धूम्रपान कितना हानिकारक है, यह जानने के बावजूद भी कुछ लोग धूम्रपान करना नहीं छोड़ते। भारत में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें धूम्रपान की इतनी लत है कि वे दिन में 3-4 बार धूम्रपान करते हैं। आजकल धूम्रपान को कूल चीज़ माना जाता है, जो पूरी तरह से गलत है। क्योंकि कूल होने के चक्कर में वो लोग अपने फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं दूसरी ओर सिगरेट बनाने वाली कंपनियां अपनी जेबें भरती हैं। जिस तेजी से सिगरेट पीने वालों की संख्या बढ़ रही है, उसी तेजी से इन कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ रहा है। आज हम आपको देश की पांच ऐसी कंपनियों के बारे में बता रहे हैं जो तंबाकू उत्पाद बेचकर करोड़ों कमा रही हैं।
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गॉडफ्रे फिलिप्स (Godfrey Phillips)
तंबाकू क्षेत्र में अपना नाम बनाने वाली कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स की शुरुआत लंदन में हुई थी। गॉडफ्रे फिलिप्स नाम के एक अंग्रेज ने साल 1936 में इसकी शुरुआत की थी। इस कंपनी को साल 1968 में बेच दिया गया था। इस कंपनी को ललित मोदी ने खरीद लिया था। यह कंपनी मार्लबोरो, फोर स्क्वायर, कैवेंडर्स, रेड एंड व्हाइट, स्टेलर, नॉर्थ पोल एंड टिपर के साथ-साथ पान विलास जैसे उत्पाद बेचती है।
गोल्डन टोबैको लिमिटेड (Golden Tabacco)
गोल्डन टोबैको का स्वामित्व डालमिया समूह के पास है। यह कंपनी पनामा, चांसलर, गोल्डन गोल्ड फ्लेक, स्टाइल और सिगार उत्पाद बनाती है। इसके अलावा कोठारी प्रोडक्ट, द इंडियन वुड प्रोडक्ट जैसी कई अन्य कंपनियां हैं जो भारत में तंबाकू उत्पाद बनाती और बेचती हैं।
वीएसटी इंडस्ट्रीज (VST Industries)
वीएसटी इंडस्ट्रीज की शुरुआत वर्ष 1930 में हुई थी। इस कंपनी की स्थापना वजीर सुल्तान ने की थी। उन्होंने कंपनी का नाम अपने नाम पर वजीर सुल्तान टोबैको कंपनी लिमिटेड रखा, जिसे संक्षेप में वीएसटी कहा जाता है। कंपनी का मुख्यालय हैदराबाद में है। कंपनी अपने उत्पादों को टोटल, चार्म, चारमीनार, एडिशन, गोल्ड नामों से बेचती है।
आईटीसी कंपनी (ITC)
तंबाकू उद्योग में आईटीसी का दबदबा है, यह कंपनी सिगरेट से लेकर होटल उद्योग तक फैली हुई है। सबसे बड़ी कंपनियों में से एक आईटीसी तंबाकू उत्पादों की बिक्री से लाखों डॉलर कमाती है। बाजार में कंपनी की कीमत 482097 करोड़ रुपये है। निगम के शेयरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। निवेशकों को आईटीसी के शेयरों पर अच्छा खासा मुनाफा हुआ है। विल्स, क्लासिक, गोल्ड फ्लेक्स, इंडिया किंग्स, ब्रिस्टन, सिल्क कट, सिजर्स, कैप्स्टन और बर्कले ब्रांड के तहत आईटीसी अपने उत्पादों का बाजार विक्रेता है। वर्ष 1910 में, यानी ठीक 111 साल पहले, आईटीसी की नींव रखी गई थी। उस समय कंपनी का नाम इंपीरियल टोबैको था। 1970 में इसका नाम बदलकर इंडिया टोबैको कर दिया गया। 1974 में संगठन का नाम बदलकर आईटीसी कर दिया गया।
एनटीसी इंडस्ट्रीज (NTC Industries)
तंबाकू क्षेत्र की एक और कंपनी एनटीसी इंडस्ट्रीज है। इसकी शुरुआत 1931 में कोलकाता में हुई थी। एनटीसी इंडस्ट्रीज का कुल बाजार 92 करोड़ रुपये का है। ये कंपनियाँ मेपोल, कार्लटन, जयपुर मेंथॉल, प्रिंस हेनरी और नंबर 10 हैं।
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