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जानिए यौन उत्पीड़न के मामले में किस धारा के तहत होती है कार्रवाई

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जानिए यौन उत्पीड़न के मामले में किस धारा के तहत होती है कार्रवाई
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देश में हर दिन यौन उत्पीड़न के कई सारे मामलों की खबर सुनने को मिल जाती है और ये यौन उत्पीड़न महिलाओं और लड़कियों के साथ होता है. कई लड़कियां और महिलाए होती है जो यौन उत्पीड़न होने शिकायत करती हिया लेकिन कई ऐसी लड़कियां और महिलाएं होती हैं जिन्हें सेक्सुअल हैरसमेंट यानी यौन उत्पीड़न की जानकारी नहीं होती है. वहीँ इस पोस्ट के जरिए हम आपको यौन उत्पीड़न क्या है साथ ही यौन उत्पीड़न होने पर किस धारा के तहत सजा कारवाई और सजा मिलती है इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं.

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जानिए क्या है यौन उत्पीड़न

किसी भी तरह की सेक्सुअल एक्टिविटी जो बिना सहमति के हो वो सेक्सुअल हैरसमेंट यानी यौन उत्पीड़न है. जहाँ अभी तक लड़कियों के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट होता है तो वहीं अब लड़कों के साथ भी सेक्सुअल हैरसमेंट यानी यौन उत्पीड़न होता है.

लड़की को बिना उसकी मर्जी के गंदी नीयत से छूना, गंदे मैसेज भेजना, जबरदस्ती किस, गंदी बातें, लड़की को देखकर भद्दी टिप्पणी, सीटी बजाना, सेक्सुअल लाइफ के बारे में जानना साथ ही फोन पर या सामने उससे भद्दे मजाक करना ये सभी सेक्सुअल हैरेसमेंट होते हैं.

यौन उत्पीड़न को लेकर क्या है कानून

साल 2013 तक भारतीय संविधान की धारा 354 के तहत यौन उत्पीड़न केस दर्ज होता था और आरोप सिद्ध होने पर 5 साल की सजा मिलती थी लेकिन अब इस 2013 के बाद इस कानून में संसोधन किया गया और यौन उत्पीड़न कानून को धारा- 354-A, धारा- 354-B, धारा- 354-C,धारा- 354-D में बांटा गया है.

धारा 354-A

किसी महिला को गलत या दुर्भावनापूर्ण इरादे से छूना या महिला की सहमति के बिना जबरन अश्लील या सेक्सुअल सामग्री दिखाना.साथ ही महिला से मैथुन(सेक्स) के लिए मांग या अनुरोध करना और महिला पर अभद्र या कामुक टिप्पणियां करने पर धारा 354-A के तहत 1 से 3 साल की सजा और जुर्माना लगाया जाता है.

धारा 354-B

धारा 354-B के तहत कारवाई तब होती है जब व्यक्ति किसी स्त्री को बलपूर्वक निवस्त्र होने के लिए मजबूर करता है या उसे निर्वस्त्र होने के लिए उकसाता है तब इस धारा 354-B के तहत कारवाई होती है और इस धारा 354-B के तहत3 से 7 वर्ष कठोर सजा और जुर्माना लगाया जाता है.

धारा 354 C

महिला का अश्लील वीडियो बनाना या महिला के किसी प्राइवेट काम को पब्लिकली फैलाने पर धारा 354-सी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है और इस धारा के तहत 1 से 3 साल की सजा और जुर्माना लगाया जाता है. वहीँ दूसरी बार दोषी पाये जाने पर 7 वर्ष सजा और जुर्माना लगाया जायेगा.

धारा 354-D 

वहीँ जब कोई व्यक्ति जो किसी स्त्री का पीछा किसी गलत इरादे से करता है या किसी के लिये करता है अथवा इंटरनेट, ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक संसूचना के माध्यम निगरानी करता है तो उसपे धारा 354-डी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है. वहीं इस मामले में पहली बार दोषी पाये जाने पर 1 से 3 साल  और जुर्माना और उसके बाद दूसरी बार दोषी पाये जाने पर 5 साल की सजा जुर्माना लगेगा.

जमानत का क्या है प्रवधान

वहीं ये सभी मामले गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है साथ ही यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है.

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