कहते हैं कि अगर प्यार सच्चा है, तो उसके आड़े फिर कुछ आता। चाहे वो धर्म हो, मजहब या फिर मुल्क। सच्चे प्यार की ताकत के आगे ये सब चीजें बाधा नहीं बन पाती। ये बातें एक बार फिर से सही साबित हुई है। एक बेहद ही हटकर प्रेम कहानी सामने आई है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के अविनाथ 8 हजार किलोमीटर दूर बैठीं एक लड़की के प्यार में पड़ गए।
ग्वालियर के अविनाश को अफ्रीकी देश मोरक्को की रहने वाली फादवा से प्यार हो गया। दोनों सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे से मिलें। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई। मुल्क अलग, धर्म अलग…इन सबकी वजह से अविनाश और फादवा की शादी में दिक्कतें तो बहुत थीं, लेकिन ये उनके प्यार को डिगा नहीं पाई। शुरू में तो परिवारवाले भी इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं हुए। फादवा के पिता ने शादी से इनकार कर दिया। लेकिन अंत में जीत प्यार की ही हुई।
प्यार की खातिर फादवा ने अपना देश तक छोड़ दिया। अविनाश ने भी युवती के पिता को भरोसा दिया कि वो कभी भी उसका धर्म परिवर्तन नहीं कराएगा। अपने-अपने धर्म और संस्कृति का पालन करते हुए दोनों पति-पत्नी बने रहेंगे। बुधवार को एडीएम कोर्ट में दोनों ने शादी रचा ली। कुछ दिनों के बाद अविाथ और फादवा हिंदू रीति-रिवाज से भी शादी करेंगे।
फादवा लैमाली अफ्रीकी देश मोरक्को की हैं और वो एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाई करती है। सोशल मीडिया पर 3 साल पहले फादवा की मुलाकात ग्वालियर के रहने वाले 26 साल के अविनाश दोहरे से हुई थीं। सोशल मीडिया से बातचती करते हुए ही दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ गए, लेकिन मजहब अलग होने से दोनों चिंता में थे।
इसके बारे में दोनों ने अपने परिवारवालों को बताया। फादवा का परिवार पहले तो इसके लिए राजी नहीं हुआ। अविनाश दो बार शादी का प्रस्ताव लेकर मोरक्को भी गया, लेकिन फादवा के पिता अली लैमाली इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने शादी के लिए साफ इनकार किया। लेकिन, दोनों शादी के लिए अड़े हुए थे। तब फादवा के पिता ने अविनाश से भारत और हिंदू धर्म छोड़कर मोरक्को आने को कहा।
जिस पर अविनाश ने साफ तौर पर कह दिया कि ना तो मैं अपना देश छोडूंगा और ना ही अपना धर्म परिवर्तन करूंगा, लेकिन मैं आपकी बेटी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराऊंगा। उसे अपना धर्म और अपनी परंपराए उस तरह से ही निभाने की आजादी भारत में होगी, जैसे अभी है। अविनाश की ये बातें सुनकर परिवारवाले मान गए। दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद फादवा मोरक्को से भारत आने के लिए NOC मांगी और यहां आकर अविनाथ से शादी कर लीं।