है? क्या ये अभियान सरकार को जगाने में काम करेगा? और सालों से अटका दरभंगा एम्स प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा?