आजकल का जमाना सोशल मीडिया वाला है। सोशल मीडिया पर किसी भी चीज को वायरल होते देर नहीं लगती। कई बार यही सोशल मीडिया लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित होता है। ये लोगों की जान बचाने तक में मदद करता है। ऐसा ही कुछ 24 दिन की बच्ची के साथ भी हुआ।
दरअसल, एक मासूम बच्ची अपने परिजनों के साथ ट्रेन में जा रही थी। उसका जन्म 24 दिन पहले ही हुआ था। बच्ची दिल की बीमारी का शिकार थीं। माता-पिता बच्ची को इलाज के लिए नागपुर से दिल्ली लेकर जा रहे थे। लेकिन इस बीच अचानक ही बच्ची को बीच रास्ते में चलती ट्रेन में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ गई। उसका ऑक्सीजन सिलेंडर फेल हो गया। पहले तो बच्ची के परिजनों को समझ नहीं आया कि वो करें, तो क्या करें। थोड़ी देर हो जाती, तो बच्ची की जान पर खतरा भी आ सकता था।
फिर बच्ची के पिता ने मदद के लिए एक मैसेज डाल दिया। मैसेज में लिखा था- ’26 दिन की बच्ची को दिल की बीमारी है और उसे दिल्ली लेकर जा रहे हैं। रास्ते में सिलेंडर फेल हो गया। उसे ऑक्सीजन की तुरंत जरुरत है। अगला स्टेशन भोपाल है।’ इसमें ये भी बताया गया कि बच्ची को 15 किलो वाले सिलेंडर की जरूरत है। ये मैसेज वायरल होते ही भोपाल स्टेशन पर मदद के लिए लोगों की कतार लग जाती है। मदद के लिए कई हाथ पहले से तैयार थे।
सोशल मीडिया पर ये मैसेज तुरंत ही वायरल हो गया। बस फिर क्या था। जैसे ही लोगों ने ये मैसेज देखा वो बच्ची की मदद करने के लिए देर रात को ही दौड़ पड़े। डॉक्टर से लेकर NGO और रेलवे अधिकारी समेत कई नागरिक भी अपने-अपने स्तर पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर रेलवे स्टेशन पहुंच गए। घटना 31 मार्च की देर रात की है।
इसको लेकर बच्ची की मां लता बताती हैं कि बैकअप ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने पर मेरे पति ने अपने कुछ दोस्तों और रेलवे अधिकारियों को मैसेज किए थे। वहां से जवाब मिला कि हम आपका भोपाल स्टेशन पर इंतेजार कर रहे हैं। जब हम भोपाल पहुंचे, तो रात के 2 बज रहे थे। स्टेशन पर मदद करने वाले लोगों की संख्या देखकर हम हैरान रह गए। लता ने कहा कि जिस तरह यूं लोग मेरी बच्ची की मदद करने आगे आए, हम कभी इसे भूल नहीं पाएंगे।
जानकारी के मुताबिक ट्रेन रात को जब पहुंची थी, तो भोपाल स्टेशन पर 5 ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ चाइल्ड स्पेशलिस्ट भी मौजूद थे। तुरंत ही मासूम बच्ची को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया। चाइल्ड स्पेशलिस्ट ने उसकी जांच भी की। बताया जा रहा है कि मैसेज वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग और भोपाल का जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया था।