मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के जोबा गांव में हुई एक महिला IAS ऑफिसर की शादी चर्चाओं में आ गई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि महिला ऑफिसर ने अफनी शादी में कन्यादान नहीं कराया। ऐसा करने से उन्होंने इनकार कर दिया। इन IAS अफसर का नाम तपस्या परिहार हैं, जिन्होंने UPSC की परीक्षा में 23वीं रैंक हासिल की। हाल ही में IAS तपस्यार IFS अधिकारी गर्वित गंगवार के साथ शादी के बंधन में बंधी।
इनकी शादी इस वक्त काफी चर्चाओं में हैं, क्योंकि तपस्या ने शादी में कन्यादान कराने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने पिता से कहा कि मैं दान की चीज नहीं हूं। आपकी बेटी हूं। उन्होंने शादी में कन्यादान की रस्म नहीं करवाई। हिंदू संस्कृति में कन्यादान का कितना विशेष महत्व होता है, ये तो सभी जानते हैं। लेकिन IAS तपस्या ने अपनी शादी में इन बंधनों को तोड़ दिया, जिसकी वजह से ही इनकी शादी खासा चर्चाओं में बनी हुई है।
IAS अधिकारी तपस्या कहती हैं कि समाज की इस विचारधार को लेकर वो बचपन से ही सोचती थी कि कैसे कोई मेरा कन्यादान कर सकता है। वो भी मेरी इच्छा के बिना। मैनें अपने परिवार से भी धीरे धीरे इस पर चर्चा की और इसको लेकर परिवार के लोग मान गए। फिर दूल्हे पक्ष को भी तैयार किया गया और अब बिना कन्यादान के ही शादी हुई।
IAS तपस्या परिहार का मानना है दो परिवार आपस में मिलकर विवाह करते हैं। तो इसमें किसी का बड़ा-छोटा या ऊंचा-नीचा होना सही नहीं। क्यों किसी का दान किया जाए। उन्होंने कहा कि जब मैं शादी के लिए तैयार हुई, तब मैंने परिवार के लोगों से बात कर कन्यादान की रस्म को शादी से दूर रखा।
तपस्या के पति IFS गर्वित के विचार भी कुछ ऐसी ही हैं। वो कहते हैं कि क्यों लड़की को शादी के बाद पूरी तरह बदलना होता है? मांग भरने की बात हो या कोई ऐसी परंपरा जो ये साबित करें कि लड़की शादीशुदा है। ऐसा लड़कों पर क्यों नहीं लागू होता। वो कहते हैं कि इस तरह की मान्यताओं को धीरे धीरे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
वहीं तपस्या के पिता का मानना है कि इस तरह की रस्मों से लड़की को पिता के घर से या उसकी जायजाद से बेदखल करने की साजिश की तरह देखा जाता है। बेटे और बेटी में कोई अंतर न हो। बेटियों को दान कर उनके हक और सम्पत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।
बता दें कि बीते दिनों IAS तपस्या और IFS गर्वित की शादी सभी रीति रिवाजों के साथ हुई। बस इसमें कन्यादान की रस्म नहीं हुई।