बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला 5G के विरोध में उतर आई हैं। इसको लेकर उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की। जिसमें जूही ने कहा कि उनको ऐसा लगता है कि 5G से धरती को नुकसान होगा। इसलिए उन्होंने अपील की कि देश में 5G नेटवर्क की शुरुआत ना की जाए। जूही चावला का ऐसा मानना है कि अगर देश में 5G नेटवर्क आता है, तो इससे ना सिर्फ इंसानों बल्कि पेड़-पौधों और जानवरों को भी काफी खतरा है। जूही के मुताबिक अगर 5G लागू किया जाता है, तो कोई इंसान, जानवर या पेड़-पौधा रेडिएशन से नहीं बच पाएगा।
जूही चावला ऐसी पहली शख्स नहीं जिन्होंने 5G नेटवर्क को लेकर चिंता जाहिर की हो। देश-दुनिया में कई लोग इसकी वजह से होने वाले नुकसानों के बारे में बता करते रहते हैं। तो क्या 5G को लेकर ये जो चिंताएं और बातें चल रही हैं, वो ठीक हैं? क्या सच में 5G इतना नुकसानदेही है? आज हम इससे जुड़ी कुछ बातों के बारे में विस्तार से आपको जानकारी देते हैं…
5G आने से क्या होगा?
आप 2G नेटवर्क, 3G और 4G के बारे में तो जानते ही होंगे और इनका इस्तेमाल भी कर रहे होंगे। अब 5G इसका ही अगला संस्करण हैं। देश में 4G नेटवर्क को काफी सफलता मिलीं। इसके बाद अब 5G का इंतेजार किया जा रहा है। जाहिर सी बात है 5G के आने के बाद इंटरनेट की स्पीड और ज्यादा बढ़ जाएगी। आपको हाई स्पीड इंटेरनेट मिलेगा।
5G को लेकर ये कहा जा रहा है कि इसके आने के बाद जिंदगी पूरी तरह से बदल जाएगी। बताया जा रहा है कि 5G की स्पीड 4G की तुलना में 100 गुना अधिक होगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 5G की स्पीड 1000mbps तक होगी।
कई टेलीकॉम कंपनियां करेगीं ट्रायल
कई टेलीकॉम कंपनियां देश में 5G का ट्रायल करेगीं। इसके लिए भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और MTNL ने आवेदन किया है। 3 दिन पहे ही डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशंस (DoT) ने तीन दिन पहले 5G ट्रायल स्पेक्ट्रम अलॉट कर दिया। जिससे रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के लिए रास्ता क्लेयर हो गया।
क्या सच में 5G से पड़ेगा हेल्थ पर इफेक्ट?
जब-जब 5G को लेकर बात होती है, तो इससे जुड़ी कुछ समस्याओं के बारे में जिक्र होने लगता है। दरअसल, 5G नेटवर्क से हेल्थ पर काफी बुरा इफेक्ट पड़ेगा ऐसा कहा जाता है। कई लोग ऐसा कहते हैं कि सिग्नल भेजने और कैच करने के लिए जो मोबाइल टावर/एंटेना लगाए जाते हैं, उनके आसपास रेडिएशन की फ्रिक्वेंसी बहुत ज्यादा होती है। ये काफी नुकसानदेही होती है। 5G में तेजी से डेटा ट्रांसफर करने के लिए ज्यादा टॉवर लगाने की जरूरत होगी, जिसका बुरा असर पड़ेगा।
कई वैज्ञानिकों ने 2 साल पहले इसको लेकर केंद्र सरकार को एक चिट्ठी भी लिखी थीं। इसमें ये कहा गया था कि 5G से इंसानी सेहत के साथ पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो सकता है। 5G से पहले इस पर विस्तार से रिसर्च की आवश्यकता है, क्योंकि रेडिएशन का असर अक्सर देर से दिखता है।
हालांकि एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना नहीं है। उनकी मानें तो अगर भारत रेग्युलेटरी अथॉरिटी द्वारा बनाए गए सुरक्षा उपायों का पालन करें, तो ऐसा कुछ नहीं होगा। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी ऐसे दावों को खारिज किया। इस पर WHO कहता हैं कि रेडियो फ्रिक्वेंसी की वजह से सिर्फ एक ही प्रभाव पड़ेगा और वो शरीर का तापमान बढ़ना है। इससे शरीर को कुछ ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
5G नेटवर्क को लेकर तरह तरह की बातें अक्सर होती रहती हैं। बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर काफी तेजी से वायरल हो रही थीं, जिसमें कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए 5G टेस्टिंग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन ये खबर महज अफवाह के अलावा और कुछ नहीं निकलीं।