5 Dalit DGP officers Details in Hindi – DGP एक ऐसा पद और एक ऐसी सरकारी नौकरी जिसमें अधिकारी के पास पूरे राज्य की कानून व्यवस्था को बनाये रखना जिम्मेदारी होती है साथ ही DGP की जिम्मेदारी अपने नीचे कार्य कर रहे पुलिस अधिकारियों के किये जाने वाले काम की जानकारी लेना और उन्हें गाइड करना साथ ही दिशा-निर्देश देना भी है और कह सकते हैं कि एक डीजीपी अपने राज्य के पुलिस का हेड होता है. जहाँ कई समाज के लोग DGP की बने हैं तो वहीं भारत के दलित समाज के भी कई लोग है जो DGP की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं ये लोग भेदभाव से पछाड़ते हुए DGP बने और पूरे देश में इन दलित समाज के DGP का डंका में बजता है. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको भारत के 5 दलित DGP के बारे में बताने जा रहे हैं.
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कंचन चौधरी भट्टाचार्य – Kanchan Choudhary
दलित DGP ऑफिसर की लिस्ट में पहले ऑफिसर का नाम देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का है. जहाँ किरण बेदी देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी थीं तो वहीं कंचन चौधरी भट्टाचार्य देश की दूसरी और दलित समाज की पहली महिला आईपीएस अधिकारी थी. IPS कंचन चौधरी भट्टाचार्य 1973 बैच की महिला आईपीएस अफसर है और वर्ष 2004 में उत्तराखंड की पुलिस महानिदेशक बनी थी . वहीं कंचन चौधरी चर्चा में उस समय आई जब उन्होंने 13 खुखर डाकुओं को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और साल 1997 में कंचन चौधरी को उनके सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक दिया गया.
अनिल कांत – Anil Kant
दलित समाज के DGP की लिस्ट में दूसरा नाम IPS अधिकारी अनिल कांत का है. अनिल कांत 1988 बैच के IPS अधिकारी हैं. दिल्ली के रहने वाले अनिल कांत ने अपने कॅरियर की शुरुआत केरल के वायनाड जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में की थी. उन्होंने राज्य में सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जेल और सुधार सेवाओं तथा अग्निशमन दल के प्रमुख के रूप में भी काम किया है और इसी के साथ वो केरल के पहले दलित पुलिस महानिदेशक बने. अनिल कांत को कई आतंकी घटना को विफल करने और आतंकियों मारने के लिए कई सारे पदक मिले साथ ही उनका बेहतर काम के लिए राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया गया.
बृज लाल – Brij Lal – 5 Dalit DGP officers
इसी के साथ इस लिस्ट में अगला नाम IPS बृज लाल का है. बृज लाल कोली समुदाय के हैं और 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. वहीं दलित होने की वजह से जब उत्तर प्रदेश में मायावती की दलित सरकार थी तब उन्हें उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बनाया गया. बृज लाल का रुतबा और छवि राज्य में कुछ इस तरह कि थी उनका कहना था कि अपराध कोई भी हो और किसी ने भी किया हो वो बड़ा अफसर हो या कोई बड़ा नेता उसे अपराध की सजा मिलेगी ही. वहीं उनके इसी सराहनीय काम के लिए उन्हें कई सारे मैडल देकर सरकार ने सम्मानित किया है.
रवींद्रनाथ – Ravindra Nath
वहीं इस लिस्ट में अगला नाम 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ है. रवींद्रनाथ 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी है. रवींद्रनाथ जहाँ आर्थिक रूप से कमजोर थे तो वहीं जाति के नाम हुए भेदभाव कि वजह से उन्होंने आईपीएस अफसर बनाने कि ठानी और वो आईपीएस बने. कर्नाटक के डीजीपी पी रवींद्रनाथ को उनके काम और कुशल नेतृत्व के जाना जाता है और इसी काम के लिए उन्हें कई सारे पदक से नवाजा गया.
गौतम सवांग – Gautam Sawang – 5 Dalit DGP officers
इस लिस्ट में आखिर नाम 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी गौतम सवांग का है. तेलंगाना के आंध्र प्रदेश से अलग होने से पहले, सवांग ने माओवाद प्रभावित वारंगल जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सहित विभिन्न पदों पर काम किया था. गौतम सवांग 2019 में डीजीपी बने थे और गौतम सवांग को तेजी से निर्णय लेने के जाना जाता है और इस वजह से आंध्र प्रदेश की जनता उन्हें उनके बेहतरीन काम के लिए आज भी याद करती हैं.
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