नोएडा की महिला ने अपने बाल काटकर ईरानी महिलाओं के प्रदर्शन को दिया समर्थन
एक तरफ कुछ समय पहले जहां देश में हिजाब को लेकर विवाद का माहौल बना हुआ था, वहीं दूसरी तरफ ईरान में हिजाब को लेकर पिछले कुछ समय से काफी हंगामा मचा हुआ है। ईरानी महिलाएं हिजाब के विरोध में सड़कों पर उतर गई हैं। पूरे विश्व में ईरानी महिलाओं के लिए समर्थन दिख रहा है। इसी बीच भारत में राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली के करीब नोएडा में भी एक महिला ने ईरानी महिलाओं के समर्थन में बड़ा कदम उठाया और अपने बाल काट दिए। अब भारत में भी हिजाब के खिलाफ आंदोलन की चिंगारी दिखने लगी है। नोएडा की एक महिला ने अपने बाल काटकर ईरानी महिलाओं के प्रदर्शन को समर्थन दिया है।
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देश में महिला अधिकारों का घोंटा जा रहा गला
आपको बता दें कि महिला नोएडा की निवासी हैं और उनका नाम डॉ अनुपमा भारद्वाज है। भारद्वाज ने ईरानी महिलाओं के समर्थन में अपने बाल काट दिए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें वह खुद ही अपने बाल काट रही हैं। डॉ. अनुपमा ने बताया कि हम 21वीं सदी में पहुंच गए हैं। लेकिन इस तरह की घटनाएं सभी को दुख पहुंचाती हैं। उन्होंने आगे कहा कि बात सिर्फ किसी धर्म की नहीं है, बात महिला अधिकारों की है। भारत में भी महिलाओं के साथ कई समस्याएं हैं, जिन पर बात करने की जरूरत है और यह समय इन चीजों पर बात करने के लिए सबसे उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि, “ईरानी महिला माहसा आमिनी के समर्थन से उस सोच का ध्यान आकर्षित करना है, जो धर्म और समाज के बाधाओं की बात कहकर महिलाओं का शोषण कर रहे हैं और महिला अधिकारों का गला घोंट रहे हैं”।
हिजाब से जुड़ा पूरा मामला
आपको बता दें कि इस विरोध के पीछे जो कहानी है वो ईरान की एक 22 वर्षीय लड़की की है। ईरान में हिजाब के विरोध में गिरफ्तार महिला माहसा अमिनी को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस की गिरफ्तारी के बाद अमिनी की पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई थी। जिसके बाद ईरानी महिलाओं ने वहां के सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू कर दिया है। लगातार ईरान की महिलाएं देशभर में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं, जिसके लिए उन्हें दुनियाभर की महिलाओं से समर्थन भी मिल रहा है। बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने भी ईरानी महिलाओं का समर्थन किया था। यहां तक कि बेल्जियम की विदेश मंत्री और दो अन्य सांसदों ने भी ईरानी महिलाओं को अपना समर्थन देते हुए संसद में अपने बाल कटवाए थे। अब देखना दिलचल्प होगा की एक भारतीय आम महिला के समर्थन से ईरानी महिलाओं का मनोबल कितना बढ़ेगा और भारत में इस तरह के धारणा रखने वाले लोगों की सोच में कितना बदलाव आएगा।
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