Singer Ginni Mahi full Details in Hindi – भारत में आज भी जाति को लेकर कई सारी कुप्रथा चली आ रही है. और इन कुप्रथाओं को भोज सहने वालों में चमार जाति भी आती है. दरअसल, चमार जाति को लेकर कहा जाता है कि इस जाति के लोग सिर्फ चमड़े का काम करेंगे और ये काम हमेशा इन्ही लोगों को करना है. इस जाति को लोगों न ही सम्मान मिला न ही वो दर्जा दिया जाता है जिसके हक़दार वो हैं और ऐसा कहा जाता हैं कि अगर किसी ऊंची जाति के लोगों को गाली देनी हो तो वो चमार शब्द का इस्तेमाल करते हैं. जहाँ इस जाति को ऊंची जाति के लोगों ने गाली बना दिया तो वहीं इस जाति की एक लड़की आज दुनियाभर में नाम कमा रही है.
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जानिए कौन हैं गिनी माही (Ginni Mahi)
जिस चमार जाति की लड़की की हम बात हम कर रहे हैं उसका नाम गिन्नी माही (Who is Ginni Mahi) है और आज गिन्नी माही गिन्नी माही अपने गीतों के जरिए चमार जाति की आवाज को एक नयी पहचान दे रही है. दरअसल, जब स्कूल में गिन्नी से उसके क्लासमेट से उसकी जाति के बारे में पूछा और जब उनसे बताया की वो चमार जाति से हैं तब उसके क्लासमेट ने कहा कि उसे सावधान रहना चाहिए ये बात सुनकर गिन्नी को अपमान-सा लगा लेकिन इस अपमान का जवाब वो आज अपने गानों से दे रही है और देश-विदेश में उनके गानों की चर्चा है.
गिन्नी ने हुंदे असले तो बध डेंजर चमार एक गाना बनाया है जिसका मतलब है कि चमार हथियारों (Singer Ginni Mahi Details) से अधिक खतरनाक हैं. वहीं इस गाने को लाखों लोगों को प्यार मिल रहा हैं और अभी तक कई लाख लोग इस गाने को देख चुके हैं. वहीँ आज गिन्नी को ‘चमार रैप’ के रूप में जाना जाता है.
ऐसे बनी चमार रैप क्वीन – Chamar Rap Queen Ginni Mahi
गिन्नी माही (Ginni Mahi age) का जन्म जालंधर में रहने वाले एक दलित परिवार में हुआ है और उनकी उम्र 18 साल है लेकिन उनका नाम शुरू से ही गिन्नी माही नहीं था गिन्नी का नाम गुरकंवल भारती हैं लेकिन जो यूट्यूब और फेसबुक पर गिन्नी माही के नाम से अधिक मशहूर हैं, और आज के समय वो चमार रैप क्वीन मानी जाती है. गिन्नी 7 साल की उम्र गा रही है वहीं उन्होंने अपना पहला लाइव शो 12 साल की उम्र में किया और इसके बाद उन्होंने कई सरे मल्टी-आर्टिस्ट एल्बम मेंकम करने का मौका मिला.
इस तरह शुरू हुआ Chamar Rap Queen बनने का सफर
जहाँ गिन्नी का परिवार रविदास आस्था से ताल्लुक रखता है साथ उनका परिवार अम्बेडकरवादी भी है. वहीं उन्होंने इसी रविदास समुदाय से संबंधित भक्ति गीत गाना (Ginni Mahi Songs) शुरू किया. उनके पहले दो एल्बम, ‘गुरु दी दीवानी’ और ‘गुरुपुरब है कांशी वाले दा’ भक्ति भजन थे. वहीं इसके बाद गिन्नी ने अम्बेडकर और गुरु रविदास गीत गाए और कुछ ही सालों में वो एक बेस्टसेलिंग पंजाबी रैपर बन गयी है. माही के अब के गीत राजनीतिक, अम्बेडकरवादी और जातिवाद विरोधी विषयों पर बनाये हैं.
अंबेडकर पर भी बनाए गाने – Singer Ginni Mahi Details
इसी के साथ अंबेडकर पर आधारित उनके पहले गीतों (Ginni Mahi Songs) में से एक ‘फैन बाबा साहिब दी’ (2016) था. बाबा साहेब आंबेडकर के सम्मान में गाया गया यह गीत देखते ही देखते यूट्यूब पर वायरल हो गया था. इस गाने में वह वह खुद को बाबा साहब की बेटी बताते हुए गाती हैं, “मैं थी बाबासाहेब दी, जिन लिखेया सी संविधान” यानि मैं बाबासाहेब की बेटी हूं, जिन्होंने संविधान लिखा था. इसके अलावा, इनके गाने जैसे ‘हक’ (2016), ‘राज बाबा साहिब दा’ (2018) भी हैं जो कि काफी पॉपुलर हुए हैं.
विदेशों में नाम कमा रही हैं Ginni Mahi
गिन्नी माही (Ginni Mahi concerts) ने भारत के बाहर कनाडा, ग्रीस, इटली, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम में भी कॉन्सर्ट किए हैं और अपने इन गानों के जरिये गिन्नी भारतीय समाज में जातिगतग भेदभाव, हिंसा और शोषण का सामना कर रहे उन लाखों करोड़ों लोगों की बात को दुनिया के सामने रख रही है जिन्होंने जाति के आधार पर हिंसा झेली है.
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