जब तक आपकी संतान उंगली पकड़र साथ चलने वाली होती तब तक उनका ध्यान रखा जा सकता है. वहीं, जब बिना उंगली पकड़े या यूं कहें कि खुद की मनमानी करने लायक बड़े हो जाते हैं तो उन्हें लेकर चिंताए कम होने की बजाए बढ़ती ही जाती हैं. जैसे- वो कहां जाता है, किसके साथ रहता है, स्कूल से कहीं और तो नहीं चला गया, पढ़ाई कर भी रहा है या सिर्फ दोस्तों गपसप ही करता है आदि. अक्सर अपने बच्चों को लेकर ऐसी ही मिलती-जुलती चिंताएं माता-पिता को सताती रहती हैं. वहीं, अब इन चिंताओं को दूर करने के लिए तकनीक ने भी हल ढूंढ़ लिया है.
संतान को लेकर चिंता को दूर करेगा ये डिवाइस
जी हां, अब आपको अपने बच्चे को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि तकनीकी दुनिया में एक ऐसा स्मार्ट शू आ गया है, जिसके चलते बच्चे की हर गतिविधि पर ध्यान दिया जा सकता है. खाख बात तो ये है कि इस डिवाइस को किसी वैज्ञानिक द्वारा नहीं बल्कि धनबाद में स्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) कंपनी के गोलकडीह कोयला खदान में काम करने वाले माइनिंग सरदार सीतेश्वर राय द्वारा तैयार किया गया है.
डिवाइस को जूते पर लगाकर बनाया स्मार्ट जूता
धनबाद जिले के झरिया चांद कुइयां में रहने वाले सीतेश्वर ने अपने 13 साल के बेटे सत्यम राय के जूते में लगाया है. इसके बाद उन्होंने उस जूते का नाम स्मार्ट शू (Smart shoe) दिया है. उनका कहना है कि पेरेंट्स का अपने बच्चे के प्रति चिंता को ध्यान में रखते हुए उन्हें ऐसी डिवाइस बनाने का खयाल आया.
इस तरह से बना ये शानदार डिवाइस
सीतेश्वर ने बेशक कला संकाय से इंटर पास किया है, लेकिन बचपन से ही उनकी रूचि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में जानने की रही थी. जिसके चलते वो हमेशा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के क्षेत्र के विशेषज्ञों से जानकारी लेते रहते थे और फिर ये ही सारा ज्ञान इस शानदार डिवाइस को बनाने में काम आ गया. इसमें मोबाइल रिसीवर, 3.5 वोल्ट की बैटरी, माइक्रोफोन, जीपीएस प्वाइंट और मोबाइल सिम का इस्तेमाल किया गया है. इतना ही इस डिवाइस में लगी बैटरी एक बार चार्ज होने के बाद 17 दिनों तक कार्य करती है. इसका पूर्ण सिस्टम साउंड वेव्स के सिद्धांत पर आधारित है.
ऐसे करता है ये डिवाइस काम
जब बच्चे के बारे में जानना हो तो जूते में लगे सिम के नंबर पर कॉल करनी होगी. इसमें खासियत ये है कि डिवाइस में कोई घंटी नहीं बजेगी, बल्कि ये मोबाइल रिसीवर के माध्यम से सीधे आपके फोन से जुड़ जाएगी. वहीं, जीपीएस की मदद से आप ये पता लगा सकेंगे कि आपका बच्चा कहां है. बता दें कि ये डिवाइस 20 फीट तक के दायरे में उत्पन्न हो रही सभी आवाज को पकड़ पाता है और आप इस आवाज को आप अपने फोन पर सुन सकेंगे. जिसके चलते आप पता कर सकेंगे कि आपका बच्चा क्या कर रहा है.