भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। जहां हर धर्म के लोगों को पूरी आजादी के साथ रहने का हक है। लेकिन कई लोग धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की भी कोशिश करते हैं। कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए तो कुछ अन्य वजह से हिंदू और मुसलमानों में फूट डालने की कोशिश करते हैं। जहां कई जगहों से हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव की खबरें सामने आती रहती है। तो वहीं इस बीच कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो हिंदू मुस्लिम की एकता की मिसाल बनकर सामने आते हैं। ऐसी ही एक शानदार मिसाल पेश की है महबूब मसली नाम के एक शख्स ने।
महबूब मसली कर्नाटक के रहने वाले हैं। उन्होंने ऐसा कुछ किया है, जिसके बारे में आपको पता चलेगा तो आप ये जानकर खुशी और गर्व दोनों ही महूसस करेंगे कि उनके जैसे लोग आज भी हमारे समाज में रहते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी कहानी जैसी ही सामने आई, लोग उनकी तारीफें करते नहीं थक रहे। तो आइए ऐसे में हम आपको भी इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं…
10 साल पहले लिया था लड़की को गोद
दरअसल, कर्नाटक के महबूब मसली ने कई सालों पहले एक ऐसी बच्ची को गोद लिया था, जो अपने माता पिता को खो चुकी थीं। यही नहीं उसके रिश्तेदारों ने भी उसे अपनाने से इनकार कर दिया था। बच्ची का नाम था पूजा। जी हां, पूजा एक हिंदू लड़की थीं, जिसे मुस्लिम शख्स महबूब मसली ने गोद लिया।
हिंदू लड़के से ही की शादी
कहानी सिर्फ यही खत्म नहीं हुई। मसली ने पूजा को गोद लेने के बाद अपनी बच्ची की तरह ही पाला। उसे वो एक पिता की तरह ही प्यार किया। ये मामला अब इसलिए चर्चाओं में आया है क्योंकि अब जब पूजा बड़ी हो गई, तो मसली ने उसकी शादी भी कराई वो भी पूजा के धर्म के अनुसार ही। जी हां, पूजा की शादी एक हिंदू लड़के के साथ की गई। हिंदू रीति रिवाज से ही मसली ने शादी कराकर पूजा का विदा किया।
मामला करीब करीब 10 साल पुराना है। जब पूजा ने अपने माता पिता को खो दिया था। उसके माता पिता की मौत हो गई थी। तब पूजा के रिश्तेदारों ने उसे रखने से इनकार कर दिया। जिसके बाद महबूब मसली आगे आए और उन्होंने पूजा को गोद लेने का फैसला किया। मसली की अपनी भी चार बच्चे, 2 बेटियां और 2 बेटे हैं। फिर भी उन्होंने पूजा को अपने घर में लाने से पहले एक पल भी नहीं सोचा।
कभी नहीं बनवाया इस्लाम का पालन करने का दबाव
इसके बारे में ANI न्यूज एंजेंसी से बात करते हुए कहा- ‘मेरी ये जिम्मेदारी थी कि मैं उसकी (पूजा) शादी हिंदू धर्म के लड़के से करूं, क्योंकि वो हिंदू हैं। वो मेरे घर में 10 सालों से रही, लेकिन मैंने कभी उस पर इस्लाम धर्म अपनाने या फिर किसी मुस्लिम शख्स के साथ शादी करने का दबाव नहीं बनाया। ये हमारे धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ है।
वहीं पूजा का कहना है- ‘मैं बहुत किस्मत वाली हूं कि मुझे ऐसे महान माता पिता मिले, जिन्होंने पूरे दिल से मेरी देखभाल की।’ इस कहानी में एक और कमाल की ये बात है कि जिस युवक से पूजा की शादी उसके माता पिता ने भी इस शादी में दहेज ना लेकर उसे अपनी बहू के रूप में स्वीकार किया।