सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब अयोध्या में राम मंदिर बन गया है और 22 जनवरी को अयोध्या में बने राम मंदिर में रामलला विरजमान होंगे. अयोध्या में बने राम मंदिर को हिन्दू धर्म के लोगों ने अपनी सबसे बड़ी जीत बताई है लेकिन सिख न होते तो अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनता. अयोध्या और राम मंदिर से सिखों का सबसे बड़ा कनेक्शन है और इस बात का प्रमाण इतिहास के पन्नों में दर्ज है.
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सिखों का 165 साल पुराना है कनेक्शन
सिखों का अयोध्या और राम मंदिर से जो कनेक्शन है वो 165 साल पुराना है. कहा जाता है कि जब सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी हरिद्वार से पुरी जा रहे थे तब वो अयोध्या आये थे, उन्होंने अयोध्या का भ्रमण किया और सबसे पहले राम मंदिर जाकर दर्शन किए. वहीं उन्होंने सरयू के इसी ब्रह्मकुंड तट पर धूनी रमाई जहां पर आज के समय गुरुद्वारा बना हुआ है. इस गुरुद्वारा का नाम ब्रह्म कुंड है कहा जाता है कि गुरुनानक देव जी सवा महीने यहीं पर रुके थे.
रामजन्मभूमि के लिए सिखों ने मुगलों से की लड़ाई
वहीं जब गुरुनानक देव जी अयोध्या आये थे तब श्रीराम जन्मभूमि मुगलों के कब्जे में थी और तब उन्होंने निहंग सिखों को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने निहंग सिखों ने यहाँ पर आकर युद्ध करने और रामजन्मभूमि को मुक्त करने को कहा. वहीं इसके बाद निहंग सिख यहाँ पर उन्होने मुगलों से युद्ध किया और युद्ध करने के बाद सिखों ने रामजन्मभूमि को अपने कब्जे में ले लिए और 14 दिनों तक उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि अपने कब्जे में रखी पर उसके बाद मुगलों ने फिर श्रीराम जन्मभूमि कब्जा कर लिया.
निहंग सिखों ने बाबरी मस्जिद की सड़कों पर लिखा था राम-राम
वहीं इतिहास के पन्नों में इस बात का जिक्र है कि उस काल में निहंग सिखों (Nihang Sikh) ने बाबरी मस्जिद में घुसकर जगह-जगह पर श्रीराम का नाम लिखा था और यह साबित करने की कोशिश की थी कि यह श्रीराम के जन्म का स्थान है. इतिहासरकार रवि भट्ट के अनुसार, एक सिख निहंत थे बाबा फकीर सिंह जी जो अपने साथियों के साथ राम मंदिर चले आते हैं और दीवारों पर राम-राम लिख देते हैं. इसके अलावा, एक प्लेटफॉर्म बना देते हैं जिसके ऊपर भगवान राम की मूर्ति वहां रख दी जाती है. इस बात की जिक्र उस एफआईआर में है जो 28 नवंबर 1958 में दर्ज हुई थी.
वहीँ इतिहास के पन्नों में इस बात का भी जिक्र है कि सिख गुरु स्वयं को श्रीराम के पुत्र लव एवं कुश के वंशज हैं और इस बात का प्रमण गुरु ग्रंथ साहिब में साढ़े पांच हजार बार राम शब्द का उल्लेख मिलता है।
1992 में तोड़ा गया बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा
आपको बता दें, राम जन्भूमि पर उस समय बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा था जिसे साल 1992 में तोड़ा गया था. वहीँ अब 22 जनवरी के दिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है जिसमें देश के पीएम समेत कई बड़े दिग्गज लोग शामिल होनेग.
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