कहते हैं कि एक महिला के लिए एक बच्चे को जन्म देने सबसे बड़ी ख़ुशी होती है लेकिन कई लोग होते हैं जो बच्चे को माँ के गर्भ में ही मार देते हैं या ऐसे कई प्रयास करते हैं ताकि एक महिला जो बच्चे को जन्म देने की इच्छा रखती है उसका बच्केचा मर जाए. इस प्रिक्रिया कोगर्भपात कराना कहते हैं और ये ये एक बड़ा अपराध है और इस अपराध के तहत सजा मिल सकती है. गर्भपात कराने आईपीसी की धारा 312 लागू होती है.व हैं सी पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि धारा 312 क्या है और इस धारा के तहत सजा और जमानत का प्रवधान क्या है.
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जानिए क्या है आईपीसी की धारा 312
आईपीसी की धारा 312 गर्भपात कराने के अपराध से संबंधित है और ये धारा तब लागू होती है इसमें कहा गया है कि जो कोई भी ऐसा कार्य होता है जिसकी वजह से महिला का गर्भपात हो उस मामले में आईपीसी की धारा 312 लागू होगी.
इस धारा का उद्देश्य अजन्मे बच्चे के जीवन की रक्षा करना और उन लोगों को दंडित करना है जो जानबूझकर कानूनी औचित्य के बिना किसी महिला का गर्भपात कराते हैं।
सजा और जमानत का प्रवधान
वहीँ इस आईपीसी की धारा 312 महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराने के अपराध से संबंधित है। आईपीसी की धारा 312 के तहत अपराध के लिए एक से तीन साल की सजा हो सकती है या सिर्फ जुर्माना लगाया जा सकता है. इसी के साथ कारावास और जुर्माना दोनों ही लगाया जा सकता है.
इसी के सतह तमाम सबूतों और दलीलों को सुनने के बाद अदालत आरोपी को गर्भपात करने के मामले में दोषी मानती है तब उसे सजा मिलेगी. लेकिन इस ममाले में आरोपी को जमानत आरोप के प्रकार के अनुसार, वहीँ इस मामले में ज्यादातर जमानत मिल जाती है.