आजकल का जमाना डिजिटल वाला है। ऑनलाइन शॉपिंग का चलन इतना बढ़ गया है कि अधिकतर लोग इसका काफी ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। आज के समय में कोई भी चीज हमारे घर तक आसानी से पहुंच सकती है। फिर चाहे वो खाना भी क्यों ना हो। जोमैटो, स्विगी जैसी ढेर कंपनियों है, जो कुछ मिनटों के अंदर ही फेवरेट रेस्टोरेंट से लोगों की मनचाही चीज घर तक डिलीवरी तक देती हैं।
आजकल एक और चलन काफी बढ़ गया है…वो है Instant Delivery का। आजकल कई कंपनियां Instant ग्रॉसरी डिलीवरी का वादा करती है। 10 मिनटों में वो सामान घर तक पहुंचाने की बात कहती है। अब Zomato फूड डिलीवरी में भी ये तरीका अपनाने जा रहा है। जी हां, Zomato की तरफ से ऐलान किया गया कि वो केवल 10 मिनटों में आपके घरों तक गर्मा गरम खाना पहुंचाएगा।
Zomato के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अपने एक ब्लॉग के जरिए कंपनी के इस फैसले की जानकारी दी। हालांकि कंपनी के इस कदम को लेकर विवाद भी शुरू हो गए। ये इस वक्त एक बड़ा बहस का मुद्दा बन गया। सोशल मीडिया से लेकर संसद तक में ये मुद्दा उठाया गया। आखिर क्यों Zomato के इस फैसले का इतना विरोध हो रहा है? इसके बारे में डिटेल से जान लेते हैं…
Zomato का ये नया ऑफर है क्या?
सबसे पहले बात करते हैं कि Zomato के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने इस फैसले को लेकर क्या बताया। दीपिंदर ने अपने ब्लॉग में कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि जोमैटो का 30 मिनट की डिलीवरी टाइम काफी धीमा है और जल्द ही ये चलन से बाहर भी हो जाएगा। अगर हम इसे नहीं बदलेंगे और तो कोई दूसरा ये काम करेगा। टेक इंडस्ट्री में इनोवेशन ही एक बने और आगे बढ़ने का तरीका है। इसलिए अब हम 10 मिनट फूड डिलीवरी ऑफरिंग जोमैटो इंस्टा के साथ मार्केट में आए हैं। गोयल ने कहा कि इसके लिए कंपनी ने पूरी तैयारी भी कर ली है। साथ ही उन्होंने इसे सेफ भी बताया।
लोगों ने उठाए जोमैटो के फैसले पर सवाल
जोमैटो की ओर से इस ऐलान के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस शुरू हो गई। इस दौरान कुछ लोग जोमैटो के फैसले से खुश दिखे, तो कुछ ने इस पर सवाल भी उठा। लोगों ने पूछा कि खाना बनाने और उसे डिलवर करने में कुछ समय लगता है। ऐसे में 10 मिनट में खाना डिलवर करके क्या जोमैटो पौष्टिकता के साथ खिलवाड़ करेगा? क्या आधा पका हुआ खाना डिलवर करेगा? और क्या इससे डिलीवरी ब्वॉय की जान को खतरा नहीं बढ़ेगा?
संसद में भी उठा मुद्दा
वहीं ये मुद्दा संसद में भी उठाया गया। कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम ने संसद में जोमैटो के फैसले को लेकर डिलीवरी ब्वॉय की सेफ्टी पर चिंता जताई। उन्होंने इसे बेतुका बताते हुए कहा कि इससे डिलीवरी ब्वॉय पर बेकार का दबाव बढ़ेगा। जो ना तो कंपनी के कर्मचारी हैं। ना ही उन्हें कोई फायदा या सिक्योरिटी मिलती है। उनके पास तो जोमैटो से बार्गेनिंग करने की ताकत भी नहीं है।
जोमैटो के फैसले पर आ रही ऐसी प्रतिक्रियाएं
इसके अलावा भी कई लोगों ने जोमैटो के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। एक्टर और लेखक सुहेल सेठ ने जोमैटो के इस ऑफर को खतरनाक और अनावश्यक बताया। उन्होंने कहा कि इससे सड़क पर मौजूद लोगों के लिए भी खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में इसे टाला जा सकता है। इतनी भी जल्दी नहीं है। ना ही कोई ऐसा मूर्ख होगा, जो 10 मिनट पहले सोचे कि उसे 10 मिनट बाद क्या खाना है।
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि फूड डिलीवरी में लगने वाले 30 मिनट के इंतेजार में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने उन्होंने कहा कि ये प्रेशर खतरनाक हो सकता है। मुझे यकीन है कि किसी को भी फूड डिलीवरी के लिए 30 मिनट का इंतजार करने में कोई समस्या नहीं होगी। वैसे भी अगर इस टाइम में खाना डिलीवर नहीं हुआ तो दुनिया खत्म नहीं होने वाली। 10 मिनट की डिलीवरी से दुनियाभर के लोग खुश नहीं होंगे।
Memes की भी आई बाढ़
सोशल मीडिया पर जोमैटो का ये फैसला लगातार सुर्खियों में हैं। कई लोग इस पर तरह तरह के मीम्स बनाकर मजे भी लेते नजर आ रहे हैं…