Whatsapp सबसे फेमस मैसेजिंग ऐप है। इस ऐप का इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग रोजाना करते हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों से Whatsapp काफी विवादों में घिरा हुआ है। Whatsapp ने हाल ही में अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किया है, जिसके चलते लोग अब इस ऐप से परेशान हो गए। Whatsapp की इन नए प्राइवेसी पॉलिसी को Accept करना जरूरी है, नहीं तो ये 8 फरवरी से काम करना भी बंद कर सकता है।
लगातार विवादों में Whatsapp
Whatsapp अपनी इन नई प्राइवेसी को लेकर विवादों में घिरा हुआ है। इस दौरान लोग इस मैसेजिंग ऐप से परेशान होकर दूसरा विकल्प भी तलाशने लगे है। Whatsapp की इस नए प्राइवेसी पॉलिसी के बीच Signal ऐप पॉपुलैरिटी काफी बढ़ गई और लोग इस पर अब स्विच करने लगे। इसके अलावा Telegram भी एक दूसरे विकल्प के तौर पर देखने को मिल रहा है।
इन सब विवादों के बीच Whatsapp में फिर खामी देखने को मिली। गूगल सर्च में एक बार फिर से Whatsapp के ग्रुप का लिंक और नंबर्स देखने को मिल रहे है। 2019 में भी ये खामी ऐप पर देखने को मिली थी, लेकिन इसको बाद में ठीक कर लिया गया। अब एक बार फिर से ये दिक्कत सामने आई है।
गूगल सर्च में मिले Whatsapp ग्रुप के इनवाइट लिंक
ऐसा दावा किया जा रहा है कि Whatsapp ग्रुप का इनवाइट लिंक आसानी से गूगल सर्च पर देखने को मिल रहा है। इस लिंक को हासिल कर कोई भी अनजान व्यक्ति ग्रुप में घुसपैठ कर सकता और वहां पर ग्रुप की चैट समेत लोगों को प्रोफाइल फोटो और ग्रुप से संबंधित अन्य जानकारियों को हासिल कर सकता है।
इंटरनेट सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर ने एक ट्वीट कर ये दावा किया। उन्होनें बताया कि ग्रुप का हर इनवाइट लिंक गूगल सर्च पर मौजूद है। ऐसे कुछ मामले सामने आ रहे हैं, जिससे प्राइवेट ग्रुप में अनजान लोग घुसपैठ कर रहे।
Whatsapp ग्रुप चैट के इंडेक्स एनबेल होने पर ग्रुप का लिंक वेब पर सर्च करने को मिल सकता है और इसको ज्वॉइन भी किया जा सकता है। लिंक पर क्लिक कर प्रोफाइल फोटो, फोन नंबर समेत अन्य जानकारी हासिल हो सकती है। अगर ध्यान ना दिया जाए तो अनजान व्यक्ति लंबे वक्त तक ग्रुप में रह सकता है। बड़ी बात तो ये भी है कि घुसपैठियों को ग्रुप से हटाने के बाद भी तब भी लिस्ट में फोन नंबर के साथ उनकी ब्रीफ एंट्री मौजूद रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक गूगल सर्च में करीब 1500 ग्रुप इनवाइट लिंक मौजूद हैं।
प्राइवेसी पर लगातार मंडरा रहा खतरा
Whatsapp ने ये दिक्कत किस वजह से आई, इसके बारे में कुछ पता नहीं। लेकिन एक स्टेटमेंट में बताया कि इस परेशानी को ठीक कर लिया गया है। भले ही Whatsapp ने इस दिक्कत को सही कर लिया, लेकिन ऐप में आ रही इन्हीं दिक्कतों और प्राइवेसी के खतरे को देखते हुए लोग Signal और Telegram जैसी ऐप पर शिफ्ट होने लगे।
Whatsapp की स्टेटमेंट के मुताबिक मार्च 2020 में सभी डीप लिंक पेज में noindex लगा दिया। इस तरह ये पेज गूगल इंडेक्सिंग से बाहर हैं। कंपनी ने कहा है कि गूगल से इंडेक्सिंग न करने को भी कहा गया है।