Prayagraj Maha Kumbh: महाकुंभ 2025 समाप्त हो चुका है, लेकिन इसके प्रभाव और चर्चाएं अभी भी जारी हैं। इस 45-दिवसीय आयोजन के दौरान कई घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। भगदड़, आगजनी और अव्यवस्थाओं के बीच जब सरकार से सवाल किए गए, तो योगी सरकार की ओर से बार-बार पलटवार किया गया।
हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र 2025 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नाविक परिवार का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस परिवार के पास 130 नौकाएं थीं और इसने महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ रुपये का कारोबार किया। इस बयान के बाद यह नाविक परिवार चर्चा में आ गया, लेकिन जब मीडिया ने पड़ताल की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
पिंटू महरा का पारिवारिक इतिहास
योगी आदित्यनाथ द्वारा चर्चा में लाया गया नाविक परिवार प्रयागराज के अरैल इलाके में रहता है। इस परिवार का मुखिया पिंटू महरा है, जिसने अपने परिवार के साथ मिलकर महाकुंभ में बड़ा कारोबार किया। पिंटू महरा अपने पिता बच्चा महरा का तीसरे नंबर का बेटा है। लेकिन सीएम योगी के बयान के बाद पिंटू महरा और उसके परिवार का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है।
- पिंटू महरा नैनी थाने का हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बमबाजी और रंगदारी जैसे करीब दर्जनों मामले दर्ज हैं।
- 2009 में नैनी के लोकपुर में हुए दोहरे हत्याकांड में उसका नाम सामने आया था।
- उसके पिता बच्चा महरा भी आपराधिक प्रवृत्ति के थे और जेल में रहते हुए उनकी मृत्यु हो गई थी।
- पिंटू के बड़े भाई आनंद महरा का भी आपराधिक रिकॉर्ड रह चुका है. कई साल पहले दो अन्य लोगों समेत यमुना नदी के बीच नाव में हत्या कर दी गई थी।
- उसका दूसरा भाई अरविंद महरा भी नैनी थाने का हिस्ट्रीशीटर है।
महाकुंभ में रंगदारी के आरोप
महाकुंभ के दौरान पिंटू महरा पर नाव चलाने के लिए रंगदारी मांगने का आरोप भी लगा। 11 फरवरी 2025 को मेला कोतवाली में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अरैल निवासी नाविक शनि निषाद ने आरोप लगाया कि पिंटू महरा और उसके साथियों ने उसके भाई पिंटू निषाद को पीटा और धमकी दी कि अगर नाव चलानी है, तो प्रत्येक नाविक को 5000 रुपये देने होंगे, अन्यथा जान से मार दिया जाएगा। इससे पहले भी आरोपियों के ऊपर 8000 रुपये छीनने का आरोप लगा था।
क्या योगी आदित्यनाथ ने अपराधी का बखान किया?
ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र में जिस नाविक परिवार की सफलता की कहानी सुनाई, वह अब सवालों के घेरे में है। पिंटू महरा और उसके परिवार का आपराधिक इतिहास सरकार की विफलता और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है। क्या सरकार ने एक अपराधी को महिमामंडित किया, या फिर यह पूरी जानकारी के अभाव में हुआ? यह सवाल अब चर्चा का विषय बना हुआ है।